Bigg Boss 18 : विवियन डीसेना ने मल्लिका शेरावत से क्यों कहा ‘दूर रहकर करो बात करीब मत आओ’

बिग बौस 18 की शुरुआत हो चुकी है और बहुत सारी नौटंकी के साथ बौलीवुड स्टारों का अपनी फिल्मों को प्रमोट करने के लिए शो में आना भी शुरू हो गया है . जिसके चलते हाल ही में सिंघम अगेन 3 प्रमोट करने के लिए रोहित शेट्टी, अजय देवगन भी शो में आए थे. इन दोनों से पहले एक समय की हौट एंड सेक्सी हीरोइन मर्डर फेम मल्लिका शेरावत भी अपनी फ़िल्म विक्की विद्या का वो वाला वीडियो प्रमोट करने के लिए बिग बौस में पधारी थी.

शो में बतौर गेस्ट एंटर करते ही सबसे पहले मल्लिका ने शो के होस्ट सलमान खान पर लाइन मारना शुरू कर दिया. जिसके चलते उन्होंने सलमान खान को चुंबन तक दे दिया. बौलीवुड में लंबे चुंबन दृश्यों के लिए प्रसिद्ध मलीका का स्वामिपय पाकर सलमान भी असहज महसूस कर रहे थे . इसके बाद मल्लिका बिग बौस के घर में गई और वहां मौजूद सब मर्दों के साथ फ्लर्ट करने लगी वहीं पर मौजूद विवियन डीसेना के साथ भी जब मल्लिका ने फ्लर्ट करने की कोशिश की तो उन्होंने मल्लिका से साफसाफ कह दिया विवियन डीसेना को पास आकर बात करने वाले लोग पसंद नहीं है. बेहतर होगा कि मल्लिका भी दूर से बात करें.

यह सुनते ही मल्लिका का मुह छोटा हो गया और वह विविन के पास से खसक ली. शायद मल्लिका ने इस बेज्जती के बारे में सोचा नही था. हौट एंड सेक्सी मल्लिका जिनको देखकर जैकी चैन जैसे विदेशी प्रसिद्ध एक्टर की भी आंखें बड़ी हो जाती है . होंग कौन्ग एक्टर जैकी चैन ने मल्लिका के साथ फ़िल्म द मिथ में काम दिया था. और वहां पर मल्लिका को हाथों हाथ लिया गया था. ऐसे में एक टीवी एक्टर का मुंह तोड़ जवाब शायद मल्लिका को पसंद नहीं आया.

जहां तक विवियन की बात है तो छोटे पर्दे के पौपुलर एक्टर हैं .जिन्हें कलर्स वाले पिछले 8 सालो से शो में आने के लिए औफर दे रहे हैं. लेकिन विविन लगतार इनकार कर रहे थे. इस बात का जिक्र सलमान खान ने भी शो में किया. पर्सनल लाइफ में विवियन प्यार में धोखा खा चुके हैं  और धर्म परिवर्तन करके उन्होंने दूसरी शादी कर ली है. जिस वजह से नई बीबी के डर से विविन शो की लड़कियों से भी 5 फुट की दूरी बनाए हुए है. आने वाली हौट एंड सेक्सी हीरोइन को भी घास नहीं डाल रहे. शायद बीवी का डर हर डर से बड़ा होता है.

क्या देसी गर्ल के साथ शादीशुदा Shahrukh Khan का था अफेयर, जानें इस लव स्टोरी की सच्चाई

SRK Birthday: रोमांस के किंग शाहरुख खान (Shahrukh Khan) हर लड़की के ख्वाबों के राज हैं. बौलीवुड के बादशाह के साथ काम करने की  ख्वाहिश हर ऐक्ट्रेस की होती है. उनकी फैन फौलोइंग सिर्फ देश में ही नहीं विदेश में भी है. हर कोई ऐक्टर की एक झलक पाने के लिए बेताब रहता है. शाहरुख खान ने अपने ऐक्टिंग के दम पर बादशाह का टैग हासिल किया है. जब वह किसी भी रोमांटिक गाने पर बाहें फैलाकर, नजरें झुकाना और फिर अपनी हिरोइन की तऱफ देखना ये सब कर के शाहरुख अपने फीमेल फैंस की दिल की धड़कनों को बढ़ा देते हैं.

आज 2 नवंबर को शाहरुख खान अपना 59 वां बर्थडे सेलिब्रैट कर रहे हैं. इस उम्र में शाहरुख खान फिल्म इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं. फैंस को अपने फेवरेट ऐक्टर के फिल्मों का बेसब्री से इंतजार करते हैं. आज आपको शाहरुख खान के बर्थडे पर उनके लाइफ से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से के बारे में बताएंगे.

प्रियंका चोपड़ा के साथ था अफेयर ?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शाहरुख खान और प्रियंका चोपड़ा की नजदीकियों के कारण उनका घर टूटने की कगार पर था. गौसिप के अनुसार, शादीशुदा शाहरुख खान और प्रियंका चोपड़ा डान 2 के सेट पर एकदूसरे को दिल दे चुके थे. इस फिल्म के सेट के उनका प्यार परवान चढ़ा था. हालांकि इस बात को शाहरुख और प्रियंका ने कभी इसे न नकारा और न कभी अफेयर को ऐक्सेप्ट किया.

शाहरुख ने प्रियंका को किया था प्रोपज?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें वह पीसी के लिए गाना गाते दिखे थे. उस गाने में वह अंग्रेजी में कहते दिखे थे- मैरी मी मैरी मी… वहीं प्रियंका हैरानी से उन्हें देखती और हंसती दिखीं थीं. उनके अफेयर से रिलेटेड रूमर्स सोशल मीडिया पर अकसर चर्चा में रहती हैं. खबरों के अनुसार शाहरुख खान के बैस्ट फ्रैंड करण जौहर ने गौरी खान को संभाला और उनकी शादी को बचाया.

अफेयर की खबरों पर किंग खान ने किया था रिएक्ट

एक इंटरव्यू के अनुसार, शाहरुख खान ने प्रियंका चोपड़ा संग नाम जुड़ने पर रिएक्शन दिया. बौलीवुड लाइफ के एक रिपोर्ट के अनुसार, किंग खान ने कहा कि ‘मुझे ये बात ज्यादा खराब लगती है कि मेरे साथ एक लड़की को वो सम्मान नहीं दिया जा रहा है जैसा मैं सभी का औरतों को करता हूं. मैं माफी मांगता हूं, इसलिए नहीं कि मैंने कुछ किया है बल्कि इसलिए वह मेरी दोस्त है. इसलिए मुझे ये बहुत अपमानजनक लगा. वह मेरे सबसे अच्छे दोस्तों में से एक है और मेरे दिल के बहुत करीब है और हमेशा रहेगी. हमने दोस्त के तौर पर स्क्रीन पर बहुत अच्छा समय बिताया है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोस्ती खराब होती है.

एक करीबी  दोस्त ने शाहरुख-पीसी के रिश्ते की बताई सच्चाई

शाहरुख-प्रियंका के अफेयर को लेकर किंग खान के करीबी दोस्त विवेक वासवानी ने भी एक इंटरव्यू में बड़ा बयान दिया था. उन्होंने शाहरुख-प्रियंका के डेटिंग का सच बताया था. रिपोर्ट के मुताबिक विवेक ने कहा कि शाहरुख खान ने अपनी जिंदगी में सिर्फ एक ही लड़की से प्यार किया है और वह हैं गौरी खान. उनके दोस्ती के रहे हैं, लेकिन शाहरुख खान का सैक्स को लेकर कोई रिलेशनशिप नहीं रहा था. विवेक ने ये भी बताया कि जबसे मैं उन्हें जानता हूं, बादशाह पूरी जिंदगी में एक ही महिला को समर्पित रहे हैं. प्रियंका चोपड़ा के साथ उनके अफेयर की खबरें सिर्फ रूमर है.

बेटी सुहाना खान के साथ ‘किंग’ में आएंगे नजर

फिल्म की बात करे तो शाहरुख खान को आखिरी बार उन्हें डंकी में देखा गया था. जो 2023 में रिलीज हुई थी.  जल्द ही बादशाह अपनी बेटी सुहाना खान के साथ फिल्म किंग में नजर आने वाले हैं. फैंस को इस मूवी का बेसब्री से इंतजार है.

रैडी टू ईट से बनाएं मजेदार व्यंजन, खाने वाले करेंगे जम कर तारीफ

आईटी सैक्टर में काम करने वाले समरेश को खाना बनाना नहीं आता, लेकिन उसे अपने होम टाउन से निकल कर मुंबई काम के लिए आना पड़ा। सैलरी अच्छी है, काम मन मुताबिक है, ऐसे में न कहने की कोई गुंजाइश नहीं रही. वह सीधे समान ले कर मुंबई आ गया, यहां उस ने कुछ दिन तक बाहर का बना भोजन खाया, लेकिन इतना औयली और फ्राइड खा कर वह तंग हो गया और अंत में एक दिन मां से पूछ कर दाल चावल बना कर खाया, उसे बहुत अच्छा लगा, लेकिन हर दिन दाल चावल खाना उस के बस की बात नहीं थी.

उसे कुछ अलग और चटपटा खाने का मन हुआ और बाजार जा कर वह रैडी टू ईट मलाई कोफ्ता ले कर आया। निर्देशानुसार बनाने पर उसे वह डिश बहुत अच्छी लगी. आज वह अकसर ऐसे रेडी टू ईट डिशेज ले कर आता है और उसे पका कर थोड़ी हरी धनिया की पत्तियों से गार्निश कर लेता है, जिस से उस का स्वाद और भी अच्छा बन जाता है।

एक दिन तो उस ने अपने 2 दोस्तों को बुला कर भी खाना खिलाया, इस से दोस्त भी खुश नजर आए, क्योंकि रैडी टू ईट रैसिपी का स्वाद आजकल ओरिजिनल घर के पके हुए डिशेज की तरह मिलने लगे हैं। ऐसे में कामकाजी महिलाएं भी इस का प्रयोग कर रही हैं.

प्रचलित कैसे हुआ

रैडी टू ईट फूड यानि पहले से पकाया और पैक किया गया भोजन युद्ध के दौरान सेनाओं के लिए तैयार किया जाता था, क्योंकि युद्ध के दौरान सैनिकों को पैदल ही ज्यादा राशन ले जाना होता था, इसलिए वजन कम करने के लिए डब्बाबंद मांस को हलके संरक्षित मांस से बदल कर ले जाया जाने लगा।

ईजी टू कुक पहले से पका हुआ और पैक किया हुए ऐसे भोजन को किसी तैयारी या पकाने की जरूरत नहीं होती. ज्यादातर इसे कुछ मिनटों के लिए ओवन में रखा जाता है, गरम किया जाता है और खाया जाता है. इन खाद्य पदार्थों को तैयार भोजन भी कहा जाता है। इस में वेज और नौनवेज दोनों प्रकार के व्यंजन पाए जाते हैं.

असल में रैडी टू ईट फूड पहले से पकाया हुआ और पैक किया हुआ भोजन होता है, जिसे खाने से पहले किसी तरह की तैयारी या पकाने की जरूरत नहीं होती, जो आज की तारीख में कामकाजी महिलाएं और पुरुष आराम से प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि उस पर दिए गए निर्देशों के अनुसार इसे पकाने पर इस का स्वाद एकदम ओरिजिनल होता है.

बढ़ी है लोकप्रियता

विकसित और विकासशील देशों में रैडी टू ईट फूड की लोकप्रियता अब काफी बढ़ चुकी है. इस की वजह उभरती अर्थव्यवस्थाओं में श्रमिकों की बढ़ती संख्या और लंबे कार्य घंटों की वजह से लोग रैडी टू ईट फूड खाना पसंद कर रहे हैं. नई तकनीक से बने ये प्रोसेस्ड फूड में पोषक तत्त्व भी बरकरार रहते हैं. जैसे प्रोटीन, विटामिन बी और आयरन, जिसे खरीदते वक्त व्यक्ति जांच कर ले सकता है. ये प्रोसेस्ड फूड को पाश्चुरीकरण, खाना पकाने और सुखाने जैसी विधियों से तैयार किया जाता है. इन विधियों से खाद्य पदार्थों में हानिकारक जीवाणुओं का विकास रुकता है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी नहीं होता.

बचत समय की

ऐसा देखा गया है कि काम से थक कर आने के बाद पूरी तरह से खाना बनाना किसी भी महिला या पुरुष के लिए संभव नहीं होता, ऐसे में वे या तो बाजार से मंगवा कर कुछ जंक फूड खा लेते हैं या कुछ फूड जो घर में पड़ी हो, उसे खा कर पेट भर लेते हैं। लगातार ऐसे असंतुलित भोजन से व्यक्ति में कई प्रकार के विटामिंस और मिनरल्स की कमी हो सकती है. रैडी टू ईट फूड ऐसे में सब से फायदेमंद साबित होता है, जो चुटकियों में बन जाती है और टेस्ट को भी नहीं बिगाड़ती.

ये फूड केवल वयस्कों के लिए ही नहीं, बच्चे और गर्भवती महिलाओं के लिए भी उपयुक्त हो सकता है. पिछले दिनों से बिहार के कुछ स्थानों पर जहां कुपोषण की मात्रा अधिक होने की वजह से वहां ऐसे रैडी टू ईट में प्री मिक्स लड्डू, नमकीन दलिया, अंकुरित अनाज बांटे गए ताकि उन्हें प्रोटीन, विटामिंस और कैलोरी मिले, जिस से वे स्वस्थ रह सकें.

रैडी टू ईट भोजन खरीदते समय रखें ध्यान

पैकेट पर लिखे न्यूट्रिशनल फैक्ट्स और इंग्रीडिऐंट्स को चैक करें. ट्रांस फैट्स या ज्यादा नमक या सोडियम न हो, इसे देख लें. शुगर और हाई फ्रक्टोज कौर्न सीरप जैसे आर्टिफिशियल स्वीटनर कम हों, इस का ध्यान रखें.

लो फैट फूड में फैट की मात्रा 3 ग्राम से अधिक न हो. अगर किसी प्रोडक्ट पर सोडियमफ्री लिखा है, तो उस में सोडियम की मात्रा 5 ग्राम से ज्यादा न हो. पैक्ड ग्रेन प्रोडक्ट्स में होल ग्रेन या होल व्हीट लिखा हो. किसी भी फूड आइटम का सर्विंग साइज क्या है और उससे कितनी कैलोरी मिल रही है, इस की जानकारी रखें.

प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज्यादा हो

फाइबर की कमी होने पर ताजा सब्जियां, उबली हुई सब्जियां, फलियां या साबुत अनाज मिलाएं.
इस प्रकार देखा जाए तो कामकाजी महिलाओं और पुरुषों के लिए रैडी टू ईट भोजन एक गेम चैंजर बन गया है.

जैसेजैसे अधिक महिलाएं कार्यरत हो रही हैं, साथ ही कई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निभाती हैं। रैडी टू ईट जैसे भोजन या व्यंजन समय बचत में प्रमुखता हासिल की है. इन में अगर आप का बेसिक खाना बनाने की आइडियाज है, तो 2 व्यंजनों को मिला कर तीसरा व्यंजन भी बनाया जा सकता है। मसलन, रैडी टू ईट गुलाबजामुन को अगर रैडी टू ईट खीर में मिलाया जाए, तो तीसरा टैस्टी डिश बन सकता है, जिसे किसी पार्टी या त्योहार पर परोसा जा सकता है.

कामकाजी महिलाओं को अकसर समय की कमी का सामना करना पड़ता है, ऐसे में रैडी टू ईट भोजन एक व्यावहारिक समाधान प्रदान करता है, जो लंबे दिनों के बाद श्रमसाध्य भोजन तैयार करने से बचाता है और महिलाएं अपना कीमती समय परिवार के साथ बिता सकती हैं.

मेरे पति मुझसे संतुष्ट नहीं रहते हैं, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल…

मैं 23 साल की महिला हूं. मेरा डेढ़ साल का एक बच्चा है. शादी के बाद से ही पति मेरे साथ सैक्स संबंध को ले कर संतुष्ट नहीं रहते हैं. वे नियमित सैक्स करना चाहते हैं जबकि घर और बच्चे की देखभाल से मैं बेहद थक जाती हूं और रात में जल्द ही मुझे नींद आ जाती है. पति मुझे बहुत प्यार करते हैं, इसलिए मैं उन्हें नाराज भी नहीं देख सकती. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब…

बच्चे पैदा होने के बाद सैक्स संबंध को ले कर महिलाएं आमतौर पर उदासीन हो जाती हैं, जबकि बच्चों की परवरिश के साथ साथ पति के साथ सैक्स संबंध दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाता है.

इस में कोई दोराय नहीं कि एक गृहिणी घर और बच्चों की देखभाल में इतनी व्यस्त रहती है कि खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाती. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आप घर के कामों को पति के साथ बांट लें. घर की साफसफाई, कपड़े धोना आदि कार्य प्यार से पति से करा सकती हैं. इस से आप पर काम का बोझ ज्यादा नहीं पड़ेगा. इस से न केवल आप खुद के लिए वक्त निकाल पाएंगी, बल्कि पति के साथ भी ज्यादा समय बिताने को मिलेगा. फिर जैसाकि आप ने बताया कि आप का बच्चा अब डेढ़ साल का हो चुका है और अब आप शारीरिक रूप से फिट भी हो चुकी हैं, तो ऐसे में सैक्स संबंध का लुत्फ उठा सकती हैं.

खूबसूरत महिलाओं की पहली पसंद होते हैं ऐसे लड़के…

महिलाओं को आखिर कैसे मर्द पसंद आते हैं. पुरुषों में हमेशा ही इस बात को जानने की उत्सुकता होती है. इस विषय पर हुए एक शोध में सामने आया है कि खूबसूरत महिलाओं की पहली पसंद वाले मर्दों में कौन-कौन सी खूबियां होती है.

महिलाओं को पसंद आते हैं ऐसे पुरुष…

यूनिवर्सिटी औफ क्रैंबिज में हुए एक शोध में थामस वर्सलुय्ज का कहना है कि इस औनलाइन सर्वे में अमेरिका की 800 महिलाओं ने ऐसे मेल फिगर्स को तरजीह दी जिनके पैर औसत से थोड़े ज्यादा लंबे थे. हालांकि बहुत ज्यादा लंबे पैर वालों को महिलाओं ने नकार दिया.

19 से 76 साल की महिलाओं के बीच हुआ सर्वे…

19 से 76 साल के बीच की अलग-अलग उम्र वाली महिलाओं को कुछ पुरुषों की कंप्यूटर जेनरेटेड तस्वीरें दिखाईं गईं और उनसे पूछा गया कि इनमें से कौन सबसे ज्यादा अट्रैक्टिव दिख रहा है. इन सभी तस्वीरों में पुरुषों के हाथ और पैर की लंबाई में मामूली अंतर था. सर्वे में शामिल महिलाओं ने औसत से थोड़े ज्यादा लंबे पैर वाले पुरुषों को अट्रैक्टिव माना.

सेक्शुअल सिलेक्शन में अहम रोल निभाती है लंबाई…

इस सर्वे के नतीजे बताते हैं कि पुरुषों के पैर की लंबाई उनके सेक्शुअल सिलेक्शन में एक अहम रोल निभाती है. यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक ऐसा फैक्टर है जो तब से चला आ रहा है जब से मानव का विकास शुरू हुआ. इसमें स्वास्थ्य और पोषण जैसी चीजें भी शामिल हैं.

तो मतलब अगर आप भी किसी महिला का ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहते हैं तो आपको अपने कपड़ों और बिहेवियर के साथ-साथ अपनी लंबाई पर भी ध्यान देना होगा.

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फैस्टिवल के बाद भी चमक उठेगा आपका चेहरा, बस फौलो करें ये तरीके

फेस्टिवल से पहले और बाद में घर की सफाई, सजावट और शौपिंग के चक्कर में चेहरे पर थकान आ जाती है. ऐसे में घरेलू और्गेनिक नुस्खे अपनाकर आप चेहरे की रंगत निखार सकती हैं. चलिए आज हम आपको आसान से घरेलू तरीके बताएंगे जिनकी मदद से आप चेहरे पर नैचुरल ग्लो ला सकती हैं और दीवाली के बाद भी अपने चेहरे की चमक का जादू चला सकती है.

दही और नींबू मास्क

आपका ग्लोइंग स्किन पाने की चाहत दही और नींबू के रस से बने फेस मास्क से होगा. आधा कप दही में 1 चम्मच नींबू का रस मिलाएं. अब इस मास्क को चेहरे और गर्दन पर लगाएं. 10 मिनट बाद मास्क को पानी से धो लें. नींबू में मौजूद विटामिन सी स्किन को स्मूद बनाएंगा और दही खुले हुए पोर्स को खोलने का काम करता है. यह दोनों सामग्री नैचुरल ब्लीच का काम करती है.

शहद और दालचीनी मास्क

चेहरे के पिंपल्स से छुटकारा दिलाने का काम करता है शहद और दालचीनी मास्क. कच्चा शहद नैचुरल मौइस्चराइजिंग एजेंट है. शहद और दालचीनी के मास्क एंटी-एक्ने और ग्लोइंग स्किन फेस मास्क है. 2 बड़े चम्मच कच्चे शहद में 1 बड़ा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं और उंगुलियों की मदद से चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट लगे रहने के बाद धो दें.

आलू का रस

आंखों के नीचे पड़े काले घेरे काफी भद्दे लगते हैं. इस से छुटकारा पाने के लिए आलू की एक स्लाइस को डार्क सर्कल पर रखें. इसके अलावा आप आलू के रस को डार्क सर्कल पर भी लगाएं और रात भर ऐसे ही लगा रहने दें. सुबह उठकर धो दें. इससे आंखों की फ्रेश लुक मिलेगी. आलू में नैचुरल ब्लीचिंग एजेंट होते है जो पफी आई की प्रौबल्म को भी दूर कर देता है.

टमाटर और दूध का फेस मास्क

2 बड़े चम्मच टमाटर के जूस में आधा कप फ्रेश कच्चा दूध मिलाएं. कौटन बौल की मदद से इस मास्क को अपने चेहरे पर लगाएं. 20 मिन बाद ठंडे पानी से धो दें. इससे स्किन फ्रेश और बिल्कुल साफ नजर आएगी.

दही और ओटमील मास्क

दही और ओटमील को मिलाकर लगाने से सन टैन दूर होगी और चेहरे पर गजब की चमक आएगी. 2 बड़े चम्मच दही में 1 बड़ा चम्मच ओट्स मिलाकर मास्क बनाएं. चेहरे और गर्दन पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें. फिर 20 मिनट बाद पेक को गुनगुने पानी की मदद से साफ करें.

घर के लिए बनाना चाहती हैं बैस्ट पर्दे, तो इन चीजों का करें इस्तेमाल

घर की सजावट में पर्दों का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इनकी मौजूदगी से घर की दीवारों, दरवाजे-खिड़कियों और फर्नीचर सभी की शोभा बढ़ जाती है. इतना ही नहीं पर्दे कमरो के पार्टिशन और प्राइवेसी को बनाये रखने में भी मदद करते हैं. घर में पर्दे लगाना बहुत आसान है, चाहे आप किसी फर्निशिंग की दुकान से ले सकते हैं या फिर औनलाइन भी और्डर कर सकते हैं. लेकिन यह दोनों ही आपको बहुत महंगे पड़ेंगे. लेकिन अगर आप खुद पर्दें बना लेंगी तो यह सस्ता पड़ेगा.

घर में भी पर्दे बनाना आसान नहीं है पहले आप कपड़ा खरीदेंगे फिर उसकी नाप लेंगे तब आप अपने पर्दे बना पाएंगे. यह सब कितना थका देने वाला है. तो चलिए इसे थोड़ा आसान बनाते हैं और आपको सस्ते कपड़े के पर्दे कैसे बनेंगे वह बताते हैं.

हम आपको कुछ ऐसे ही कपड़ों के बारे में बताने जा रहें हैं. जिन से आप सस्ते और आसानी से घर बैठे पर्दे बना सकती हैं. इसके लिए आपको बहार से महंगा कपड़ा खरीदने की कोई जरुरत नहीं है. चलिए जानते हैं कुछ ऐसे ही कपड़ों के बारे में.

1. साड़ी

अगर आपके घर में पुरानी साड़ियां हैं और आप उनका इस्तेमाल नहीं करती हैं तो आप इनके पर्दे बनाने में इस्तेमाल कर सकती हैं. सिल्क की साड़ियों से बने पर्दे घर को बहुत ही आकर्षक लुक देंगे. लेकिन सिंगल टोंड शिफौन की साड़ी पर्दों के लिए सबसे अच्छी हैं क्योंकि यह घर के फर्नीचर से मिक्स एंड मैच हो जाएंगी.

2. दुपट्टा

सलवार कमीज के साथ मिलने वाले दुपट्टे अक्सर सलवार कमीज के ख़राब हो जाने के बाद भी अच्छे रहते हैं. इन्हे आप घर में पर्दे बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं. क्योंकि यह कई सारे रंगो और शेड्स में आते हैं.

3. स्टौौल्स

स्टौल्स ज्यादातर एक ही रंग के होते हैं जिन्हे हम गाउन और साड़ी के साथ पहनते हैं. इन्हे आप दूसरे पर्दों के साथ मिला कर पुराने पर्दों को और खूबसूरत बना सकती हैं. इसके लिए आपके पास बहुत सारे स्टौल्स होने चाहिए

4. चादरें

पुरानी चादरों से आप घर के लिए सबसे सस्ते पर्दे बना सकती हैं. आप दो से तीन चादरों को मिक्स करके नए पर्दे बना सकती हैं

5. कपड़े के अस्तर

अगर आप अपने घर को कंट्री साइड सम्मेरी लुक देना चाहते हैं जिससे घर में धूप और रोशनी अच्छे से आये. तो आप अपनी ड्रेस के अस्तर का इस्तेमाल पर्दे बनाने में कर सकती हैं.

Diwali special: फेस्टिवल्स पर मेहमानों के लिए बनाएं चाइनीज पनीर रोल

Writer- Pratibha Agnihotri

त्योहारों का सीजन प्रारम्भ हो चुका है. त्योहारों पर मेहमानों का घर में आना भी स्वाभाविक सी बात है. मेहमानों के आने पर कुछ नया सा बनाने का मन करता है ताकि मेहमानों को कुछ स्पेशल सा फील हो. आज हम आपको नूडल्स और पनीर से एक बहुत अच्छा सा नाश्ता बनाना बता रहे हैं जिसे घर में उपलब्ध सामान से ही बहुत आसानी से बनाया जा सकता है.आप इसे सुबह या शाम किसी भी समय पर नाश्ते में बना सकतीं हैं.  तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है-

कितने लोगों के लिए     4

बनने में लगने वाला समय    30 मिनट

मील टाइप    वेज

सामग्री

पनीर   250 ग्राम

नूडल्स 250 ग्राम

कटा प्याज  1

कटी शिमला मिर्च   1/2 कप

कटी बींस  1/4 कप

कटी लहसुन   6 कली

अदरक, हरी मिर्च पेस्ट  1 टीस्पून

कॉर्नफ्लोर 1 टीस्पून

सोया सॉस 1/2 टीस्पून

चिली सॉस  1/2 टीस्पून

वेनेगर  1/4 टीस्पून

टोमेटो सॉस 1 टीस्पून

चिली फ्लैक्स   1/4 टीस्पून

ऑरिगेनो  1/2 टीस्पून

नमक 1/2 टीस्पून

बारीक कटी हरी प्याज  1 टेबलस्पून

तेल  तलने के लिए

विधि

पनीर के 2 इंच लंबे और आधा इंच चौड़े टुकड़े काट लें. एक भगौने में नमक और 1 टीस्पून तेल डालकर लगभग 1 लीटर पानी गर्म करें. जब पानी उबलने लगे तो नूडल्स डाल दें. जैसे ही नूडल्स सॉफ्ट हो जाएं तो इन्हें छलनी में छानकर ठंडा पानी डाल दें. अब इन नूडल्स को प्रत्येक पनीर के टुकड़े पर इस तरह लपेटें की पनीर पूरा कवर हो जाये. तैयार पनीर के टुकड़ों को गर्म तेल में सुनहरा तलकर बटर पेपर पर निकाल लें. अब एक दूसरे पैन में 1 टीस्पून तेल डालकर कटी लहसुन, प्याज और अदरक, हरी मिर्च के पेस्ट को भूनें. जब प्याज भूरा सा हो जाये तो सभी सब्जियां डाल दें.

1/4 टीस्पून नमक डालकर मध्यम आंच पर सब्जियों के गलने तक पकाएं. जब सब्जियां हल्की सी नरम हो जाएं तो इनमें सभी सॉसेज डालकर 1 टीस्पून पानी डाल दें ताकि सब्जियां जले नहीं. कॉर्नफ्लोर को 1/4 कप पानी में घोल लें और सब्जियों में लगातार चलाते हुए मिलाएं. यदि पानी कम लगे तो आवश्यकतानुसार बढ़ा लें. तैयार ग्रेवी में तले पनीर नूडल्स के रोल डालकर चलाएं. ऊपर से ऑरिगेनो, चिली फ्लैक्स और कटा हरा प्याज डालकर सर्व करें.

रश्मि : बलविंदर के लालच ने ली रश्मि की जान

लेखक- मुन्ना कुमार सिंह

सुबह के 7 बजे थे. गाडि़यां सड़क पर सरपट दौड़ रही थीं. ट्रैफिक इंस्पैक्टर बलविंदर सिंह सड़क के किनारे एक फुटओवर ब्रिज के नीचे अपने साथी हवलदार मनीष के साथ कुरसी पर बैठा हुआ था. उस की नाइट ड्यूटी खत्म होने वाली थी और वह अपनी जगह नए इंस्पैक्टर के आने का इंतजार कर रहा था.

बलविंदर सिंह ने हाथमुंह धोया और मनीष से बोला, ‘‘भाई, चाय पिलवा दो.’’

मनीष उठा और सड़क किनारे एक रेहड़ी वाले को चाय की बोल कर वापस आ गया. तुरंत ही चाय भी आ गई. दोनों चाय पीते हुए बातें करने लगे.

बलविंदर सिंह ने कहा, ‘‘अरे भाई, रातभर गाडि़यों के जितने चालान हुए हैं, जरा उस का हिसाब मिला लेते.’’

मनीष बोला, ‘‘जनाब, मैं ने पूरा हिसाब पहले ही मिला लिया है.’’

इसी बीच बलविंदर सिंह के मोबाइल फोन की घंटी बजी. वह बड़े मजाकिया अंदाज में फोन उठा कर बोला, ‘‘बस, निकल रहा हूं. मैडम, सुबहसुबह बड़ी फिक्र हो रही है…’’

अचानक बलविंदर सिंह के चेहरे का रंग उड़ गया. वह हकलाते हुए बोला, ‘‘मनीष… जल्दी चल. रश्मि का ऐक्सिडैंट हो गया है.’’

दोनों अपनाअपना हैलमैट पहन तेजी से मोटरसाइकिल से चल दिए.

दरअसल, रश्मि बलविंदर सिंह की 6 साल की एकलौती बेटी थी. उस के ऐक्सिडैंट की बात सुन कर वह परेशान हो गया था. उस के दिमाग में बुरे खयाल आ रहे थे और सामने रश्मि की तसवीर घूम रही थी.

बीच रास्ते में एक ट्रक खराब हो गया था, जिस के पीछे काफी लंबा ट्रैफिक जाम लगा हुआ था. बलविंदर सिंह में इतना सब्र कहां… मोटरसाइकिल का सायरन चालू किया, फुटपाथ पर मोटरसाइकिल चढ़ाई और तेजी से जाम से आगे निकल गया.

अगले 5 मिनट में वे दोनों उस जगह पर पहुंच गए, जहां ऐक्सिडैंट हुआ था.

बलविंदर सिंह ने जब वहां का सीन देखा, तो वह किसी अनजान डर से कांप उठा. एक सफेद रंग की गाड़ी आधी फुटपाथ पर चढ़ी हुई थी. गाड़ी के आगे के शीशे टूटे हुए थे. एक पैर का छोटा सा जूता और पानी की लाल रंग की बोतल नीचे पड़ी थी. बोतल पिचक गई थी. ऐसा लग रहा था कि कुछ लोगों के पैरों से कुचल गई हो. वहां जमीन पर खून की कुछ बूंदें गिरी हुई थीं. कुछ राहगीरों ने उसे घेरा हुआ था.

बलविंदर सिंह भीड़ को चीरता हुआ अंदर पहुंचा और वहां के हालात देख सन्न रह गया. रश्मि जमीन पर खून से लथपथ बेसुध पड़ी हुई थी. उस की पत्नी नम्रता चुपचाप रश्मि को देख रही थी. नम्रता की आंखों में आंसू की एक बूंद नहीं थी.

बलविंदर सिंह के पैर नहीं संभले और वह वहीं रश्मि के पास लड़खड़ा कर घुटने के बल गिर गया. उस ने रश्मि को गोद में उठाने की कोशिश की, लेकिन रश्मि का शरीर तो बिलकुल ढीला पड़ चुका था.

बलविंदर सिंह को यह बात समझ में आ गई कि उस की लाड़ली इस दुनिया को छोड़ कर जा चुकी है. उसे ऐसा लगा, जैसे किसी ने उस का कलेजा निकाल लिया हो.

बलविंदर सिंह की आंखों के सामने रश्मि की पुरानी यादें घूमने लगीं. अगर वह रात के 2 बजे भी घर आता, तो रश्मि उठ बैठती, पापा के साथ उसे रोटी के दो निवाले जो खाने होते थे. वह तोतली जबान में कविताएं सुनाती, दिनभर की धमाचौकड़ी और मम्मी के साथ झगड़ों की बातें बताती, लेकिन अब वह शायद कभी नहीं बोलेगी. वह किस के साथ खेलेगा? किस को छेड़ेगा?

बलविंदर सिंह बच्चों की तरह फूटफूट कर रोने लगा. कोई है भी तो नहीं, जो उसे चुप करा सके. नम्रता वैसे ही पत्थर की तरह बुत बनी बैठी हुई थी.

हलवदार मनीष ने डरते हुए बलविंदर सिंह को आवाज लगाई, ‘‘सरजी, गाड़ी के ड्राइवर को लोगों ने पकड़ रखा है… वह उधर सामने है.’’

बलविंदर सिंह पागलों की तरह उस की तरफ झपटा, ‘‘कहां है?’’

बलविंदर सिंह की आंखों में खून उतर आया था. ऐसा लगा, जैसे वह ड्राइवर का खून कर देगा. ड्राइवर एक कोने में दुबका बैठा हुआ था. लोगों ने शायद उसे बुरी तरह से पीटा था. उस के चेहरे पर कई जगह चोट के निशान थे.

बलविंदर सिंह तकरीबन भागते हुए ड्राइवर की तरफ बढ़ा, लेकिन जैसेजैसे वह ड्राइवर के पास आया, उस की चाल और त्योरियां धीमी होती गईं. हवलदार मनीष वहीं पास खड़ा था, लेकिन वह ड्राइवर को कुछ नहीं बोला.

बलविंदर सिंह ने बेदम हाथों से ड्राइवर का कौलर पकड़ा, ऐसा लग रहा था, जैसे वह चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहा हो.

दरअसल, कुछ समय पहले ही बलविंदर सिंह का सामना इस शराबी ड्राइवर से हुआ था.

सुबह के 6 बजे थे. बलविंदर सिंह सड़क के किनारे उसी फुटओवर ब्रिज के नीचे कुरसी पर बैठा हुआ था. थोड़ी देर में मनीष एक ड्राइवर का हाथ पकड़ कर ले आया. ड्राइवर ने शराब पी रखी थी और अभी एक मोटरसाइकिल वाले को टक्कर मार दी थी.

मोटरसाइकिल वाले की पैंट घुटने के पास फटी हुई थी और वहां से थोड़ा खून भी निकल रहा था.

बलविंदर सिंह ने ड्राइवर को एक जोरदार थप्पड़ मारा था और चिल्लाया, ‘सुबहसुबह चढ़ा ली तू ने… दूर से ही बदबू मार रहा है.’

ड्राइवर गिड़गिड़ाते हुए बोला, ‘साहब, गलती हो गई. कल इतवार था. रात को दोस्तों के साथ थोड़ी पार्टी कर ली. ड्यूटी पर जाना है, घर जा रहा हूं. मेरी गलती नहीं है. यह एकाएक सामने आ गया.’

बलविंदर सिंह ने फिर थप्पड़ उठाया था, लेकिन मारा नहीं और जोर से चिल्लाया, ‘क्यों अभी इस की जान चली जाती और तू कहता है कि यह खुद से सामने आ गया. दारू तू ने पी रखी है, लेकिन गलती इस की है… सही है…मनीष, इस की गाड़ी जब्त करो और थाने ले चलो.’

ड्राइवर हाथ जोड़ते हुए बोला था, ‘साहब, मैं मानता हूं कि मेरी गलती है. मैं इस के इलाज का खर्चा देता हूं.’

ड्राइवर ने 5 सौ रुपए निकाल कर उस आदमी को दे दिए. बलविंदर सिंह ने फिर से उसे घमकाया भी, ‘बेटा, चालान तो तेरा होगा ही और लाइसैंस कैंसिल होगा… चल, लाइसैंस और गाड़ी के कागज दे.’

ड्राइवर फिर गिड़गिड़ाया था, ‘साहब, गरीब आदमी हूं. जाने दो,’ कहते हुए ड्राइवर ने 5 सौ के 2 नोट मोड़ कर धीरे से बलविंदर सिंह के हाथ पर रख दिए.

बलविंदर सिंह ने उस के हाथ में ही नोट गिन लिए और उस की त्योरियां थोड़ी कम हो गईं.

वह झूठमूठ का गुस्सा करते हुए बोला था, ‘इस बार तो छोड़ रहा हूं, लेकिन अगली बार ऐसे मिला, तो तेरा पक्का चालान होगा.’

ड्राइवर और मोटरसाइकिल सवार दोनों चले गए. बलविंदर सिंह और मनीष एकदूसरे को देख कर हंसने लगे. बलविंदर बोला, ‘सुबहसुबह चढ़ा कर आ गया.’

मनीष ने कहा, ‘जनाब, कोई बात नहीं. वह कुछ दे कर ही गया है.’

वे दोनों जोरजोर से हंसे थे.

अब बलविंदर सिंह को अपनी ही हंसी अपने कानों में गूंजती हुई सुनाई दे रही थी और उस ने ड्राइवर का कौलर छोड़ दिया. उस का सिर शर्म से झुका हुआ था.

बलविंदर और मनीष एकदूसरे की तरफ नहीं देख पा रहे थे. वहां खड़े लोगों को कुछ समझ नहीं आया कि क्या हुआ है, क्यों इन्होंने ड्राइवर को छोड़ दिया.

मनीष ने पुलिस कंट्रोल रूम में एंबुलैंस को फोन कर दिया. थोड़ी देर में पीसीआर वैन और एंबुलैंस आ कर वहां खड़ी हो गई.

पुलिस वालों ने ड्राइवर को पकड़ कर पीसीआर वैन में बिठाया. ड्राइवर एकटक बलविंदर सिंह की तरफ देख रहा था, पर बलविंदर सिंह चुपचाप गरदन नीचे किए रश्मि की लाश के पास आ कर बैठ गया. उस के चेहरे से गुस्से का भाव गायब था और आत्मग्लानि से भरे हुए मन में तरहतरह के विचारों का बवंडर उठा, ‘काश, मैं ने ड्राइवर को रिश्वत ले कर छोड़ने के बजाय तत्काल जेल भेजा होता, तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता.’

Diwali Special: दिवाली के मौके पर बनाने जा रही हैं रंगोली, तो फौलो करें ये हैक्स

WriterPratibha Agnihotri

दीवाली पर रंगोली का अपना अलग ही महत्व है…सजे धजे लोग और सजे घर के मुख्य द्वार में रंगोली अपने भांति भांति के रंगों से चार चांद लगा देती है.रंगोली में प्रयोग किये गए विविध रंग सकारात्मकता और खुशियों के प्रतीक होते हैं. देश के विभिन्न प्रान्तों में इसे मांडना, ऐपन, रंगावली आदि नामों से भी जाना जाता है. रंगोली को रंगों के अतिरिक्त चावल, फूलों, रेत, गेरू और चूना आदि से भी बनाया जाता है. रंगोली को यदि आप पहली बार रंगोली बनाने जा रही हैं तो यहां पर प्रस्तुत हैं कुछ टिप्स जिन्हें ध्यान में रखकर आप बहुत आसानी से अपने घर के मुख्य द्वार को रंगोली से सजा सकेंगीं-

  • सर्वप्रथम अपने मुख्य द्वार के आकार के अनुसार इंटरनेट अथवा रंगोली की पुस्तक से  कोई डिजाइन तय कर लें.
  • रंगोली बनाने के लिए प्लेन सर्फेस को चुनें यदि आपका फर्श उभार या दानेदार है तो आप रंगोली बनाने के लिए लकड़ी के प्लेन बोर्ड का प्रयोग करें.
  • रंगोली सदैव दरवाजे के बीचोबीच में न बनाकर दरवाजे के साइड में बनाएं ताकि आपकी रंगोली कई दिनों तक बनी रहे.
  • यदि आप पहली बार बना रही हैं तो बहुत बड़ी और कठिन डिजाइन बनाने की अपेक्षा सरल और छोटी डिजाइन बनाएं.
  • आजकल बाजार में रंगोली बनाने के लिए छलनी, कलर स्प्रेडर ट्यूब जैसे विविध टूल्स उपलब्ध हैं आप चाहें तो इनका प्रयोग कर सकतीं हैं.
  • यदि आपकी ड्राइंग कमजोर है तो फ्री हैंड रंगोली बनाने के स्थान पर चार्ट के द्वारा डॉट्स वाली रंगोली बनाने का प्रयास करें.
  • रंगोली की डिजाइन को पहले चाक से फर्श पर बना लें और फिर उस पर मनचाहे रंग डालें.
  • यदि आप फूल पत्ती, या डॉट्स वाली रंगोली बनाने में हिचकिचा रहीं हैं तो दीवार के सहारे सहारे सीधी तीन रेखाएं सफेद रंग से बनाएं फिर 1-1 इंच की दूरी पर बिंदु रखें और बिंदु के बीच से टूथपिक को लम्बाई में धीरे से खींचे इसी तरह अन्य रंगों से भी आप डिजाइन्स बना सकतीं हैं.
  • रंगोली बन जाने के बाद आसपास बिखरे रंगों को फर्श से साफ करने के लिए झाड़ू के स्थान पर सूती कपड़े या ब्रश का प्रयोग करें.
  • आप किसी भी एक रंग को छलनी से मनचाहे आकार में फैला दें फिर इसमें आप कोई भी डिजाइन को उकेर कर भी रंगोली बना सकतीं हैं.
  • रंगोली के मध्य और किनारों पर दीपक रखकर आप इसे और अधिक खूबसूरत बना सकतीं हैं. किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए तेल के दिये के स्थान पर इलेक्ट्रिक दियों का प्रयोग करें.

Diwali Special : इस दीवाली अपनों को दें ये गिफ्ट्स, कम खर्च में बैस्ट हैं ये आइटम्स

उपहारों का आदानप्रदान चाहे वह परिवारजनों के बीच हो या रिश्तेदारों या पड़ोसियों के बीच, आपसी संबंधों को एक मजबूती प्रदान करता है. लेकिन अपने प्यार या स्नेह को दर्शाने के लिए यह जरूरी नहीं कि बहुत महंगे गिफ्ट ही दिए जाएं. बहुत महंगे गिफ्ट दे कर आप एक तरह से दूसरे को अपना कृतज्ञ बना लेते हैं और अगर उस व्यक्ति की हैसियत उतना ही महंगा उपहार आप को देने की नहीं होती तो वह बहुत शर्म महसूस करता है. महंगे उपहार दे कर अपना हक मत जताइए.

उपहार सौहार्द बनाने के लिए दिए जाने चाहिए, मन में खटास पैदा करने के लिए नहीं. साथ ही लेने वाले को भी उस के महंगे या सस्ते होने की बात पर ध्यान न देते हुए आप के प्यार को समझना चाहिए, क्योंकि आप उपहार के माध्यम से सम्मान दे रहे हैं, प्यार बांट रहे हैं. सस्ती ही सही, पर ऐसी उपयोगी चीजें दें जिन के साथ आप की याद हमेशा जुड़ी रहे.

क्या दें उपहार में

क्यों न इस बार महंगे नहीं, 100 से ले कर 500 रुपए की कीमत के ऐसे गिफ्ट खरीदें, जिन्हें देख कर उपहार लेने वाला भी आप की सूझबूझ की तारीफ किए बिना न रह सके. यदि आप औनलाइन शौपिंग करना पसंद करते हैं, तो कुछ ऐसे भी प्रोडक्ट्स हैं, जिन्हें घर बैठे और्डर कर सकती हैं. आजकल बाजार में इतनी ज्यादा वैराइटी में कैंडल्स उपलब्ध हैं कि आप तरहतरह की कैंडल या दीयों का एक हैंपर बनवा कर उपहार में दे सकती हैं.

इस के अलावा घरेलू उपयोग की चीजें जैसे लैंप शेड, लैंप, छोटी इमल्शन रौड, बुक स्टैंड, चाइनीज केतली व मग भी अच्छे विकल्प हैं और जेब पर भारी भी नहीं. टाइमपीस, फोटो फ्रेम, कांच के सजाने व किचन में उपयोग होने वाले कटोरे तथा ट्रे भी ली जा सकती हैं. बहुत सी कंपनियां इन दिनों बिस्कुट व जूस के पैक भी निकालती हैं, जो बहुत महंगे नहीं होते और सब को पसंद भी आते हैं.

दिलचस्प उपहार

बच्चों को गिफ्ट देना है, तो पटाखे तो दिए ही जा सकते हैं. साथ ही ऐजुकेशनल डीवीडी या फिर बच्चों की फिल्म के वीडियो दें. थोड़े बड़े बच्चों के लिए स्टोरी बुक या किसी दिलचस्प विषय पर बुक गिफ्ट कर सकती हैं या फिर किड्स मैगजीन दे दें. कलर्स, कलर बुक आदि भी बच्चों को बहुत लुभाती हैं. बुजुर्गों को ऐसी चीजें दें जो उन के काम आ सकें जैसे उन्हें किताबें, मैग्जीन या फिर पुरानी फिल्मों की सीडी गिफ्ट कर सकती हैं.

रिश्तेदारों व मित्रों को छोटी गिफ्ट बास्केट दे सकती हैं और सब से अच्छा तो होगा कि उन्हें पौधा उपहार में दें. सिर्फ टैराकोटा व सिरेमिक के प्लांटर्स भी दिए जा सकते हैं. महिलाओं को कौस्मैटिक का सामान दिया जा सकता है. लकड़ी के डैकोरेशन पीस भी आप को सस्ते में मिल जाएंगे. वौल हैंगिंग्स व रंगोली के स्टिकर्स का पैक तैयार कर दे सकती हैं.

ढेरों विकल्प

घर में पेपर लैंप दिखने में भी अच्छे लगते हैं और इन का रखरखाव भी आसान होता है. मार्केट में आप को ये 100 से 300 रुपए तक के कम बजट में मिल जाएंगे. मैजिक फोल्डिंग फूलदान एक क्यूट और काम में आने वाली चीज है, क्योंकि यह प्लास्टिक पेपर बैग का बना है, इसलिए  इस के टूटने का भी खतरा नहीं है. जिसे आप फूल के साथ यह गिफ्ट करेंगे वह इसे जरूर पसंद करेगा. 400 से 500 रुपए के बीच कई डिजाइनदार फूलदान मिल जाएंगे.

दीवाली पर यदि अपनी फ्रैंड या बहन को गिफ्ट देने का सोच रही हैं, तो ब्रैसलैट दे सकती हैं. यह औनलाइन मात्र 300 से ले कर 500 तक में मिल जाएंगे. आजकल हर कोई हैडफोन इस्तेमाल करता है. इसलिए गिफ्ट में मोबाइल हैडफोन दिया जा सकता है. मार्केट में कलरफुल हैडफोन मिल जाएंगे. 500 रुपए में सस्ते और टिकाऊ हैडफोन गिफ्ट करने के लिए अच्छा औप्शन है.

खुद भी तैयार कर सकती हैं

सिल्वर कोटेड दीए, घड़ी आदि आइटम मार्केट में सजे हुए हैं. इन गिफ्ट आइटम्स की सब से प्रमुख विशेषता यह है कि ये काले नहीं होते और इन के रेट भी रीजनेबल हैं. ये गिफ्ट 300 रुपए से ले कर 600 रुपए तक की रेंज में उपलब्ध हैं.

गिफ्ट कार्ड भी अच्छा औप्शन हो सकता है. आप गिफ्ट कार्ड बैंक की ब्रांच या नैटबैंकिंग के जरीए पा सकती हैं. विभिन्न बैंक इस तरह के कार्ड इस मौके पर जारी करते हैं. इस कार्ड को मूवी टिकट, रैस्तरां बिल, औफलाइन और औनलाइन शौपिंग में यूज कर सकते हैं. ये गिफ्ट कार्ड डेबिट कार्ड की तरह काम करते हैं.  अगर आप के दोस्तों को बागबानी का शौक है तो उन्हें उपहार में कुछ खूबसूरत से इनडोर और आउटडोर प्लांट सुंदर से पौट में लगवा कर भी गिफ्ट कर सकती हैं. यदि आप के दोस्त ऐसे घर में रहते हैं, जहां बहुत बड़ी छत या बगीचा है, तो जैविक खेती के लिए उसे एक किट भी उपहार में दे सकती हैं.

अपने परिजनों के लिए अपने हाथों से बनी चौकलेट, जैम, जैली आदि भी गिफ्ट कर सकती हैं. अगर आप बेकिंग करना जानती हैं, तो स्वादिष्ठ केक भी तैयार कर उपहार में दे सकती हैं.

खास उपहार

अपने दोस्त, परिवार या किसी खास के साथ बिताए खास पलों की एक सीडी बनवा लें और फिर उस सीडी को दीवाली के मौके पर उपहार में दें. आप चाहें तो फोटो कोलाज बना कर भी दीवाली में उपहार दे सकती हैं. किसी को गाना सुनने का शौक हो तो उस के मनपसंद गानों की एक सीडी बना कर भी आप उसे उपहार में दे सकती हैं. इस दीवाली आप अपने दोस्त व करीबियों को अपना समय उपहार के तौर पर दें, क्योंकि आजकल सब से कीमती समय ही हो गया है. दीवाली की तमाम जिम्मेदारियों और व्यस्तताओं के बीच अपने दोस्तों, रिश्तेदारों व पड़ोसियों के साथ 2-4 घंटे बिताएं. साथ खाना खाएं और वह काम करें जो आप को पसंद हो.

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