बालों और त्वचा के लिए वरदान है जोजोबा का तेल

जोजोबा का तेल त्वचा को पोषित करने के साथ ही बालों को भी मजबूत, घना व स्वस्थ रखता है. इसका इस्तेमाल त्वचा और बालों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में कारगर है. आइए जानते हैं जोजोबा तेल लगाने के फायदे.

हटाए दाग-धब्बे

जोजोबा का तेल मुंहासों को नियंत्रित करता है, इसके इस्तेमाल से मुंहासे नहीं होते हैं और दाग-धब्बे भी दूर हो जाते हैं.

त्वचा के लिए लाभदायक

यह त्वचा को नमी प्रदान करता है. यह अन्य तेलों की तुलना में हल्का होता है और त्वचा में गहराई से समा जाता है. यह त्वचा को मुलायम बनाता है और चमक लाता है. यह त्वचा को जवां बनाता है और उसमें कसाव ले आता है. यह सनबर्न को दूर करने के साथ ही जलन और खुजली भी दूर करता है.

बालों का रूखापन करे दूर

गर्मियों में बाल अक्सर उलझ जाते हैं और रूखे व बेजान हो जाते हैं. जोजोबा का तेल पसीने व अनचाही नमी को ब्लॉक कर बालों का रूखापन दूर करता है और उन्हें मुलायम बनाता है. वहीं यह स्कैल्प को नमी प्रदान करता है, जो अक्सर हानिकारक रसायन युक्त शैम्पू के इस्तेमाल से स्कैल्प से निकल जाता है.

चेहरे की नमी रखे बरकरार

जोजोबा का तेल विटामिन ई और बी युक्त होने के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स से समृद्ध होता है, जो त्वचा को पोषण और सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही नमी भी बरकरार रखता है. जोजोबा के तेल में उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व होते हैं. जोजोबा तेजी से कोशिकाओं को रिजेनरेट करता है.

शारीरिक और मानसिक थकान को करे दूर

जोजोबा तेल खासकर लैवेंडर जोजोबा तेल खुशबूदार फूलों की महक से समृद्ध होने के साथ ही सुकून का अहसास कराता है. यह शारीरिक और मानसिक थकान को दूर करता है, अगर तकिए पर इस तेल की कुछ बूंदें डाल दी जाए तो अच्छी नींद आती है.

सर्जरी से सुंदरता: फायदा या नुकसान

‘‘चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो, जो भी हो खुदा की कसम लाजवाब हो…’’ अब यह हुस्न की लाजवाबी जब प्राकृतिक न हो कर आर्टिफिशियल यानी प्लास्टिक सर्जन की बदौलत हो तो भी कोई मलाल नहीं. हर युवती की चाह होती है कि उस के हुस्न का जादू हर किसी के सिर चढ़ कर बोले.

अगर चेहरे पर नाक तीखी हो, होंठ सैक्सी हों, गालों में अगर डिंपल्स हों, भौंहें धनुषाकार हों तो आप को देख कर आह भर उठेगा. कुल मिला कर नख से शिखर तक 100% ब्यूटी का लेबल आप ही के नाम हो सकता है. अगर कुछ ठीक नहीं है तो उसे भी मनमुताबिक कराया जा सकता है क्योंकि प्लास्टिक सर्जन के पास हर चीज का इलाज जो है.

मौडल, फिल्म कलाकारों के लिए तो प्लास्टिक सर्जरी एक ऐसा रामबाण बन गया है कि सालोंसाल आप के हुस्न का जादू बरकरार रहेगा. मगर हर महिला के मन में प्लास्टिक सर्जरी के विषय में कई प्रश्न घूमते हैं कि क्या यह हर एक के बस की बात है? खर्च कितना आता है? कहां करवानी चाहिए? इस के क्या साइड इफैक्ट्स होंगे? एक बार करवाने के बाद क्या इस हिस्से की प्लास्टिक सर्जरी दोबारा करवाने की भी जरूरत पड़ती है? एक कुशल प्लास्टिक सर्जन की क्या पहचान होती है? सर्जरी के बाद कैसी सावधानियां बरतने की जरूरत पड़ती है?

इन तमाम प्रश्नों के उत्तरों के लिए प्रीतम पुरा, दिल्ली स्थित ऐप्पलस्किन कौस्मैटिक ऐंड लेजर क्लीनिक की डयूमैटोलौजिस्ट डा. दीप्ति धवन से बात की. पेश हैं, उसी बातचीत के मुख्य अंश:

नोज सर्जरी करवाने का क्या उद्देश्य होता है किसकिस टाइप की नोज सर्जरी होती है और क्या यह 100% सेफ है?

नोज सर्जरी करवाने का उद्देश्य आमतौर पर यह होता है कि नोज को सही आकार दिया जा सके. इस के द्वारा हम बोन को सही शेप दे सकते हैं. अगर किसी की तोता आकार की नाक है तो हम उसे नोज सर्जरी के द्वारा उठा भी सकते हैं, जिस से पर्सनैलिटी में ग्रेस आने के साथसाथ कौन्फिडैंस भी बढ़ता है. इस में न तो ब्लड टैस्ट करवाने की जरूरत पड़ती है और न ही ऐनेस्थीसिया देने का ?ां?ाट. अगर किसी को सर्जरी का नाम सुन कर ज्यादा घबराहट होती है तो सिर्फ उस के कहने पर ही उसे ऐनेस्थीसिया देते हैं और वह भी सिर्फ नोज पोर्शन पर.

इस सर्जरी को करने में ज्यादा टाइम भी नहीं लगता. सिर्फ 30-40 मिनट में पूरा प्रोसीजर कंप्लीट हो जाता है. रिजल्ट के लिए भी लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता. सर्जरी के बाद अपनी नोज की शेप में तुरंत बदलाव देख सकते हैं.

इस सर्जरी का कोई साइड इफैक्ट नहीं होता और न ही खानपान में कोई परहेज, जो मन करे खाएं. बस, सर्जरी के बाद 7-8 दिनों तक उलटा नहीं लेटना होता है. 2-3 दिनों तक नोज पोर्शन पर हाथ नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इस से इन्फैक्शन का डर रहता है.

क्या नोज सर्जरी में किसी ऐक्ट्रैस या मौडल को कौपी किया जाता है?

अधिकांश युवतियां अपने माइंड में किसी ऐक्ट्रैस या मौडल की इमेज ले कर आती हैं कि हमें इस ऐक्ट्रैस जैसी नोज चाहिए, इस मौडल जैसे लिप्स चाहिए. मगर किसी के फेस के फीचर्स को कौपी कर के हम आप को अच्छा लुक दे सकते.

आज अधिकांश युवतियां प्रियंका चोपड़ा को कौपी करने की बात करती हैं. तब उन से कहा जाता है कि आप के फेस के अनुपात में ही आप की नाक की शेप हो ताकि आप का फेस भद्दा न लगे.

आजकल गर्ल्स में परमानैंट आईब्रोज का काफी क्रेज है? आप आईब्रोज सर्जरी के बारे में डिटेल में बताएं?

परमानैंट आईब्रोज करने के लिए 3 तरीकों का प्रयोग किया जाता है जो इस प्रकार हैं:

सेमीपरमानैंट टैटू: इस में एक मशीन का यूज किया जाता है जिस में नीडल और डाई होती है. जिन युवतियों की आईब्रोज लाइट होती हैं या फिर ज्यादा गैप होता है उन्हें इस मशीन से डार्क और फिल करने की कोशिश की जाती है.

लेजर से: लेजर प्रक्रिया से जिन युवतियों के सैंटर में ज्यादा हेयर होते हैं उन्हें हटाया जाता है.

बीटोक्स: यह इंजैक्शन होता है जो आईब्रोज के अराउंड लगाया जाता है. यह आईब्रो को उठाने व शेप देने के लिए प्रयोग किया जाता है. मौडल्स, ऐक्ट्रैस इस का प्रयोग आईब्रोज को शेप देने के लिए करवाती हैं.

इस में रिजल्ट भी जल्दी मिलता है और इसे कितनी भी बार आईब्रोज पर अप्लाई करवा सकती हैं. इस का कोई साइड इफैक्ट भी नहीं होता.

आर्टिफिशियल ब्यूटी से क्या सच में नैचुरल लुक मिल सकता है?

बिलकुल आर्टिफिशियल ब्यूटी से नैचुरल लुक दे कर खूबसूरती में चार चांद लगाए जा सकते हैं. नैचुरल लुक देने के लिए हम हर चीज ओवर यानी ज्यादा नहीं करते. हम अंडरडू करने की ही कोशिश करते हैं ताकि उस में बाद में सुधार की गुंजाइश रहे क्योंकि अगर हम पहले ही ओवर कर देंगे तो उस में थोड़ेबहुत अपडाउन की भी गुंजाइश नहीं रहेगी, जिस से नैचुरल लुक नहीं मिल पाएगा. नैचुरल लुक आप तभी दे पाएंगे जब आप फेस के अनुपात को ध्यान में रखेंगे.

आप को नहीं लगता कि अनुष्का शर्मा की स्माइल पहले ज्यादा अच्छी थी, लेकिन जब से उन्होंने लिप्स की सर्जरी करवाई है तब से उन के लिप्स की क्यूटनैस के साथसाथ स्माइल पर भी इफैक्ट पड़ा?

उन की स्माइल पर इफैक्ट इसलिए पड़ा क्योंकि उनके फेस को देखते हुए लिप्स को शेप नहीं दी गई. उन का फेस छोटा है और उस पर बड़े लिप्स कर दिए गए जिस से उन का फेस भद्दा लगने लगा. लिप्स का साइज बड़ा होने से उन की क्यूटनैस भी खत्म हो गई है. अगर औलओवर फेस को देख कर लिप्स को शेप दी जाती तो शायद ऐसा परिणाम सामने नहीं आता.

स्मोकर्स लाइंस और फोरहैड लाइंस की सर्जरी करते समय किन बातों का खासतौर पर ध्यान रखा जाता है?

स्मोकर्स लाइंस उन्हें कहते हैं जो लिप्स के ऊपर पड़ती हैं. इस का एक कारण स्मोकिंग ज्यादा करना भी होता है. ये दिखने में अच्छी नहीं लगतीं. इन्हें हटाने के लिए हम बोटोक्स और फिलर का यूज करते हैं. स्मोकर्स लाइंस ठीक करने के लिए जो बोटोक्स इंजैक्शन दिया जाता है वह 6 महीने तक चल जाता है. उस के बाद दोबारा उस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं. बोटोक्स का इंजैक्शन मसल्स में लगाया जाता है. अगर इंजैक्शन लिप्स पर गलत ढंग से लगाया जाए तो बोलने, खानेपीने में दिक्कत आ सकती है. इस के लिए हम फिलर भी यूज करते हैं जो साल डेढ़ साल तक चल जाता है.

ठीक उसी तरह फोरहैड पर जो ?ार्रियां पड़ जाती हैं, डीप लाइंस दिखने लगती हैं उन के लिए हम बोटोक्स का यूज करना ही सही सम?ाते हैं क्योंकि उस से बैस्ट रिजल्ट मिलता है. हमें इस दौरान बिलकुल रोजन लुक देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस से फेस पर चालाकी वाले ऐक्सप्रैशन आने लगते हैं. लुक ऐसा देना चाहिए जिस से फेस ऐक्सप्रैशन जीरो न लगे.

क्या आप इस बात से सहमत हैं कि जो ब्यूटी आप को बाई बर्थ नहीं मिलती उसे डाक्टर्स सर्जरी के द्वारा दे सकते हैं?

जो ब्यूटी बाई बर्थ नहीं मिलती उसे डाक्टर्स सर्जरी के द्वारा दे सकते हैं और हों भी क्यों न जब कमियों को सर्जरी के द्वारा छिपाया जा सकता है. फिर क्यों सर्जरी करवाने में पीछे रहा जाए.

आज यंगस्टर्स में खुद के लुक को इंप्रूव करवाने वाली सर्जरी के प्रति ज्यादा क्रेज है क्योंकि आप जब तक प्रेजैंटेबल नहीं दिखेंगी तब तक सामने वाले को प्रभावित नहीं कर पाएंगी. कैरियर व इंटरव्यू के नजरिए से अगर आज देखा जाए तो सर्जरी करवाना जरूरी हो गया है.

यंगस्टर्स में इस के प्रति अवेयरनैस बढ़ी है. तभी तो वे इंटरव्यू से पहले इस तरह की सर्जरी को करवाना सही समझते हैं ताकि अपने लुक से फर्स्ट टाइम में ही इंप्रैशन जमा सकें.

पहले इतनी ऐडवांस तकनीक नहीं होती थी, जिस के कारण हमें मजबूरीवश कमियों को स्वीकार करना पड़ता था, लेकिन जब आज हमारे सामने ढेरों औप्शंस व सुविधाएं हैं तो फिर हम क्यों न उस का फायदा उठाएं ताकि कोई भी आप का लुक देख आप पर मर मिटे. हर किसी की तमन्ना भी आखिर यही होती है.

फेस के इन पार्ट पर की जाने वाली सर्जरी करते समय किस तकनीक का प्रयोग हैं:

फोरहैड: फोरहैड पर पड़ने वाली लाइंस को हटाने के लिए फिलर्स का यूज किया जाता है.

ओवर पड़ने वाली ऐक्सप्रैशन लाइंस को हटाने के लिए बोटोक्स का यूज किया जाता है.

नोज को शेप देने के लिए फिलर का यूज करना ही बैस्ट औप्शन है.

चीक्स टियर थौट को फिल करने के लिए ऐजिंग को कम करने के लिए फिलर्स का प्रयोग किया जाता है.

नोज फिट: जब  हम स्माइल करते हैं तो आंखों के  चारों ओर जो लाइनें पड़ती हैं उन्हें बोटोक्स द्वारा ही हटाया जाता है.

आई बैग्स: आंखों के नीचे हलकी सूजन या फिर जो उभरापन सा दिखता है उसे सर्जरी के द्वारा ही ठीक किया जाता है.

लिप्स: लिप्स को सही आकार में लाने यानी लिप शेपिंग के लिए फिलर्स का प्रयोग किया जाता है.

चिन: चिन छोटी है या फिर डबल चिन है तो उस के फैट को कम करने के लिए फिलर और बोटोक्स यूज किया जाता है.

क्या बिलकुल ब्लैक फेस को भी सर्जरी से फेयर बनाया जा सकता है इस सर्जरी का क्या नाम है तथा इस का क्या भविष्य में कोई साइड इफैक्ट पड़ता है?

ब्लैक फेस को 3 प्रक्रियाओं के द्वारा क्लीयर करने की कोशिश की जाती है जो इस प्रकार हैं:

आईवी इंजैक्शन: फेयर बनाने के लिए हम आईवी इंजैक्शन का प्रयोग करते हैं. इस के जरीए हम स्किन की 2-3 टोन ही अप करने की कोशिश करते हैं. यह ट्रीटमैंट सेमी परमानैंट रहता है. जब तक इंजैक्शन लगवाएंगे तब तक असर दिखेगा. इसे आप 3 से 6 महीनों में रिपीट करा कर अपनी स्किन को मैंटेन कर के रख सकती हैं.

स्किन लाइटनिंग: इस से स्किन का टैक्स्चर कोमल हो जाता है.

मैडिफेशियल: इस से स्किन का टैक्स्चर इंप्रूव होता है.

ड्राई और पपड़ीदार स्किन से परेशान हो गई हूं, मैं क्या करुं?

सवाल-

वसंत ऋतु शुरू होते ही मेरी स्किन रूखी, पपड़ीदार हो जाती है और उस पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं. इस समस्या को दूर करने का उपाय बताएं?

जवाब-

वसंत ऋतु में ऐलर्जी की समस्या बढ़ जाती है. इस मौसम में सैंसिटिव स्किन में नमी की कमी की वजह से लाल चकत्ते भी पड़ जाते हैं. चकत्ते होने पर आप साबुन की जगह सुबहशाम अल्कोहल फ्री क्लींजर का उपयोग करें.

इसी तरह घरेलू आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर स्किन पर तिल के तेल की मालिश कर सकती हैं. मलाई में कुछ शहद की बूंदें मिला कर उसे त्वचा पर लगा कर 10-15 मिनट तक लगा रहने दीजिए. फिर इसे फ्रैश वाटर  से धो लें. यह ट्रीटमैंट सामान्य तथा ड्राई दोनों प्रकार की स्किन के लिए उपयोगी है.

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युवतियां सुंदर दिखने के लिए कई सारे कौस्मेटिक्स और मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं. ये प्रोडक्ट्स हालांकि सुंदरता बढ़ाते हैं लेकिन त्वचा के लिहाज से ज्यादातर उत्पाद सुरक्षित नहीं होते हैं. इन में कई प्रकार के हानिकारक रसायन होते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसी युवतियों, जो नियमित मेकअप का इस्तेमाल करती हैं, को मेकअप के कई हानिकारक प्रभावों का सामना करना पड़ता है. कौस्मेटिक्स के अत्यधिक प्रयोग से त्वचा में जलन, धब्बे, मुंहासों और बैक्टीरिया के फैलने की समस्या आम है.

इस्तेमाल मेकअप प्रोडक्ट्स का फेसक्रीम : सभी फेसक्रीम, जिनमें मौइश्चराइजर क्रीम, फाउंडेशन क्रीम आदि शामिल होती हैं, इसमे कई बेसिक इंग्रीडिएंट्स समान होते हैं, जैसे पेटोलैटम, प्रिजर्वेटिव्स, इमलसिफायर, पशु वसा, बीवैक्स, लैनोलिन, प्रोपलीन ग्लायकोल और खुशबू. रसायनयुक्त क्रीम से चेहरे, गरदन, पलकों और हाथों पर एलर्जी हो सकती है. अगर खुजली महसूस होती है, त्वचा पर चकते हो जाते हैं या वह लाल हो जाती है तो समझ जाइए कि आप को क्रीम से एलर्जी हो रही है. ऐसे में तुरंत डाक्टर को दिखाएं.

  • लिपस्टिक : लिपस्टिक का इस्तेमाल करने से कुछ महिलाओं के होंठों पर दरारें पड़ जाती हैं और पपड़ी आ जाती है. कुछ के होंठ काले भी हो जाते हैं. लिपस्टिक में लैनोलिन, खुशबू, कोलोफोनी, सनस्क्रीन और एंटीऔक्सीडैंट्स होते हैं, जिन से एलर्जी हो सकती है. इसलिए हमेशा अच्छे ब्रैंड की लिपस्टिक खरीदें.

लाल लिपस्टिक में लेड बड़ी मात्रा में पाया जाता है जो खानेपीने के साथ अंदर चला जाता है. लिपस्टिक में पाया जाने वाला मिनरल औयल त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर देता है. इस से त्वचा की कोशिकाओं का विकास और उन की उचित कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

गर्मियों में पिंपल की प्रौब्लम से छुटकारा पाने का इलाज बताएं?

सवाल-

गर्मियों की शुरुआत होते ही हमारी स्किन पर पिंपल्स की प्रौब्लम शुरू हो जाती है. ये पिम्पल्स न तो दिखने में अच्छे लगते हैं और साथ ही इन्हें छूने पर पेन भी काफी महसूस होता है. कृपया इसका कोई सोलूशन बताएं?

जवाब-

असल में समर्स में तेल पैदा करने वाली सीबासोउस ग्लैंड्स त्वचा के छिद्रों के बंद होने के कारण अति सक्रिय हो जाते हैं. जिससे इन पोर्स में तेल के जमा होने के कारण मुंहासों की समस्या पैदा होनी शुरू हो जाती है. वैसे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली इन फॉरेन तत्वों से छुटकारा पाने की कोशिश करती है, जो जलन, सूजन का कारण बनती है. वहीं कई बार होर्मोन्स के लेवल में अचानक वृद्वि होने से भी सीबम का उत्पादन उत्तेजित होता है. जिससे पोर्स बंद होने से त्वचा में सूजन की समस्या आ जाती है. जो  सीबासोउस ग्लैंड्स को ज्यादा एक्टिवेट करते हैं , जो सीबम का ज्यादा उत्पादन करता है, और मुंहासों का कारण बनता है. ऐसे में जरूरी है कि सही समय पर ट्रीटमेंट लेने की. तो आइए जानते हैं इस संबंध में ब्यूटी एक्सपर्ट नमिता से….

लाइफस्टाइल में बदलाव 

बहुत सी महिलाओं को बहुत माइल्ड मुंहासे की समस्या का सामना करना पड़ता है. और ये प्रोब्लम अकसर उन्हें आयल के कारण होती है. ऐसे में जरूरी है माइल्ड पिंपल्स से बचने के लिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की. इसके लिए ज्यादा ऑयली फूड से दूरी बनाने के साथसाथ समर्स में अपने चेहरे पर भी आयल को जमा न होने दें. इसके लिए चेहरे को फेसवाश से धोने के साथसाथ हर 3 – 4 घंटे में सादे पानी से फेस को क्लीन करना न भूलें. ताकि चेहरे पर ग्रीसी इफेक्ट खत्म होने के साथ इसके कारण हमारे पोर्स ब्लौक न हो. कोशिश करें कि अपनी स्किन को सोफ्ट क्लींज़र से क्लीन करें और कभी भी चेहरे पर हार्श तरीके से स्क्रबिंग न करें. क्योंकि इससे मुंहासों की स्थिति और खराब हो सकती है. साथ ही आप फ्रैग्रैंस वाले लोशन व आयल बेस्ड मेकअप अवोइड करें. और ऐसे मॉइस्चराइजर व सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें, जिस पर  नोनकोमेडिक लिखा हो, क्योंकि ऐसे प्रोडक्ट्स पोर्स को क्लोग नहीं करते हैं.

जब हो स्थिति गंभीर 

सनएक्सपोज़र से बचें 

जब चेहरे पर एक्ने की स्तिथि बहुत गंभीर होती है, तो थोड़ा सा सन एक्सपोज़र भी एक्ने प्रोन स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप जितना संभव हो सके सनएक्सपोज़र से बचें. और अगर निकलना भी पड़े तो आप स्किन को सूट करने वाला सनस्क्रीन लगाएं व अपने चेहरे व हाथ को सोफ्ट कॉटन के कपड़े से कवर करके निकलें. इससे काफी हद तक आप अपनी स्किन का बचाव कर सकते हैं.

यूज़ रेटिनोइड्स क्रीम्स 

अगर आपके मुंहासे काफी उबरे हुए हैं और उनमें सूजन व जलन भी काफी है तो आप रेटिनोल्स एक्ने क्रीम्स, जैल , लोशन्स का इस्तेमाल करें. क्योंकि ये न्यू सेल्स को तेजी से बनाने का काम करते हैं , जिससे डेड स्किन सेल्स पोर्स को क्लोग नहीं कर पाते हैं. इनमें एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रोपर्टीज होती हैं. जिसके कारण ये दागधब्बों को भी कम करने में मददगार है. साथ ही मुंहासों के कारण स्किन में जो डलनेस देखने को मिलती है , उसमें भी कमी आती है. यानी ये स्किन पिगमेंटेशन को कम करने में मददगार है.

टॉक टू डर्मटोलोजिस्ट 

अगर आपको एक्ने में बेहद दर्द व सूजन महसूस हो रही है तो बिना कोई देरी किए तुरंत डर्मटोलोजिस्ट को दिखाएं , ताकि सही समय पर सही ट्रीटमेंट मिलने से स्तिथि को बिगड़ने से रोका जा सके.

केमिकल पील 

ये एक ऐसा ट्रीटमेंट है, जो पिंपल्स व इसके कारण चेहरे पर होने वाले दागधब्बों को खत्म करके आपको बहुत कम समय में क्लियर स्किन देने का काम करता है. इसके माध्यम से कुछ खास तरह के केमिकल्स का उपयोग करके त्वचा की ऊपरी परत को हटाया जाता है. जिससे स्किन में नई जान आने के साथ स्किन फिर से खिल उठती है. ये हमेशा एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें. क्योंकि घर पर इसे करने से स्किन पर एलर्जी जैसी समस्या भी हो सकती है. ये कम समय में अमेजिंग रिजल्ट देता है.

डेप्सोल जैल 

पेनफुल पिंपल्स की स्थिति में डर्मटोलोजिस्ट भी इस जैल को लगाने की सलाह देते हैं. क्योंकि इस जैल में है एंटीमाइक्रोबियल व एंटीबैक्टीरियल प्रोपर्टीज. ये पिंपल्स को ट्रीट करने के साथ ब्लैकहेड्स , वाइटहेड्स की समस्या को भी दूर करने का काम करते हैं. लेकिन इस बात का खास तौर पर ध्यान देने की जरूरत होती है कि बेहतर रिजल्ट के चक्कर में इसकी ज्यादा क्वांटिटी न लगाएं वरना स्किन के ड्राई होने के चांसेस ज्यादा रहते हैं.

बेंज़ोइल पेरोऑक्साइड 

ये एंटीबैक्टीरियल  इंग्रीडिएंट होने के कारण एक्ने बैक्टीरिया को नष्ट करने का काम करता है, जो ब्रेअकाउट्स का कारण बनते हैं. लेकिन इस इंग्रीडिएंट युक्त क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले पैक पर चेक जरूर करें कि इसमें 2 पर्सेंट से अधिक बेंज़ोइल पेरोऑक्साइड न हो, वरना ये सेंसिटिव स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है. इस तरह आप एक्ने की प्रोब्लम से निजात पा सकते हैं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

थ्रैडिंग करवाने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

किसी चेहरे पर मोटी आईब्रोज फबती हैं, तो किसी पर करीने से खींची गई 2 लकीरें. ध्यान रहे कि अगर आईब्रोज चेहरे के अनुरूप नहीं हैं तो वे आप को लोगों के बीच हंसी का पात्र भी बना सकती हैं. इन्हें सही शेप देने के लिए प्लकर या थ्रैड का प्रयोग अहम है. आईब्रोज की शेप बहुत हद तक चेहरे की बनावट पर निर्भर करती है. अत: अगली बार जब भी ब्यूटीपार्लर में थ्रैडिंग के लिए जाएं तो कुछ बातों का खास खयाल रखें:

लंबा चेहरा:

लंबे चेहरे वाली महिलाओं को आईब्रोज की लंबाई कम नहीं करवानी चाहिए. साथ ही उन का उभार आईबोन के करीब ही रखवाना चाहिए. ऐसा करने से चेहरे की लंबाई कम दिखती है. ऐसे चेहरे पर सीधी, बादाम के आकार की और अंडाकार शेप अच्छी लगती है.

गोल चेहरा:

गोल चेहरे पर आईब्रोज का उभार आईबोन से थोड़ा ऊपर होना चाहिए. ऐसा करने से चेहरा भराभरा नहीं लगता है. चेहरे की ऐसी बनावट पर धनुषाकार आईब्रोज अधिक फबती हैं.

अंडाकार चेहरा:

चेहरे की यह बनावट हर लिहाज से बैस्ट मानी जाती है यानी ऐसे चेहरे पर हर तरह की आईब्रोज शेप, हेयर कट और मेकअप जंचता है. जहां तक बात आईब्रोज शेप की है, तो इस बनावट पर अंडाकार शेप आईब्रोज चेहरे को आकर्षक बनाती हैं.

चौकोर चेहरा:

चेहरे की ऐसी बनावट वाली महिलाओं को आईब्रोज की राउंड या धनुषाकार शेप करवानी चाहिए. ये शेप उन्हें सौफ्ट लुक देती है.

छोटा चेहरा:

ऐसे चेहरे की बनावट वाली महिलाओं को दोनों आईब्रोज के बीच में सामान्य से ज्यादा दूरी करवानी चाहिए. इस के अलावा अगर नाक लंबी है, तो आईब्रोज को आईबोन से अधिक ऊपर नहीं बनवाना चाहिए अन्यथा बड़ी आंखें भी छोटी दिखती हैं. यदि आंखें बड़ी हैं, तो आईब्रोज पतली बनवाएं और अगर आंखें छोटी हैं, तो आईब्रोज मोटी व लंबी बनवाएं.

संवारिए स्वयं भी

यदि नियमित थ्रैडिंग करवाना संभव नहीं है, तो ऐसे में आप इन्हें स्वयं सप्ताह में 1 बार प्लकर से शेप दे सकती हैं, लेकिन इस के लिए ब्यूटी पार्लर से आईब्रोज को शेप दिलवाना बहुत जरूरी है अन्यथा एक आईब्रो मोटी हो जाएगी, तो दूसरी पतली.

प्लकिंग के लिए जरूरी है-

  1. आईब्रोज को शेप हमेशा दिन की रोशनी में ही दें.
  2. जहां से बाल उगते हैं केवल वहीं से ऐक्स्ट्रा बालों को निकालें.
  3. दोनों आईब्रोज के बीच उचित अंतर रखें.
  4. प्लकिंग हमेशा शांत मन से करें.
  5. प्लकिंग से पहले दोनों आईब्रोज पर पाउडर लगाएं. ऐसा करने से छोटेछोटे ऐक्स्ट्रा बाल भी नजर आ जाते हैं और दर्द भी नहीं होता है.
  6. शेप देने से पहले और अंत में आईब्रोज को बारीक दांत वाली कंघी से अवश्य एकसार करें.

दक्षता के अलावा अहम यह भी

  1. आईब्रोज को नियमित शेप देना जरूरी है, लेकिन इस के लिए हाथों का दक्ष होना भी बेहद जरूरी है. आप भी इस में दक्ष हो सकती हैं इन बेसिक बातों को जान कर:
  2. आईब्रोज की ट्रिमिंग के लिए कभी भी हेयर रिमूवर या रेजर का प्रयोग न करें.
  3. अगर आईब्रोज पतली हों, तो आईब्रो पैंसिल का इस्तेमाल करें, लेकिन चेहरे की रंगत के अनुरूप ही.
  4. प्लकिंग हमेशा थ्रैडिंग करवाने के 1 सप्ताह बाद ही शुरू कर देनी चाहिए.
  5. आईपैंसिल से दोनों आईब्रोज पर रेखा खींच लें. इस के बाद शीशे में देखें कि रेखा के ऊपर व नीचे कितने अनावश्यक बाल उगे हैं. उस के बाद उन्हें प्लक कर दें.
  6. प्लकिंग करने से पहले चेहरे पर किसी प्रकार की कोल्ड क्रीम या मौइश्चराइजर न लगाएं अन्यथा अनावश्यक बाल दिखेंगे नहीं.
  7. कोमल ब्रश से आईब्रोज को कंघी करने के बाद ही फालतू बाल प्लक करें.

खूबसूरत बालों के लिए दही से बनाएं ये 5 हेयर मास्क

बालों में दही का इस्तेमाल हमारी दादीनानी भी अपनी दादीनानी के समय से करती आई हैं. आमतौर पर इसे सिर से डैंड्रफ और खुजली को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इस के और भी अनेक फायदे हैं. दही विटामिन बी5 और डी से भरपूर होता है, इस में फैटी एसिड्स की भी अधिक मात्रा होती है जिस से यह बालों को स्मूथ और फ्रिज फ्री बनाता है. साथ ही, इस में जिंक, मैगनीशियम और पोटेशियम भी होता था. तो देर किस बात की, आइए जाने बालों में दही लगाने के कुछ तरीके.

1. डैंड्रफ के लिए

1 कटोरी दही
4-5 टीस्पून मेथी दाना पाउडर
1 चम्मच नीबू

डैंड्रफ दूर करने के लिए एक कटोरी में दही लें, नीबू का रस और मेथी दाना पाउडर डालें. तीनों को अच्छी तरह मिला कर बालों में लगाएं और शावर कैप से बालों को ढक लें. अब 40 मिनट तक इसे बालों में रख माइल्ड शैम्पू से अच्छी तरह धो लें. इफेक्टिव रिजल्ट के लिए हफ्ते में दो बार एक महीने तक लगाएं.

2. डीप कंडीशनिंग के लिए

एक कटोरी दही
2 चम्मच शहद

दही और शहद को साथ में लगाने से यह न केवल आप के बालों को जड़ों से कंडीशन करता है बल्कि ड्राई हेयर की समस्या हटा उन्हें मुलायम और मैनेजेबल भी बनाता है. एक कटोरी में दही और शहद मिलाइए. फिर इस से बालों में अच्छी तरह मसाज कीजिए और 20 मिनट रखने के बाद धो लीजिए.

3. बाल बढ़ाने के लिए

एक कटोरी दही
मुट्ठीभर करी पत्ता

करी पत्ते प्रोटीन और बीटा केरोटीन से भरपूर होते हैं जो बालों को टूटने से रोकते हैं. इन में अमीनो एसिड्स और एंटीऔक्सीडेंट्स की भी अच्छी मात्रा होती है जिन से यह बालों को जड़ों से मौइस्चर देते हैं. इस मास्क को बनाने के लिए मुट्ठीभर करी पत्ते पीस कर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को दही में मिला कर बालों में जड़ों से टिप तक लगाएं और 30 मिनट रखने के बाद धो लें. हेयर ग्रोथ को बूस्ट करने के लिए हफ्ते में एक बार इस मास्क को लगाएं.

4. फ्रिज फ्री बालों के लिए

एक कटोरी दही
एक केला

बालों से फ्रिजिनेस हटाने के लिए एक कटोरी दही में एक पूरा पका केला मैश कर के मिला लें. इसे बालों में 20 मिनट तक रखें और धो लें. इस हेयर मास्क को हफ्ते में एक बार फ्रीजिनेस हटाने के लिए जरूर लगाएं.

5 प्रोटीन देने के लिए

एक कटोरी दही
एक अंडे का योक

बालों की मजबूती और ग्रोथ के लिए उसे प्रोटीन देना जरूरी होता है. दही में अंडे के बीच के भाग यानी योक को अच्छी तरह मिला कर बालों में मसाज करते हुए लगाएं. इस मास्क को 20 मिनट तक रखें और शैम्पू से अच्छी तरह धो लें. स्पा जैसे इस ट्रीटमेंट को अच्छे रिजल्ट के लिए हफ्ते में एक बार लगाएं.

चेहरे की रंगत दिनबदिन खत्म होती जा रही है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरी उम्र 45 साल है. चेहरे की रंगत दिनबदिन खत्म होती जा रही है. इस के लिए कोई घरेलू उपाय बताएं?

जवाब-

नियमित रूप से करीपत्तों का उपयोग करने से आप के चेहरे की रंगत में निखार आ जाएगा. करीपत्तों का इस्तेमाल करने के लिए इन्हें अच्छी तरह धूप में सुखा लें. उस के बाद इन का पाउडर बना लें. उस में जरूरत के हिसाब से कुछ बूंदें शहद, गुलाबजल और 1 छोटा चम्मच मुलतानी मिट्टी मिला कर फेस पैक बना लें. अब इस पेस्ट को 20 से 30 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें. उस के बाद चेहरे को सादे पानी से धो लें. कुछ ही दिनों में चेहरे की त्वचा पर इस का अच्छा असर दिखाई देने लगेगा.

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आजकल तेज गरमी और पौल्यूशन से सबसे ज्यादा नुकसान स्किन को होता है, जिसके लिए हम मार्केट से क्रीम खरीदते हैं, लेकिन वह लंबे समय तक के लिए ठीक नही करती. अगर स्किन की खूबसूरती लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए हम नेचुरल होममेड टिप्स का इस्तेमाल करें तो वह हमारी स्किन के लिए फायदेमंद होगा. इसीलिए आज हम आपको स्किन के लिए हनी के फायदें बताएंगे. जिससे आप मार्केट से लाएं हुए प्रोडक्ट की जगह होममेड प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करेंगे.

1. स्किन को शाइनी बनाएगा हनी

शहद और दूध में मौजूद एंटीऔक्‍सीडेंट शरीर के लिए बहुत अच्‍छा होता है. शहद और दूध से बना मास्‍क त्‍वचा पर लगाने से तुरंत चमक आ जाती है. ऑफिस में पूरा दिन काम करने के बाद इसके इस्‍तेमाल से आप फ्रेश दिखने लगते है. साथ ही नियमित रूप से शहद और दूध के मास्‍क से चेहरे की टैनिंग भी दूर होने लगती है. इसके अलावा विटामिन, मिनरल और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह रंगत को निखारने में भी मदद करता है.

2. झुर्रियों को दूर करें

अगर आपको उम्र बढ़ने की इस प्रौब्लम का सामना करना पड़ रहा हैं, और आप झुर्रियों को दूर करना चाहते हैं तो हनी और मिल्क से बना फेस पैक इस प्रौब्लम में आपकी मदद कर सकता है. इसके लिए दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर फेस पर लगा लें.

3. फटे लिप्स के लिए होम रेमेडी है हनी

अक्‍सर लोग को फटे होंठों की प्रौब्लम रहती हैं. फटे होंठों को नमी की जरूरत होती है. आप अपने होंठों को नमी देने के लिए इस मैजिकल पेस्ट का इस्‍तेमाल कर सकते हैं. टाइम से इसे लगाने पर आप जल्‍द ही फटे होंठों की प्रौब्लम से निजात पा सकते हैं.

बढ़ती उम्र के बाद भी दिखें बेहद खूबसूरत

आप अपनी उम्र को बढ़ने से तो नहीं रोक सकते मगर बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम जरूर कर सकते हैं. अगर आप युवा और सक्रिय बने रहना चाहते हैं तो इन बातों का खयाल रखें:

खानपान

हम क्या खाते हैं और कैसे खाते हैं इस का हमारे स्वास्थ्य, व्यक्तित्व और सक्रियता से सीधा संबंध है. ऐसे में हमें अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

क्या खाएं

द्य ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर खाद्यपदार्थ जैसे सूखे मेवे, साबूत अनाज, चिकन, अंडे, सब्जियां और फल खाएं. ऐंटीऔक्सीडैंट्स फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं और बुढ़ापे के लक्षणों को धीमा करते हैं. ये इम्यून सिस्टम यानी रोग से लड़ने की क्षमता को मजबूत बना कर संक्रमण से बचाते हैं.

उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त कम होने लगती है. इस के लिए दिन में कम से कम एक कप ग्रीन टी पीएं तो याददाश्त कम नहीं होगी.

ओमेगा-3 फैटी ऐसिड्स और मोनो सैचुरेटेड फैट से भरपूर खाद्यपदार्थों जैसे मछली, सूखे मेवे, जैतून का तेल आदि का सेवन करें. ओमेगा-3 आप को जवां और खूबसूरत बनाता व रखता है.

द्य विटामिन सी शरीर के लिए प्राकृतिक बोटोक्स के समान कार्य करता है. इस से त्वचा की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं और उस पर ?ार्रियां नहीं पड़तीं. इस के लिए संतरा, मौसमी व पत्तागोभी आदि का सेवन करें.

कुछ मीठा खाने का मन करे तो गहरे रंग की चौकलेट खाएं यह फ्लैवेनौल से भरपूर होती है जो रक्त नलिकाओं की कार्यप्रणाली को स्वस्थ रखने में सहायता करती है.

दोपहर के खाने के साथ एक कटोरी दही जरूर खाएं. यह कैल्सियम का अच्छा स्रोत है जो औस्टियोपोरोसिस से बचाता है.

युवा व सक्रिय रहना चाहती हैं तो ओवरईटिंग से बचें. जितनी भूख है उस का 80% ही खाएं.

क्या न खाएं

ऐसे खाद्यपदार्थ जिन में रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, न खाएं. इन से कमरका घेरा बढ़ता है. अत्यधिक मीठे फल, जूस, चीनी, गेहूं आदि का सेवन कम करें.

सोयाबीन, कौर्न, कनोला औयल के सेवन से बचें क्योंकि इन में पौली सैचुरेटेड वसा अधिक मात्रा में होती है. इन के स्थान पर ब्राउन राइस और जैतून के तेल का सेवन करें.

लाल मांस, पनीर, वसायुक्त दूध और क्रीम में अत्यधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट होता है. इन से धमनियां ब्लौक हो सकती हैं और हृदयरोग हो सकता है.

मैदे से बनी सफेद ब्रैड, पास्ता, पिज्जा आदि का कम सेवन करें.

कैलोरी इनटेक पर रखें नजर मोटापे और केलौरी इनटेक में सीधा संबंध है. मोटापा बढ़ने से न केवल स्वास्थ्य प्रभावित होगा वरन शारीरिक सक्रियता भी घटेगी और उम्र भी अधिक दिखने लगेगी.

जीवनशैली में बदलाव अपनी रोजमर्रा की आदतों में छोटेछोटे बदलाव ला कर हम लंबे समय तक युवा और सक्रिय रह सकते हैं:

अपने दिमाग को हमेशा व्यस्त रखें. कुछ नया

सीखती रहें ताकि दिमाग सक्रिय रहे और आप मानसिकरूप से युवा बनी रहें.

कुछ हारमोन उम्र बढ़ाने और स्वस्थ बनाए रखने में योगदान देते हैं. ग्रोथ हारमोन, टेस्टोस्टेरौन, ऐस्ट्रोजेन, थायराइड, कार्टिसोल और डीएचई ऐजिंग की प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अपने हारमोन स्तर पर नियंत्रण रखें ताकि आप ऐजिंग से जुड़े लक्षणों से दूर रह सकें.

कम से कम 6-7 घंटे की नींद लें. जब आप नींद ले रहे होती हैं तो त्वचा की कोशिकाएं अपनी मरम्मत करती हैं जिस से त्वचा की ?ार्रियां और फाइनलाइंस दूर हो जाती हैं.

आप चीजों को किस नजरिए से देखती हैं, यह एक महत्त्वपूर्ण कारक है जो आप को जवां व खूबसूरत बनाए रखने में मदद करता है. हर चीज के सकारात्मक पहलू को देखें. अपनेआप को खुश और मोटिवेटेड रखें.

त्वचा को जवां और सुरक्षित रखें धूप में बाहर जाने से त्वचा का रंग काला पड़ जाता है. इन काले हिस्सों पर ?ार्रियां भी जल्दी पड़ जाती हैं. इसलिए बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें.

त्वचा को स्वस्थ व हाइड्रैटेड बनाए रखने के लिए त्वचा के अनुरूप नौनटौक्सिक मौइस्चराइजर्स चुनें. सोने से पहले इसे खासतौर पर जरूर लगाएं.

फेशियल ऐक्सरसाइज चेहरे की पेशियों का व्यायाम चेहरे को ?ार्रियों से बचाता है. माथे को ?ार्रियों से बचाने के लिए अपने दोनों हाथों को माथे पर रखें और उंगलियों को हेयरलाइन व भौंहों के बीच फैला लें. धीरेधीरे उंगलियों को हलके दबाव के साथ बाहर की ओर खिसकाएं.

कुछ अच्छी फेशियल ऐक्सरसाइज हैं

चीक लिफ्ट: अपने होंठों को हलके से बंद करें और गालों को आंखों की ओर खींचने की कोशिश करें. चौड़ी मुसकान के साथ अपने होंठों के बाहरी कोनों को उठाएं. 10 सैकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें. हंसना गालों के लिए अच्छी ऐक्सरसाइज है.

फिश फेस: यह गालों और जबड़ों के लिए अच्छी ऐक्सरसाइज है. इस से आप के होंठ सही शेप में आ जाते हैं. हलके से होंठ बंद करें. गालों को जहां तक हो सके भीतर की ओर खींचें. इसी मुद्रा में मुसकराने की कोशिश करें और 15 सैकंड तक इसी मुद्रा में रहें. इसे 5 बार दोहराएं.

पपेट फेस: यह ऐक्सरसाइज पूरे चेहरे पर काम करती है. यह गालों की पेशियों को मजबूत बनाती है. वे ढीली नहीं पड़तीं. अपनी उंगलियों के पोरों को गालों पर रखें और मुसकराएं. गालों को ऊपर की ओर खींचें और मुसकान की मुद्रा में 30 सैकंड तक रहें.

मेरे लिप्स के किनारों में छोटेछोटे दाने होने लगे हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 21 वर्ष की हूं. मेरे होंठों के किनारों में छोटेछोटे दाने होने लगे हैं. ये दिखने में बहुत अजीब और भद्दे लगते हैं. कृपया समाधान बताएं?

जवाब-

होंठों के आसपास दाने निकलने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे गरमी, मेकअप को सही ढंग से क्लीन नहीं करना वगैरह. कैमिकलयुक्त लिपस्टिक के कारण भी इन्फैक्शन हो सकता है.

इस को ठीक करने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों का लाभ उठा सकती हैं. मसलन:

बर्फ से सिकाई: बर्फ सूजन कम करने में मदद करता है. साथ ही यह त्वचा से गंदगी निकालने में भी सहायक है. अगर आप के चेहरे पर दाने या पिंपल्स हो गए हैं तो भी आप बर्फ का इस्तेमाल कर सकती हैं. बर्फ से सिकाई करने के लिए बर्फ को किसी कपड़े में लपेट लें फिर इसे प्रभावित जगहों पर लगाएं.

हल्दी: हलदी को त्वचा और स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. हलदी में ऐंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो चेहरे से मुंहासों को दूर करने का काम करता है. हलदी का इस्तेमाल करने के लिए आप को हलदी का पेस्ट बनाना होगा. इस के लिए आप 1 छोटा चम्मच हलदी लें और इस में थोड़ा गुलाबजल मिक्स कर के पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को होंठों के चारों तरफ लगा कर 10 मिनट के लिए छोड़ दें.

शहद: शहद में ऐंटीबैक्टीरियल और ऐंटी इंफ्लैमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो मुंहासे पैदा करने वाले जीवाणुओं को मारने का काम करते हैं. शहद सूजन को कम करने का काम भी करता है. यदि आप को चाले की समस्या है तो भी आप शहद का इस्तेमाल कर सकती हैं. इन्फैक्शन से छुटकारा पाने के लिए शहद को होंठों के आसपास अच्छे से लगाएं. इस प्रक्रिया को 2-3 बार दोहराएं.

Wedding Special: ग्लोइंग स्किन के लिए जरूरी है Scrubbing

सुंदर दिखने के लिए महिलाएं हमेशा से ही कुछ न कुछ नया इस्तेमाल करती रहती हैं. आज की दौड़ती- भागती जिंदगी में अक्सर महिलाएं अपने चेहरा का ध्यान नहीं रख पातीं, जिस कारण उनके चेहरे पर डस्ट जमने लगती है.

डस्ट को हटाने के लिए रोज-रोज फेशियल, ब्लीच नहीं किया जा सकता, लेकिन अब एक चीज है जिसके जरिए आप एकदम परफेक्‍ट दिख सकती हैं और वह है ‘स्क्रबिंग’. चेहरे की साफ-सफाई के लिए स्क्रबिंग एक बेहद अच्छा उपाय है. स्क्रबिंग से चेहरे की बेजान परत को आसानी से हटाया जा सकता है, साथ ही इससे स्किन में लचीलापन भी आता है.

अक्सर हम चेहरे की साफ-सफाई के लिए क्लिंजिंग, टोनिंग और मॉइश्‍चराइजर का प्रयोग करते हैं, लेकिन स्क्रबिंग के बिना चेहरे की साफ-सफाई अधूरी मानी गई हैं. चेहरे पर होने वाले पिंपल, ब्लैक हेड्स को भी स्क्रबिंग के जरिए हटाया जा सकता है.

मार्केट में अब बने बनाए स्क्रब मिलते है, जिनके प्रयोग से आप अपने चेहरे पर निखार ला सकती है. स्क्रबिंग को चेहरे पर अप्लाई करते समय ध्यान रखें कि इसे तब तक न उतारा जाए जब तक कि यह अच्छी तरह से सूख न जाए.

यदि आप चाहे तो अपने घर पर खुद भी स्क्रबिंग कर सकती है.

स्क्रबिंग के लिए आपको पहले पेस्ट बनाना होगा. इसके लिए एक छोटा चम्मच संतरे के छिल्के का पाउडर, एक छोटा चम्मच पिसा हुआ जौ का आटा, एक चम्मच पिसा हुआ दरदरा बादाम, एक छोटा चम्मच मसूर की दाल का दरदरा पाउडर, एक छोटा चम्मच चावल के दरदरे पाउडर को आपस में मिला लें. अब कोई सब्जी या फल को इस पेस्ट में मिला लें और चेहरे पर लगाएं. यदि आपकी स्किन ऑयली है तो स्क्रब में शहद मिला लें, उसके बाद इसे चेहरे पर अप्लाई करें.

स्क्रबिंग का इस्तेमाल करते समय इन बातों का रखें ध्यान:

मार्केट से खरीदे हुए स्क्रब को सीधे ही चेहरे पर इस्तेमाल न करें, बल्कि इसमें पानी की कुछ बूंदें मिलाने के बाद प्रयोग करें.

मार्केट में ऑयली, ड्राई और कॉम्बिनेशन स्किन के लिए अलग-अलग स्क्रब मिलते हैं, इसलिए हमेशा अपनी स्किन के नेचर को ध्यान में रखते हुए सही स्क्रब का चयन करें.

सिम्पल स्क्रब के इस्तेमाल की बजाय ऐसे स्क्रब का इस्तेमाल करें, जिसमें पपीता, खुबानी ओर विटामिन ए, सी और ई की प्रचुर मात्रा हो. क्योंकि ऐसे स्क्रब प्रदुषण, धूप और धूल-मिट्टी से चेहरे की रक्षा करते हैं.

कुछ लोगों कि स्किन पर कई चीजें सूट नहीं करती, ऐसे में मार्केट में मौजूद माइल्ड स्क्रब आपके लिए बेहतर ऑप्‍शन है.

जब भी स्क्रब का इस्तेमाल करें, इसे गालों, माथे और चिन पर अधिक लगाए. क्‍योंकि चेहरे के यही भाग धूल-मिटटी से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं.

स्क्रब के प्रयोग के बाद चेहरे पर मॉइश्‍चराइजर का इस्तेमाल जरूर करें.

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