दीमक: अविनाश के प्यार में क्या दीपंकर को भूल गई नम्रता?

ऐंटी टर्माइट का छिड़काव हो रहा था. उस की अजीब सी दुर्गंध सांसों में घुली जा रही थी. एक बेचैनी और उदासी उस फैलते धुएंनुमा स्प्रे के कारण उस के भीतर समा रही थी. उफ, यह नन्ही सी दीमक किस तरह जीवन की गति में अवरोध पैदा कर देती है. हर चीज अस्तव्यस्त…कमरे, रसोई, हर अलमारी और पलंगों को खाली करना पड़ा है…खूबसूरत कैबिनटों पर रखे शोपीस, किताबें सब कुछ इधरउधर बिखरा पड़ा है.

हर 2-3 महीने में यह छिड़काव कराना जरूरी होता है. जब दिल्ली से फरीदाबाद आए थे तो किसे पता था कि इस तरह की परेशानी उस की जिंदगी की संगति को ही बिगाड़ कर रख देगी. अगर अपना मकान बनाना एक बहुत बड़ी सिरदर्दी और टैंशन का काम लगता है तो बनाबनाया मकान लेने की चाह भी चैन छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ती है.

जब उस में आ कर रहो तभी छूटी हुई खामियां जैसे छिपी दरारें, दरकती दीवारें आदि 1-1 कर सामने आने लगती हैं. पर इस जमाने में दिल्ली में 600 गज की कोठी खरीदना किसी बहुत बड़े सपने से कम नहीं है और आसपास एनसीआर इतने भर चुके हैं कि वहां भी कीमत आसमान छू रही है. ऐसे में फरीदाबाद का विकल्प ही उन के पास बचा था जहां बजट में कोठी मिल गई थी. तब तो यही सोचा था कि फरीदाबाद कौन सा दूर है, इसलिए यह कोठी खरीद ली थी.

हालांकि वह दिल्ली छोड़ कर आना नहीं चाहती थी, पर उस के पति दीपंकर की जिद थी कि उन्हें स्टेटस को मैंटेन करने के लिए कोठी में रहना ही चाहिए. आखिर क्या कमी है उन्हें. पैसा, पावर और स्टेटस सब है उस का सोसायटी में. फिर जब कारें घर के बाहर खड़ी हैं तो दिल्ली कौन सी दूर है. रोजरोज दिल्ली आनेजाने के झंझट के बारे में सोच उस के माथे पर शिकन उभर आई थी, पर बहस करने का कोई औचित्य नहीं था.

‘‘मैडम, हम ने स्प्रे कर दिया है, पर 3 महीने बाद आप को फिर करवाना होगा. दीमक जब एक बार फैल जाती है, तो बहुत आसानी से पीछा नहीं छोड़ती है जब तक कि पूरी तरह अंदर तक फैली उस की सुरंगें नष्ट न हो जाएं. दीमक लकड़ी में एक के बाद एक सुरंग बनाती जाती है. बाहर से पता नहीं चलता कि लकड़ी को कोई नुकसान पहुंच रहा है, पर उसे वह अंदर से बिलकुल खोखला कर देती है. अच्छा होगा कि आप साल भर का कौंट्रैक्ट हमारी कंपनी के साथ कर लें. फिर हम खुद ही आ कर स्प्रे कर जाया करेंगे. आप को बुलाने का झंझट नहीं रहेगा,’’ स्मार्ट ऐग्जीक्यूटिव, अपनी कंपनी का बिजनैस बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था.

यहीं आने पर पता चला था फरीदाबाद में मेहंदी की खेती होती है, इसलिए दीमक बहुत जल्दी जगहजगह लग जाती है. स्प्रे की गंध उसे अभी भी अकुला रही थी. लग रहा था जैसे उलटी आ जाएगी. भीनीभीनी मेहंदी की सुगंध कितनी भाती है, पर जब उस की वजह से दीमक फैलने लगे, तो उस की खुशबू ही क्या, उस का रंग भी आंखों को चुभने लगता है. एक नन्ही सी दीमक किस तरह से घर को खोखला कर देती है. ठीक वैसे जैसे छोटीछोटी बातें रिश्ते की मजबूत दीवारों को गिराने लगती हैं. वे इतनी खोखली हो जाती हैं कि उस शून्यता और रिक्तता को भरने के लिए पूरी जिंदगी भी कम लगने लगती है.

‘‘ठीक है, आप कौंट्रैक्ट तैयार कर लें. पेपर तैयार कर कल आ जाएं. मैं इस समय बिजी हूं,’’ वह किसी भी तरह से उसे वहां से टालने के मूड में थी.

हर तरफ सामान बिखरा हुआ था और उसे शाम को अवनीश से मिलने जाना था. मेड को हिदायतें दे कर वह थोड़ी देर बाद ही सजधज कर बाहर निकल गई. अवनीश से मिलने जाना है तो ड्राइवर को नहीं ले जा सकती, इसलिए खुद ही दिल्ली तक ड्राइव करना पड़ा. जब से अवनीश उस की जिंदगी में आया था, उस की दुनिया रंगीन हो गई थी. शादी को 2 साल हो गए हैं, पर दीपंकर से उस की कभी नहीं बनी. रोमांस और रोमांच तो जैसे क्या होता है, उसे पता तक नहीं है. वह तो शुरू से ही बिंदास किस्म की रही है. घूमनाफिरना, पार्टियां अटैंड कर मौजमस्ती करना उस की फितरत है. दीपंकर के पास तो कभी उस के लिए टाइम होता ही नहीं है, बस पैसा कमाने और अपने बिजनैस टूअर में बिजी रहता है. हमेशा एक गंभीरता सी उस के चेहरे पर बनी रहती है.

दूसरी तरफ अवनीश है. स्मार्ट, हैंडसम और उसी की तरह मौजमस्ती करना पसंद करने वाला. हमेशा हंसता रहता है. उस की हर बात पर ध्यान देता है जैसे उसे कौन सा कलर सूट करता है, उस का हेयरस्टाइल आज कैसा है या कब उस ने कौन से शेड की लिपस्टिक लगाई थी. यहां तक कि उसे यह भी पता है कि वह कौन सा परफ्यूम पसंद करती है. दीपंकर को तो यह भी पता नहीं चलता कि कब उस ने नई ड्रैस खरीदी है या कौन सी साड़ी में वह ज्यादा खूबसूरत लगती है. हां, पैसे देने में कभी कटौती नहीं करता न ही पूछता कि कहां खर्च  कर रही हो?

‘‘हाय मेरी जान, बला की खूबसूरत लग रही हो…कितनी देर लगा दी. तुम्हारा इंतजार करतेकरते सूख गया मैं,’’ अवनीश की इसी अदा पर तो मरती है वह.

‘‘ट्रैफिक प्रौब्लम… ऐनी वे बताओ आज का क्या प्रोग्राम है?’’

‘‘शाम ढलने को है, प्रोग्राम क्या होना चाहिए, तुम ही सोचो,’’ अवनीश ने उसे आंख मारते हुए कहा तो वह शरमा गई.

अवनीश अकेला था और कुंआरा भी. अपने दोस्त के साथ एक कमरा शेयर कर के रहता था. दोनों के बीच आपस में पहले से ही तय था कि जब वह नम्रता को वहां ले जाएगा तो वह देर आएगा. अवनीश की बांहों से जब नम्रता मुक्त हुई तो बहुत खुश थी और अवनीश तो जैसे हमेशा उसे पा लेने को आतुर रहता था.

‘‘तुम ने मुझे दीवाना बना दिया है नम्रता. अच्छा आजकल सेल चल रही है, क्या खयाल है तुम्हारा कल कुछ शौपिंग करें?’’

‘‘मेरे होते हुए तुम्हें सेल में खरीदारी करने की क्या जरूरत?’’ कह नम्रता निकल गई और अवनीश उस के लाए हुए परफ्यूम को लगाने लगा.

‘‘सही मुरगी हाथ लगी है तेरे. बहुत ऐश कर रहा है,’’ अवनीश के दोस्त ने परफ्यूम से महकते कमरे में घुसते हुए कहा.

‘‘तू क्यों जल रहा है? फायदा तो तेरा भी होता है. मेरी सारी चीजों का तू भी तो इस्तेमाल करता है?’’ अवनीश बेशर्मी से मुसकराया.

अगले दिन नम्रता ने अवनीश के लिए ढेर सारी शौपिंग की. कुछ और भी खरीदना है, कह कर उस ने नम्रता से उस का क्रैडिट कार्ड ले लिया. वह जानता था कि नम्रता अपने पति को पसंद नहीं करती है, इसलिए उस की भावनाओं का खूब फायदा उठा रहा था.

पति से नाखुश होने के कारण उस के अंदर संवेदनशीलता की कमी बनी रहती थी, क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि अवनीश से उस का साथ छूटे. उसे डर लगा रहता था कि कहीं वह शादी न कर ले. कभीकभी भावुक हो वह उस के सामने रो भी पड़ती थी.

3 महीने बाद जब फिर से ऐंटीटर्माइट स्प्रे करने कंपनी के लोग आए, तो उन्होंने कहा लकड़ी को गीला होने से बचाना चाहिए. उसे पता चला कि  दीमक नमी वाले स्थानों में अधिक पाई जाती है. जहां कहीं भी गली हुई लकड़ी मिलती है, वह तुरंत वहां अपनी पैठ बना लेती है. उस ने तो इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया था कि अवनीश धीरेधीरे उस के जीवन में पैठ बना कर उसे खोखला बनाता जा रहा है.

‘‘तुम्हारे पति की बहुत पहुंच है, उन से कह कर मेरे बौस का यह काम करवा दो न,’’ अवनीश ने एक दिन नम्रता के गालों को चूमते हुए कहा तो वह बोली, ‘‘तुम ने कह दिया, समझो हो गया. दीपंकर मेरी कोई बात नहीं टालते हैं. अच्छा चलो आज लंच किसी बढि़या होटल में करते हैं.’’

नम्रता सोचती थी कि अवनीश की वजह से उस की जिंदगी में बहार है…तितली की तरह उस के चारों ओर मंडराती रहती. उस के मुंह से अपनी प्रशंसा सुन बादलों में उड़ती रहती. दूसरी ओर अवनीश की मौज थी. उस का शरीर, पैसा और हर तरह की ऐश की मौज लूट रहा था.

जब नम्रता ने बताया के दीपंकर बिजनैस ट्रिप पर हफ्ते भर के लिए सिंगापुर जा रहा है, तो उस ने भी नम्रता से किसी हिल स्टेशन पर जाने के लिए प्लेन का टिकट बुक कराने के लिए कहा. दोनों ने वहां बहुत ऐंजौय किया, पर पहली बार उसे अवनीश का खुले हाथों से पैसे खर्चना अखरा.

वह समझ ही नहीं पा रही थी कि अवनीश नामक दीमक उस के और दीपंकर के रिश्ते के बीच आ उसे भुरभुरा कर रहा है. उसे क्या पता था कि दीमक अपना घर बनाने के लिए लकड़ी को खोखला नहीं करती है, बल्कि लकड़ी को ही चट कर जाती है और इसीलिए उस के लग जाने का पता नहीं चलता, क्योंकि वह अपने पीछे किसी तरह का बुरादा तक नहीं छोड़ती है. जब तक लकड़ी का वजूद पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता, दीमक लगने का एहसास तक नहीं हो पाता है. आसानी से उस का पता नहीं लगाया जा सकता, इसलिए उस से छुटकारा पाना भी कभीकभी असंभव हो जाता है. यहां तक कि उसे हटाने के लिए जो छिड़काव किया जाता है, वह उसे भी अपने में समा लेती और अधिक जहरीली हो जाती है.

कुछ दिनों से वह महसूस कर रही थी कि अवनीश की मांगें निरंतर बढ़ती जा रही हैं. जबतब उस का क्रैडिट कार्ड मांग लेता. दीपंकर उस से कहता नहीं है, पर कभीकभी लगता कि मेहनत से कमाए उस के पैसे वह अवनीश पर लुटा कर अच्छा नहीं कर रही है. दीपंकर की सौम्यता और उस पर अटूट विश्वास उसे अपराधबोध से भरने लगा था. माना अवनीश बहुत रोमांटिक है, पर दीपंकर ने कभी यह एहसास तो नहीं कराया कि वह उस से प्यार नहीं करता है. उस का केयर करना क्या प्यार नहीं है और अवनीश है कि बस जब भी मिलता है किसी न किसी तरह से पैसे खर्चवाने की बात करता है. क्या यह प्यार होता है? नहीं अवनीश उसे प्यार नहीं करता है. उस ने कहीं पढ़ा था कि दीमक घास के ऊपर या नमी वाली जमीन पर एक पहाड़ी सी भी बना लेती है जो दूर से देखने में बहुत सुंदर लगती है और एहसास तक नहीं होता कि उसे छूने भर से हाथों में एक अजीब सी सिहरन तक दौड़ सकती है.

पास जा कर देखो तब पता लगता है कि असंख्य दीमक उस के अंदर रेंग रही है और तब एक लिजलिजा सा एहसास मन को घेर लेता है.

उसे समझ नहीं आ रहा था कि उस के मन और शरीर पर हावी होती जा रही अवनीशरूपी दीमक पर वह किस स्प्रे का छिड़काव करे… दीपंकर को धोखा देने के कारण मन लकड़ी के बुरादे सा भुरभुरा और खोखला होता जा रहा है…क्षणक्षण कुछ दरक जाता है…न जाने मन के कपाट इस सूरत में कितने समय तक बंद रह सकते हैं. डरती है वह कहीं कपाट खुल गए तो संबंधों की कड़ी ही न ढीली पड़ जाए. जब मजबूती न रहे तो टूटने में बहुत देर नहीं लगती किसी भी चीज को…फिर यह तो रिश्ता है.

नम्रता को एहसास हुआ कि अपने पति की कमियों और रिश्ते से नाखुश होने के कारण उस के भीतर से जो संवेदनाओें का बहाव हो रहा है, उस की नमी में दीमक ने अपना घर बना लिया है. अवनीश के सामने उस ने दिल के दरवाजे खोल दिए हैं उस ने भी तो…उस की आंसुओं की आर्द्रता से मिलती नमी में पनपने और जगह बनाने का मौका मिल रहा है उसे.

अचानक उसे महसूस हुआ कि दीमक उस के घर में ही नहीं, उस की जिंदगी में भी लगी हुई है. धीरेधीरे वह किस तरह बिखर रही है…बाहर से सब सुंदर और अच्छा लगता है, पर अंदर ढेरों सुरंगें बनती जा रही हैं, जिन्हें बनने से अभी न रोका गया तो बाहर आना मुश्किल हो जाएगा. दीमक उस के जीवन को किसी बुरादे में बदल दे, उस से पहले ही हर जगह छिड़काव कराना होगा.

‘‘दीमक कुछ ज्यादा ही फैल रही है, आप तुरंत किसी को भेजें. मुझे इसे पूरी तरह से हटाना है,’’ नम्रता ने घर में स्प्रे करवाने के लिए कंपनी में समय से पहले ही फोन कर उन्हें आने को कहा.

‘‘पर मैडम, अभी तो स्प्रे किए 2 ही महीने हुए हैं, 3 महीने बाद इसे करना होता है.’’

‘‘आप ऐक्स्ट्रा पैसे ले लेना. दीमक और फैल गई, तो सब बिखर जाएगा. आज ही भेज दो आदमी को, दीमक फैल रही है,’’ फोन तो कब का कट चुका था, पर वह लगातार बुदबुदा रही थी, ‘‘दीमक को फैलने से रोकना ही होगा.’’

उस के मोबाइल पर अवनीश का फोन आने लगा था. यह पहली बार हुआ था जब उस ने दूसरी घंटी भी बजाने दी थी. फिर तो रिंग होती ही रही. मोबाइल हाथ में ही था. जब उसे अहसास हुआ तो 10 मिनट बीत चुके थे. अवनीश की 5 मिस्ड काल्स थीं. उस ने मोबाइल साइलैंट मोड पर कर दिया और कपड़ों की अलमारी से कपड़े निकालने लगी, जो कपड़े अवनीश के साथ खरीदे थे उन में तो बुरी तरह दीमक लग चुकी थी. उन्हें बाहर ले जा कर जला डालना ही ठीक होगा.

दिल पे न जोर कोई

रीमा जल्दी से जूस दे दो, बहुत थकान हो रही है, आशीष ने अपना पसीना पोंछते हुए कहा.

‘‘हां, अभी लाई,’’ कह रीमा रसोई में चली गई.

यह आशीष का रोज का काम था. अगले दिन आशीष बोला, ‘‘सुनो रीमा, मेरा कालेज का दोस्त मनीष अपने अपार्टमैंट में शिफ्ट हो गया है… वही जिस के बेटे के जन्मदिन पर हम गए नहीं थे… आज मिला, जब मैं जिम से आ रहा था. वह तो झल्ला सा है, लेकिन उस की बीवी गजब की खूबसूरत है, आशीष बोला.

‘‘हमें क्या वह जाने और उस की बीवी,’’ रीमा बोली.

‘‘तुम जल्दी से नहा लो मैं नाश्ता तैयार करती हूं.’’

रीमा नोट कर रही थी कि आजकल आशीष जिम में ज्यादा देर लगा रहा है. अत: एक दिन उस ने पूछ ही लिया, ‘‘क्या बात है देर कैसे हो गई? आज क्या खास बात है… जिम से पसीनापसीना हो कर आए, फिर भी चेहरे पर अलग ही खुशी झलक रही है? रोज की तरह अपनी थकान का रोना नहीं?’’ रीमा ने चुटकी लेते हुए आशीष से कहा.

‘‘क्या मैं रोज थकान का रोना रोता हूं?

अरे अपनेआप को फिट रखना क्या इतना आसान है? कभी जिम जा कर देख आओ कि अपनेआप को मैंटेन करने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ती है. लो हो गए शुरू…. मेरी तरह 2 बच्चे पैदा करो पहले, फिर फिटनैस की बात करो मुझ से,’’ रीमा ने कहा.

‘‘पर आज तुम देर से आए… कोई खास बात?’’

‘‘नहीं कुछ खास नहीं,’’ आशीष बोला.

‘‘अरे वह मेरे दोस्त की पत्नी जिया जिम आती है आजकल, तो बस बातों में टाइम लग गया. क्या ऐक्सरसाइज करती है. तभी इतनी फिट है… कोई उस की उम्र का अंदाजा भी नहीं लगा सकता,’’ कह आशीष नहाने चला गया.

रीमा को आशीष के इरादे नेक न लगे. अब यह रोज का काम हो गया था.

आशीष रोज अपनी बेटी को स्कूल बस में छोड़ने जाता. उधर से जिया अपने बेटे को ले कर आती. दोनों बातें करते और देर हो जाती. कभी आशीष स्विमिंग पूल जाता तो जिया वहां मिल जाती… जब रीमा उन्हें आते बालकनी से देखती तो कुढ़ जाती.

कुछ दिन पहले अपार्टमैंट में न्यू ईयर पार्टी थी. दोनों दोस्त अपने परिवारों के साथ पार्टी हौल में आए. जिया को देख आशीष के चेहरे की मुसकराहट दोगुनी हो गई और रीमा उन्हें देख कर अपनी सहेलियों की तरफ बढ़ने लगी. ये मेरी सब से अच्छी सहेलियां हैं. हम इन्हीं के साथ रहेंगे. तुम्हारा दोस्त तो झल्ला सा है पर ये लोग तो बहुत अच्छी हैं.’’

आशीष बोला, ‘‘बस दोस्त ही झल्ला है, जिया को देखो… आज भी कितनी सुंदर ड्रैस पहन कर आई है. पूरी फिगर निखर कर आ रही है और उस लंगूर को देखो… वही कपड़े जो औफिस में पहन कर जाता है.’’

रीमा आशीष को वहां से खींच कर ले गई. आशीष था तो रीमा के साथ, लेकिन नजरें जिया पर ही टिकी थीं. जिया भी आशीष की प्लैंजेंट पर्सनैलिटी से बहुत प्रभावित थी सो जब आशीष उसे देखता तो मुसकरा देती. उस का अपना पति तो किसी चीज का शौकीन नहीं था. उसे तो पार्टी में भी खींच कर लाना पड़ता. न तो वह कपड़े ढंग से पहनता न ही जूते. जबकि जिया हर वक्त मौसम के हिसाब से बनीठनी रहती. तभी तो आशीष मनीष के लिए लंगूर के हाथ में अंगूर बोलता.

एक दिन आशीष ने मनीष की फैमिली को डिनर पर बुलाया. रीमा कहने लगी,

‘‘जब तुम्हें अपना दोस्त पसंद ही नहीं तो क्यों बुलाते हो उसे?’’

आशीष बोला, ‘‘अच्छा नहीं लगता… इतने दिन हुए यहां आए उन्हें… हम ने एक बार भी अपने घर नहीं बुलाया?’’

‘‘तो उन्होंने कौन सा बुलाया?’’ रीमा चिढ़ कर बोली.

संडे को जिया पूरे परिवार के साथ आशीष के घर थी. जब आशीष ने उस से औैर बातें कीं तो वह उस के नौलेज को देखता ही रह गया. उसे मन ही मन लगने लगा कि कहां मनीष कहां जिया. उस ने जिया की बहुत तारीफ  की. रीमा को यह सब फूटी आंख नहीं सुहा रहा था.

मनीष का परिवार खाना खा कर चला गया. उन के जाने के बाद आशीष बोला, ‘‘जिया ने अपने बच्चों की परवरिश बहुत सही तरीके से की है. कितने सलीके से बात करते हैं और पढ़ाई में भी अच्छे हैं.’’

‘‘तो हमारे कौन से कम हैं?’’ रीमा का जवाब सुन आशीष ने चुप्पी लगा ली.

अब आशीष के घर अकसर जिया की बात होती जो रीमा को जरा भी न सुहाती. उसे ऐसा लगता जैसे आशीष के दिलोदिमाग में जिया रचबस गई है.

उधर जिया भी मनीष से अकसर आशीष की ही बातें करती. कहती, कितना शौकीन है तुम्हारा दोस्त आशीष. हर वक्त हंसीठहाके लगाता रहता है… सोसायटी के कार्यक्रमों में भी कितना आगे रहता है… हर प्रोग्राम में उस का नाम अनाउंस होता है, स्पोर्ट्स में, कल्चरल्स में.

शायद जिया और आशीष एकदूसरे को मन ही मन चाहने लगे थे. इसीलिए दोनों अपनेअपने परिवार में एकदूसरे की बात किया करते. मनीष का तो इस तरफ ध्यान नहीं पड़ा क्योंकि वह अपनी ही दुनिया में मस्त रहता, लेकिन रीमा मन ही मन जिया से जलने लगी थी. यहां तक कि अपने बच्चों से भी कहती कि जिया के बच्चों के साथ न खेलें.

जिया के बच्चे जब उन से खेलने को कहते तो रीमा की बेटी कहती, ‘‘नहीं मम्मी डांटेंगी.’’ जब यह बात जिया को पता चली तो उसे बहुत बुरा लगा.

एक दिन स्कूल बस जल्दी आ गई और जिया व आशीष दोनों के बच्चों की बस छूट गई. आशीष बोला, ‘‘मैं कार से ड्रौप कर आता हूं.’’

‘‘ओके,’’ जिया बोली लेकिन जिया का बेटा नए अंकल के साथ जाने को तैयार नहीं. अत: जिया भी उस के साथ कार में पीछे की सीट पर बैठ गई.

आशीष ने कहा,‘‘ जिया, यू कैन कम टू फ्रंट सीट.’’

‘‘आई डौंट माइंड,’’ जिया ने कहा और कार की अगली सीट पर आ कर बैठ गई.

रीमा की सहेली ने जब यह बात रीमा को बताई तो उस के तो जैसे होश उड़ गए. अत: अगले दिन वह आशीष से बोली, ‘‘बच्चों को स्कूल बस तक मैं ही छोड़ जाऊंगी. तुम्हें वहां बहुत समय लग जाता है.’’

आशीष को कुछ समझ न आया कि रीमा क्या कहना चाहती है. लेकिन जब वह बस स्टौप पर गई तो उसे जिया फूटी आंख न सुहाई. दूसरी सहेलियों के साथ खड़ी बातों ही बातों में वह जिया को ताने मारने लगीं. जिया को भी समझते देर न लगी. लेकिन क्या करती. पहले दिन वही तो उस के पति के साथ कार की आगे की सीट पर बैठ कर गई थी. वह चुपचाप अपने बेटे को बस में बैठा कर वहां से चली गई.

रीमा जब लौट कर आई तो देखा आशीष बालकनी में खड़ा जिया से जोरजोर से बातें कर रहा था.

रीमा जिया के पास पहुंच कर बोली, ‘‘जिया के घर में ही आ जाओ न… ऐसे जोरजोर से बातें करना अच्छा नहीं लगता न.’’

कहने को तो रीमा घर आने का आग्रह कर रही थी, लेकिन उस के चेहरे की कुटिल मुसकान देख जिया समझ गई थी कि रीमा क्या कहना चाह रही है. अत: वह वहां से चुपचाप चल दी. पीछे मुड़ कर देखा तो आशीष बालकनी से उसे हाथ हिला कर बायबाय कर रहा था.

घर आ कर जिया बहुत उदास थी. मन ही मन सोच रही थी कि रीमा की गलती भी तो नहीं… आखिर उस का पति है आशीष… पर स्वयं भी क्या करे? बस बात ही तो कर रही थी उस से… अगर उसे आशीष से बात करना अच्छा लगता है तो उस में बुराई भी क्या है? क्या किसी के पति से बात करना गुनाह है? रीमा इतनी चिढ़ क्यों गई?

एक दिन जब आशीष औफिस चला गया तो जिया ने रीमा को इंटरकौम किया, ‘‘रीमा, इस रविवार तुम सपरिवार हमारे घर आओ, डिनर साथ ही करेंगे.

रीमा ने बहाना बनाते हुए कहा, ‘‘दरअसल, उस दिन के हमारे मूवी टिकट आए हैं. हम पिक्चर देखने जाएंगे, इसलिए नहीं आ पाएंगे.’’

‘‘ओके, नो प्रौब्लम… फिर कभी,’’ औैर इंटरकौम रख दिया.

शाम के समय जब जिया अपने बेटे के साथ स्विमिंग के लिए गई तो आशीष नीचे ही मिल गया. जिया ने पूछा, ‘‘गए नहीं मूवी के लिए?’’

आशीष बोला, ‘‘कौन सी मूवी?’’

जिया बोली, ‘‘रीमा ने कहा था कि तुम लोग आज मूवी देखने जा रहे हो.’’

आशीष को कुछ समझ न आया कि ऐसा क्यों बोला रीमा ने. लेकिन जिया सब समझ गई थी कि रीमा उसे पसंद नहीं करती. आशीष ने

घर आ कर रीमा से पूछा तो बोली, ‘‘हां कह दिया ऐसे ही… जब वह मुझे पसंद नहीं, तो क्यों दोस्ती बढ़ाऊं?’’

आशीष मन ही मन तड़प उठा कि यह जिया के लिए कितना इनसल्टिंग है? पर क्या करता.

अब रोज रीमा ही बच्चों को स्कूल बस तक छोड़ने जाती. जिया आशीष से मिलने को तरस गई थी. कभी नीचे मिलती तो रीमा की घूरती नजरें देख वह बात न कर पाती. बस अपना रास्ता बदल लेती. आखिर रीमा आशीष की पत्नी है, सो आशीष पर हक तो उसी का है. अब जिया को आशीष को देखे बगैर चैन न मिलता. रीमा को जब भी मौका मिलता जिया को ताना मार ही देती. एक बार तो किट्टी पार्टी में जब सब महिलाएं बोलीं कि बच्चों को संभालने में ही सारा वक्त बीत जाता है. तो रीमा ने जिया की तरफ आंखें मटकाते हुए कहा, ‘‘बच्चों को ही नहीं पति को भी तो संभालना पड़ता है… बहुत शूर्पणखा हैं यहां जो डोरे डालने आ जाती हैं.’’

अपने लिए शूर्पणखा शब्द सुन जिया को बहुत बुरा लगा. उस की आंखें भर आईं. लेकिन दिल से मजबूर थी. सो पलट कर कुछ न बोली. आखिर रीमा पत्नी का हक रखती है. इसीलिए बोल रही है. फिर क्या पता उस के दिल में बसी यह चाहत एकतरफा हो… पता नहीं आशीष उसे चाहता भी है या नहीं? फिर मन ही मन सोचने लगी काश, मुझे आशीष जैसा पति मिला होता तो शायद यह न होता. कहने को तो मनीष बहुत ठीक है, लेकिन इतना पढ़ाकू , कैरियर कौंशस, न ही कोई शौक न इच्छाएं. पर उस में मनीष का दोष भी तो नहीं. सब देखभाल कर ही तो जिया ने इस विवाह के लिए हामी भरी थी. मनीष तो घर के लिए अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभा ही रहा है. बस उस का ही दिल है कि न जाने क्यों आशीष की तरफ खिंचा जाता है.

अब जिम ही बस एकमात्र ठिकाना था जहां दोनों मिल सकते थे. सो वहीं थोड़ी देर मिल कर बात कर लेते. लेकिन कहते हैं न इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते सो जिम में आसपास वर्कआउट करते लोग उन्हें बातें करते चोर नजरों से देखते और कभीकभी तो कोई टौंट भी मार देते.

अब जिया को लगने लगा कि पानी सिर से ऊपर जा रहा है. अत: उस ने अपने जिम का टाइम चेंज करा लिया. आशीष से बात न करने की ठान ली.

कई दिन जब जिया दिखाई न दी तो आशीष अनमना सा हो गया. फिर एक दिन अपने दोस्त से मिलने के बहाने जिया के घर चला गया. घर में जिया अकेली थी. आशीष ने जिया से अपने दिल की बात कह डाली. सुन कर जिया खिल उठी. अब दोनों ने तय किया कि अपार्टमैंट के बाहर मिला करेंगे. रीमा ने अपार्टमैंट की सभी महिलाओं को भी बता दिया था कि जिया कैसे उस के पति पर डोरे डाल रही है. अत: सभी महिलाओं ने उस से दूरी बना ली थी.

एक दिन आशीष औफिस से जल्दी निकल गया और फिर जिया को फोन कर पास ही की कौफी शौप में बुला लिया. जिया भी झट से बनठन कर उस से मिलने चली आई. कहने को तो कौफी शौप खचाखच भरा था, लेकिन उन दोनों के लिए तो जैसे पूरा एकांत था. दोनों आंखों में आंखें डाले मुसकरा कर बातें कर रहे थे कि तभी जिया की नजर रीमा की सहेली पर पड़ी.

वह वहां अपने पति के साथ आई थी. दोनों को साथ देख कर बोली, ‘‘हैलो, आप दोनों यहां?

नो प्रौब्लम ऐंजौय. ऐंजौय पर उस ने जो जोर डाला जिया समझ गई कि टौंट मार कर गई है. आशीष और जिया भी शीघ्र ही अपने घर रवाना हो गए. अगले दिन बच्चों को स्कूल बस में छोड़ने बस स्टौप पर जिया नहीं गईर् और मनीष को भेजा. वह जानती थी कि आज रीमा उसे नहीं छोड़ने वाली. मनीष जब घर आए तो कुछ उखड़े हुए दिखाई दिए.

जिया ने पूछा, ‘‘क्या हो गया?’’

‘‘रीमा तुम्हारी शिकायत कर रही थी. सब लोगों के सामने मुझे बहुत बुराभला कहा.’’

जिया के तो मानो पैरों तले की जमीन खिसक गई हो. झट से नहाने का बहाना कर बाथरूम में चली गई. क्या करती बेचारी. एक तरफ पति तो दूसरी तरफ प्यार. वहीं खड़े कुछ आंसू बहा आई.

उस दिन मनीष दफ्तर नहीं गया. बोला, ‘‘ हम घर बदल लेते हैं जिया.’’

अगले ही महीने वे नए अपार्टमैंट में शिफ्ट हो गए. इतना ही नहीं मनीष ने दूसरे शहर में ट्रांसफर के लिए दफ्तर में रिक्वैस्ट भी दे दी. शहर तो बदल गया, लेकिन जिया के मन में आशीष की याद सदा के लिए रह गई. कोशिश करती कि भूल जाए, किंतु भुलाए न भूलती. दिल के हाथों मजबूर थी. उस ने तो सोचा भी न था कि कभी प्यार इतने दबे कदमों आएगा और उस के दिल पर सदा के लिए अपना राज कर लेगा.  बरस बीते, किंतु चंद लमहे जो आशीष के साथ बिताए थे, उस के मन को तरोताजा कर जाते. वह मुसकरा उठती और मन ही मन कहती दिल पे न जोर कोई.

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वुमन की सबसे बेस्ट एक्सैसरीज है Smart Watch. यह वुमन को फैमिली और फ्रेंड्स के साथ जुड़ा रखता है लेकिन इसके साथ ही यह आपको दुनियाभर की जानकारियों और खबरों से कनैक्ट करता है. फिटनेस फ्रीक वुमन के लिए यह तो और भी जरूरी हो गया है, वह दिन में कितना वौक है, उससे कितनी कैलोरी बर्न हुई यह सारी जानकारी उसकी मुट्ठी में होती है, कोई ऐसी स्मार्टवाच जो आपके पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से मैच करता हो, आपकी बेस्ट फ्रेंड हो सकती है, हो सकता है यहां दिए गए वौच में से एक आपके लिए सही मैच साबित हो.

कैजुअल वियर स्मार्टवॉच नौन-वर्किंग वुमन के लिए

Redmi Watch 3 Active एक स्मार्टवॉच है जो डेली यूज के लिए डिजाइन की गई है। इसमें कई फीचर्स हैं जो इसे वुमन के लिए खास एक्सेसरी बनाते हैं। Redmi Watch 3 Active आपको नोटिफिकेशन्स देती रहेगी, इसमें म्यूजिक को कंट्रोल कर सकते हैं. इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यह हैल्थ मौनिटर कर सकता है. आपकी नींद, हार्टरेट और ब्लड ऑक्सीजन लेवल्स को मॉनिटर कर सकते हैं. इस वॉच में एक कस्टमाइज्ड फेस और SOS फंक्शन है जो आपातकालीन स्थिति में आपके परिवार को अलर्ट भेजता है. इसकी वाटर रेजिस्टेंट क्वालिटी भी इसको वुमन फ्रेंडली बनाती है क्योंकि महिलाएं घर में पानी से जुड़े काम करती हैं इसलिए गलती से भी वॉच पानी के संपर्क में आता है तो खराब नहीं होगा.

पार्टी वियर स्मार्टवॉच की है बहुत डिमांड

Wachet की ओर से लौंच की गई Generic Smartwatch एक बजट-फ्रेंडली स्मार्टवॉच है जो कई फीचर्स ऑफर करती है. यह वॉच आपको नोटिफिकेशन्स, म्यूजिक को कंट्रोल करने और नींद, हार्ट रेट और ब्लड ऑक्सीजन लेवल्स को मॉनिटर करने की सुविधा देती है। इसमें एक टचस्क्रीन डिस्प्ले, कस्टमाइज्ड वॉच फेस और IP67 वॉटर रेसिस्टेंस है।
इसके अलावा रिमाइंडर्स जैसी खास सुविधा वर्किंग वुमन के लिए बहुत मायने रखती है क्योंकि महिलाओं को औफिस की मीटिंग, बच्चों की पीटीएम का डेट, हसबैंड की दवाइयों का समय, पैरेंट्स को डौक्टर के पास ले जाने जैसी कई चीजें याद रखनी पड़ती है, जिसे वह रिमाइंडर की मदद से याद रख सकती हैं. अलार्म सैटिंग्स और एक बिल्ट-इन पेडोमीटर के साथ, यह वॉच उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो एक बेसिक स्मार्टवॉच की तलाश में हैं। एंड्रॉइड और iOS डिवाइसेस के साथ कंपेटिबल, Wachet द्वारा Generic Smartwatch अपने प्राइस के लिए बेहतरीन वैल्यू ऑफर करती है।

कैजुअल वियर स्मार्टवॉच को हल्के में न लें

Boat Lunar Peak एक फीचर-पैक्ड स्मार्टवॉच है जो एक्टिव वुमन के लिए डिजाइन की गई है। इसकी डिजाइन काफी स्लीक हैं और फीचर्स बेहद स्मार्ट. जो इसे फिटनेस फ्रीक्स का बेस्ट फ्रैंड बनाते हैं। Boat Lunar Peak के साथ, आप अपने हार्ट रेट, ब्लड ऑक्सीजन लेवल्स और नींद को ट्रैक कर सकते हैं। इसमें बिल्ट-इन GPS भी है, और आप अपने रन, हाइक और अन्य आउटडोर एक्टिविटीज को सटीकता से ट्रैक कर सकते हैं। इसके अलावा, वॉच स्मार्ट नोटिफिकेशन्स, म्यूजिक कंट्रोल और एक कस्टमाइज्ड वॉच फेस ऑफर करती है। 7 दिनों तक की बैटरी लाइफ और वॉटर रेसिस्टेंस के साथ, Boat Lunar Peak उन वुमन के लिए स्टाइलिश एक्सेसरी है जो फिटनेस और वेलनेस को प्राइयोरिटी देती हैं।

म्यूजिक की शौकीन वुमन के लिए स्मार्टवॉच

Vibez by Lifelong Ruby एक स्टाइलिश और फीचर-रिच स्मार्टवॉच है जो खास तौर से वर्किंग वुमन के लिए डिजाइन की गई है। अगर आपको औफिस जाने के लिए लंबी दूरी ट्रैवल करनी पड़ती है, तो यह आपकी तनहाई का दोस्त हो सकता है क्योंकि इसका म्यूजिक प्लेबैक को सीधे कलाई से कंट्रोल कर सकती हैं। स्मार्ट नोटिफिकेशन्स के अलावा हेल्थ और फिटनेस फीचर्स ऑफर करती है, जिसमें हार्ट रेट मॉनिटरिंग, स्लीप ट्रैकिंग और ब्लड ऑक्सीजन लेवल मॉनिटरिंग शामिल हैं। भाभी या बड़ी दीदी को गिफ्ट करने के लिए परफैक्ट है ताकि वह खाली समय में गाने सुने और अपनी हेल्थ को भी मौनिटर करती रहे

Snacks For Diabetics : ये इवनिंग स्नैक्स डायबिटीज में भी हैं फायदेमंद, जानें इसे कैसे बनाएं

डायबिटीज के मरीजों को खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए. बढ़ते शुगर के कारण कुछ खाने से पहले कई बार सोचना पड़ता है. अक्सर शाम के नाश्ते की तलब होती है, लेकिन अगर आपका ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है, तो खाने में परहेज करें. आज हम आपको इस आर्टिकल में डायबिटीज के मरीजों के लिए कुछ स्नैक्स के बारे में बताएंगे, जो आप खा सकते हैं.

भेलपुरी चाट

भेलपुरी चाट खाना हर किसी को पसंद होता है, डायबिटीज के मरीज भी इस टेस्टी नाश्ते का स्वाद ले सकते हैं. यह मुरमुरा, पापड़ी, प्याज, टमाटर, भुनी हुई चना दाल, धनिया पत्ती, नींबू का रस, सेव, इमली और पुदीने की चटनी मिक्स कर बनाई जाती हैं. आप इस चाट को घर पर आसानी से बना सकते हैं और चाय के साथ इसका लुत्फ उठा सकते हैं.

मूंगलेट

इसे पीली मूंग दाल से बनाया जाता है, इसमें प्याज़, शिमला मिर्च, मक्का और चुकंदर जैसी सब्जियां भी डाली जाती हैं. इसे बनाने के लिए पीली मूंग दाल का इस्तेमाल करके गाढ़ा और चिकना घोल तैयार करें और इसे पकाते समय कम मक्खन या तेल का इस्तेमाल करें.

घुगनी चाट

घुगनी चाट डायबिटीज के मरीजों के साथसाथ वेट लास करने वालों के लिए भी बढ़िया रेसिपी है. उबले हुए सफेद छोले से तैयार की गई घुगनी चाट में बिल्कुल भी तेल नहीं होता है. इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए कटी हुई सब्जियां और मसाले डालें और इसे खाएं.

मूंग दाल की इडली

चावल की इडली के बजाय, आप हरी मूंग दाल की इडली को सब्जियों से भरकर खा सकते हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए मूंग दाल काफी फायदेमंद होता है. इससे ब्लड शुगर का स्तर नहीं बढ़ता है.

रोस्टेड मखाना

स्नैक्स के रूप में आप रोस्टेड मखाना भी खा सकते हैं, आप इसे घर पर आसानी से बना सकते हैं, कड़ाई में कम मात्रा में घी गर्म करें, इसमें मखाना डाल दें, साथ में नमक और काली मिर्च भी डालकर चलाएं, धीमी आंच पर लगातार चलाते रहें. जब मखाने क्रिस्पी हो जाए, तो गैस बंद कर दें.

‘खेत खेत में’ और ‘अतुल्य भारत की अमूल्य निधियां’ Doordarshan लाया है दो न्यू प्रोग्राम्स

दूरदर्शन दो नए प्रोग्राम खेत खेत में और अतुल्य भारत की अमूल्य निधियां ले कर आ रहा है.  ये कार्यक्रम 6 जुलाई से प्रत्येक शनिवार और रविवार को 12:30 PM प्रसारित हो रहा है.  इस कार्यक्रम का दोबारा प्रसारण उसी दिन रात्रि 11:00 PM बजे किया जा रहा है. 

खेत खेत में

 कार्यक्रम खेत खेत में फ्रेम्स प्रोडक्शन कंपनी के साथ साझीदारी में बना एक रियलिटी शो है.  यह प्रोग्राम कंटैस्टेंट के रूप में अनुभवी किसानों के साथ-साथ प्रतिभाशाली युथ को एक मंच दे रहा है, जिसमें कंटैस्टेंट को अनुभवी किसानों की ओर से दिए गए चैलेंजेज को पूरा करना होता है.   इस प्रोग्राम में कुल 10 कंटैस्टेंट शामिल होते हैं, जो चिलचिलाती धूप में भी अपनी कठिन मेहनत करते नजर आ रहे हैं. 

 इस कार्यक्रम में इंडियन एग्रीकल्चर के बदल रहे रूप को भी दिखाया जा रहा है. गरीबी और संघर्ष की सदियों पुरानी छवि से अलग यह शो, देश के मेहनती और काबिल किसानों की कामयाबी को बखूबी दर्शाया जा रहा है.  यह कार्यक्रम भारत के युवाओं की उस सोच को भी प्रस्तुत कर रहा है जो  कृषि को व्यावहारिक व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करता है. ‘खेत खेत में’ प्रोग्राम को टेलीविजनऔर फिल्म इंडस्ट्री के फेमस एक्टर राजेश कुमार होस्ट कर रहे हैं. प्रोग्राम में एंटरटेनमेंट के साथसाथ कई नई चीजें देखने, सुनने और सीखने को मिल रही है.

अतुल्य भारत की अमूल्य निधियां

 

दूरदर्शन के पौपुलर चैनल डीडी नेशनल पर एक नया शो अतुल्य भारत की अमूल्य निधियां’’ भी टेलीकास्ट हो रही है. यह शो उन प्रोडक्ट्स पर केंद्रित है, जिन्हें भारत के विभिन्न राज्यों और स्थानों में  GI  यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग मिला है. इस शो में विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के विशषेज्ञ, किसान और उत्पादक शामिल होंगे, जो इन जीआई टैग वाले उत्पादों की जानकारी शेयर कर रहे हैं इस शो का उद्देश्य न केवल इन विशिष्ट उत्पादों की कहानी को दर्शाना है, बल्कि उन किसानों और कारीगरों की मेहनत और समर्पण को भी सम्मानित करना है, जिन्होंने इन उत्पादों को देश विदेश के कोनेकोने तक पहुंचाया हैअतुल्य भारत की अमूल्य निधियां” को  फेमस टेलीविजन एक्टर अमन वर्मा होस्ट के कर रहे हैं.   यह शो न सिर्फ दर्शकों का एंटरटैनमेंट कर रहा है, बल्कि उन्हें अपने देश की समृद्ध कृषि, हस्तशिल्प और खाद्य जैसी दूसरी विरासतों और उन अमूल्य निधियों से जोड़ने का भी काम कर रहा है, जिन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है.  

दूरदर्शन की नई पहल

दूरदर्शन, भारत सरकार की एक स्वायत्त सार्वजनिक सेवा प्रसारक है, जो प्रसार भारती के अहम प्रभागों में से एक है.  वर्षों से दूरदर्शन अपने दर्शकों को जागरुक करने और उनका मनोरंजन करने के उद्देश्य से विशिष्ठ कार्यक्रमों को प्रसारित करता आया है.  हमेशा की तरह प्रसार भारती ने आध्यात्मिक, स्वास्थ्य एवं मनोरंजन के विभिन्न कार्यक्रमों के प्रसारण से लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास किया है.  ये दोनों नए प्रोग्राम्स के माध्यम से दूरदर्शन अपने इन्हीं उद्देश्यों को पूरा करेगा. ‘खेत खेत में’ और ‘अतुल्य भारत की अमूल्य निधियां’ को दूरदर्शन ने ‘फ्रेम और कॉम्फेड प्रोडक्शन’  के सहयोग से तैयार किया है।

 

 

 

Best Comedy Web Series : वीकेंड पर लगाएं खूब ठहाके, देखें ये बेस्ट कौमेडी वेब सीरिज

Best Comedy Web Series : हम सभी जानते हैं कि हंसना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. डौक्टर भी सलाह देते हैं कि चाहे कोई भी बीमारी हो, इंसान को स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए, टेंशन लेने से मुश्किलें और भी बढ़ती हैं. व्यक्ति को हमेशा खुश रहना चाहिए, लेकिन बदलती लाइफस्टाइल के कारण लोगों के पास हंसने के लिए भी टाइम नहीं है.

आप अपनी बिजी शेडयूल से खुद के लिए जरूर टाइम निकालें. अगर आप मेंटली स्ट्रौन्ग रहेंगे, तो आपका दिन भी अच्छा जाएगा और काम में मन भी लगेगा. वीकेंड भी शुरू हो चुका है, ऐसे में आप मारधाड़, लड़ाईझगड़े वाली सीरियल देखने के बजाय कौमेडी सीरियल देखकर एंजौय कर सकते हैं, जिससे आपका वीकेंड शानदार होगा और आप बहुत ही हल्का महसूस करेंगे.

इस वीकेंड पर देखें ये बेहतरीन कौमेडी वेब सीरिज

पिचर्स

टीवीएफ पर ‘पिचर्स’ वेब सीरिज आपको मिल जाएगी. इसके दो सीजन है, इस सीरिज की रेटिग भी 4 स्टार हैं. इस सीरिज में आपको इंडियन स्टार्टअप्स की शानदार कहानी देखने को मिलेगी. सीरीज की कहानी कुछ ऐसी है, जिससे आम आदमी जुड़ा हुआ महसूस करता है. इसमें चार दोस्तों की कहानी दिखाई गई है, आपको इसमें फुल कौमेडी भी देखने को मिलेगी.

मेट्रो पार्क

यह वेब सीरीज आपको एक गुजराती परिवार के जीवन से रूबरू कराएगी, जो विदेश में जाकर बस गए है. इसमें आपको कहानी, कौमेडी, रोमांस सबकुछ देखने को मिलेगा.

कोटा फैक्ट्री

जैसा कि आप जानते हैं, भारत में हजारों स्टूडेंट्स हैं, जो हर साल कोटा शहर में कम्पटिशन की तैयारी करने के लिए जाते हैं, ताकि देश के अच्छे कालेजों में उन्हें एडमिशन मिल सकें, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस शहर में वास्तव में क्या होता है? यहां की स्टूडेंट लाइफ किस तरह से प्रभावित होती है, इस बारे में जानने के लिए ये सीरीज जरूर देखें. आपको इस सीरिज से एंटरटेनमेंट का डबल डोज मिलेगा.

परमानेंट रूममेट्स

मुकेश और तान्या एक कपल हैं, लेकिन उन्हें यकीन नहीं है कि वे एकदूसरे से शादी करना चाहते हैं या नहीं. इस कन्फ्यूजन में यह जोड़ा कई उतारचढ़ावों से गुजरता है. जो बहुत ही मजेदार और देखने लायक कौमेडी वेब सीरीज है. आपको यह भी बता दें कि यह इंडिया की पहली वेब सीरिज है, जो साल 2014 में रिलीज हुई थी. पहला सीजन हिट होने के बाद दूसरा सीजन साल 2016 में आया और तीसर सीजन 2023 में स्ट्रीम किया गया.

चाचा विधायक हैं हमारे

जाकिर खान की वेब सीरिज ‘चाचा विधायक हैं हमारे’ अमेजन प्राइम पर देख सकते हैं. आप इसे देखकर हंसी के ठहाके लगा सकते हैं. इस इस सीरिज के तीन सीजन अमेजन पर उपलब्ध हैं. इस सीरिज में आपको मजेदार ट्विस्ट देखने को मिलेंगे. इसमें आप रॉनी भैया की शानदार एक्टिंग आपका दिल जीत लेगी.

इंटरनेशनल कौमेडी वेब सीरिज

अगर आप इंडियन वेब सीरिज से बोर हो गए हैं, तो आप इंटरनेशनल कौमेडी वेब सीरिज भी देख सकते हैं. ‘सेक्स एजुकेशन’, मॉन्क, हैक्स, द ऑफिस, थैंकयू नेक्सट, यंग शेल्डन , द गेम, क्वीन ऑफ टीयर्स जैसे वेब सीरिज भी देखकर आप अपने वीकेंड को यादगार बना सकते हैं.

हंसने के फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप

  • डिप्रेशन का खतरा होता है कम.
  • अच्छी नींद आती है.
  • इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.
  • दिल की सेहत के लिए फायदेमंद.
  • कई गंभीर बीमारियों का खतरा टल जाता है.

Arbi Cutlet Recipe : मानसून में खाएं हेल्दी और स्वादिष्ट स्नैक्स, ट्राई करें ये कटलेट

Arbi Cutlet Recipe : रिमझिम बरसात के होते ही कुछ चटपटा, तीखा और स्वादिष्ट खाने का मन करने लगता है. पकौड़े,समोसे, चाट और कटलेट जैसी डिशेज मानसून में काफी पसंद की जाती हैं. बाहर इस मौसम में कुछ भी खाना हाइजीनिक नहीं होता इसलिए घर पर ही बनाने की कोशिश की जानी चाहिए. बारिश में अरबी बहुतायत से बाजार में मिलती है और अरबी से आमतौर पर विविध प्रकार की सब्जी बनाई जाती है. यह विटामिन, मिनरल्स, फाइबर से भरपूर कंद प्रजाति की एक सब्जी है जिसका प्रयोग भोजन में करना स्वास्थ्यप्रद रहता है. आज हम आपको अरबी से एक बहुत ही टेस्टी स्नैक्स बनाना बता रहे हैं जिसे आप आसानी से घर में उपलब्ध सामान से ही बना सकतीं हैं तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है-

कितने लोगों के लिए 4

बनने में लगने वाला समय 30 मिनट

मील टाइप वेज

सामग्री

उबली अरबी 500 ग्राम
बारीक कटा प्याज 1
बारीक कटी हरी मिर्च 3
दरदरा कुटी मिंट लीव्स 1/2 कप
बारीक कटा अदरक 1 छोटी गांठ
किसा गोभी 1 कप
किसी गाजर 1 कप
कटी शिमला मिर्च 1
भुने चने का पाउडर 1/2 कप
काली मिर्च पाउडर 1/4 टीस्पून
नमक स्वादानुसार
लाल मिर्च पाउडर 1/4 टीस्पून
गरम मसाला 1/4 टीस्पून
अमचूर पाउडर 1/2 टीस्पून
ब्रेड क्रम्ब्स 1 कटोरी
मैदा 1 टेबलस्पून
तेल तलने के लिए

विधि

अरबी को अच्छी तरह मैश करके उसमें तेल, ब्रेड क्रम्ब्स और मैदा को छोड़कर अन्य सभी मसाले और सब्जियां डाल दें. इसे अच्छी तरह मिक्स करें ताकि सारी सामग्री एकसार हो जाये. तैयार मिश्रण से एक छोटी लोई लेकर मनचाहे आकार में कटलेट बना लें . मैदा को एक टीस्पून पानी मे घोलकर एक पतला पेस्ट तैयार करें और तैयार कटलेट को इसमें डुबोकर ब्रेड क्रम्ब्स में लपेट लें. इसी प्रकार सारे कटलेट तैयार कर लें.अब इन्हें गर्म तेल में मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक शैलो फ्राई करके बटर पेपर पर निकाल लें. आयल फ्री अथवा जीरो आयल कबाब बनाने के लिए इन्हें माइक्रोवेब या एयर फ्रायर में 180 डिग्री पर 25 मिनट तक सेंकें. तैयार कबाब को हरी चटनी या टोमेटो सौस के साथ सर्व करें.

ब्रेन ट्यूमर का क्या उपचार है ?

सवाल

मेरे पति को ब्रेन ट्यूमर है. मैं जानना चाहती हूं कि इस के लिए कौन सा उपचार सब से बेहतर रहेगा?

जवाब

ब्रेन ट्यूमर का उपचार ट्यूमर के प्रकार, आकार और स्थिति पर निर्भर करता है. इस के साथ ही आप के संपूर्ण स्वास्थ्य और आप की प्राथमिकता का भी ध्यान रखा जाता है. अगर ट्यूमर ऐसे स्थान पर स्थित है जहां औपरेशन के द्वारा पहुंचना संभव है तो सर्जरी का विकल्प चुना जाता है. जब ट्यूमर मस्तिष्क के संवेदनशील भाग के पास स्थित होता है तो सर्जरी जोखिम भरी हो सकती है. इस स्थिति में सर्जरी के द्वारा उतना ट्यूमर निकाल दिया जाएगा जितना सुरक्षित होता है. अगर ट्यूमर के एक भाग को भी निकाल दिया जाए तो भी लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है. इस के अलावा ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए आवश्यकतानुसार कीमोथेरैपी, रैडिएशन थेरैपी, टारगेट थेरैपी और रेडियोथेरैपी का इस्तेमाल भी किया जाता है.

Irregular पीरियड्स के क्या हैं कारण

देश में 33% महिलाएं अनियमित पीरियड्स की समस्या की शिकार हैं. कभी देरी से पीरियड तो कभी समय से पहले पीरियड्स का आ जाना उन के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है, जिसके कारण उनके स्ट्रैस लेवल में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिलती है. आइए जानते हैं अनियमित पीरियड्स के लिए कौनकौन से कारण हैं जिम्मेदार:

 

स्ट्रैस बड़ा कारण: आज की भागतीदौड़ती जिंदगी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा व अपने खानपान का सही से ध्यान नहीं रखने के कारण हमारे स्ट्रैस का लेवल बढ़ने के साथसाथ शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ने लगता है. जिसमें सबसे अहम हार्मोन्स हैं प्रोजेस्टोरोन, एस्ट्रोजन जिनकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं. क्योंकि स्टै्रस से इनका स्तर गिरता है, जबकि प्रोजेस्टोरोन का बढ़ता स्तर ही पीरियड्स को रेगुलर करने का काम करता  है. इसी हार्मोन की वजह से यूटरस की लाइनिंग थिक होकर आपका यूटरस प्रैगनैंसी के लिए तैयार होता है. और इसमें गड़बड़ी बिलकुल ठीक नहीं है.

पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम: पीसीओडी ये नाम तो आपने सुना ही होगा. क्योंकि ये समस्या आजकल हर दूसरी महिला को है. इसकी वजह से न सिर्फ पीरियड्स अनियमित होते हैं बल्कि पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द के साथ इनफर्टिलिटी की समस्या भी हो जाती है. यहां तक कि वजन में तेजी से बढ़ोतरी होने के साथसाथ चेहरे पर अनचाहे बाल उग आते हैं, जो कोन्फिडेन्स को भी कम करने का काम करते हैं.

फाइब्रोइड: ये अकसर यूटरस की लाइनिंग के बाहर या अंदर होता है. ये जरूरी नहीं कि हर फाइब्रोइड आगे चलकर  कैंसर ही बने, लेकिन अगर आपके पीरियड्स देरी से आते हैं, पीरियड्स के दौरान काफी दर्द महसूस हो, खून की भी कमी हो, सैक्स के दौरान या पीरियड्स आने से पहले निचले हिस्से में काफी दर्द हो तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं, क्योंकि इसका कारण फाइब्रोइड हो सकता है. जिसे समय पर इलाज से कंट्रोल किया जा सकता है.

एंडोमेट्रिओसिस: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें टिशू आमतौर पर गर्भाशय में नहीं बल्कि गर्भाशय से बाहर बढ़ते हैं. इसके कारण पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग, कमर दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द होने के साथ पीरियड्स सर्किल सामान्य नहीं होता है. साथ ही समय पर इलाज नहीं होने पर ये बांझपन का भी कारण बन जाता है.

थाइरोइड की शिकायत: अधिकांश उन महिलाओं में पीरियड्स अनियमित होने की शिकायत देखी गई है, जिन्हें थाइरोइड की शिकायत होती है. इस स्थिति में पीरियड्स समय पर नहीं होना, वजन में बढ़ोतरी की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है.

ज्यादा वजन होना: ज्यादा वजन होने से हार्मोन्स में गड़बड़ी होने व इन्सुलिन के लेवल पर प्रभाव पड़ता है. यह पीरियड्स सर्किल को बिगाड़ने का काम करता है.

क्या है उपचार

अगर आपका पीरियड्स सर्किल 2-3 महीने से गड़बड़ाया हुआ है तो डाक्टर होर्मोन्स संबंधित कुछ जरूरी टेस्ट करवाते हैं.

फाइब्रोइड, सिस्ट का पता लगाने के लिए पेल्विक अल्ट्रासाउंड करवाया जाता है.

एंडोमेट्रिल बायोप्सी के जरीए यूटरस की लाइनिंग से टिशू को लेकर अनियमित सेल्स व एंडोमेट्रिओसिस के बारे में पता लगाया जाता है.

डाक्टर सारी रिपोर्ट्स व नतीजों के बाद जरूरत होने पर हार्मोनल थेरैपी, सर्जरी करवाने की सलाह, पीरियड्स रेगुलर करने वाली मेडिसिन्स देते हैं.

इन्हें शामिल करें अपनी डाइट में

पपीते में कैरोटीन नामक तत्त्व होता है, जो एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल को ठीक करके आपके पीरियड सर्किल को ठीक करने का काम करता  है.

हलदी में एंटीइंफ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होने के कारण ये हार्मोन्स को बैलेंस में करने के साथसाथ पीरियड्स के दर्द से भी राहत दिलवाने का काम करती है.

चुकुंदर में फोलिक एसिड व आयरन होने के कारण ये हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाकर अनियमित पीरियड्स की प्रौब्लम को ठीक करता है.

मौडल की तरह चाहती हैं दिखना, तो ऐसे करें मेकअप

‘‘भारतीय महिलाएं बेहद सौम्य और सुंदर होती हैं. उन के नैननक्ष बेहद सजीले होते हैं,’’ यह कहना है स्वीडन के मेकअप कलाकार योसन रैमल का.

योसन का मानना है कि एक बढि़या तरीके से दुलहन का शृंगार जिस में ग्लिटर हो और साथ ही मटैलिक, हरे और भूरे रंग हों वह इस मौसम में बहुत प्रभावशील लगता है. इस के अलावा पारंपरिक लाल और सुनहरे रंग तो दुनियाभर में छाए ही रहते हैं. उन्होंने भौंहों को खास आकार देना और आंखों को सम्मोहक बनाने के तरीके बताए. उन्होंने बताया कि इस समय मटमैले और भूरे रंग का भी अधिक इस्तेमाल होगा.

मौडल का मेकअप करते समय फाउंडेशन हमेशा चीकबोंस से लगाना शुरू करें. इस के बाद ब्लशर के ब्रश को माथे से शुरू करते हुए ठोड़ी तक ला कर छोड़ें यानी ब्रश को माथे से ठोड़ी तक नंबर-3 के आकार में ला कर खत्म करें. दुलहन का मेकअप करते समय आंखों के मेकअप पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. सब से पहले व्हाइट आईशैडो ले कर आंखों के दोनों कोनों में लगाएं. इस से आंखें स्मोकी लगती हैं.

ड्रैस से मैच करता आईशैडो

अब आधी आंखों पर व्हाइट और बाकी पर गोल्डन आईर्शैडो लगाएं. मेकअप अधिक समय तक टिका रहे इस के लिए उसे अच्छी तरह फैलाएं. गोल्डन आईशैडो को भौंहों के नीचे से शुरू करते हुए गोल्डन में मर्ज कर दें. दुलहन की डै्रस से मैच करता आईशैडो इस्तेमाल करा जा सकता है.

काजल पैंसिल से आंखों के अंदर की तरफ और ऊपर की तरफ काजल लगाएं. इस के बाद आइलाइनर लगाएं. मसकारा लगाते समय ध्यान रखें कि 3 ऐंगल्स से लगाना चाहिए ताकि मसकारा लगाने के बाद ऊपर और नीचे की पलकें आपस में मिलने के बाद मसकारा फैले नहीं.

इस के लिए आप को मसकारा पैंसिल को पलकों को 3 भागों में बांट कर 3 दिशाओं में घुमाते हुए लगाना होगा. सब से पहले ऊपर की पलकों में आंखों के कोनों की तरफ की पलकों पर पैंसिल को नाक की ओर घुमाते हुए लगाएं.

इस के बाद बीच की पलकों पर ऊपर की ओर पैंसिंल को घुमाते और बाकी बची पलकों पर पेंसिल को बाहर की ओर घुमाते हुए मसकारा लगाएं.

होंठों का मेकअप

होंठों का मेकअप करते समय ध्यान रखें कि लिपस्टिक हमेशा निचले होंठ पर लगाएं. लिपस्टिक अधिक समय तक टिकी रहे इस के लिए लिपस्टिक लगाने के बाद उस पर पाउडर शाइन लगा दें. लिपस्टिक लगाने से पहले होंठों पर लिपबाम लगा लें. इस से लिपस्टिक अच्छी तरह फैलती है. अंत में एक खूबसूरत बिंदी दुलहन की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है.                 –

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