Grihshobha Cooking Queen: हैल्दी ईटिंग हैबिट्स को अपनाएं

तीज के उपलक्ष्य पर दिल्ली प्रैस  द्वारा गृहशोभा कुकिंग क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें पंसारी ग्रुप ने सेहत आपकी वादा हमारा का स्लोगन देकर प्रतियोगिता में मौजूद महिलाओं को अपने घर परिवार के साथ खुद की भी हेल्थ का ध्यान रखने की सलाह दी.  इस इवेंट में सेहत, कुकिंग और वीमेनहुड पर सारा फोकस था.  कार्यक्रम दिल्ली के जनकपुरी के दिल्ली हाट में स्थित स्टारडम बैंकुएट हाल में 17 , अगस्त, 2023 को आयोजित किया गया. जिसमें बढ़चढ़ कर महिलाओं ने हिस्सा लिया.

कहते हैं न की अगर कार्यक्रम की शुरुआत मजेदार तरीके से हो, तो पूरे कार्यक्रम में जान आ जाती है.
और ऐसी ही जोश के साथ हुई इस मजेदार कार्यक्रम की शुरुआत. जिसका श्रेय एंकर अंकिता मंडाल
को जाता है. जिन्होंने वहां मौजूद महिलाओं में मजेदार एक्टिविटीज से कार्यक्रम की शुरुआत करके
उसमें जोश उत्पन्न करने का काम किया और ये जोश व उत्साह उनमें आखिर तक देखने को मिला.

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न्यूट्रिशन सैशन 

इसके बाद नूट्रिशनिस्ट निकिता अग्रवाल ने स्टेज पर आकर प्रोग्राम में और जान डालने का काम किया. उन्हें कहां कि ये सच है कि आज महिलाएं अपनों की हैल्थ का ध्यान रखतेरखते जानेअनजाने में खुद की हैल्थ को पूरी तरह से इग्नोर कर रही हैं.  जो उन्हें धीरेधीरे स्ट्रेस , एंग्जायटी , हार्मोन इम्बैलेंस , वेट गेन जैसी समस्याओं की गिरफ्त में ले जा रहा है.

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ऐसे में उनके लिए जरूरी है कि वे पूरे दिन में खुद के लिए कुछ मिनट निकालें, जिसमें वे नियमित एक्सरसाइज करें और खासकर के अपने खानपान का खास ध्यान रखें. अपने खानपान में सीड्स, फर्मेन्टेड फूड और जूस की जगह फ्रूट्स को शामिल करें. वहीं हैल्दी व वेट को मैनेज करने के लिए थोड़ीथोड़ी देर में  थोड़ाथोड़ा हैल्दी खाते रहें. जिससे एकसाथ ढेर सारा खाने की आदत छूटेगी यानि आपको पोरशन कंट्रोल करना आ सकेगा. जितना हो सके आप अपनी डाइट में मिलेट्स को शामिल करना न भूलें. ये हैल्दी हैबिट्स आपको बीमारियों से दूर रखने के साथ आपके वजन को भी तेजी से कम करने का काम करेगी, जो आज सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है.

बीचबीच में कई गेम्स के सेशन हुए, जिसे वहां मौजूद महिलाओं ने खूब एंजोय किया और साथ ही उसमें अपने हुनर से प्राइस भी जीतें. जिससे उनका उत्साह और बढ़ गया.

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शेफ सैशन 

इसके बाद प्रोग्राम में और जान डाली मास्टर शेफ सीजन 2 की विनर शिप्रा खन्ना ने. जिन्होंने मिलेट्स पर तो जोर दिया ही, साथ ही महिलाओं को उनकी हैल्थ के लिए अवेयर करने के लिए ये समझाया कि हम सब छोटे नहीं बल्कि उम्र में बढ़ ही रहे हैं. इसलिए परिवार के हर सदस्य के साथ आपको भी अपनी हैल्थ का ध्यान रखने की जरूरत है. इस मौके पर उन्होंने ‘ राइस रोल्स’ बनाए. जिसमें उन्होंने लेफ्टओवर राइस का इस्तेमाल करते हुए उसमें हैल्दी चीजों का इस्तेमाल करके डिश को टेस्टी बनाने के साथसाथ हैल्दी बनाया. सेकंड रेसिपी ‘ जवार की मीठी मठरी’ बनाई. जिसमें तिल का इस्तेमाल भी किया गया. जिसे सभी ने खूब पसंद किया.

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कुकिंग क्वीन प्रतियोगिता

कार्यक्रम की मुख्य थीम ‘कुकिंग क्वीन’ प्रतियोगिता थी. जिसके लिए 20 मिनट्स स्वीट मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, क्योंकि तीज के उपलक्ष्य पर कुछ मीठा तो बनता है . जिसमें वहां मौजूद 5 महिलाओं का चयन किया गया. जिसमें रविंदर गुप्ता, शशि श्रीवास्तव , अंजलि बंसल  , अनीता व गौरी बत्रा का नाम शामिल है. जिन्होंने कुकिंग रूल्स को फोलो करते हुए लाजवाब रेसिपीज बनाई. जिसमें ‘कुकिंग क्वीन’ बनीं शशि श्रीवास्तव.

जिन्होंने ‘सुजीबेसन हलवा ‘ इन हार्ट शेप में बनाया. वहीं फर्स्ट रनरअप गौरी बनीं , जिन्होंने ‘रागी पैनकेक’ बनाए. सेकंड रनरअप अंजलि बंसल बनीं , जिन्होंने  ‘कोकोनट लड्डू’ बनाया , जिसमें बनाना मिक्सचर का इस्तेमाल किया गया था.  इसी के साथ रविंदर को ‘ सूजी का हलवा’ बनाने के लिए व अनीता को ‘ मालपुए ‘ बनाने के लिए कंसोलेशन प्राइज दिया गया. इस प्रतियोगिता में महिलाओं ने दिखा गया कि महिलाओं का खाना बनाने में कोई जवाब नहीं.

विनर्स… 

इसके बाद रेसिपी विनर रहीं , कमलजीत कौर, जिन्होंने ओट्स केक बनाया. कंसोलेशन प्राइज मिला, मीनाक्षी, सुमन व मीनाक्षी अग्रवाल को. इसके बाद  ‘मोस्ट एनर्जेटिक वीमेन’ का खिताब मिला ,  रेखा को. ‘मोस्ट कॉंफिडेंट ‘ बनीं  दीक्षा.  वहीं ‘मोस्ट स्टाइलिश ‘ का खिताब मिला, श्वेता को. इस इवेंट में ‘मिस तीज’ बनीं वीना. जो एलिगेंट के साथ उनका कॉन्फिडेंस देखने लायक था. आखिर में सभी को गुडडी बैग्स दिए गए.

Anupamaa: पाखी की जिंदगी मे आया तूफान, अधिक पर लगा रेप का आरोप

रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर अनुपमा में काफी समय से ड्रामा चल रहा है. शो के मेकर्स घरेलू हिंसा का मुद्दा लेकर आ गए है. वहीं शो में पाखी और अधिक के जरिए रेप जैसे मुद्दे उठाए जा रहे है. टीवी सीरियल अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड में अधिक का जबरदस्त ड्रामा देखने के लिए मिलेगा, जिसमें पाखी पूरी तरह फंस कर रह जाएगी.

पाखी के सामने अधिक ने मांगी माफी

रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर अनुपमा में देखने को मिलेगा कि अधिक पाखी के सामने घुटनों के बाल बैठ कर माफी मांगता है. वह रोते हुए पाखी को अपने रिश्ते को सुधारने के लिए एक मौका देने के लिए कहता है और पाखी भी उसकी बातों में बहुत आसानी से आ जाती है. वह अपने परिवार के खिलाफ जाकर अधिक को माफ कर देती है. इस दौरान पाखी साफ बोलती है कि वह किसी भी कीमत पर अपना रिश्ता नहीं टूटने देगी. हालांकि, इस अनुपमा, वनराज और बाकी सब पाखी को बहुत समझते है.

 

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अनुपमा अधिक को देगी चेतावनी

टीवी सीरियल अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड में देखने को मिलेगा कि अनुपमा अधिक की नौटकी देखकर भड़क जाती है. वह अधिक से कहेगी, अधिक मेहता मेरी बात कान खोलकर सुन लो. तूने मेरी बेटी पर हाथ उठाया है. पाखी तुझे माफ कर सकती है, लेकिम हम से कोई भी तुझे माफ नहीं करेगा. तूने मेरी आंखों के नीचे मेरी बच्ची पर हाथ उठाया है. फिर भी मैं चुप हूं क्योंकि इसने तेरा साथ देने का फैसला किया है. इसलिए इसकी माफी और प्यार का सम्मान करना. इसके बाद भी तून मेरी बेटी पर हाथ उठाया या फिर उसे तकलीफ दी कन्हा की सौगंध ये मां तेरा वो हाल करेगी जो तू सपने में भी सोच नहीं सकता. याद रखना अधिक मेहता मेरी नजर तुम दोनों पर ही रहेगी.

 

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‘OMG 2’ एक्टर पंकज त्रिपाठी के पिता का 99 वर्ष की उम्र में निधन

‘ओएमजी 2’ अभिनेता पंकज त्रिपाठी के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट चुका है. ‘ओएमजी 2’ की सफलता के बीच बेहद दुखद खबर आई है. बॉलीवुड के  अभिनेता पंकज त्रिपाठी के पिता पंडित बनारस तिवारी का सोमवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया. अभिनेता पंकज त्रिपाठी और उनके परिवार के लोगों ने आधिकारिक बयान में कहा है, “भारी मन से यह पुष्टि करनी पड़ रही है कि पंकज त्रिपाठी के पिता पंडित बनारस तिवारी अब नहीं रहे. उन्होंने 99 साल का स्वस्थ जीवन जीया. उनका अंतिम संस्कार सोमवार को उनके करीबी परिवार के बीच किया गया है. पंकज त्रिपाठी फिलहाल गोपालगंज में अपने गांव में है.

अभी हाल ही में पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘ओएमजी 2’ बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई.

अक्षय कुमार ने किया ट्वीट

‘ओएमजी 2’ में पंकज के साथ काम कर चुके अक्षय कुमार ने एक ट्वीट शेयर किया. “मेरे दोस्त और सह-कलाकार @त्रिपाठीपंकज के पिता के निधन की खबर से गहरा दुख हुआ. माता-पिता की कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता. भगवान उनके पिता की आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें. शांति.”

पंकज के पिता चाहते थे- ‘वह डॉक्टर बने’

पंकज ने इंटरव्यू में अपने पिता के बारे में बताया था कि वे कैसे उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे. “मेरे पिता चाहते थे कि मैं डॉक्टर बनूं. वह स्थान जहां मैं रहता हूं. उत्तरी बिहार के गोपालगंज का एक गांव जहां लोग, केवल दो पेशे जानते हैं- एक इंजीनियर या एक डॉक्टर. मैं किसान का बेटा हूं. मेरा गांव इतना पिछडा है कि वहां अभी भी अच्छी सड़कें नहीं बनी हैं,” उन्होंने यह बात 2018 में एक इंटरव्यू में कहा था.

 

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पिता को पंकज के काम में कोई दिलचस्पी नहीं थी

अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने खुलासा किया था कि उनके पिता को उनके अभिनय करियर के बारे में बहुत कम जानकारी थी. मीडिया इंटरव्यू में  पंकज ने कहा, ”उन्हें मेरी उपलब्धियों पर ज्यादा गर्व नहीं है. मेरे पिता को यह भी नहीं पता कि मैं सिनेमा में क्या और कैसे करता हूं.’ उन्होंने आज तक नहीं देखा कि कोई सिनेमाघर अंदर से कैसा दिखता है. अगर कोई उन्हें अपने कंप्यूटर पर या टेलीविजन पर दिखाता है, जो हाल ही में मेरे घर पर लगाया गया है तो वह मेरा काम देखता है.”

लिव इन धोखा है: भाग 3- आखिर क्यों परिधि डिप्रेशन में चली गई

एकदूसरे की बांहों में बांहें डाले वे दोनों मस्ती में थिरकते रहे. कुछ नशे का सुरूर और कुछ खुशी की मस्ती… दोनों होश खो बैठे थे. उस खास दिन के लिए परिधि ने होटल में हनीमून सूट बुक किया हुआ था. आज की रात को वह अपने जीवन की मधुरयामिनी की तरह जी लेना चाहती थी.रूम के बाहर डू नौट डिस्टर्ब का कार्ड लगा दिया था.

परिधि की जब आंख खुली तो दोपहर के 11 बज गए थे. उस ने अपने चारों

तरफ नजरें दौड़ाईं तो विभोर कहीं नहीं दिखाई पड़ा, उस का सिर दर्द से फट रहा था. परंतु रात के सुखद पलों को याद कर के उस के चेहरे पर मुसकान की रेखा खिंच गई. वाशरूम देखा खाली था.  उस के कपड़े भी कहीं नहीं दिखे तो जल्दी से वह अपने कपडे़ पहन तैयार हुई, इस बीच वह बारबार विभोर का नंबर मिलाती रही लेकिन नंबर नहीं मिला. वह परेशान हो उठी. कमरे में आई तो वहां विभोर का बैग न देख कर मन आशंकाओं से घिर गया. उस ने विभोर के फ्रैंड कार्तिक को फोन लगाया तो असलियत सुनते ही वह गश खा कर गिर गई.

‘‘विभोर तो आस्ट्रेलिया की फ्लाइट में बैठ चुका होगा,’’ यह सुनते ही सहसा विश्वास ही नहीं कर पाई. कार्तिक ने बताया कि उस का वीजा बन कर आ चुका था. यह सारा प्रोसैस तो काफी दिनों से चल रहा था. क्या विभोर ने तुम्हें कुछ भी नहीं बताया था?

ये सब सुन कर उस के हाथ से मोबाइल गिर गया. वह क्रोधित हो कर अपना सामान उठाउठा कर फेंकने लगी थी. फिर निराश हो कर अपने बैड पर बदहवास गिर और फूटफूट कर रोने लगी. लेकिन क्षणभर में ही वह क्रोधित हो कर चीखने लगी.

अब यह तो वह सम?ा गई थी कि विभोर ने अपने प्यार की मीठीमीठी बातों के जाल में फंसा कर उसे धोखा दिया. विभोर जालसाज है… उस अपने चारों तरफ अंधकार छाया दिखाई पड़ रहा था. उस ने अपना सामान पैक किया और छुट्टी का मेल लिख कर फ्लाइट में बैठ अपने घर मेरठ पहुंच गई.

जब उस की मां सविताजी ने अचानक किसी पूर्व सूचना के उसे आया देखा तो सोचा यह उस लड़के को ले कर आई है. लेकिन जब सविताजी ने उस के उदास व उतरे चेहरे को देखा तो उस पर बरस पड़ीं, ‘‘तेरा आशिक तुझे छोड़ कर भाग गया. मैं तो पहले से ही जानती थी,’’ अब रो अपने कर्मों पर…

‘‘तेरी बेवकूफी के कारण जानेबूझे परिवार का इतना अच्छालड़का हाथ से निकल गया. मेरे तो कर्म ही फूटे हैं जो ऐसी नालायक लड़की पैदा हुई. तुम नौकरी करने गई थी कि इश्क लड़ाने?’’

‘‘हम ने पहले ही कह दिया था कि पैसा जोड़ कर रखो… शादी में काम आएगा… तेरी पढ़ाई में ही लाखों खर्च हो गए… 2 साल से नौकरी कर रही हो, कितना पैसा है तुम्हारे अकाउंट में?’’

‘‘बस चुप हो जाओ मां…’’

‘‘तुम इतने दिन से नौकरी कर रही थी कि घास काट रही थी?’’

उस ने अपना कमरा जोर से बंद कर लिया और फिर फफक पड़ी कि वह क्या करे?

कहां जाए? अपना दर्द किससे साझ करे? उस ने रात में खाना भी नहीं खाया, लेकिन जब पापा ने उसे समझया कि जीवन रुक जाने का नाम नहीं है… चलते  रहना ही जीवन है… जैसे सुबह के बाद शाम अवश्य आती है वैसे ही जीवन में सुख और दुख तो आतेजाते रहते हैं. पापा की बातों से मन को तसल्ली मिली परंतु रात आते ही विभोर के आलिंगन की तड़प से उस की आंखों की नींद रूठ गई.. उस ने लैपटौप से टिकट बुक किया और बैग पैक कर के फिर से बैंगलुरु के अपने कमरे में आ गई. वह विभोर को भूल कर दोबारा अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करना चाहती थी.

निराशाहताशा के कुहासे से जल्द ही उस ने अपने को आजाद कर लिया. परंतु उस ने मन ही मन निश्चय कर लिया कि जैसे विभोर ने उसे धोखा दिया है. अब वह भी इसी तरह से लड़कों के साथ प्यार का नाटक कर के उन के पैसों पर ऐश कर के उन्हें चीट किया करेगी. उन के संग बड़े रैस्टोरैंट में डिनर करेगी, डांस करेगी और उन के पैसों पर ऐश किया करेगी. उस ने नित नए लड़कों के साथ दोस्ती कर के संबंध बनाना शुरू कर दिया. वह बड़ीबड़ी गाडि़यों वाले रईसजादों को देख कर उन से दोस्ती करती. उन के साथ बार में बैठ कर जाम छलकाती फिर बांहों में बांहें डाल कर डांस करती.

दूसरों को धोखा देतेदेते वह कब खुद नशे की शिकार बनती चली गई. यह जान ही नहीं पाई. सुबह आंख खोलते ही चाय की जगह जाम की तलब लगने लगी. यही वजह थी कि वह दिनभर नशे में धुत्त रहने लगी.

नित नए साथियों के साथ मस्ती करते हुए भी विभोर की यादें उस का पीछा नहीं छोड़ रही थीं. उस के जीवन में जो खालीपन था वह नहीं भर पा रहा था.

उस के जीवन का सूनापन दूर नहीं हो पा रहा था. उस का मन हर घड़ी बेचैन रहता. विभोर के साथ बिताए हुए खुशनुमा लमहें उस की आंखों के सामने नाचने लगते.

औफिस के काम में उस का मन नहीं लगता. वह अकसर गलतियां कर बैठती. बौस नाराज होते. उसे वार्निंग मिल चुकी थी. वह हर समय खोईखोई सी रहती… गहरे अवसाद की शिकार हो चुकी थी. अब उस की नौकरी भी छूट गई. फ्लैट का किराया कहां से दे? अब क्या करे? कहां जाए?

मां का तो कोई सहारा ही नहीं था. वे कभी उसे समझ ही नहीं पाई थीं… वे तो उस की  नौकरी के ही खिलाफ थीं. इसीलिए हमेशा डांटतीडपटती रहतीं.

हंसतीखिलखिलाती परिधि अब अवसाद के अंधेरे में डूब कर मानसिक रोगी बनती जा रही  थी. एक गलत निर्णय ने उस के जीवन को पतन के गर्त में पहुंचा दिया था. जब वह कई दिनों से कमरे से बाहर नहीं निकली, दूध की कई थैलियां बाहर रखी देख कर फ्लैट की मालकिन ने जब पुलिस को बुलाया तो वह अपने बैड पर नशे में धुत्त बेहोश पड़ी थी, उस के चारों तरफ खाली बोतलें रखी थीं. पुलिस ने उस के मोबाइल से उस के पापा के नंबर पर कौल की. उन्होंने निया का नंबर निकाल कर उसे बुलाया. वह भागती हुई आई और अपनी हंसतीखिलखिलाती फ्रैंड की दशा देख उस की आंखें बरस पड़ीं.

परिधि को जब होश आया तो वह निया को देख कर लड़खड़ाती आवाज में बोली, ‘‘तू सही कह रही थी कि लिव इन धोखा है.’’

डायबिटीज पेशेंट के लिए वरदान से कम नहीं बाजरा, जानें इसके अनगिनत फायदे

बाजरा सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होता है. यह अनाज पोषक तत्वों से भरपूर है. बाजरा में डाइट्री फाइबर प्रोटीन और कई विटामिन्स पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बेहद जरूरी होते हैं. बाजरा में मौजूद कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, अमीनो एसिड, आयरन, जिंक, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, फाइबर और राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड, थायमिन, नियासिन और बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. बाजरा सेवन करने से कई फायदे मिलते है. इसके अनगिनत फायदे है. आज ही आहार में शामिल करें बाजरा. आप इससे दालिया और खिचड़ी बना सकते है.

बाजरा के अनगिनत फायदे (Bajra Health Benefits)

  • बाजरा पेट के लिए हमेशा से हल्का मना गया है जिनकों पेट संबधिंत समास्याएं, अल्सर और एसिडिटी की समास्या होती है उनके लिए बाजरा काफी असरदार साबित होगा.
  • कब्ज की समास्या में राहत दिलाता है. यह शाकाहारियो के लिए प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है.
  • डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है बाजरा. क्योंकि इसमें ग्लाइेमिक इंडेक्स कम होता है इसी वजह से यह ब्लड शुगर के लेवल को सामान्य रखता है.
  • बजरा में मैग्नीशियम पाया जाता है जो दिल के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. बीपी, डायबिटीज और हृदय रोगों के जोखिमों कारकों रोकने में मदद करता है.

इस तरह से डायट में शामिल करें

  1. बाजरे की रोटी

आप बाजरे की रोटी बना सकते है. इसको बनाना बहुत आसान है. इसे बनाने के लिए एक बर्तन में बाजरे का आटा लें और इसे गर्म पानी से गूंथ लें. चाहें तो आप इसमें घी भी मिला सकते हैं, इससे रोटियां नरम और फूली हुई बनेंगी.

2. मिक्स वेज खिचड़ी

बाजरे की खिचड़ी बनाना काफी आसान है, कई सारी सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए आप प्रेशर कुकर गर्म करें, कम मात्रा में तेल डाले. फिर प्याज, शिमला मिर्च, मटर, गाजर आदि सब्जियां डालकर भूनें. अब इसमें भिगे हुए मूंग दाल और बाजरा डालें. इसमें स्वादानुसार नमक और पानी मिलाएं. मध्यम आंच पर 4-5 सीटी आने तक पकने दें.

3. बाजरे का उपमा

बाजरे का उपमा बनाना बेहद आसान है इसके लिए आपको सबसे पहले बाजरे को रात भर भिगोकर रखना होगा और फिर अगले दिन बाजरे को उबालें. इसके बाद पैन गर्म करें, इसमें सरसों के दाने, सूखी लाल मिर्च, करी पत्ते और उड़द दाल का तड़का लगाएं. फिर इसमें थोड़ा पानी के साथ पका हुआ बाजरा मिलाएं. अब इस मिश्रण को उपमा जैसा गाढ़ा होने तक पकाएं. अब इसका गरमागरम आनंद लें.

4. बाजरे के लड्डू

बाजरे के लड्डू बनाना काफी आसान है आपको बस 3 चीज चाहिए. आटा, गुण और घी. बाजरे के लड्डू बनाने के लिए कटोरे में बाजरे के आटा लें, इसमें पिसा हुआ गुड़ मिलाएं. अब एक पैन में घी पिघलने तक गर्म करें. इसमें आटा और गुड़ के मिश्रण को अच्छी तरह भून लें. अब इस मिश्रण से लड्डू बना लें.

धर्म के नाम पर दंगा

2020 में दिल्ली के उत्तर पूर्व इलाकों में हिंदू मुस्लिम दंगे हुए और मुसलिमों की बहुत सी संपत्तियां जलाई गई. मजेदार बात यह है गिरफ्तार भी ज्यादातर मुसलिम ही हुए और इस दंगे को भडक़ाने वालों में से एक कपिल मिश्रा को अब भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली शाखा का उपाध्यक्ष बना दिया गया है और सरकार लगातार गिरफ्तारों को जेल में रख रही है.

धर्म के नाम पर कुरबानी कोई नई बात नहीं है. हर काल में हर धर्म के अंधभक्तों ने दी है ताकि धर्मों को चलाने वालों का पाखंड बना ही नहीं रहे, फलदाफूलता भी रहे. हर समाज में धर्म के नाम पर उकसाया गया पर धर्म के मुख्य केंद्र आमतौर पर बचे रहे. मंदिर, मसजिद, चर्च, गुरूद्वारे, मठ, आश्रम हमेशा बचे रहे. धर्म के नाम पर उकसा कर मारने वालों को कहा यही जाता रहा कि आम विधर्मी को मारो, आम विधर्मी की औरत का बलात्कार करो, आम विधर्मी की लड़कियों को अगवा कर जीत की निशानी बना कर गुलाम बनाओ.

हर मामले में अंतिम शिकार औरतें ही होती हैं. धर्म को सब से बड़ी सौगात औरतें देती हैं पर सब से बड़ी शिकार भी वही ही होती है. धर्म इस कदर रीतिरिवाजों, किस्से कहानियों से जकड़ लेता है अपने ही धर्म की औरतें धर्म का आदेश पूरी तरह न मानने वाली औरतों को दोषी मान लेती हैं.

आज देश में वह दौर फिर आ गया है. गृह युद्ध तो नहीं हो रहा है पर धर्म युद्ध के निशान सारे देश में दिखने लगे हैं प्रचार स्तंभ ‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘केरला स्टोरीज’ जैसी अतिश्योक्ति से भरी कहानियों को दोहराता रहता है. धर्मेंदी मीडिया जिस ने  शक कर तबलीगियों को कोविड फैलाने के लिए जिम्मेदार सुबूतों सहित ठहरा दिया था. धर्म प्रचार और धर्म की खाई खोदने में लगा है. इस खाई में औरतें मर रही है.

मणिपुर हो या हरियाणा का नूंह, या उत्तर प्रदेश के आतिक के घर, हर धाॢमक विवाद के बाद आफत औरत की होती है कि वह कैसे बच्चों की रोटियों का इंतजाम करें, कैसे कपड़े धोए, कैसे खाने का इंतजाम करे. औरतों का कोई धर्म लंबाचौड़ा हक नहीं देता पर शिकार बनती हैं तो मुंह पर टेप लगा लेता है. घर टूटते या जलते हैं तो छत का इंतजाम औरतों को करना होता है.

अफसोस यही है कि पढ़ीलिखी समझदार औरतें भी धर्म की इस चालबाजी को नहीं समझा पा रहीं. अमेरिका में चर्च के आदेश पर गर्भपात कराने पर प्रतिबंध लगाने में औरतें आगे है, भारत में विधवाओं को अछूत मानने में औरतें ही आगे हैं.

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Raksha Bandhan: बनाएं स्वादिष्ट गुलाब जामुन

अगर आप अपनी फैमिली के लिए घर पर कोई आसान और हेल्दी रेसिपी ट्राय करना चाहते हैं तो आज हम आपको टेस्टी गुलाब जामुन की आसान रेसिपी बताएंगे.

सामग्री

काजू  (01 बडा चम्मच, बारीक कतरा हुआ)

– पिस्ता (01 बड़ा चम्मच बारीक कटा हुआ)

– खाने वाला सोडा  (1/4 छोटा चम्मच)

– इलाइची पाउडर (1/4 छोटा चम्मच

– मावा/खोया ( 300 ग्राम)

– शक्कर ( 600 ग्राम)

– मैदा (02 बड़े चम्मच)

– घी (तलने के लिये)

बनाने की विधि

– सबसे पहले एक बड़े बर्तन में मावा (खोया), खाने वाला सोडा,  इलाइची पाउडर और मैदा को मिला लें और उसे आटे की तरह गूंथ कर नरम और चिकना बना लें.

– इसके बाद इस मिश्रण को गीली कपड़े से ढक कर रख दें और चाशनी तैयार कर लें.

– चाशनी बनाने के लिए एक भगोने में शक्कर और दो बड़े कप पानी मिलाकर गैस पर चढ़ाएं.

– पानी में शक्कर घुलने के बाद उसे लगभग 10 मिनट तक मध्यम आंच पर पकाएं.

– थोड़ी देर बाद शक्कर के घोल की दो-चार बूंदें चम्मच में निकाल कर ठण्डा करें और उंगलियों पर चिपका    कर देखें.

– अगर उंगलियों के बीच एक तार जैसा बनने लगे, तो इसका मतलब चाशनी तैयार है, अब इसे गैस से   उतार लें.

– अब गुलाब जामुन बनाने की बारी है, इसके लिए मावा (खोया) मिश्रण से थोड़ा सा मिश्रण लें और उसे     चपटा करके उसके बीच में काजू और पिस्ते के पांच-छ: टुकडें रख लें और उसे चारों ओर से बंद करके   गोल  बना लें.

– इसके बाद एक कढ़ाई में तेज आंच पर घी गर्म करें और जब घी गर्म हो जाए, तो आंच को धीमा कर दें     और उसमें गुलाब जामुन के गोले डाल कर तलें.

– इन्हें तलते समय गोलों के ऊपर कलछुल से गरम-गरम घी डालें पर ध्यान रहे कि गोलों में कलछुल न      लगे, नहीं तो उनका आकार खराब हो जाएगा.

– जब ये गोले ब्राउन कलर के हो जाएं, इन्हें घी से निकाल लें और शक्कर की चाशनी में डाल दें.

– अब आपकी गुलाब जामुन बनाने की विधि कम्प्लीट हुई.

Raksha Bandhan: डस्की स्किन के लिए ट्राय करें मेकअप टिप्स

खूबसूरत दिखने के लिए सब से जरूरी है स्वस्थ, चमकती स्किन न कि गोरा रंग. चमकती स्किन के लिए स्वस्थ जीवनशैली और खानपान, अच्छा स्वास्थ्य, गहरी नींद और मन की शांति जरूरी है.

आइए, जानें आश्मीन मुंजाल से सावंली सूरत के लिए मेकअप टिप्स:

– सब से पहले यह देखें कि आप के चेहरे पर अनचाहे बाल न रह जाएं. आइब्रोज, अपर लिप्स, लोअर लिप्स, फोरहैड, चीकबोन जैसी जगहों पर आने वाले अनचाहे बालों को साफ रखें. जरूरी लगे तो उन्हें कंसील कर लें ताकि आप का लुक उभर कर सामने आए.

– अब मेकअप शुरू करें. स्किन टोन के साथ स्किन टैक्सचर का भी ध्यान रखें. सब से पहले एक अच्छे प्राइमर के साथ शुरुआत करें. यदि स्किन में ड्राइनैस, पैचीनैस या अनइवननैस है तो ब्यूटी बाम का प्रयोग कर सकती हैं.

– प्राइमर के बाद फाउंडेशन लगाएं. (स्किन टाइप और जरूरत के हिसाब से फाउंडेशन ग्लौसी, जैल बेस्ड, एचडी या सिलीकौन लें) ध्यान रखें कि फाउंडेशन सेम स्किन टोन का ही लें. डस्की स्किन पर थोड़े भी फेयर टोन के फाउंडेशन का प्रयोग किया जाए तो स्किन चोक्ड और व्हाइट लगने लगती है.

– कंटूरिंग भी डस्की स्किन मेकअप में सब से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अपने चेहरे के उभारों को हाईलाइट करें और गड्ढों को भरें. इस से स्किन इवन और अट्रैक्टिव नजर आती है.

– बेस, फाउंडेशन, कंटूरिंग और ब्लशऔन के बाद लिप मेकअप करें. डस्की स्किन में लिप मेकअप के लिए ब्राउन, मरून, रैड और चैरी रैड जैसे अर्थी कलर्स या फिर कोरल कलर्स का प्रयोग करें.

– आई मेकअप पर खास ध्यान दें. स्मोकी  आईज के लिए ब्लैक ट्राई न करें, बल्कि वाइन स्मोक, ब्राउन स्मोक, गे्र स्मोक जैसे औप्शन और कोरल कलर्स ट्राई करें. फेक आईलैशेज भी ब्यूटीफुल इंडियन लुक के लिए ट्राई कर सकती हैं.

– चमकदार रंगों का प्रयोग न करें. यलो, औरेंज, नियोन जैसे कलर्स अवौइड करें. ये चटकदार रंग हैं जो सांवली सूरत पर अच्छे नहीं लगते. हलके और स्किन टोन से मैच करते रंग आप के ऊपर ज्यादा खूबसूरत लगेंगे. आप प्लम, ब्राउन, लाइट पिंक, रैड जैसे कलर्स ट्राई कर सकती हैं.

– जब बात फौर्मल लुक की हो तो बेज कलर की सिंपल शौर्ट ड्रैस पहन सकती हैं जिस में प्रिंट का काम किया गया हो. ऐसी शौर्ट ड्रैस के साथ हाई हील्स, स्मार्ट वाच और कोट पहन कर औफिस लुक कैरी किया जा सकता है. सैल्मन पिंक कलर का प्रौपर फौर्मल आउटफिट बहुत शानदार लगेगा.

डस्की ब्यूटी ड्रैसिंग स्टाइल्स

मेकअप डिजाइनर आशिमा शर्मा कहती हैं कि यदि आप का स्किन टोन डस्की है तो आप कुछ बातों का खास ध्यान रखें:

– डैनिम कलर के कपड़े पहनें, जैसे डैनिम जींस, प्लाजो, डैनिम शर्ट आदि.

– आप अपने कपड़ों फैब्रिक के साथ खेल कर भी फैबुलस लुक पा सकती हैं. अगर आप ब्लैक कलर की शौर्ट ड्रैस पहन रही हैं और उस में नैट, शिफौन जैसे फैब्रिक मौजूद हों, तो ये आप के लुक को निखारने में सहायता करेंगे.

– ब्लिंगी गोल्ड आप के  लिए बेहद शानदार साबित हो सकता है. यदि आप को गाउन पहनना पसंद है तो आप रैड कलर का फ्लोरलैंथ गाउन पहन सकती हैं. औफशोल्डर्ड, शोल्डरलैस, सिंगलशोल्डर्ड गाउन आप पर अच्छे लगेंगे. इन के साथ अपने बालों को स्ट्रेट रखें.

– अगर बात फौर्मल्स की हो तो आप के लिए काफी कुछ है. हाईवैस्ट जींस को आप सौलिड ट्विस्ट टौप के साथ पहन सकती हैं. इस तरह के लुक के लिए आप अपने बाल बांध कर रख सकती हैं.

– पैंसिल स्कर्ट के साथ लाइट मिंट कलर में रूफल स्ट्रिपड टौप पहनें, बालों को खोल कर रखें. सिंपल ईयरिंग के साथ लुक कैरी करें.

Raksha Bandhan:सोनाली की शादी- भाग 2- क्या बहन के लिए प्रणय ढूंढ पाया रिश्ता

प्रणय ने होटल में बैठ कर सोनाली की तारीफ के पुल बांधे तो उस युवक ने पूछा, ‘‘क्या सचमुच ऐसी कन्या उपलब्ध है?’’

‘‘अजी, हाथ कंगन को आरसी क्या.  मैं कल ही आप को उस से मिला देता हूं, लेकिन कुछ अपने बारे में भी बताइए.’’

‘‘मेरा नाम सतीश है. मैं नागपुर से नौकरी की तलाश में यहां आया था. आप जानते ही हैं कि मुंबई महानगरी में नौकरी मिल जाती है, छोकरी भी मिल जाती है, पर रहने को मकान नहीं मिलता. लाचारी से पिछले 5 वर्षों से एक पारसी महिला के घर पर बतौर पेइंगगैस्ट रह रहा हूं. वह है तो भली, पर जरा खब्ती है. पैसेपैसे का हिसाब रखती है, रात को 10 बजे रसोई में ताला लगा देती है. देर से लौटो तो थाली से ढका ठंडा खाना मिलता है, जिसे खाने की तबीयत नहीं होती. वह तो भला हो मकान मालकिन की बेटी नर्गिस का, जो मेरे लिए चोरी से आमलेट

बना देती है. चाय के तो अनगिनत

प्याले पिलाती है, बड़ी भली है, बेचारी 30 साल पार कर चुकी है, पर उसे भी मनपसंद वर नहीं मिला.

‘‘मैं अपने एकाकीपन से आजिज आ गया हूं. सोचा, एक लड़की ढूंढ़ कर शादी कर ही डालूं. अच्छा, अब मुझे चलना चाहिए.’’

‘‘तो कल मिल रहे हो न? इसी जगह, इसी समय?’’

‘‘पक्का.’’

दूसरे दिन प्रणय बेसब्री से सतीश की राह देखता रहा, पर वह न आया. प्रणय ने अपनेआप को कोसा कि उस ने सतीश का पता, ठिकाना तक मालूम नहीं किया.

वह फिर मनपसंद कार्यालय जा पहुंचा और बाहर टहलता रहा. उसे निराश नहीं होना पड़ा. अचानक उस ने देखा कि एक सुंदर नौजवान लिफ्ट से निकल कर मनपसंद की ओर बढ़ रहा है.

प्रणय ने उसे बीच ही में घेर लिया, वे बातें करतेकरते वर्ली की तरफ निकल गए, समुद्र के किनारे घूमतेघूमते उन्होंने ढेरों बातें कर डालीं. प्रणय ने शीघ्र ही जान लिया कि युवक का नाम शांतनु है. वह अपने मातापिता के साथ मालाबार हिल पर रहता है, उस के पिता व्यापारी हैं यानी खातेपीते लोग हैं. घर में शांतनु के अलावा 2 छोटे भाईबहन हैं.

प्रणय को शांतनु बेहद जंचा. कोई भी लड़की उसे पतिरूप में पा कर धन्य हो जाएगी.

प्रणय खुशीखुशी घर पहुंचा. रात को देर तक अपने और दीपाली के बारे में सोचता रहा.

दूसरे दिन शांतनु आग्रह कर के उसे अपने घर ले गया. उस ने प्रणय को बढि़या खाना खिलाया और अपने परिवार के दूसरे सदस्यों से मिलाया. फिर वह उसे उस के घर छोड़ने गया.

रास्ते में वे हाजीअली पर रुके. एक पान की दुकान से पान ले कर खाया. बात लड़कियों की चल पड़ी तो प्रणय ने पूछ लिया, ‘‘तुम्हें कैसी लड़की पसंद है?’’

शांतनु ने उसे विस्तार से बताया.

‘‘मेरी नजर में एक बहुत सुंदर लड़की है,’’ प्रणय ने कहा, ‘‘ऐसी लड़की चिराग ले कर ढूंढ़ोगे, तो भी नहीं मिलेगी. लाखों में एक है.’’

‘‘सच?’’ शांतनु की आंखें चमकने लगीं.

‘‘एकदम सच, जब कहो दिखा दूं? तुम उसे कब देखना चाहोगे?’’

‘‘देखने की जरूरत ही क्या है. तुम जब इतनी तारीफ कर रहे हो तो जरूर अच्छी होगी.’’

‘‘फिर भी. शादीब्याह के मामले में अच्छी तरह देखभाल कर लेनी चाहिए.’’

‘‘भई, मैं तुम से साफसाफ बता दूं, मैं ने तय कर लिया है कि जो व्यक्ति मेरी बहन से शादी करेगा, मैं उस की बहन या उस के परिवार की लड़की से ब्याह कर लूंगा.’’

‘‘अरे,’’ प्रणय अचकचाया, ‘‘यह क्या कह रहे हो, यार?’’

‘‘ठीक कह रहा हूं, मेरी बहन की शादी नहीं हो रही है. जहां बात चलती है, टूट जाती है. मेरे मांबाप उस की शादी को ले कर बहुत परेशान हैं. इसीलिए मैं ने फैसला किया है कि जो मेरी बहन का हाथ थामेगा, मैं उस की बहन से शादी कर लूंगा. इस हाथ दे, उस हाथ ले. बोलो, क्या कहते हो?’’

‘‘अब मैं क्या बोलूं?’’

‘‘क्यों, क्या तुम्हें मेरी बहन पसंद नहीं आई?’’

‘‘यार, पसंदनापसंद का सवाल नहीं है. मैं किसी और लड़की को चाहता हूं. हमारी मंगनी हो चुकी है.’’

‘‘ओह, तुम यह मंगनी तोड़ नहीं सकते?’’

‘‘असंभव,’’ प्रणय ने दृढ़ता से कहा.

‘‘ओह,’’ शांतनु मायूस हो गया.

‘‘मेरे भाई,’’ प्रणय ने उसे समझाना चाहा, ‘‘क्यों तुम अपनी बहन की खातिर अपना जीवन बरबाद करना चाहते हो. तुम्हारी बहन को अच्छा लड़का मिल ही जाएगा. मैं खुद भी उस के लिए वर खोजूंगा, बल्कि एक लड़का तो मेरी नजर में है भी.’’

प्रणय घर लौट कर सोचने लगा कि कुछ भी हो, सोनाली की शादी तो वह करा कर ही रहेगा. इस काम का बीड़ा उठाया है तो पूरा कर के रहेगा.

अगले रोज जब प्रणय मनपसंद कार्यालय के करीब पहुंचा तो दरबान ने उसे घूर कर देखा.

करीब एक घंटे बाद उस ने देखा कि एक लंबाचौड़ा कद्दावर इंसान मनपसंद की ओर बढ़ रहा है. प्रणय सोचने लगा, ‘वाह, यदि यह शिकार फंस जाए तो क्या कहने, सोनाली के मांबाप मेरे चरणों में बिछ जाएंगे. खुद सोनाली भी उम्रभर मेरा आभार मानेगी.’

‘‘भाईसाहब,’’ वह फुसफुसाया.

युवक ठिठक गया, ‘‘कहिए?’’

प्रणय ने सोनालीपुराण शुरू किया तो युवक भड़क उठा, ‘‘क्या कह रहे हैं आप? मैं यहां लड़कियों की खोज में नहीं आया. मैं शादी कर के बाकायदा घर बसाना चाहता हूं.’’

प्रणय ने दांतों तले जीभ काटी, ‘‘आप मुझे गलत समझ रहे हैं. मैं भी शादी की ही बात कर रहा हूं.’’

उस ने अपनी बात का खुलासा किया तो युवक चुपचाप सुनता रहा. वे दोनों उस इमारत से बाहर निकले और चौपाटी की ओर चलते गए.

मेरीन ड्राइव पर पहुंच कर उस युवक ने कहा, ‘‘मैं यहीं रहता हूं,’’ उस ने एक भव्य इमारत की तरफ इशारा किया, ‘‘मैं आप को अपने घर ले चलता, पर क्या करूं, मजबूर हूं.’’

प्रणय ने उस की ओर सवालिया नजरों से देखा तो युवक ने अपनी गाथा सुनाई, ‘‘मेरा नाम रणवीर सिंह है. हम लोग ठाकुर हैं. बिहार में हमारी बहुत जमीनजायदाद है. लेकिन कईर् सालों से हम मुंबई में ही रह रहे हैं, क्योंकि यहां भी हमारा व्यापार फैला हुआ है. मेरे मांबाप बहुत पहले गुजर गए. मैं अपने चाचाचाची के साथ रहता हूं. जायदाद हाथ से निकल जाने के डर से वे मेरी शादी नहीं करना चाहते. जब भी कोई रिश्ता आता है, वे लड़की वालों को मेरे खिलाफ उलटासीधा बता कर भड़का देते हैं. इधर मेरी शादी की उम्र बीतती जा रही है. लाचार हो कर मैं ने सोचा, किसी वैवाहिक संस्था में अरजी दे दूं.’’

‘‘बस, आप अब सबकुछ मुझ पर छोड़ दीजिए,’’ प्रणय ने आश्वासन दिया.

‘‘तो आप लड़की वालों से मेरी बात चलाइए, यदि वे राजी हों, तो हम इसी जगह, इसी समय, ठीक 8 दिनों बाद मिलते हैं.’’

‘‘ठीक है,’’ प्रणय ने मुसकराते हुए कहा.

लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी, प्रणय घंटों रणवीर की प्रतीक्षा करता रहा, लेकिन वह न आया.

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