Diwali Special: दिवाली पर यूं दिखें खास

त्यौहारो में अच्छा दिखने की चाहत भला किसको नहीं होती. यही तो वह खास दिन होता है जब महिलाओ और लड़कियों को सजने सवरने का मौका मिलता है. अभी दिवाली का त्यौहार आ रहा है. इस दिन अगर आप खूबसूरत व आकर्षक दिखना चाहती हैं तो ट्रेडिशनल मेकअप को ही चुने. आज हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आप घर पर ही आसानी से तैयार हो पायेंगी.

चेहरे का मेकअप

चेहरे का मेकअप सबसे अहम होता है. इसे सही तरह से करना बेहद जरुरी है. अपने चेहरे के मेकअप के होने के बाद ही आप अपने आंखों और होंठो का मेकअप कर सकती हैं. चेहरे पर मेकअप करने से पहले अच्छे से चेहरा धो ले. फिर कंसीलर की मदद से चेहरे के दाग धब्बे छुपाये. इसके बाद त्वचा के रंग से मेल खाता हुआ फाउंडेशन की एक परत चेहरे पर बेस के रूप में लगायें.

फाउंडेशन के ऊपर त्वचा के रंग से मेल खाता हुआ पाउडर लगाएं. इसे स्पंज या कौटन की मदद से लगाये ताकि यह चेहरे पर अच्छी तरह से एक सामान लगे. चेहरे के मेकअप के अनुसार अब चेहरे के टी-जोन यानी माथा-नाक, ठोड़ी और गालों पर ब्लशर लगायें. गालो के लिए पिंक और ब्राउन रंग का इस्तेमाल करे, और माथे और नाक पर लाइट गोल्डन रंग का इस्तेमाल किया जा सकता है.

आंखों के लिए मेकअप

अपनी आंखों को सुन्दर लुक देने के लिए आइलाइनर लगाये. आइलाइनर के लिए शिमरिंग ब्लैक या ब्लू दोनों बेहतर विकल्प है. पलकों को घनी व खूबसूरत बनाने के लिए आइलैशेज का प्रयोग किया जा सकता है. आइलैशज के ऊपर मस्कारा लगाएं. आंखों की पलकों पर अपने लीबाज से मैच करता हुआ आइशैडो लगाये. अगर आपको कलर्स के चयन में दिक्कत हो रही हो तो आप अपने कपड़ो के अनुसार गोल्डन या सिल्वर में से एक रंग चुन सकती हैं. अपने लुक को कंप्लीट करने के लिए काजल लगाना ना भूले.

लिपस्टिक से बनाये होंठ खूबसूरत

होंठो की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए लिपस्टिक का इस्तेमाल जरूर करें. लेकिन अक्सर देखा गया है की लिपस्टिक चुनने को लेकर महिलाये बहुत कंफ्यूज रहती है. कई बार तो लिपस्टिक का जो रंग उनकी दोस्त पर अच्छा लगता है, उन्हें लगता हे की वही रंग उनपर भी अच्छा लगेगा. जरूरी नहीं कि जो शेड सब पर अच्छा लगता है वो आपके ऊपर भी अच्छा लगे. इस बात का ख्याल रहे की हर किसी का स्किन टोन अलग होता है, इसलिए अपनी त्वचा के रंग के हिसाब से ही लिपस्टिक चुनें.

गोरे रंग वाले कोरल या डार्क रेड कलर का चयन करे, डार्क स्किन वाले बरगंडी और ब्राउन टोन के साथ रेड कलर भी लगा सकते है. अगर आपको आरेंज कलर पसंद है, तो उसे भी लगाया जा सकता है, यह आपके होंठो को नेचुरल लुक देता है.

बालो के लिए हेयर स्टाइल

पहले लड़कियां और महिलाये अपने बालो को खुला छोड़ना पसंद करती थी. लेकिन आजकल बालो का जुड़ा बनाने या फिर चोटी बनाने का ज्यादा प्रचलन है. अगर आपको अलग तरह की चोटी करना या जुड़ा बनाना नहीं आता है तो आप बना बनाया जुड़ा भी ले सकती है. मार्केट में आपको बालो के लिए कई एक्सेसरीज मिल जाएगी. जिस से आपके लुक में चार चांद लग जायेंगे.

Diwali Special: घर को ऐसे दें नया लुक

दीवाली सेलिब्रेशन के आने से पहले हर घर में सफाई, कलरिंग और डेकोरेशन होना शुरू हो जाता है, जिसके लिए हम कईं तरह की नई-नई ट्राय करते हैं. इसीलिए आज हम आपको दीवाली से पहले घर को कैसे रेनोवेट करें और कैसे नया लुक दें. इसके लिए कुछ नई टिप्स बताएगें, जिसे आप इस दीवाली ट्राय कर सकते हैं.

1. दीवारों को बनाएं वाटरप्रूफ

दीवारों में सीलन होने की एक मुख्य वजह है पेंट की खराब क्वालिटी, इसलिए दीवारों पर पेंट के लिए वाटरप्रूफ पेंट का इस्तेमाल करें. अपने पेंटर से कहें कि मौइश्चर मीटर का इस्तेमाल करे. इसके बाद दीवार में मौजूद छोटे-छोटे छेदों को पुट्टी से भर दें. पेंट से पहले किसी वाटर-रेसिस्टेंट प्रौडक्ट का इस्तेमाल करें.

2. स्टोन का ऐसे करें इस्तेमाल

अगर आप दीवार पर ईंट लगाने की जगह इंडियन स्टोन्स को चुनती हैं, तो इसके कई फायदे हैं. ईंटों के बीच में कुछ स्टोन्स लगा देने से दीवारों का लुक काफी आकर्षक हो जाता है. इससे आप दीवारों में होने वाली सीलन से बचती हैं और पेंट की झंझट भी कम हो जाती है.

3. दरवाजों में लगाएं कांच

कबर्ड में लकड़ी के दरवाजों की जगह कांच ट्राई कीजिए. इससे आपको बार-बार लकड़ी के दरवाजे पौलिश नहीं करवाने पड़ेंगे. कांच की वजह से कमरे को एक नया लुक भी मिलेगा और आपका घर खूबसूरत दिखेगा.

4. फैब्रिक्स का रखें ख्याल

घर में मौजूद फैब्रिक्स के साथ भी आप एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं. पर्दे, सोफा कवर, डाइनिंग चेयर्स के कवर, टीवी कवर, फ्रिज कवर, सबके साथ एक्सपेरिमेंट कर के देखिए. सारे पुराने फैब्रिक्स और शेड्स को बदल दें. घर बिल्कुल नया सा लगेगा.

5. लाइटिंग करें कुछ ऐसे

फैब्रिक्स के साथ-साथ घर में नयापन लाने के लिए घर की लाइटिंग्स को भी बदल सकती हैं. किसी अच्छे इंटीरियर डिजाइनर से सलाह लेकर अपने घर के नक्शे और दीवारों के अनुसार लाइट्स लगवाएं.

ग्लोइंग स्किन के लिए कोई उपाय बताएं?

सवाल-

मेरी त्वचा सांवली है और साथ ही औयली भी है, जिस की वजह से चेहरे पर रौनक नहीं दिखती. कृपया त्वचा की रंगत निखारने का कोई उपाय बताएं?

जवाब-

किसी का गोरा या काला होना जीन्स पर निर्भर करता है. फिर भी घरेलू उपायों से चेहरे की रंगत को थोड़ा निखारा जा सकता है. आप बेसन में दही व शहद मिला कर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं. पेस्ट के सूखने के बाद उसे पानी से मसाज करते हुए धो लें. बेसन जहां चेहरे के औयल को कम करेगा, वहीं शहद रैशेज होने से बचाव करेगा. इस के अलावा आप बादाम के पाउडर में मिल्क पाउडर और रोजवाटर मिला कर पैक बना कर चेहरे पर लगाएं. सूखने पर कच्चे दूध की सहायता से धो लें. यह पैक भी आप के चेहरे की रंगत को निखारने में मदद करेगा.

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सुंदर दिखने के लिए महिलाएं हमेशा से ही कुछ न कुछ नया इस्तेमाल करती रहती हैं. आज की दौड़ती- भागती जिंदगी में अक्सर महिलाएं अपने चेहरा का ध्यान नहीं रख पातीं, जिस कारण उनके चेहरे पर डस्ट जमने लगती है.

डस्ट को हटाने के लिए रोज-रोज फेशियल, ब्लीच नहीं किया जा सकता, लेकिन अब एक चीज है जिसके जरिए आप एकदम परफेक्‍ट दिख सकती हैं और वह है ‘स्क्रबिंग’. चेहरे की साफ-सफाई के लिए स्क्रबिंग एक बेहद अच्छा उपाय है. स्क्रबिंग से चेहरे की बेजान परत को आसानी से हटाया जा सकता है, साथ ही इससे स्किन में लचीलापन भी आता है.

अक्सर हम चेहरे की साफ-सफाई के लिए क्लिंजिंग, टोनिंग और मॉइश्‍चराइजर का प्रयोग करते हैं, लेकिन स्क्रबिंग के बिना चेहरे की साफ-सफाई अधूरी मानी गई हैं. चेहरे पर होने वाले पिंपल, ब्लैक हेड्स को भी स्क्रबिंग के जरिए हटाया जा सकता है.

मार्केट में अब बने बनाए स्क्रब मिलते है, जिनके प्रयोग से आप अपने चेहरे पर निखार ला सकती है. स्क्रबिंग को चेहरे पर अप्लाई करते समय ध्यान रखें कि इसे तब तक न उतारा जाए जब तक कि यह अच्छी तरह से सूख न जाए.

यदि आप चाहे तो अपने घर पर खुद भी स्क्रबिंग कर सकती है.

स्क्रबिंग के लिए आपको पहले पेस्ट बनाना होगा. इसके लिए एक छोटा चम्मच संतरे के छिल्के का पाउडर, एक छोटा चम्मच पिसा हुआ जौ का आटा, एक चम्मच पिसा हुआ दरदरा बादाम, एक छोटा चम्मच मसूर की दाल का दरदरा पाउडर, एक छोटा चम्मच चावल के दरदरे पाउडर को आपस में मिला लें. अब कोई सब्जी या फल को इस पेस्ट में मिला लें और चेहरे पर लगाएं. यदि आपकी स्किन ऑयली है तो स्क्रब में शहद मिला लें, उसके बाद इसे चेहरे पर अप्लाई करें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Diwali Special: फैमिली के लिए बनाएं कस्टर्ड कसाटा

इस दीवाली आप कस्टर्ड कसाटा जरूर ट्राई करें. यह स्वादिष्ट होने के साथ साथ खाने में भी लाजवाब है.

सामग्री

1/3 कप कस्टर्ड पाउडर

1/3 कप चीनी

1/3 कप पानी

3 सफेद ब्रैड किनारे कटी हुई

3 कप दूध

2 बड़े चम्मच काजू

पिस्ता व बादाम कटे हुए

2 बड़े चम्मच टूटीफ्रूटी

विधि

दूध में ब्रैड भिगो अच्छी तरह मैश कर लें. कस्टर्ड पाउडर, चीनी और पानी मिला कर घोल तैयार करें. एक नौनस्टिक पैन में आंच पर अच्छी तरह घोटें. गाढ़ा बन जाए. तब इसे निकाल लें.

अब दूधब्रैड वाला मिश्रण आंच पर घोटें. थोड़ा सा गाढ़ा हो जाए तो उसे भी निकाल लें. कस्टर्ड पाउडर वाले मिश्रण को ब्रैड वाले मिश्रण में मिला कर चर्न करें ताकि एकसार हो जाए.

ठंडा करें फिर एक ऐल्यूमिनियम के बरतन जिस में आइसक्रीम जमाते हैं उस में ड्राईफू्रट और टूटीफ्रूटी डाल कर फ्रीजर में रख दें. 6-7 घंटों में कस्टर्ड कसाटा तैयार हो जाएगा.

तोहफा: भाग 3- रजत ने सुनयना के साथ कौन-सा खेल खेला

वहां पहुंच कर रजत एक सोफे में धंस गया उस ने सुनयना को अपनी गोद में ले कर उसे अपनी बांहों में भींच लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा. फिर बोला, ‘‘अगर तुम राजी हो जाओ तो यह घर हमारा ‘लव नैस्ट’ बन सकता है. हम दोनों यहां एक कबूतरकबूतरी की तरह गुटरगूं करेंगे.’’

सुनयना ने रजत की गिरफ्त से अपनेआप को छुड़ाने की कोशिश की तो रजत ने उसे और कस लिया, ‘‘क्यों न तुम मेरे साथ रशिया चली चलो. वहीं हनीमून मनाएंगे,’’

‘‘बगैर शादी के हनीमून?’’

‘‘फिर वही शादी की रट. तुम पर तो शादी का भूत सवार है. मैं तो सुनसुन कर बोर हो गया.’’

‘‘रजत तुम इस विषय में मेरे विचार भलीभांति जानते हो. मैं मध्यवर्गीय लड़की हूं. मेरी कुछ मान्यताएं हैं. मैं लीक से हट कर कुछ करना नहीं चाहती. मेरे मातापिता के दिए कुछ संस्कार हैं जिन्हें मैं नकार नहीं सकती. हम जिस समाज में रहते हैं उन के नियमों को मैं नजरअंदाज नहीं कर सकती. मु?ो लोकलाज का भय है, लोगों के कहने की चिंता है.’’

‘‘इस का मतलब यह हुआ कि तुम्हें मुझ से ज्यादा औरों की परवाह है.’’

‘‘तुम मेरी बातों का गलत मतलब क्यों लगाते हो? तुम अच्छी तरह जानते हो कि मैं तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती हूं.’’

‘‘सच?’’

‘‘हां, चाहो तो आजमा कर देखो.’’

‘‘तुम सचमुच मुझ से बेइंतहा प्यार करती हो?’’

‘‘कहा तो. अब तुम्हें कैसे यकीन दिलाऊं. कहो तो अपना कलेजा चीर कर दिखा दूं, चाहो तो इस 8वीं मंजिल से कूद जाऊं.’’

‘‘ओ नो. तुम अपनी जान दे दोगी तो मेरा क्या होगा? तुम्हारा यह सुंदर शरीर बेजान हो जाएगा तो मैं कैसे जियूंगा?’’

‘‘तुम मेरा शरीर चाहते हो न? ठीक है, आज मैं अपनेआप को तुम्हें सौंपती हूं.’’

‘‘अरे…’’

‘‘हां रजत यह एक नारी की सब से बड़ी कुरबानी है. उस की अस्मत उस की सब से बड़ी पूंजी है. शादी के बाद वह अपना तनमन अपने पति को अर्पण करती है. उस की हो कर रहती है. मैं आज अपने उसूलों को ताक पर रख कर, आदर्शों को भुला कर, बिना फेरों के, बिना किसी शर्त अपनेआप को तुम्हारे हवाले करती हूं.’’

‘‘अरे सुनयना यह तुम्हें आज क्या हो गया है?’’

‘‘बस मैं ने तय कर लिया है. चलो उठो, तुम्हारा बैडरूम कहां है, वहां चलते हैं,’’ कह कर वह उठ खड़ी हुई और रजत का हाथ पकड़ कर खींचने लगी.

‘‘सुनयना तनिक रुको. मेरी बात सुनो. मैं सैक्स का भूखा नहीं हूं. मुझे लड़कियों की कमी नहीं है. मेरे पैसों की खनक से लड़कियां मेरी ओर खुदबखुद खिंची चली आती हैं और मेरे एक इशारे पर मेरे सामने बिछने को तैयार हो जाती हैं. अगर तुम सचमुच मुझ से प्यार करती हो तो तुम्हें कुछ और करना होगा.’’

‘‘बोलो मुझे क्या करना होगा?’’ सुनयना ने अधीर हो कर कहा.

‘‘जो कहूंगा वह करोगी?’’

‘‘कह तो दिया.’’

‘‘हूं जरा सोचने दो…हां सोच लिया. तुम मेरे दोस्त की हमबिस्तर बनोगी?’’

सुनयना स्तंभित हुई. वह अवाक रजत की ओर ताकने लगी.

‘‘रजत यह कैसा मजाक है?’’ उस ने कुढ़ कर कहा.

‘‘मजाक नहीं मैं बिलकुल सीरियस हूं.’’

‘‘लेकिन यह कैसी अजीब मांग है तुम्हारी. मैं तुम्हारी प्रेमिका हूं, तुम मुझे अपने दोस्त को सौंप रहे हो. मुझे अपने दोस्त की बांहों में देख कर तुम्हें बुरा नहीं लगेगा, जलन नहीं होगी?’’

‘‘नहीं, क्योंकि तुम मेरी रजामंदी से ही यह कदम उठाओगी.’’

‘‘और उस के बाद क्या तुम तुझे स्वीकार कर लोगे?’’

‘‘अवश्य.’’

‘‘क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगेगा कि मैं अब पाकसाफ, अनछुई नहीं हूं, मेरा कौमार्य भंग हो चुका है?’’

रजत हंसने लगा, ‘‘डार्लिंग, तुम किस जमाने की बात कर रही हो पाकसाफ , अनछुई, दूध की धुली. आज के जमाने में इन घिसेपिटे शब्दों का कोई अर्थ नहीं. हमें जमाने के साथ चलना चाहिए.’’

‘‘तो तुम्हारे कहने के अनुसार आधुनिक होने का मतलब है बेशर्मी से इस के और उस के साथ जिस्मानी सबंध बनाना. फिर इंसान में और पशुओं में फर्क ही क्या रहा?’’

‘‘अब तुम से कौन माथापच्ची करे,’’ रजत ने झुंझला कर कहा, ‘‘तुम तो बाल की खाल निकालती हो.’’

‘‘ठीक है, उस दोस्त का नाम तो बताओ,सुनयना ने थोड़ी देर बाद कहा.

‘‘हां अब आईं तुम लाइन पर,’’ रजत कुटिलता से मुसकराया, ‘‘मेरे दोस्त का नाम है मोहित. तुम जानती हो उसे. हमारे कालेज में ही पढ़ता था और मेरा जिगरी दोस्त है वह. मरीन ड्राइव पर रहता है और आयकर विभाग में काम करता है. अगले हफ्ते उस का जन्मदिन है और मैं चाहता हूं कि तुम मेरी ओर से उस का तोहफा बन कर जाओ.’’

‘‘तोहफा?’’ उस की आंखें बरसने लगीं, ‘‘रजत, क्या तुम्हें मुझ में और एक बेजान वस्तु में कोई फर्क नहीं लगता? मैं एक हाड़मांस से बना जीव हूं. तुम मेरे सामने इतना घिनौना प्रस्ताव रख मेरे अहं को चोट पहुंचा रहे हो. मुझ पर तरस खाओ प्लीज, मेरा इतना कड़ा इम्तिहान न लो,’’ कह कर वह गिड़गिड़ाई लेकिन रजत ने उस की बातें अनसुनी कर दीं.

घर पहुंच कर वह उधेड़बुन में पड़ गई. रजन ने अपने प्रस्ताव से एक अजीब समस्या खड़ी कर दी थी. अब वह क्या करे? क्या रजत का कहना मान ले? वह रजत को समझ नहीं पा रही थी. शादी का मतलब होता है एकदूसरे के प्रति वफादार हो कर रहना. यहां रजत उसे अपने दोस्त की बांहों में ठेल रहा था. शादी के बाद यदि वह उस से कहेगा कि डार्लिंग आज मेरे दोस्तों का मनोरंजन कर दो, तो वह क्या करेगी?

अंतिम पड़ाव का सुख- भाग 1: क्या गलत थी रेखा की सोच

सुधीर का पत्र न जाने मैं ने कितनी बार पढ़ा होगा. हर बार एक सुखद सुकून का एहसास हो रहा था. फिर अपने वतन से आए पत्र की महक कुछ अलग ही होती है.

भारत से दूर अमेरिका में बसे मुझे करीब 3 साल हो गए. पत्र पढ़ने के बाद मुझे एक साल पहले की घटना याद आ गई जब मैं विवाह के बाद पहली बार भारत अपने पीहर गई थी. सप्ताहभर तो लोगों से मिलनाजुलना ही चलता रहा. रिश्तेदार मुझ से मिलने आते, पर मुझे सादे लिबास में देख कर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहते, ‘अरे, तुम तो पहले जैसी ही हो.’

तमाम रिश्तेदारों को आश्चर्य होता कि विदेश जाने के बाद भी मुझ में फर्क क्यों नहीं आया. मैं उन की बातों पर हंस पड़ती, क्या विदेश जाने से अपनी सभ्यता को कोई भूल जाता है. जहां जन्म हुआ हो, वहां के संस्कार तो कभी मिट ही नहीं सकते. अपनी मिट्टी

की महक मेरे मन में इतनी अधिक समाई हुई थी कि अमेरिका में रहते

हुए भी कभी भारत को पलभर भी न भुला पाई.

जब मेलमुलाकातों का सिलसिला कुछ कम हुआ तो एक शाम मैं छत पर टहलने चली गई. हर घर को मैं बड़े गौर से देख रही थी, कहीं कुछ बदलाव नहीं हुआ था. तभी मैं सामने के घर से एक अपरिचित महिला को कपड़े उतारते हुए देखने लगी. इतने में मां भी छत पर आ गईं. मैं उस महिला को देखती हुई उन से पूछ बैठी, ‘सुरेशजी के घर में मेहमान आए हैं क्या?’

‘अब तुम तो 2 साल बाद लौटी हो. तुम्हें इधर की क्या खबर?’ मां कपड़े उतारती हुई बोलीं, ‘सुरेशजी तो सालभर पहले ही यह मकान खाली कर चुके हैं. नए लोग आ बसे हैं. इन की लड़की सुमन हर रोज शीबा के पास आती है. शीबा की अच्छी दोस्ती है. रोज शाम को दोनों मिलती हैं. कभी वह आ जाती है तो कभी शीबा उस के घर चली जाती है,’ फिर वे मेरी ओर देख कर बोलीं, ‘अब नीचे चलो, मैं चाय बना देती हूं.’

‘थोड़ी देर में आती हूं,’ कहते हुए मैं छत पर टहलने लगी.

शीबा मेरी छोटी बहन का नाम है, उसी ने मेरा सुमन से परिचय कराया था. मेरी दृष्टि उस औरत पर ही टिकी रही. उस की उम्र 37-38 वर्ष के करीब होगी, पर सुंदरता अभी भी लाजवाब थी. देखने में अपनी उम्र से वह काफी छोटी लग रही थी. मैं तो उस की लड़की को नजर में रख कर अनुमान लगा रही थी कि जब उस की बेटी बीए में पढ़ रही है तो उस की उम्र यही होनी चाहिए. शायद यह औरत विधवा थी, तभी तो न माथे पर बिंदिया थी, न मांग में सिंदूर और न ही गले में मंगलसूत्र.

तभी पक्षियों का एक झुंड मेरे ऊपर से गुजरा. सुबह के थकेहारे पक्षी अपनेअपने घोंसलों की ओर जा रहे थे. आसमान साफ नजर आ रहा था. तभी मैं ने देखा, एक विमान धुएं की लकीर छोड़ता उड़ा जा रहा है. बच्चे अपनीअपनी पतंगों को वापस खींच रहे थे. सूर्य भी धीरेधीरे डूबता जा रहा था.

मां की आवाज सुन कर मैं सीढि़यां उतरने लगी. नीचे हाल में शीबा और सुमन टीवी देखते हुए पकौड़े खा रही थीं. मैं सुमन की ओर देखते हुए बोली, ‘तुम्हारी मां बहुत खूबसूरत हैं.’

‘हां, हैं, तो,’ सुमन ने बोझिल स्वर में कहा.

थोड़ी देर सुमन बैठी रही. शीबा की बातों का भी वह अनमने ढंग से उत्तर देती रही. कुछ क्षणों के बाद वह शीबा से बोली, ‘मैं घर जा रही हूं.’

शीबा ने उसे रोकने की कोशिश न की. उस के जाने के बाद मैं शीबा से पूछ बैठी, ‘क्या बात है, सुमन बुझीबुझी सी क्यों हो गई?’

‘तुम ने उस का मूड जो खराब कर दिया,’ शीबा ने उत्तर दिया.

‘मैं ने क्या कहा? मैं ने तो उस की मां की तारीफ ही की थी.’

‘तभी तो…’

‘क्या मतलब? अपनी मां की तारीफ से भी कोईर् नाराज होता है क्या?’

‘तुम अगर मां को कुछ नहीं बताओ तो मैं उस की मां के बारे में कुछ बताऊं,’ शीबा मेरे पास आ कर फुसफुसाते हुए बोली.

‘हांहां, बोलो,’ मैं अपनी जिज्ञासा रोक नहीं पा रही थी.

‘दरअसल, उस की मां का किसी से चक्कर है,’ शीबा हौले से बोली, ‘तुम मां को मत बताना, वरना वे मुझे सुमन से मिलने नहीं देंगी.’

‘मैं कुछ नहीं बताऊंगी. बेफिक्र रहो. पर यह बेसिरपैर की बातें मेरे सामने मत किया करो,’ मैं नाराज होते हुए बोली.

‘मैं सच कह रही हूं. सुमन ने खुद मुझे बताया था.’

‘अच्छा, क्या बताया था?’

‘यही कि उस की मां जब मंदिर जाती हैं तो 2 घंटे तक वापस नहीं आतीं और एक अधेड़ व्यक्ति से बातें करती रहती हैं.’

‘तुम ने कभी देखा है?’

‘मैं ने तो नहीं देखा, पर वही बता रही थी.’

‘और कौनकौन हैं उस के घर में?’

‘एक भाई है, जिस की शादी हो चुकी है. सब इसी घर में साथ रहते हैं.’

फिर मैं ने और अधिक बात बढ़ाना उचित न समझा. सोचा, हर घर में कुछ न कुछ घटित होता ही रहता है.

समय यों ही गुजरता गया. सुमन रोज आती थी. वह घर के सदस्य जैसी थी. मैं ने फिर कभी उस की मां का जिक्र उस के सामने नहीं छेड़ा. थोड़े ही दिनों में वह मुझ से भी काफी घुलमिल गई. मेरे वापस जाने में एक सप्ताह बाकी था. एक दिन मैं ने सोचा कि कुछ खरीदारी कर लूं. मैं शीबा से बोली, ‘चलो, आज बाजार चलते हैं. मुझे कुछ सामान खरीदना है.’

शीबा टैलीविजन देखने में मग्न थी. वह बोली, ‘दीदी, अभी बहुत बढि़या आर्ट फिल्म आ रही है. तुम सुमन को साथ ले जाओ.’

‘जब तुम ही चलने को तैयार नहीं हो तो सुमन कैसे जाएगी. वह भी तो फिल्म देखेगी,’ मैं नाराज होते हुए बोली.

‘नहीं दीदी, मैं चलती हूं,’ सुमन बोली, ‘मुझे आर्ट फिल्में पसंद नहीं. इन में सिर्फ समस्याएं दिखाई जाती हैं, जिन्हें सभी जानते हैं. कोई समाधान बताए तो बात बने.’

शीबा उस की पीठ पर एक मुक्का जमाते हुए बोली, ‘तुझे अच्छी नहीं लगतीं तो ज्यादा बुराई मत कर.’

हम दोनों 4 बजे तक खरीदारी करती रहीं. जब हम लौट रही थीं तो सुमन बोली, ‘दीदी, मेरे घर चलो न.’

‘अभी?’ मैं घड़ी देखते हुए बोली, ‘कल चलूंगी.’

‘नहीं, अभी चलिए न,’ वह जिद सी करती हुई बोली.

‘अच्छा, चलो,’ मैं उस के साथ चल पड़ी.

BB17: अंकिता लोखंडे-विकी जैन के रिश्ते में आई दरार, फूट-फूटकर रोईं एक्ट्रेस

सलमान खान का कॉन्ट्रोवर्शियल रियलिटी शो बिग बॉस 17 का आगज हो चुका है. प्रीमियर नाइट से ही शो में कंटेस्टेंट्स के बीच में काफी बवाल देखने को मिल रहा है. वहीं शो में 17 कंटेस्टेंट्स ने भाग लिया है. बिग बॉस 17 में एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे अपने पति विकी जैन के साथ आई है. ये दोनों ही टीवी स्टार है वैसे माना जा रहा था कि अंकिता शो में गर्दा उड़ा देंगी लेकिन वह इस शो में कहीं नजर नहीं आ रही है. एक्ट्रेस कुछ खास करती नजर नहीं आ रही. विकी जैन बिग बॉस 17 में काफी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है लेकिन अंकिता शो में कहीं खो गई है. वहीं अब इस शो में विकी और अंकिता के बीच गलतफहमियां भी शुरु हो गई है, जिसे वजह से एक्ट्रेस रोती नजर आई.

फूट-फूटकर रोईं अंकिता लोखंडे

बता दें कि, बिग बॉस का नया प्रोमो आ चुका है जिसमें अंकिता लोखंडे रोती नजर आ रही है. इस प्रोमो में देखा जा सकता है कि अंकिता अपने पति विकी से काफी नाराज है. विकी शो में हर एक कंटेस्टेंट्स के पास उठ-बैठ रहे है और इसी वजह से वह अंकिता को पहले जितना टाइम नहीं दे पा रहे. ऐसे में अंकिता बिग बॉस 17 के हाउस में अकेली फील कर रहीं है. प्रोमो में अंकिता बोलती नजर आ रही हैं, ‘मुझे दुख कोई दूसरा नहीं दे सकता. मुझे हर्ट अपने ही कर सकते हैं. तुम्हारे पास मेरे लिए टाइम ही नहीं है. तुम इस खेल के लिए परफेक्ट हो. मुझे घर जाना है.’ अंकिता की ये बात सुनकर विक्की जैन भी थोड़ा मायूस नजर हो जाते हैं और अपनी लविंग वाइफ को मनाने में लग जाते हैं.

 

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बिग बॉस ने अंकिता को दिखाया रास्ता

बिग बॉस 17 के बीते एपिसोड में देखने को मिला कि बिग बॉस थेरेपी के लिए अंकिता लोखंडे को बुलाते है, उनको खेल का रास्ता दिखाते है. थेरेपी रुम में बुलाकर बिग बॉस ने अंकिता से कहा, अंकिता शो में भीड़ का हिस्सा बनती हुई नजर आ रही हैं, इसके बाद बिग बॉस ने उन्हें एक ऑडियो सुनाया जिसमें उनकी ही आवाज सुनाई जा रही थी. अंकिता थेरेपी रुम में अपनी आवाज सुनकर एकदम शांत और इमोशनल हो जाती है. इस तरह से बिग बॉस उन्हें खेल में आगे आकर खेलने की सलाह देते है.

YRKKH: इस दिन आखिरी शूट करेंगी प्रणाली राठौड़, अक्षु की बेटी बनेंगी ये हसीना

टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ आज भी दर्शकों के बीच छाया हुआ है. इसकी खासी पॉपुलैरिटी की वजह से कई सालों से ये टीवी सीरियल टीआरपी में आगे बना हुआ है. हर्षद चौपड़ा और प्रणाली राठौड़ स्टारर सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में इन दिनों काफी हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल रहा है, शो में जल्द ही लीप आने वाला है. हालांकि इससे पहले मेकर्स कई सारे नए ट्विस्ट लेकर आने वाले है. इस सीरियल में हर्षद चौपड़ा और प्रणाली राठौड़ लीड रोल निभा रहे है. प्रणाली अक्षरा के किरदार में टेलीविजन पर छाई हुई हैं. इसी के साथ हर्षद चौपड़ा ने भी दर्शकों का दिल जीता है. सीरियल में जल्द ही लीप आने के बाद ये दोनो कलाकर शो को अलविदा कह देंगे.

प्रणाली राठौड़ का आखिरी शूट

टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ से जुडी तमाम खबरे सामने आ चुकी है. हर्षद चोपड़ा 30 अक्टूबर को अपना आखिरी एपिसोड शूट करेंगे. इसके साथ ही अभिमन्यु का चैप्टर इस शो से खत्म हो जाएगा और हर्षद चोपड़ा सीरियल से दूरी बना लेंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस सीरियल में प्रणाली राठौड़ की भी मौत होगी. दावा है कि प्रणाली राठौड़ 14 नवंबर के आसपास अपना आखिरी एपिसोड शूट करेंगी. इसके बाद वह भी सीरियल को अलविदा कह देंगी. प्रणलाी राठौड़ के बाद सीरियल प्रणाली की बेटी नायरा पर चलेगा. बता दें कि, इस किरदार के लिए मेकर्स ने कई एक्ट्रेसेस को अप्रोच किया है. हालांकि खबरों के मुताबिक हैली शाह का नाम सामने आ रहा है, लेकिन एक्ट्रेस ने अभी तक इस पर चुप्पी तोड़ी नहीं है.

 

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इन एक्टर्स को भी किया गया है अप्रोच

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि शो के मेकर्स रणदीप राय के नाम पर विचार कर रहे हैं, इसी के साथ फहमान खान, हैली शाह, निहारिका चौकसे समेत कई एक्टर्स को अप्रोच किया है. दावा ये भी किया गया कि मेकर्स ने महिमा मकवाना को भी अप्रोच किया है लेकिन इस पर एक्ट्रेस ने चुप्पी तोड़ी और कहा ये सब झूठ है. वह इस सीरियल को ज्वाइन नहीं कर रही.

Festival Special: लेजी गर्ल वर्कआउट टिप्स

एक अनुशासन जीवन किसी भी मनुष्य के  लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है, और एक जब स्वस्थ जीवन जीने की बात आती है, तो अनुशासन ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. आपके खाने की आदतों से लेकर आपके पूरा दिन चर्य में आप क्या करते है, हर विशेषता के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है. और इन सभी के बीच,मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन  है आलस्य. यह न केवल हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है बल्कि यह हमारे कई कामों में भी  बाधाा बनकर हमारे सामने आ जाता है. यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अक्सर आलस्य का शिकार रहते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स और अभ्यास बतायंगे जो आपकी जीवन शैली को पूरी तरह से बदलने में आपकी मदद जरूर करेगा.

जब भी कसरत करने की बात आती है तो हम सभी कसरत करने से बचते रहते है, तरह तरह के बहाने बनाते है. आसल बात तो यह है की हमे कसरत करने से कभी भी नहीं भागना चाहिए. कसरत से हम एक्टिव और लाइट फील करते है, रोज़ाना कसरत करने से हमारे शरीर के सभी रोग  भी दूर हो जाते है.

जब व्यायाम करने की बात आती है, तो आलस्य को हरा देने का सबसे अच्छा तरीका है की हम कुछ फ्रेश और एनर्जेटिक सॉन्ग सुने जिससे हमारे शरीर में एनर्जी आ जाएं. गाने/ सौन्ग  हमारे लिए हमेशा ही एक थेरेपी के रूप में काम करते  है जो की एक सकारात्मक उत्तेजना के रूप में काम करता है, मन को शुद्ध करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार भी करता है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च स्तर की ऊर्जा हमारे अंदर आ जाती है.

हमें अपने दिमाग से सबसे पहले यह निकाल देने की जरूरत है की एक्सरसाइज का मतलब केवल यह नहीं होता है की हमें घंटो जिम में पसीने बहाने की ज रूरत है , बोरिंग खाना-खाना शुरू कर देने की ज़रूरत है. अक्सर लोग जिम में जाकर कसरत करने से कन्फ्यूज हो जाते हैं. यहां, व्यायाम का अर्थ है  की अपने  शरीर को शारीरिक तौर पर एक्टिव बनाए रखना है , जिससे हमारा रक्त परिसंचरण  संतुलन में रहे और आपको अंदर और बाहर बेहतर महसूस करने में मदद करते हैं.  फिटनेस विशेषज्ञों और हेड कोच औफ अर्बन अखाड़ा विकास डबास का मानना है की, व्यायाम का दिमाग के कामकाज से सीधा संबंध है.

15 मिनट या उससे कम में करने के लिए 4 आसान व्यायाम

  1. आर्म सर्कल्स

फर्श पर अपनी हथेलियों के साथ अपनी बाहों को ’T’ तक फैलाएँ. 30 सेकंड के लिए अपनी भुजाओं को गोलाकार गति में घुमाएं.

  1. नी पुश-अप

इस तरह के एक्सरसाइज में आपको अपने दोनों नीज़ को ज़मीन रखना है, पुश अप्स करने के लिए सबसे पहले अपने हाथों को फर्श पर रखें. ध्यान रहे कि आपके दोनों हाथ कंधों के नीचे होने चाहिए. अब अपनी कुहनियों को मोड़ें और सीने को फर्श के नजदीक लाएं. फिर वापस उसी स्थिति में लौट आएं. 60 सेकंड के लिए शुरू और दोहराएं.

  1. रस्सी कूदना

अपनी फिटनेस को बनाये रखने के लिए रस्सी कूदना सबसे आसान एक्टिविटी में से एक है. रस्सी कूदने से कुछ ही मिनटों में आपके पुरे शरीर की अच्छी कसरत हो जाती  है.

  1. सीढ़ी चढ़े और उतरे

अगर आप घर से निकलना पसंद नहीं करती है तो आप घर में ही अपनी एक्स्ट्रा कैलोरीज बर्न कर सकती है. बस अपना मनपसंदीदा ट्रैक लगाए और अपनी घर की सीढ़ियों पर लगातार 60 सेकंड के लिए बिना रुके ऊपर-निचे दौड़े. अपने आलसपन को दूर हटाने के लिए औफिस में लंच के बाद तुरंत न बैठे करीब 10 से 12 मिनट तक थोड़ा चल कर काम करे और रोजाना लगभग 20 मिनट तक पैदल चले. अगर आप फोन पर बातें ज्यादा करते है तो कोशिश करें की घर की छत या गार्डन में चलते चलते बात करें केवल ही जगह बैठ कर बात न करें.

Diwali Special: झटपट बनाएं आटे की Rasmalai

छेने की रसमलाई तो आपने खुब खाया होगा और बनाया भी. लेकिन क्या आपने कभी आटे की रसमलाई बनाई है. नहीं ना. तो यूं बनाए आटे की रसमलाई

सामग्री

कवर के लिए आटा 250 ग्राम

घी 1 बड़ा चम्मच

पिसी शक्कर 50 ग्राम

इलायची पावडर 1 छोटा चम्मच

भरावन के लिए

बारीक कटी मेवा 1 छोटी कटोरी

रबड़ी के लिए

फूल क्रीम दूध 2 लीटर

शक्कर 2 टेबल स्पून

केसर के धागे 3

सजाने के लिए पिस्ता कतरन 1 चम्मच

बादाम 8-10

विधि

आटे को घी में गुलाबी भूनकर शक्कर और 1 गिलास पानी डालकर गाढ़ा हलवा तैयार करें.

दूध को शक्कर और केसर के धागे डालकर आधा रहने तक उबालें. इसे ठंडा होने दें.

एक बड़ा चम्मच हलवा लेकर हथेली पर फैलाएं और इसके अंदर एक चम्मच मेवा रखकर चारों ओर से बंद करके हाथ से हल्का-सा चपटा करें.

गरम तवे पर एक चम्मच घी लगाकर दोनों ओर सुनहरा होने तक सेकें. इन्हें गरम-गरम ही तैयार रबड़ी में डालें. ऊपर से पिस्ता कतरन और बादाम से सजाकर सर्व करें.

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