Family First :  अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मैं 34 वर्षीय युवक हूं. मेरी विधवा मां ने काफी कष्ट सह कर मेरी और मेरी बहन की परवरिश की. बहन की शादी के बाद मैं ने शादी की. मेरे विवाह को 8 वर्ष हो चुके हैं और 2 बच्चे भी हैं. मेरी समस्या यह है कि मेरी मां और पत्नी में हर समय खटपट रहती है. दोनों को समझातेसमझाते मैं आजिज आ चुका हूं. मेरी मां हमारे लिए जितनी ममतामयी रही हैं बहू को ले कर उतनी ही खड़ूस हैं. उन की पढ़ाईलिखाई (उच्च शिक्षिता हैं) और बड़प्पन कहीं नहीं दिखता. दूसरी ओर पत्नी भी कमतर नहीं है. आजकल मां रातदिन एक ही रट लगाए है कि मैं उसे ले कर अलग हो जाऊं. मैं कोई निर्णय नहीं कर पा रहा. मां पूरी तरह से स्वस्थ और सक्षम हैं. अपनी देखभाल स्वयं कर सकती हैं पर फिर भी मां को छोड़ कर अलग रहना क्या उचित होगा? लोग क्या कहेंगे? बताएं, क्या करूं?

जवाब-

सासबहू के रिश्ते में मधुरता प्राय: कम ही देखने को मिलती है. इसलिए आप के घर में यदि आप की मां और पत्नी के बीच 36 का आंकड़ा है, तो कोई अनहोनी बात नहीं है. आप के भरसक प्रयास के बावजूद यदि दोनों में तालमेल नहीं बैठ रहा तो रोजरोज की कलह से नजात पाने के लिए आप मां से अलग हो जाएं. अपने लिए घर थोड़े फासले पर ले लें. दूर रहने पर अमूमन रिश्तों में मिठास लौट आती है. दूर रह कर भी आप बीचबीच में आ कर और दिन में 1-2 बार फोन कर के उन का हालचाल पूछ सकते हैं. जहां तक लोगों की बात है तो लोग तभी तक बोलते हैं जब तक हम उन की परवाह करते हैं. अत: उन की बातों पर कान न दें.

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