पगली: आखिर क्यूं महिमा अपने पति पर शक करती थी- भाग 1

‘‘सौरभदेखने में ही सुंदर और स्मार्ट नहीं है, उन के पास दिल भी सोने का है. मेरी तो लौटरी खुल गई है सहेली. हनीमून से मैं उन के प्यार में पागल हो कर लौटी हूं,’’ शिमला से लौटते ही महिमा ने अपनी सहेली के साथ फोन पर बातें करते हुए अपने पति सौरभ की जोशीले अंदाज में खूब प्रशंसा करी. मगर उसे क्या पता था कि उस की खुशियों से भरा गुब्बारा उसी रात फूट जाएगा.

काफी थके होने के कारण महिमा ने सारी शाम अपने कमरे में आराम किया. उस की सास सुमित्रा और ननद शिखा उसे डिस्टर्ब करने एक बार भी कमरे में नहीं आईं.

सौरभ शाम को बाहर घूमने चला गया था. वह रात 10 बजे के करीब जब लौटा तब तक महिमा सजधज कर उस के स्वागत के लिए तैयार हो चुकी थी.

‘‘कहां घूम आए आप?’’ महिमा के इस सवाल का कोई जवाब न दे कर सौरभ ने उस का हाथ पकड़ा और अपने सामने बैठा लिया.

उस की आंखों में बेचैनी और परेशानी के भाव पढ़ते ही महिमा की मुसकराहट गायब हो गई. अपनी बढ़ी हुई धड़कनों के साथ उस के बोलने का इंतजार करने लगी.

‘‘किसी और के बताने से पहले मैं ही तुम्हें बता रहा हूं कि मेरी जिंदगी में पहले से एक औरत मौजूद है जिस का साथ कभी न छोड़ने का वादा मैं ने उस से किया हुआ है,’’ बड़े असहज अंदाज में सौरभ ने यह विस्फोटक जानकारी महिमा को दी.

‘‘मु?ा से ऐसा मजाक मत करो, प्लीज,’’ महिमा के चेहरे का रंग उड़ गया.

‘‘तुम्हें यों दुख और मानसिक आद्यात पहुंचाने का मु?ो अफसोस है, पर अंजलि की मेरी जिंदगी में मौजूदगी एक ऐसी सचाई है जिस का सामना तुम्हें करना ही होगा.’’

‘‘जब यह अंजलि थी ही, तो आप ने मु?ा से शादी क्यों करी?’’

महिमा का गुस्से से लाल होता जा रहा चेहरा देख कर सौरभ मन ही मन चौंका. उस ने इस मौके पर महिमा के रोनेधोने या लड़ने?ागड़ने की कल्पना ही करी थी.

‘‘मु?ो अफसोस है, पर मातापिता के दबाव… उन की इच्छा… उन की खुशियों की खातिर…’’ महिमा का उसे घूरने का अंदाज कुछ ऐसा था कि सौरभ अपने किसी वाक्य को बेचैनी के कारण पूरा नहीं कर सका.

‘‘मातापिता की खुशियों की खातिर आप ने मु?ो इस ?ां?ाट में क्यों उल?ा लिया. आप की जिंदगी में मैं कहां फिट होऊं?’’ महिमा ने चुभते लहजे में पूछा.

‘‘तुम इस घर में पूरे मानसम्मान के साथ रहो. बस, मैं अंजलि को छोड़ूं, ऐसी जिद न करना.’’

‘‘प्यार तुम उसे करो और मैं सिर्फ नाम की पत्नी बन कर तुम्हारे साथ रहूं, यह स्थिति मु?ो कभी मंजूर नहीं होगी,’’ महिमा भड़क उठी.

‘‘प्यार तो मैं तुम्हें भी बहुत करने लगा हूं, लेकिन…’’

‘‘क्या सच कह रहे हो?’’ महिमा ने उस

के कंधे जोर से पकड़े और अपना चेहरा नजदीक ला कर उस की आंखों में गहराई से भावुक अंदाज में ?ांका.

‘‘बिलकुल सच. तुम बहुत अच्छी…

बहुत प्यारी हो,’’ सौरभ ने कोमल लहजे में

जवाब दिया.

‘‘क्या अंजलि से ज्यादा प्यार करते हो मु?ो?’’

‘‘शायद उस के बराबर ही.’’

‘‘उसे छोड़ दो.’’

‘‘नहीं.’’

‘‘उस के लिए कल को क्या मु?ो अपने से दूर करोगे?’’

‘‘नहीं.’’

‘‘दोनों के साथ प्यार का संबंध निभा लोगे?’’

‘‘हां.’’

‘‘बहुत चालू इंसान हो तुम तो,’’ सौरभ की ठोड़ी शरारती अंदाज में हिलाने के बाद महिमा ने एक बार हंसना शुरू किया तो उस पर पड़ा हंसी का दौरा कई मिनटों बाद ही रुका.

सौरभ मुंह बाए महिमा को पलंग पर लोटपोट होते देख रहा था. उस ने कल्पना भी नहीं करी थी अंजलि की चर्चा छिड़ने पर महिमा की ऐसी प्रतिक्रिया की.

‘कहीं यह पागल तो नहीं हो गई है?’ इस सवाल ने अचानक सौरभ के मन में उठ कर उसे डर व घबराहट का शिकार भी बना दिया.

‘‘अरे, यों हंसना बंद करो… किस बात पर तुम्हें हंसी आ रही है, यह तो बताओ…’’

सौरभ की ऐसी बातों को सुन कर महिमा हंसी रोकने की कोशिश करती, पर उस का हर प्रयास विफल होता रहा.

हंसी रुक जाने के बाद महिमा ने सौरभ का हाथ पकड़ा और फिर लापरवाही से कंधे उचकाते हुए बोली, ‘‘आप रखे रहिए इस अंजलि दीदी को अपनी प्रेमिका बना कर. मु?ो उन के कारण रोनाधोना है न रूठ कर मायके जाना है न मु?ो तलाक चाहिए और न ही मैं आत्महत्या करने जा रही हूं इस कारण.’’

‘‘थैंक यू, महिमा,’’ सौरभ को इस के अलावा कोईर् जवाब नहीं सू?ा.

‘‘सिर्फ ‘थैंक यू’ से काम नहीं चलेगा, सर,’’ महिमा ने पास खिसक कर उस के गाल पर प्यार से हाथ फेरना शुरू किया, ‘‘इन अंजलि देवी के कारण अगर आप ने मेरे प्यार के कोटे में जरा भी कटौती करी, तो खैर नहीं जनाब की.’’

‘‘ऐसा नहीं होगा,’’ सौरभ ने फौरन वादा किया.

‘‘हनीमून के दौरान तुम ने मेरे दिल, दिमाग और बदन पर जो अपने प्यार का नशा चढ़ाया है, वह कभी कम न हो.’’

‘‘नहीं होगा.’’

‘‘ऐसा नहीं हो रहा है, इस का सुबूत मु?ो मिलता रहे.’’

‘‘कैसा सुबूत चाहोगी?’’

‘‘ऐसा,’’ महिमा ने उस के बाल खिंच कर चेहरा ऊपर उठाया और एक लंबा, जोश व उत्तेजना बढ़ाने वाला होंठों का चुंबन ले डाला.

महिमा ने उसे संभलने या सोचने का मौका ही नहीं दिया. उस के प्यार करने का अंदाज उस रात बड़ा अनोखा व बेहद आक्रामक था.

‘‘मेरे धोखेबाज पति मेरे जादूगर… मेरे कृष्ण कन्हैया…’’ न जाने ऐसे कितने नामों से महिमा उसे उत्तेजना के प्रभाव में बुला रही थी जिन से उस का प्रेम, गुस्सा, पीड़ा और लगाव ?ालक उठता था.

सौरभ के मातापिता व बहन को अंजलि से उस के अवैध प्रेम संबंध की खबर थी. पिछली रात महिमा और सौरभ ने खाना अपने कमरे में ही खाया. उन तीनों को यह आशंका थी कि अंजलि के कारण उन में कहीं लड़ाई?ागड़ा न हुआ हो. मारे चिंता के वे तीनों रातभर ठीक से सो भी नहीं पाए थे.

अगले दिन महिमा को सहज ढंग से हंसतामुसकराता देख उन तीनों ने

बड़ी राहत की सांस ली. उन का यह अंदाजा कुछ देर बाद गलत साबित हुआ कि शायद सौरभ ने महिमा को अंजलि के बारे में रात को कुछ बताया ही नहीं.

सौरभ जब औफिस के लिए निकलने लगा तब महिमा ने ऊंची आवाज में कहा, ‘‘शाम को पहले सीधे घर आना. अंजलि दीदी से मिलने मैं भी आप के साथ चलूंगी.’’

अंजलि का घर में यों खुल्लमखुल्ला नाम लिया जाना उन सब को बड़ा अजीब सा लगा. घर से बाहर निकलने जा रहा सौरभ दरवाजे के पास ठिठका और उस ने इशारे से महिमा को अपने पास बुलाया.

माथे में नाराजगी दर्शाने वाले बल डाल कर सौरभ ने उसे चेतावनी दी, ‘‘यों ऊंची आवाज कर के अंजलि के बारे में कुछ मत बोला करो.’’

‘‘क्यों?’’ महिमा ने हैरान हो कर पूछा.

‘‘मु?ो अच्छा नहीं लगता है.’’

‘‘अरे, अंजलि आप की प्रेमिका है. उस के बारे में बातें हों, तो आप को अच्छा लगना चाहिए.’’

‘‘तुम बेवकूफों जैसी बातें मत करो,’’ सौरभ को गुस्सा आ गया.

‘‘यह तो सच है कि मैं बुद्धू हूं और थोड़ी सी पागल भी, पर एक बात पूछूं आप से,’’ महिमा की मुसकराहट और गहरी हो गई.

‘‘क्या?’’

‘‘अपने पाप और गलत काम की लोग चर्चा करने से बचते हैं. अंजलि से आप का संबंध क्या ऐसे कामों की श्रेणी में आता है?’’

‘‘नहीं, लेकिन…’’

‘‘बस, फिर आप मु?ो मत टोको. मैं अंजलि दीदी के लिए कुछ गिफ्ट ला कर रखूंगी. शाम को दोनों उन से मिलने चलेंगे.’’

‘‘गिफ्ट की कोई जरूरत

नहीं है.’’

‘‘अरे, कैसे नहीं है. आप की प्रेमिका की मुंहदिखाई की रस्म में मैं उन्हें कुछ उपहार जरूर दूंगी. आप वक्त से घर आ जाना,’’ महिमा खुल कर हंसी और शरारती अंदाज में सौरभ के गाल पर चिकोटी काट कर पीछे हट गई.

सौरभ चाह कर भी उस पर गुस्सा नहीं कर पाया और ‘‘पगली कहीं की,’’ कह कर मुसकराता हुआ औफिस चला गया.

महिमा को ढेर सारी अंजलि के बारे में जानकारी अपनी सास आरती और ननद शिखा से मिली. वे दोनों पिछले 2 सालों से भरी बैठी थीं.

‘‘अंजलि दीदी सुंदर और स्मार्ट होने के साथसाथ अभी तक अविवाहित भी हैं. उन की शादी नहीं हुई है, पर एक पुरुष के प्यार की जरूरत तो उन्हें भी महसूस होती होगी. इत्तफाक से वह पुरुष सौरभ निकल गए है. ऐसा हो जाता है, मम्मीजी. मु?ो कुछ खास चिंता नहीं हैं उन के इस चक्कर की,’’ महिमा के इन शब्दों को सुन कर आरती और शिखा देर तक हैरानी से भरी रहीं.

अनुज-अनुपमा की ज़िंदगी में होगी नई शख्स की एंट्री, मान से दूर होगी छोटी अनु!

टीवी एक्ट्रेस रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर ‘अनुपमा’ (Anupama) को नंबर वन बनाए रखने के लिए मेकर्स लगातार नए-नए ट्विस्ट और टर्न्स लेकर आ रहे हैं. आए दिन शो में कोई न कोई तूफान देखने को मिल रहा है, चाहे यह तूफान शाह परिवार से जुड़ा हो या फिर खुद अनुपमा और अनुज की जिंदगी से जुड़ा हो. बीते दिन भी ‘अनुपमा‘ में दिखाया गया कि वनराज पैसों के लिए काव्या के पास फोन करता है. वहीं जब वह काव्या को उसके फोटोग्राफर के साथ देखता है तो उसका पारा चढ़ जाता है और वह फोटोग्राफर को छिछोरा तक कह देता है. दूसरी ओर अनुज और अनुपमा एक-दूसरे के साथ कीमती वक्त बिताते हैं. लेकिन रुपाली गांगुली के ‘अनुपमा’ में अभी ऐसे कई मोड़ आने बाकी हैं जो लोगों को हैरान करके रख देंगे.

पड़ोसियों के आगे हाथ फैलाएगा वनराज

अनुपमा‘ के अपकमिंग एपिसोड में देखने को मिलेगा कि वनराज अपनी छोटी-मोटी बचत जुटाने की कोशिश करेगा. लेकिन उसके बाद भी जब काम नहीं बन पाएगा तो वह पड़ोसियों के पास उधार मांगने जाएगा. हालांकि वहां से भी उसे खाली हाथ लौटना पड़ेगा.

 

 

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पारितोष की मदद करने से इंकार करेगी अनुपमा

अनुपमा‘ में जल्द ही देखने को मिलेगा कि पैसों का इंतेजाम न होने पर जयंतिभाई फिर से शाह हाउस पहुंच जाता है. वह अनुपमा और अनुज के पास फोन लगा देता है और बताता है कि तोषू ने अनुज का नाम लेकर डील की थी. ऐसे में उसे भरोसा है कि वह उसे पैसे वापस दिलाएगा. लेकिन अनुपमा मदद करने से साफ इंकार कर देती है और कहती है कि तोषू जिम्मेदार है और आपका हक है कि उसपर कार्रवाई करें.

 

 

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बेटे को बचाने के लिए बा के जेवर गिरवी रखेगा वनराज

रुपाली गांगुली स्टारर ‘अनुपमा’ में जल्द ही दिखाया जाएगा कि अनुपमा और अनुज के मना करने के बाद वनराज हार मानकर बा के जेवर गिरवी रख देता है, जिससे वह अपने बेटे को बचा सके. लेकिन समस्या का कुछ समाधान निकल पाता, उससे पहले ही पूरे परिवार को पता चल जाता है कि पारितोष ने डील के लिए किंजल के पैसे चुराए हैं. यह बात पूरे परिवार को और हैरान कर देती है

अनुज-अनुपमा की जिंदगी में दस्तक देगी नई मुसीबत

‘अनुपमा’ में एंटरटेनमेंट का डोज यहीं पर खत्म नहीं होता है. शो में जल्द ही दिखाया जाएगा कि छोटी अनु के साथ-साथ अनुपमा और अनुज की जिंदगी में किसी नए शख्स की एंट्री भी होगी, जो दोनों के बीच नई मुसीबत पैदा कर सकती है. प्रोमो वीडियो को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह अनुज और अनुपमा से उनकी छोटी अनु को दूर करने की कोशिश करेगी.

Junooniyat: Bigg Boss 16 फेम गौतम विज-अंकित गुप्ता बने सिंगर? देखें नये शो का प्रोमो

टीवी के मशहूर एक्टर और ‘बिग बॉस 16’ के कंटेस्टेंट्स रह चुके अंकित गुप्ता और गौतम सिंह विज जल्द ही टीवी पर धमाकेदार एंट्री करने वाले हैं. दरअसल, दोनों कलर्स टीवी के नए शो ‘जुनूनियत(Junooniyat) में नजर आएंगे, जिससे जुड़ा धमाकेदार प्रोमो वीडियो भी रिलीज हो गया है जो सोशल मीडिया पर खूब धूम मचा रहा है. शो में अंकित गुप्ता (Ankit Gupta) और गौतम सिंह विज (Gautam Singh Vig) के अलावा एक्ट्रेस नेहा राणा भी मुख्य भूमिका निभाती नजर आएंगी. यूं तो शो म्यूजिकल ड्रामा पर आधारित होगा, लेकिन यह भी माना जा रहा है कि ‘जुनूनियत’ में लव ट्रायएंगल देखने को मिलेगा.

 

 

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अंकित गुप्ता, गौतम सिंह विज और नेहा राणा का लुक हुआ रिलीज

‘जुनूनियत’ (Junooniyat) में जहां अंकित गुप्ता (Ankit Gupta) जहान की भूमिका अदा करेंगे तो वहीं गौतम सिंह विज जॉर्डन और नेहा राणा इलाही के किरदार में नजर आएंगे. तीनों अपने परिवार की खातिर म्यूजिक की दुनिया में करियर बनाएंगे. जहां जहान अपने मां-बाप को बेगुनाह साबित करने के लिए म्यूजिक शो में जाएगा तो वहीं इलाही अपनी मां को वापस लाने के लिए और जॉर्डन अपने सपनों को पूरा करने के लिए म्यूजिक की दुनिया में करियर बनाएगा.

 

 

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जुनूनियत को लेकर एक्साइटेड हुए फैंस

अंकित गुप्ता (Ankit Gupta), गौतम सिंह विज (Gautam Singh Vig) और नेहा राणा के अपकमिंग शो ‘जुनूनियत’ को लेकर फैंस भी खूब एक्साइटेड हैं. एक यूजर ने अंकित गुप्ता की तारीफ करते हुए लिखा, “प्रोमो बहुत अच्छा है और लगता है कि यही कारण है कि वह बिग बॉस 16 से बाहर हुए थे.” अंकित गुप्ता के एक फैन ने लिखा, “बटालियन, ये वक्त है इंटरनेट पर धमाल मचाने का. इसे वायरल होने की जरूरत है. हमारा अंकित गुप्ता नए अवतार में वापस आ चुका है.” अंकित से इतर गौतम सिंह विज की भी फैंस ने जमकर तारीफ की. एक यूजर ने लिखा, “गौतम पर जॉर्डन का रोल काफी जच रहा है.” वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, “मजा तो तब आएगा, जब ये लोग शो को प्रमोट करने बिग बॉस में जाएंगे. उस वक्त सौंदर्या की शक्ल देखने वाली होगी.”

मकर संक्रांति पर बनायें स्पेशल खिचड़ी

मकर संक्रांति, साल का पहला त्यौहार. तिल की खुशबू और पतंगबाजी. जो लोग खिचड़ी के नाम पर नाक-मुंह सिकोड़ते हैं, वो भी मकर संक्रांति पर बनने वाली खास खिचड़ी को जरूर खाते हैं. तो आज रात के खाने में खिचड़ी हो जाए?

सामग्री

– 1 कटोरी चावल

– आधा कटोरी मूंग और अरहर की दाल

– 2 आलू, कटे हुए

– 1 शिमला मिर्च, कटी हुई

– ½ कटोरी मटर

– 3 हरी मिर्च, बारीक कटी हुई

– 1 इंच अदरक, किसा हुआ

– 2 चम्मच देशी घी

– 2 चुटकी हींग

– ½ टी स्पून जीरा

– 5-7 काली मिर्च, कुटी हुई

– 4-5 लौंग, कुटी हुई

– ¼ टी स्पून हल्दी

– हरी धनिया पत्ती, कटी हुई

– नमक स्वादानुसार

विधि

– दाल और चावल को अच्छे से धो लें.

– सब्जियों को धो कर काट लें.

– अब कूकर में चावल और दाल की जितनी मात्रा है, उससे 5 गुना ज्यादा पानी डालें. सारी सब्जियों को कूकर में डालें. नमक हल्दी डालें और मीडियम आंच पर 1 सिटी लगायें.

– एक पैन में घी गरम करें. उसमें जीरा डालें, हलका सा भूनें.

– अदरक, काली मिर्च, लौंग, हरी मिर्च डालकर भूनें.

– अब इससे खिचड़ी में छौंक लगायें.

– खिचड़ी को घी, दही, अचार, पापड़ के साथ परोसें.

पंजाबी क्वीन हिमांशी खुराना का सूट फैशन करें ट्राय

पंजाबी गानों से फैंस का दिल जीत चुकीं एक्ट्रेस हिमांशी खुराना इन दिनों कलर्स के रियलिटी शो में नजर आ रही हैं. शो में हिमांशी को लेकर कईं खुलासे और लड़ाइयां होती रहती हैं, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. पंजाबी गानों में अपने लुक और एक्टिंग से फैंस का दिल जीत चुकीं हिमांशी का फैशन भी फैंस को काफी पसंद आता है. आज हम हिमांशी के फैशन की बात करेंगे. हिमांशी अक्सर पंजाबी लुक यानी सूट के नए-नए फैशन में नजर आती हैं. इसीलिए आज हम आपको हिमांशी के कुछ सूट लुक बताएंगे, जिसे आप वेडिंग सीजन में ट्राय कर सकती हैं.

1. मल्टी कलर सूट है परफेक्ट

अगर आप किसी फंक्शन में कुछ नया ट्राय करने का सोच रहे हैं तो हिमांशी खुराना का मल्टी कलर दुपट्टा आपके लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा. मल्टी कलर सलवार के साथ मल्टी कलर दुपट्टा और ग्रीन कलर के कौम्बिनेशन वाला सूट आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

2. शरारा लुक है परफेक्ट

 

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आजकल शरारा लुक काफी पौपुलर है. शरारा के साथ सूट ग्रीन सूट और दुपट्टा आपके लिए परफेक्ट लुक है ये आपके लुक पर चार चांद लगा देगा. आप इसके साथ गोल्डन इयरिंग्स ट्राय कर सकती हैं ये आपके लिए परफेक्ट रहेगा.

3. वेडिंग फंक्शन के लिए परफेक्ट है ये सूट

 

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अगर आप वेडिंग फंक्शन में कोई सूट ट्राय करने का सोच रहे हैं तो आप हिमांशी खुराना का यैलो कलर के सूट के साथ पर्पल कलर का ये दुपट्टा आपके लिए परफेक्ट है. इसके साथ आप यैलो कलर के कौम्बिनेशन वाले इयरिंग्स ट्राय कर सकते हैं.

4. पिंक कलर है हमेशा परफेक्ट 

 

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पिंक कलर चाहे कोई भी पहने और किसी भी फंक्शन में पहने तो वह खूबसूरत लगेगा. पिंक कलर के एम्ब्रायडरी वाले सूट के साथ लूज पैंट ट्राय कर सकते हैं. इसके दुपट्टा अगर सूट हल्का है तो हैवी रखें.

5. अनारकली सूट करें ट्राय

वेडिंग में अक्सर अनारकली सूट देखने को मिलते हैं अगर आप भी वेडिंग फंक्शन में अनारकली सूट ट्राय करना चाहते हैं तो हिमांशी का डार्क स्काई ब्लू कलर का सूट ट्राय करना न भूलें. ये आपके लिए परफेक्ट लुक रहेगा.

बिना कपड़े पहने सोना पसंद है?

बेशक पढ़ने या सुनने में आप को यह अजीब लगे लेकिन सच में न्यूड सोना यानी कि बिना कोई वस्त्र पहने सोना फायदेमंद है. बड़ेबड़े वैज्ञानिक चिकित्सकों ने यह दावा किया है कि वस्त्र पहन कर सोने की तुलना में बिना कोई कपड़े पहने सोने से अधिक लाभ होता है.

जी हां ,जब आप बिना कोई कपड़े पहन कर सोते हैं तो इस से आप को अनगिनत फायदे होते हैं, लेकिन लोगों को ऐसी आदत नहीं होती बल्कि पूरे कपड़े उतार कर सोना उन्हें अजीब लगेगा.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो कपड़ों की वजह से शरीर की गरमी बाहर नहीं निकल पाती. इस वजह से सोने में परेशानी का अनुभव होता है. लेकिन, जब आप बिना कपड़ों के सोते हैं तो शरीर का तापमान कम हो जाता है, इस से एक नहीं बल्कि कई फायदे होते हैं जैसे तनाव कम होना, वजन घटना, त्वचा स्वस्थ होना, फंगल संक्रमण से बचाव आदि. आइए, इन फायदों के बारे में विस्तार से जानें:

हार्मोन वृद्धि को संतुलित करे:

बिना कपड़ों के सोने का फायदा हमारी बौडी में मौजूद हार्मोन्स और मेलाटोनिन को मिलता है. बौडी का न्यूनतम तापमान उस में मौजूद हार्मोन्स के विकास के लिए लाभप्रद साबित होता है. यह शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को जलाने और फ्री रेडिकल्स से शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं. यह फ्री रेडिकल्स उम्र बढ़ने संबंधी लक्षणों से संबंधित होते हैं. यानी कि यदि आप कपड़ों के साथ सोते हैं तो समय से पहले बुढ़ापे के शिकार हो सकते हैं. इसलिए लंबे समय तक जवान बने रहने के लिए बिना कपड़ों के सोने के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं.

पतिपत्नी के लिए अधिक फायदेमंद:

बिना कपड़ों के अपने साथी के साथ बिस्तर में जाना आप के यौन जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है. न्यूड रात भर बिस्तर पर सोते समय उन दोनों के शरीर एक दूसरे के कांटेक्ट में आते हैं जिस से दोनों की त्वचा को एकदूसरे का स्पर्श मिलता है. चिकित्सकों के अनुसार, ऐसा करने से बौडी औक्सीटौसिन नामक हार्मौन को रिलीज करती है जिस से अच्छा महसूस होता है और आप की नाइट लाइफ रोमांस और रोमांच भरी हो जाती है.
स्वीडिश रिसर्च का कहना है कि जब आप अपने पार्टनर के साथ निर्वस्त्र सोते हैं तो आप
के शरीर से निकलने वाले हार्मोन ऑक्सीटॉसिन आप के ब्रेन में पहुंचता है .इससे दिमागी स्ट्रेस दूर होता है. आप अच्छा महसूस करते हैं.

बेहतर नींद आती है:

यदि आप को रात में अच्छी नींद लेने में दिक्कत होती है तो बिना कपड़ों के सोने की कोशिश करें. निश्चित ही यह आप की अच्छी नींद में मदद कर सकता है. मेन हेल्थ स्लीप एडवाइजर डब्लू क्रिस्टोफर विंटर कहती हैं कि निर्वस्त्र होकर सोने से बेहतर नींद आती है सुबह उठकर तरोताजा महसूस करते हैं.
क्योंकि सोते समय शरीर के तापमान का ठंडा होना एक सुखद नींद की निशानी माना गया है, इसीलिए बिना कपड़े पहने कमरे की ठंडक को अपनी त्वचा तक पहुंचा कर एक अच्छी नींद पा सकते हैं.

प्राइवेट पार्ट्स के लिए:

आमतौर पर हम दिन भर अंडरगारमेंट्स पहने ही रहते हैं, इस से प्राइवेट पार्ट्स का टेंपरेचर शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में ज्यादा होता है. साथ ही, यहां नमी की भी आशंका बनी रहती है, जिस से कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है. बिना कपड़ों के शरीर को खुली हवा मिलती है जो बैक्टीरिया को और पसीने को आने से रोकती है. अटलांटिका सिटी के यूरोलॉजिस्ट ब्रायन स्टिक्स नर कहते हैं कि अगर यूरोलॉजी संबंधी इंफेक्शन से बचना है तो बिना अंडरवियर के सोना बेहद फायदेमंद है इससे जनन अंग में इंफेक्शन होने के चांस कम हो जाते हैंमहिलाएं खुजली और अन्य फंगल संक्रमण से बच सकती हैं. न्यूड सोना पुरुषों के शुक्राणुओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है क्योंकि न्यूड होने से उन के शरीर में पर्याप्त ठंडक बनी रहती है. ब्रायन स्टिकसनर का कहना है की निर्वस्त्र सोने से स्पर्म भी बढ़ता है.

हेल्दी स्किन:

बिना कपड़े पहने सोना हमारी स्किन के लिए फायदेमंद होता है. यह स्किन को राहत देता है जिस से वह सांस ले पाती है और इस से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है. इस के अलावा, कम तापमान में सोना हमारी कोशिकाओं की रक्षा करता है और यह एंटी एजिंग का भी काम करता है जिस से हमारी स्किन बेदाग, निखरी और चमकदार नजर आती है.

बालों को सुंदर रखने में मदद:

पसीना बालों को नुकसान पहुंचा सकता है. पसीने से निकला नमक स्कैल्प को नुकसान पहुंचा सकता है और बालों को कमजोर बना देता है. अगर आप कपड़े उतार कर एकदम फ्री हो कर ठंडे तापमान में सोते हैं तो आप को कम पसीना आएगा, जिस से बाल सुंदर और मजबूत होंगे.

वजन कम कर सकते हैं:

आप को यह सुन कर आश्चर्य हो सकता है कि बिना कपड़ों के सोने से वजन कम किया जा सकता है, लेकिन यह सच है. यदि बिना कपड़ों के सोते हैं तो शरीर आसपास के तापमान के अनुसार आवश्यक गरमी उत्पन्न करता है. यहां तक कि सर्दियों के मौसम में भी. बिना कपड़ों के सोने का मतलब ठंडक प्राप्त करना नहीं है बल्कि आप का शरीर प्राकृतिक गरमी उत्पन्न करता है. इस से हमारी चयापचय कैलोरी का उपभोग होता है. इस तरह से अतिरिक्त जमा कैलोरी का उपयोग किए जाने पर हमारे शरीर का वजन कम हो सकता है. इस के अलावा, कम तापमान पर सोने से शरीर की वसा को कम करने में मदद मिलती है क्योंकि शरीर का प्राकृतिक रूप से ताप बढ़ने पर यह वसा जलती है. इस तरह से आप अपने वजन को कम करने के लिए बिना कपड़ों के बिस्तर में जा सकते हैं.

बीमारियों से बचाए:

यकीन नहीं होता? लेकिन यह सच है कि बिना कपड़ों के सोने से बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है. अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि न्यूड सोने से कोर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है जिस से उच्च रक्तचाप और कौलेस्ट्रोल लामिया की समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है. रात के समय शरीर के तापमान में कमी से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है जो कि एक अध्ययन से साबित भी हो चुका है कि बिना कपड़ों के सोना मधुमेह को रोकने में सहायक होता है. साल 2014 में जनरल डायबिटीज में छपे शोध के अनुसार निर्वस्त्र सोने से मेटाबॉलिज्म का स्तर ठीक रहता है .बिना कपड़ों के सोने से ब्लड फ्लो भी बेहतर होता है और इस से दिल की सेहत अच्छी रहती है.
अब आप समझ गए होंगे की कपड़े उतार कर सोना आपके शरीर के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है लेकिन हमारे देश में कई लोग कपड़े उतार कर सोने में खुद को कंफर्ट फील नहीं करते यदि आप भी ऐसे लोगों में से हैं तो हल्के कपड़े पहने.

7 टिप्स : सर्दियों में ऐसे रखें घर को गर्म

विंटर सीजन में हम घर के बाहर खुद को गर्म कपड़ों से बचा लेते हैं, लेकिन घर में रहकर जो ठंड का एहसास होता है. वह कभी-कभी हमारी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है इसीलिए आज हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे, जिनका इस्तेमाल करके आप अपने घर को सर्दियों में गर्म रख पाएंगे.

1. आग या हीटर का करें इस्तेमाल

ठंड के मौसम में अक्सर लोग घरों में आग जला सकते हैं या फिर हीटर का भी इस्तेमाल करते हैं, जो घर को गर्म रखने में फायदेमंद रहता है.

2. गर्म कालीन का करें इस्तेमाल

ठंड में फर्श काफी ठंडी होती है ऐसे में उस पर चलना हेल्थ के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. ऐसे में, आप चाहें तो फर्श के ऊपर कालीन बिछा लें, अगर आप मोटे या फर वाले कालीन बिछा सकते हैं.

3. मोटे पर्दे का इस्तेमाल करें

विंटर सीजन में मोटे परदे का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि ये ठंडी हवा अंदर आने से रोकता है. घर की वौल को ब्राइट कलर करने से घर गर्म भी हो जाएगा औक इससे घर को नया लुक भी मिल जाएगा. आप चाहें तो लाइट और डार्क कलर कौम्बिनेशन भी दीवारों पर ट्राय कर सकती हैं.

4. घर के अंदर धूप को दें जगह

अगर आपके घर के किसी भी हिस्से में धूप की किरणें पड़ती हो तब आप उसे अच्छे से आने दें और हो सके तब आप उस जगह पर बैठ कर उसका आनंद लें. क्योंकि, इससे न केवल घर बल्कि आपको भी गर्माहट महसूस होगी.

5. टैराकोटा पौट और बबल रैप का करें इस्तेमाल

टैराकोटा पौट में लकड़ी या कोयला जलाकर घर में रखें. यह आपके घर को गर्म करने के लिए हीटर की तरह काम करता है. वहीं घर को ठंडी हवा से बचाने के लिए खिड़कियों को बबल रेप से अच्छी तरह कवर कर दें. यह आपके घर में आने वाली ठंडी हवा को रोकता है.

6. थर्माकौल का करें इस्तेमाल

इन सब के अलावा, अपने घर के सीलिंग रूम का भी ध्यान रखें. क्योंकि, सीलिंग रूम घर का ऐसा हिस्सा है जो सबसे पहले ठंडा होता है, इसलिए इसे गर्म करने के उपाय के साथ इसका खूबसूरत होना भी जरूरी है. इसके लिए सीलिंग बनाते वक्त अगर थर्माकोल लगा दिया जाए तो यह ठंड में फायदेमंद होता है.

7. खाना बनाते समय करें ये काम

जब आप किचन में खाना बनाते हैं तो इससे हीट पैदा होती है. जो आपके घर को गर्म कर सकती है. इसके लिए आप किचन की उस खिड़की को खोल दें, जो घर के अंदर खुलती है. इससे आपका घर गर्म रहेगा.

जैसी सोच वैसी जिंदगी

जीवन एक आशीर्वाद है, इसे ‘सौ बरस तक जिओ’. सौ बरस तक जीने का लक्ष्य बना कर जीने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है. सभी अपने लिए बेहतर जिंदगी का सपना देखते हैं.

यदि आप खुद पर विश्वास रखते हैं, अपने जीवन में होने वाली संभावनाओं के प्रति जागरूक और प्रयत्नशील हैं तो खुश रहने की खोज में आप को सफलता जरूर मिलेगी. निम्नलिखित बातें अजीब जरूर लगेंगी किंतु उन पर विचार कर के उन के रहस्य को जानने की कोशिश करें :

– हर सही निर्णय उचित कार्यवाही के अभाव में बेकार है.

– असफलता आप के लिए लाभदायक हो सकती है.

– अपनी सोच के दायरे को विस्तृत और व्यावहारिक बनाएं.

– विचारों पर नियंत्रण रखें, संवेदनशील हों किंतु सीमा के भीतर. मुद्दा बना कर छोटीछोटी बातों में तुनकमिजाजी ठीक नहीं होती है.

– उत्तम भविष्य के निर्माण के लिए व्यवस्था और कार्यप्रणाली सुनिश्चित करें.

– मन की दुविधा को खत्म करना होगा.

– अपने मन को टटोलना होगा और जानना होगा कि वह क्या चाहता है.

– जीवन में संतुलन बना कर चलना जरूरी.

– अपने जीवन के प्रति ईमानदारी बरतें.

– बाहरी लालच, दबाव में न आएं.

– दूसरों की नकल नहीं करनी चाहिए, क्योंकि दूसरों की नकल करने वाले कभी आगे नहीं बढ़ पाते.

अपनी मानसिकता को परखें और संभालें

यहां उन बातों और विचारों का उल्लेख जरूरी है जो बातें मानसिकता को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करती हैं. अच्छी मानसिकता स्वस्थ शरीर की प्राथमिक आवश्यकता है. जिस शरीर को सारी जिंदगी हमारे साथ रहना है, उसे स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है.

सही खानपान, कसरत, साफसुथरा जीवन ऐसी बातें हैं जिन की अहमियत किसी से छिपी नहीं है. बुरी आदतें और व्यसन, जैसे तंबाकू व सिगरेट का सेवन, शराब, जरूरत से ज्यादा भोजन या फास्टफूड, ड्रिंक्स आदि ने हमारी दिनचर्या में शामिल हो कर शरीर को खोखला कर दिया है.

शीघ्र ही इन बुरी आदतों को छोड़ कर जीवन को व्यवस्थित करना चाहिए. कहते हैं, ‘शुभस्य शीघ्रम’.

प्रसिद्ध दार्शनिक बर्ट्रेड रसेल का कथन है कि खुशी एक मानसिक स्थिति है. यह बाहरी चीजों से नहीं मिलती है. इसलिए मानसिक स्थिति को स्वस्थ बनाइए.

स्टिमुलस रेसपौंस सिद्धांत

मशहूर प्रबंधन विशेषज्ञ और लेखक हैरोल्ड जे लेविट का मानना है कि व्यवहार इस बात पर आधारित होता है कि आप कैसा स्टिमुलस (प्रेरक तत्त्व) देते हैं चूंकि लोगों की प्रतिक्रिया (रैसपौंस) उस के अनुसार होती है. जैसे आप एक मित्र का स्वागत मुसकरा कर करते हैं तो आप ने अच्छा स्टिमुलस दे कर उसे प्रेरित किया. प्रतिक्रिया भी अच्छी होगी. वह दोगुने उत्साह के साथ आप से मिलेगा. बुझे मन से मिलेंगे तो उस की प्रतिक्रिया भी ठंडी होगी.

इस दृष्टिकोण से मधुर संगीत सुनना, पार्टियों में शामिल होना, खेलकूद में भाग लेना, सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सेदारी, आउटिंग, पिकनिक, सिनेमा आदि खुशनुमा जिंदगी के लिए अहम भूमिका निभाते हैं.

ट्रांसैक्शनल एनालिसिस

डा. एरिक बर्न और टौमस ए हैरिस ने यह सिद्धांत व विचार दिया है जिस के अनुसार व्यवहार का विश्लेषण करने के लिए हम 3 मानसिक स्थितियों को जानने का प्रयत्न करें. ये हर मनुष्य में पाई जाने वाली स्थितियां हैं, चाइल्ड ईगो स्टेट, एडल्ट ईगो स्टेट और पेरैंट ईगो स्टेट.

जब कभी कोई आप के संपर्क में आ कर आप से बात करता है, व्यवहार करता है, तो मुख्य रूप से वह इन तीनों में से एक ईगो स्टेट का इस्तेमाल कर रहा होता है. सही व्यवहार से दूसरे व्यक्ति की समझ या प्रतिक्रिया से या तो मतभेद पैदा होता है या अंडरस्टैंडिंग. इसे समानांतर और क्रौस ट्रांसैक्शन कहते हैं.

सही प्रतिक्रिया समानांतर व्यवहार और गलत प्रतिक्रिया क्रौस ट्रांसैक्शन के परिणामस्वरूप होती है. उदाहरण के लिए आप दूसरे व्यक्ति से क्रोध में बात करते हैं तो आप पेरैंट ईगो स्टेट से दूसरे की चाइल्ड ईगो स्टेट से बात कर रहे हैं. वह भी क्रोधित प्रतिक्रिया देता है यानी वह अपनी पेरैंट ईगो स्टेट से आप की चाइल्ड ईगो स्टेट से बात करता है. परिणाम होता है झगड़ा या मिसअंडरस्टैंडिंग. इस सिद्धांत को जानने वाले उचित व्यवहार करने में सक्षम हो जाते हैं.

प्रबंधन विशेषज्ञों के विचार

मशहूर लेखक और प्रबंधन विशेषज्ञ डा. स्टीव कूपर ने अपनी पुस्तकों में पौजिटिव नजरिया अपनाने के लिए निम्नलिखित बातों का उल्लेख किया है :

– यह जरूरी है कि आप लोगों के प्रति  रचनात्मक रवैया रखें और सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करें.

– आप जो बात करें वह काल्पनिक न हो कर, सत्य पर आधारित हो, व्यर्थ की गौसिप न हो.

– बात करने से पहले महत्त्वपूर्ण तथ्यों और जानकारी को इकट्ठा करें और सौहार्द स्थापित करने के उद्देश्य से व्यवहार करें.

– क्रोध पर नियंत्रण रखें. क्रोध उन्नति की राह में बाधक होता है.

– जैसे आप शरीर को आराम देते हैं, मन और मस्तिष्क को भी आराम दें.

– आत्मनिर्भर, खुश और संतुष्ट रहने की आदत डालें.

– आप की बातचीत और व्यवहार का मुख्य उद्देश्य सामंजस्यपूर्ण और अंडरस्टैंडिंग पैदा करना होना चाहिए तभी ये सब बातें अर्थपूर्ण लगेंगी.

– यदि किसी की कोई बात आप को परेशान करती है तो भी पौजिटिव सोच के जरिए अपना मानसिक संतुलन बनाए रखें.

– अपने बारे में स्वस्थ विचार रखिए. दूसरों की नकारात्मकता से इसे प्रभावित न होने दें.

प्रबंधन विशेषज्ञ शिव खेड़ा के अनुसार, ‘‘यह युग ‘सरवाईवल औफ द फिटैस्ट’ का है. जो गुणी और साहसी है वही जीवित रहने के युद्ध में जीतता है.’’

मशहूर चित्रकार विन्सेंट वानगाग के इस कथन को याद रखें, ‘‘अगर हम सच्चे हैं तो हमारे साथ भलाई के सिवा कुछ हो ही नहीं सकता. भले ही हमारे हिस्से में दुख और घनघोर निराशाएं ही क्यों न आएं, जीवन को पूरे जोशोखरोश के साथ निर्बाध रूप से जीने का ही नाम जिंदगी है.’’

इन 5 होममेड टिप्स से पाएं डार्क सर्कल से तुरंत छुटकारा

आंखो के नीचे काले घेरे की समस्या लगभग सभी के साथ होती है. जो बौडी में कई सारे न्यूट्रिशंस की कमी से होने वाली कमजोरी और तनाव की समस्या का संकेत देते हैं. लेकिन कई बार ये डार्क सर्किल उम्र बढ़ने, ड्राई स्किन, रात भर काम करने और सही तरीके से न सोने के कारण भी हो सकते हैं. आंखों के काले घेरे दूर करने के कुछ घरेलू उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर इनसे छुटकारा पाया जा सकता है.

1. बादाम का तेल

बादाम का तेल कई प्राकृतिक गुणों से भरपूर होता है, जो आंखों के आसपास की त्वचा को फायदा पहुंचाता है. बादाम के तेल के नियमित उपयोग से त्वचा का रंग हल्का पड़ जाता है, इसीलिए इसे आंखों के आसपास लगाने से डार्क सर्कल दूर हो जाते है. रात में इसे आंखों के नीचे थोड़ा सा लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें. मसाज करने के बाद ऐसे ही छोड़ दें. सुबह उठने के बाद मुंह धो लें.

सोने जाने से पहले आंखों के नीचे काले घेरों के ऊपर अलमन्ड औयल लगाकर हल्का-सा मसाज करें. रात भर लगा रहने दें. सुबह उठने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें.

2. खीरा

खीरा त्वचा की रंगत सुधारने में बहुत ही कारगर होता है. इसके साथ ही खीरा लगाने से त्वचा ज्यादा फ्रेश और ग्लोइंग नजर आती है. खीरे के पतले-पतले स्लाइस काटकर उसे रेफ्रिजरेटर में 30 मिनट के लिए ठंडा होने के लिए छोड़ दें. फिर इसे डार्क सर्किल पर लगाकर कम से कम 10 मिनट तक रखें. सूखने के बाद इसे पानी से धो लें. दिन में तीन से चार बार इसका इस्तेमाल तकरीबन एक हफ्ते तक करें और फर्क देखें.

इसके अलावा एक दूसरा तरीका है खीरे और नींबू की मात्रा को एकसाथ मिक्स करके उसे कौटन की सहायता से काले घेरों पर लगाएं और कम से कम 15 मिनट तक रखने के बाद पानी से धो लें.

3. पानी

अगर आंखों के नीचे डार्क सर्कल हैं तो खूब पानी पिएं. पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन किसी भी दवाई से बेहतर होता है. यह एक साधारण घरेलू उपाय है जो आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को दूर कर देता है. पानी पीने से स्कीन हाईड्रेट रहती है और डार्क सर्कल नहीं हो पाते हैं.

4. नींद

काफी लम्बे समय तक सही तरीके से नींद पूरी न होने पाने की वजह से भी आंखों के नीचे काले घेरे पड़ जाते हैं. अगर आपकी नींद पिछले कई दिनों से पूरी नहीं हुई है तो सबसे पहले सोएं. जब आप पूरा आराम लेंगे और आंखों को आराम देंगे तो काले घेरे अपने आप सही हो जाएंगे. आंखों के नीचे होने वाले काले घेरे, व्यक्ति की कम नींद के बारे में बताते हैं.

5. टी बैग्स

टी बैग्स का उपयोग करके भी आंखों के नीचे होने वाले डार्क सर्कल को दूर किया जा सकता है. सुबह की चाय के बाद यूज किए हुए टी बैग्स को अपने फ्रीज में रख दें. जब आपको समय मिलें तो उन्हें फ्रिज से बाहर निकाल लें और रूम के तापमान पर होने के लिए रख दें. बाद में इन्हें अपनी आंखों पर लगा लें. इससे आपको आराम मिलेगा और काले घेरे कम होंगे.

6. टमाटर

टमाटर में कई ऐसे गुण होते हैं जो त्वचा के डार्क कलर को हल्का कर देते हैं और त्वचा को ग्लो प्रदान करते हैं. एक चम्मच टामटर का पेस्ट और नींबू की रस की कुछ बूंदे मिला लें और मिश्रण तैयार कर लें. इस मिश्रण को अपनी आंखों के नीचे के काले घेरे पर लगाएं. इसे दस मिनट तक यूं ही लगा रहने दें और बाद में ठंडे पानी से धो लें.

Valentine’s Special: सुर बदले धड़कनों के- भाग 3

लेखक- जितेंद्र मोहन भटनागर

मां को खांसी आनी शुरू हो गई थी, इसलिए उस का ध्यान अकसर मां के स्वास्थ्य की तरफ चला जाता. उन्हें कफ सिरप पिला कर कुछ देर उन के पास बैठ कर उन का मन बहलाती. फिर जब वे नौवल हाथ में उठा लेतीं तो वह वहां से उठ कर अपने कमरे में चली आती.

पिता के मरने के बाद उन के अपने कमरे में विंग कमांडर सुंदर बहादुर की यादें हर तरफ मौजूद थीं. मां ने अपने पलंग के सामने एक आकर्षक युगल चित्र लगवा लिया था, जिस में वे वरदी पहने पति के साथ एक आकर्षक बनारसी साड़ी में सजीधजी खड़ी थीं.

शुरू में तो कई बार उस चित्र को देख कर किन्हीं यादों में डूब जातीं, फिर रोने लगतीं, पर तान्या की उम्र बढ़ने के साथ सब सामान्य हो गया. पति की यादों से जुड़ा दूसरा तैल चित्र, ड्राइंगरूम की दीवार पर उन्होंने लगवा ही रखा था, जिस के सामने पड़े सोफे पर बैठ कर उन्हें न जाने क्यों बड़ी तसल्ली मिलती थी.

लौकडाउन का आज 7वां दिन था. सवेरे जब तान्या मां के

कमरे में रोज की तरह चाय पीने बैठी तो मां की तरफ देख कर हैरान रह गई.

मां से चाय का घूंट सटका नहीं जा रहा था, तान्या ने अपने हाथ में पकड़ा चाय का प्याला स्टूल पर रखा और उन के करीब पहुंच कर उन की पीठ पर हाथ रखते हुए पूछा, ‘‘क्या हुआ मम्मा.’’

‘‘गले में खराश हो रही है और चाय का घूंट सटका नहीं जा रहा है,’’ अनिला बड़ी मुश्किल से बोल पाईं.

अगले ही पल अपने हाथ में पकड़ा कप नीचे रखते हुए अपना माथा दबाते हुए बोलीं, ‘‘तान्या, सिर में बहुत तेज दर्द शुरू हो गया है. लगता है बुखार आ जाएगा.’’

कुछ देर बाद उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ महसूस होने लगी. तकलीफ की अधिकता के कारण वे बेचैन होने लगी थीं.

ऐसी स्थिति देख कर तान्या ने निंदिया को आवाज दी. उस की आवाज सुन कर तान्या के साथ किचन में काम करती रानी भी कमरे में आ गई.

तान्या ने निंदिया को देखते ही कहा, ‘‘तुम अपने क्वार्टर जा कर, अपने पिता को तुरंत बुला लाओ,’’ फिर वह रानी की तरफ मुड़ते हुए बोली, ‘‘तुम चाय के कप यहां से उठा ले जाओ, फिर आ कर मां के पास 2 मिनट बैठो. मैं अपने कमरे में रखा अपना मोबाइल ला कर डाक्टर को फोन करती हूं.’’

इस समय उस ने डाक्टर नितिन से ही बात करना उचित समझ. एक बार तो पूरी रिंग बज गई नितिन ने फोन नहीं उठाया. दोबारा भी वही हुआ. उस ने बिना हिम्मत हारे तीसरी कौल लगाई. इस बार काल कनैक्ट हो गई.

‘‘डाक्टर नितिन मैं तान्या बोल रही हूं.’’

‘‘हां मैं पहचान गया, तुम्हारी आवाज तो मेरे जेहन में बस चुकी है.’’

उस ने अपनी मम्मी का सारांश में हाल बताया फिर बोली, ‘‘मैं अपने ड्राइवर के साथ आप के हौस्पिटल आ रही हूं.’’

‘‘तुम्हें हौस्पिटल आने की आवश्यकता नहीं है. यहां के वातावरण में सारे स्टाफ को घंटों पीपीई किट पहन कर रहना पड़ता है. तुम अपना पता मुझे एसएमएस कर दो मैं तुरंत ऐंबुलैंस भिजवाता हूं.’’

‘‘डाक्टर मैं भी मां के साथ आना चाहती हूं.’’

‘‘तान्या यह महामारी बहुत खतरनाक स्टेज पर है. संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. तुम्हारा आना उचित नहीं है. मुझ पर विश्वास रखो. मेरे रहते तुम्हारी मम्मी का विशेष खयाल रखा जाएगा, उन के सारे टैस्ट करवाए जाएंगे… जैसा तुम ने बताया सिमटम्स तो सारे कोविड वाले हैं. मैं अडवाइज करूंगा प्लीज तुम जोखिम न लो… मम्मी को एडमिट कराने के बाद जब उन का ट्रीटमैंट शुरू हो जाएगा तो उन की पूरी रिपोर्ट देने मैं अपनी शिफ्ट खत्म होते ही तुम्हारे घर आता हूं. ओके.’’

तान्या फोन कर के पलटी तो सामने गोपाल खड़ा था, ‘‘क्या आदेश है बिटिया? मैं ने कार सैनिटाइजर कर के बाहर खड़ी कर दी है.’’

‘‘ठीक है मुझे हौस्पिटल की ऐंबुलैंस का इंतजार करना होगा. लौकडाउन के कारण प्राइवेट वाहन का मूवमैंट भी रिस्ट्रिक्टेड है,’’ कहती हुई वह मास्क लगा कर ग्लब्ज पहनती हुई मां के सामने पहुंची.

मां का बुखार पहले से तेज हो गया था. उन की हालत देखी नहीं जा रही थी. वे खांसना

चाह रही थीं पर खांस नहीं पा रही थीं. उन का हाथ बारबार गले पर जा रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे उन का दम घुट रहा हो.

तान्या उन्हें गरम पानी पिलाने का प्रयास कर रही थी. गोपाल समझ गया था कि यह कोविड का ही अटैक है.

करीब 30 मिनट के अंदर ऐंबुलैंस अपना सायरन बजाती हुई बंगले के मेन गेट के सामने आ खड़ी हुई. ऐंबुलैंस के अंदर सक्रिय स्टाफ ने अनिला को अपने कब्जा में ले कर फर्स्टऐड देनी शुरू कर दी. चेहरे पर औक्सीजन मास्क किट लगा दी. नर्सें अपने काम में जुट गईं और उसी ऐंबुलैंस से आए स्टाफ में से एक ने घर से बाहर हाउस अंडर आईसोलेशन का पोस्टर चिपका दिया और दूसरी नर्स ने तान्या समेत गोपाल और उस के परिवार के सुआब टैस्ट के बाद रैपिड कोरोना टैस्ट सैंपल लिए. कुछ देर बाद ऐंबुलैंस सायरन बजाती चली गई.

तान्या ने घरों की खिड़कियों से झंकते लोगों पर नजर डाली. उसे अपनी ओर देखता पा कर सब अपने स्थान से ऐसे हट गए मानो तान्या से नजर भी मिल गई तो उन्हें भी कोरोना जकड़ लेगा.

इस बीमारी ने तो सभी संबंधों पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था. ये वही पड़ोसी थे जो पिता के न रहने पर कई दिनों तक मां को सांत्वना देने आते रहे थे.

तान्या ने एक नजर अपने दरवाजे पर चिपका दिए गए पोस्टर पर डाली. पूरे घर को आइसोलेशन में रख दिया गया था और घर के सदस्यों के मूवमैंट पर पूरी तरह पाबंदी थी.

उस ने गोपाल को कार गैरेज में खड़ी कर के अपने क्वार्टर में जाने के निर्देश दिए. अपने लिए रानी से पुन: चाय बना कर लाने को कहा. फिर निंदिया के साथ मां के कमरे की हर चीज को सैनिटाइज करने में जुट गई.

कुछ देर बाद उस ने ड्राइंगरूम में बैठ कर चाय पीते हुए परिस्थितियों का आंकलन किया. जाने क्यों उसे नितिन पर विश्वास था. वह

जानती थी कि नितिन के रहते मां को सही इलाज मिल जाएगा.

कुछ सोच कर उस ने मामाजी को मां के कोरोना संक्रमित होने की खबर देने के लिए फोन लगा दिया,

उधर से मामाजी की आवाज सुनाई दी, ‘‘हैलो तान्या कैसी हो?’’

‘‘मैं तो ठीक हूं मामाजी पर मां को कोरोना का संदेह होने के कारण अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा. डाक्टर नितिन ने ऐंबुलैंस भिजवा दी थी.’’

‘‘डाक्टर नितिन का नाम तो मेरे कानों में पहली बार पड़ा है.’’

‘‘हां, इस बार प्लेन में उस से मुलाकात हुई थी. अच्छी हाइट का हैंडसम डाक्टर है. बहुत स्मार्ट है. यह तो अच्छा हुआ कि मुंबई एअरपोर्ट पर बिछड़ते समय उस ने अपना विजिटिंग कार्ड मुझे दे दिया था. इसलिए मम्मी की तबीयत बिगड़ते देख मैं उसे फोन लगा कर बात की तो उस ने आधे घंटे के भीतर ही अपने हौस्पिटल की ऐंबुलैंस भिजवा दी.’’

उधर से कोई आवाज नहीं आई तो तान्या बोली, ‘‘मामा मेरी आवाज सुनाई दे रही है?’’

‘‘हां यह लो मामी से बात करो और डाक्टर का मोबाइल नंबर मामी को नोट करा देना, मैं जरा तुम्हारी नानी को ये अनिला के बारे में सूचित कर दूं.

तान्या ने अपने दिल का सारा हाल अपनी दोस्त सरीखी मामी को बता दिया. बोली, ‘‘मामी, तुम कहा करती थीं न कि लंबी लड़कियों को शादी के लिए लंबे लड़के मुश्किल से मिलते हैं, पर मुझे तो आराम से सुंदर लड़का मिल गया वह भी डाक्टर.’’

कुछ देर और बातें करने के बाद डाक्टर नितिन का कौल अपने मोबाइल पर

फ्लैश होते देख कर उस ने मामी वाली कौल डिसक्नैक्ट कर  दी और नितिन की कौल रिसील करी.

नितिन ने बताया, ‘‘तान्या, तुम्हारी मां की रिपोर्ट पौजिटिव आई है, उन्हें एडमिट कर के ट्रीटमैंट शुरू कर दिया गया है. मैं ड्यूटी औफ होते ही अपने घर जा कर नहाधो कर तुम से मिल कर मां का बाकी हाल बताऊंगा. कौफी तो पीने को मिलेगी न?’’

‘‘औफ कोर्स… तुम आओ मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी और हां शायद रुड़की से मेरे निकुंज मामा का फोन तुम्हारे पास आए, मां का हालचाल पूछेंगे… तुम डिटेल से सब बता देना.’’

‘‘ठीक है बता दूंगा, लेकिन मामा को चिंता में डालने की क्या जरूरत थी? इस लौकडाउन में कोई भी आ जा तो सकता नहीं है बस अपने लोग सुन कर परेशान जरूर हो जाते हैं. चलो कोई बात नहीं मैं उन की कौल अटैंड कर लूंगा. तुम उन का नेम कार्ड मुझे एसएमएस कर देना.’’

‘‘ओके,’’ तान्या ने फोन काट दिया.

फोन काट मामा को नितिन का नेम कार्ड सैंड कर के वह डाक्टर नितिन के बारे में सोचने लगी, ‘‘कितनी जिम्मेदारी से डाक्टर अपना रोल निभाते हैं. वह तो यह जानती थी कि आजकल डाक्टर इतने प्रोफैशनल हो गए हैं कि पैसे के आगे मानवीयता को भी उन्होंने ताक पर रख

दिया है.

हौस्पिलटल का तो हाल और भी बुरा है. मर चुके आदमी को भी वैंटिलेटर पर रख कर कृत्रिम सांस के द्वारा सीना फूलतापिचकता दिखा कर हौस्पिटल बिल को बढ़ा दिया जाता है.

मगर नितिन के व्यवहार से तो ऐसा कुछ प्रतीत नहीं हुआ. उस ने खुद ही ऐंबुलैंस की व्यवस्था कर समय से मां को हौस्पिटल में एडमिट कर दिया. अब शीघ्र इलाज मिलने पर मां ठीक भी हो जाएंगी.

मान लो किसी कारण मां को कुछ हो गया तब वह क्या करेगी? इस विचार ने भी उस को घेरा, परंतु उस ने तुरंत अपने सिर को झटका और रानी को मंचूरियन और जीरा राइस बनाने के निर्देश देती हुई, एक बार और शावर बाथ लेने के लिए बाथरूम में घुस गई.

आगे पढ़ें- कुछ देर बाद उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ महसूस होने लगी. तकलीफ की अधिकता के कारण वे बेचैन होने लगी थीं…

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