प्रेम पर भारी धर्म से ट्रैजेडी

प्यार की राह पर चलने वाली 27 वर्षीय श्रद्धा का जो हश्र उस के प्रेमी आफताब ने किया वह एक नाकाबिले माफी जुर्म है जिस के लिए वह कतई हमदर्दी नहीं बल्कि सख्त से सख्त सजा का हकदार है ऐसा दुर्दांत और जघन्य हादसा अकसर नहीं होता, लेकिन जब हो गया तो हर किसी को दुख हुआ और सभी ने सड़क हादसों की तर्ज पर कुछ न कुछ कहा, लेकिन परंपरावादी लोग यही कहते नजर आ रहे हैं कि इस से तो अच्छा है कि प्यार किया ही न जाए और किया जाए तो पेरैंट्स की इजाजत ले ली जाए. पर यह कहना कम है, प्रमुखता से हल्ला यह मचाया गया कि हिंदू लड़कियों को मुसलिम लड़कों से प्यार नहीं करना चाहिए नहीं तो न केवल उन के बल्कि सनातन धर्म और संस्कृति के 35 टुकड़े होना तय है.सभ्य समाज के लिए कलंक मामला क्या है और क्यों व कैसे हुआ इस से पहले तरस उन लोगों की मानसिकता पर खा लेना जरूरी है जो इस बीभत्स कांड को लव जिहाद कहते लड़कियों को प्यार के रास्ते पर न चलने की नसीहत दे रहे हैं क्योंकि श्रद्धा हत्याकांड में भी अपना धर्म उन्हें खतरे में नजर आ रहा है. जाने क्यों और कैसे तंदूर कांड में मारी गई नैना साहनी के बाद यही धर्म सलामत बच गया था तब क्यों लड़कियों को नसीहतें धर्म गुरुओं ने नहीं दी थीं और न ही मीडिया वालों ने यह कहा था कि हमें शिकायत नैना से भी है.

सार यह कि अगर आफताब की जगह कोई आकाश या सूरज होता तो हल्ला इतना नहीं मचाया जाता और सनातन खतरे में नहीं पड़ता. ठीक इसी तरह श्रद्धा की जगह सलमा या सकीना होती. तो भी इसे हादसा मानने की कोई वजह नहीं होती. कितनी हास्यास्पद बात है कि अगर प्यार में हिंदू लड़का हिंदू लड़की की हत्या करे या मुसलिम लड़का मुसलिम लड़की की हत्या करे तो कोई आसमान नहीं फटता मानो यह उन का हक हो.

धर्म के ठेकेदार दरअसल में प्यार को कोस रहे हैं क्योंकि इन की दुकान की बुनियाद ही युवाओं की आजादी के विरोध से पड़ी है. दूसरे क्या भारतीय पेरैंट्स इतने उदार हो गए हैं कि संतान खासतौर से लड़की अगर कहेगी कि मु?ो फलां से प्यार हो गया है तो क्या ये ?ाट से उस की भावनाओं का सम्मान करते हुए शादी के लिए राजी हो जाएंगे?

नहीं पेरैंट्स हजार बातें करेंगे, सैकड़ों नुक्स जातिधर्म और गोत्र के निकालेंगे और आखिर में मुंह लटका कर कहेंगे कि तुम्हें कोई हक नहीं कि तुम हमारी प्रतिष्ठा और खुशियों का गला घोंट कर अपनी मरजी से शादी करो और घर बसाओ फिर जैसी तुम्हारी मरजी तुम जानो तुम्हारा काम जाने. किसी बुरे के हम जिम्मेदार नहीं होंगे.

अपवाद मामलों में ही ऐसा होता है कि पेरैंट्स बच्चे की खुशी और इच्छा पर तवज्जो देते जीवनसाथी के चुनाव पर खुले दिल से उस के फैसले का सम्मान करते हैं नहीं तो तादाद उन की  ज्यादा हैं जो हिंदी फिल्मों के मांबाप की तरह परवरिश की दुहाई देते संतान को इमोशनली ब्लैकमेल करने का पुराना हथकंडा इस्तेमाल करते हैं जो कभी कामयाब तो कभी नाकामयाब हो जाता है.

जिन मामलों में यह कामयाब होता है उन में ज्यादातर बेटी की जिंदगी दूभर होने का खतरा ज्यादा रहता है जो अपने अरमानों का गला घोंट कर पेरैंट्स जिस के गले बांध देते हैं उस के साथ बेमन से विदा हो जाती है. बेमन से इसलिए कि यह एहसास उसे रहता है कि वह शादी नहीं कर रही बल्कि पेरैंट्स के लिए त्याग, सम?ाता या सौदा कर रही है जो जन्म देने, परवरिश करने और शिक्षा दिला कर काबिल बनाने की कीमत है.

कौन है श्रद्धा

कौन है श्रद्धा लेकिन श्रद्धा भी दूसरी कई जागरूक युवतियों की तरह इस पचड़े में नहीं पड़ी इसीलिए उसे कोसने की एक बड़ी वजह कुछ लोगों को मिल गई जैसे उस की हत्या की इकलौती वजह पेरैंट्स की अनदेखी ही हो और उस ने एक मुसलिम युवक से प्यार करने के गुनाह की सजा बेरहम तरीके से भुगती जबकि सच कुछ और है कि दरअसल में लिव इन में रह रहे लाखों कपल्स की तरह उस की और आफताब की पटरी आपस में नहीं बैठ रही थी. श्रद्धा की गलती प्यार करना नहीं थी बल्कि प्यार और लिव इन में जरूरी सम?ादारी और सावधानियां न रखना थी.

श्रद्धा का पूरा नाम श्रद्धा वाकर है. वह महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली थी. आम मध्यवर्गीय परिवारों की युवती की तरह वह भी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी करने लगी थी. मास मीडिया में मास्टर डिगरी लेने वाली श्रद्धा को उस के सहपाठी उसे 4 जी गर्ल कहते थे. एक मल्टीनैशनल कंपनी के कौल सैंटर में मुंबई के मलाड इलाके में नौकरी कर रही बिंदास, हंसमुख  खूबसूरत और आकर्षक इस युवती की जानपहचान 2019 में अपने सहकर्मी आफताब से हुई जिस का पूरा नाम आफताब अमीन पूना वाला है.

यह जानपहचान जल्द ही प्यार में बदल गई और दोनों साथ जीनेमरने के वादे करते शादी के सपने देखने लगे. श्रद्धा को उम्मीद यह थी कि उस के पेरैंट्स इस शादी के लिए हां कर देंगे क्योंकि वे अपनी बिटिया को बहुत चाहते थे.

श्रद्धा के इस भ्रम या विश्वास कुछ भी कह लें को ?ाटका उस वक्त लगा जब पेरैंट्स ने सख्ती से मना कर दिया कि नहीं यह शादी नहीं हो सकती क्योंकि लड़का मुसलमान है. इस से श्रद्धा को जाहिर है दुख हुआ और वह निराश भी हुई. उस ने मांबाप को मनाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन बात नहीं बननी थी सो नहीं बनी. तय है इसलिए कि पेरैंट्स एक मुसलिम युवक को दामाद स्वीकार नहीं कर पा रहे थे. इस मुकाम पर 2 ही बातें मुमकिन होती हैं. पहली तो यह कि मांबाप बेटी की बात मानते उसे अपनी जिंदगी जी लेने दें या फिर बेटी अपने प्यार की आहुति देते हुए मांबाप की बात मान ले.

श्रद्धा और उस के पेरैंट्स दोनों ही अपनी जिद पर अड़े रहे और धीरेधीरे उन के बीच रिश्ते की गरमाहट और बातचीत तक खत्म होने लगी. मांबाप की सम?ाइश की तह में अपना अहम और प्रतिष्ठा ज्यादा थी तो बेटी की जिद में भी नादानी और बेवकूफी कम नहीं थी जिस ने एक बर्बर हत्याकांड को जन्म दिया.

कौन है आफताब

मुंबई के ही मीरा रोड स्थित एक रिहायशी अपार्टमैंट में दीवाली के दिनों में पूना वाला परिवार वसई से रहने आया था. अपार्टमैंट्स में कौन रहने आया, कौन गया इस से आजकल कोई मतलब नहीं रखता जो महानगरीय संस्कृति का ही एक हिस्सा है. लोग ट्रक से सामान उतरते और चढ़ते सहजता से देखते रहते हैं. मुंबईया माहौल में पैदा हुए और पलेबढ़े आफताब का परिवार मीरा रोड शिफ्ट हो गया तो किसी ने ज्यादा नोटिस नहीं लिया और जिन्होंने लिया उन्हें यही सम?ा आया कि इस परिवार में 4 ही लोग हैं. मांबाप और 2 जवान बेटे (दूसरा आफताब का छोटा भाई) ये लोग ठीकठाक हैं, लेकिन बोलते ज्यादा हैं.

पेशे से फोटोग्राफर आफताब की डेटिंग ऐप पर श्रद्धा से पहचान और फिर कुछ मुलाकातों के बाद प्यार हो जाने पर वह भी हसीन सपने देखने लगा. लेकिन शादी की इजाजत उस के पेरैंट्स भी नहीं दे रहे थे इसे ले कर वह श्रद्धा की तरह तनाव में नहीं था यानी आने वाली जिंदगी को ले कर गंभीर नहीं था. श्रद्धा की तरह वह भी मध्यवर्गीय परिवार से था और महत्त्वाकांक्षी था. यह और बात है कि यह महत्त्वाकांक्षा हीनता और कुंठा में बदलती जा रही थी जिसे वह महसूस तो रहा था, लेकिन सम?ा नहीं पा रहा था.प्यार पर विरोध मुंबई महानगर है जहां युवाओं के इश्क और मुहब्बत के सीन कहीं भी देखे जा सकते हैं पार्कों, होटलों, बीच, सड़क और लोकल ट्रेनों में भी प्यार करते युवा इफरात से नजर आते हैं. इन्हीं में एक नाम श्रद्धा और आफताब का शुमार हो गया था जो अपने प्यार को शादी की मंजिल तक ले जाना चाहते थे इसलिए दोनों ने किसी से कुछ छिपाया नहीं था, लेकिन दोनों के परिवारजन इस के लिए तैयार नहीं थे और घर वालों की इच्छा के बाहर जा कर शादी करने की इन की हिम्मत नहीं पड़ रही थी, इसलिए एक दिन दोनों दिल्ली भाग गए. जहां जा कर पहले वे पहाड़गंज के एक होटल में रुके फिर उन्होंने महरौली इलाके में किराए का मकान ले लिया और बाकायदा पतिपत्नी की तरह रहने लगे, लेकिन उतने प्यार और शिद्दत से नहीं जितना कि प्यार होने के कुछ दिन बाद मुंबई में रहते थे.

ऐसा नहीं कि महरौली में रहते प्यार एकदम कम हो गया था बल्कि गलती दोनों तरफ से और बराबरी से हो रही थी. श्रद्धा चाहती थी कि वे दोनों जल्द से जल्द शादी कर लें पर आफताब उसे टाल रहा था. शायद ही नहीं तय है इस जिद के पीछे श्रद्धा का सोचना यह था कि एक बार शादी हो जाए तो उसे तो पहचान मिलेगी ही साथ ही समाज और परिवार वाले भी रिश्ते पर मुहर लगा देंगे क्योंकि अमूमन होता यही है कि लड़कालड़की लिव इन में रहते शादी कर लेते हैं तो शादी पर एतराज जताते रहने वाले पेरैंट्स भी ?ाक ही जाते हैं. महरौली शिफ्ट होने के बाद आफताब शादी से नानुकुर करने लगा तो श्रद्धा को चिंता होना स्वाभाविक बात थी. बात यहीं से बिगड़ी. श्रद्धा चाहती थी कि आफताब तुरंत शादी कर ले, लेकिन आफताब कुछ और ही सोच रहा था.

बड़ी भूल

लिव इन जिन शर्तों पर होती है उन में से एक खास यह है कि कोई भी एक पक्ष दूसरे पर बेजा हक नहीं जमाएगा पर श्रद्धा खुद को आफताब की ब्याहता सम?ाने की भूल करने के साथ दूसरी भी कई गलतियां कर रही थी. लक्ष्मण सहित वह अपने कुछ दूसरे फ्रैंड्स के संपर्क में भी थी, लेकिन मांबाप से तो जैसे उस का नाता टूट ही गया था. बिना डोली में विदा हुए ही वह उन के लिए पराई हो चुकी थी.

जाहिर है उसे यह सम?ा आ गया था कि बिना किसी ठोस वजह के आफताब शादी की बाबत उसे टरका रहा है. इस से वह और गुस्से और असुरक्षा से भर उठती थी क्योंकि अब दुनिया में आफताब के सिवा उस का कोई रह भी नहीं गया था. बात इस लिहाज से सच थी कि 3 साल एक मुसलिम युवक के साथ लिव इन में रहने के बाद उसे कोई नहीं स्वीकारता. उस तरफ के सारे दरवाजे उस के लिए बंद हो चुके थे.

जिद्दी श्रद्धा को अब पेरैंट्स से बात करने में भी हिचक होने लगी थी क्योंकि धीरेधीरे ही सही वे सही और वह गलत साबित होने लगी थी. इस वक्त वह कोई जौब भी नहीं कर रही थी इसलिए भी आक्रामक होने लगी थी. खर्चों को ले कर भी आए दिन दोनों ?ागड़ते रहते थे कि पैसा कौन खर्च करे. नौबत तो यहां तक आ गई थी कि रोज की सब्जीतरकारी खरीदने के लिए भी चिकचिक होने लगी थी.

नशे का आदी आफताब

उधर आफताब को श्रद्धा की यह कमजोरी पकड़ आ गई थी कि वह चारों तरफ से टूट चुकी है लिहाजा उस ने श्रद्धा पर हाथ उठाना भी शुरू कर दिया था. नशे के आदी इस नौजवान ने यह नहीं सोचा कि श्रद्धा ने उस के भरोसे पर दुनिया को ठुकरा रखा है. मारपीट और कलह अब रोजरोज की बात हो चली थी. लगता ऐसा था कि अपनेअपने हिस्से की प्यार भरी जिंदगी वे जी चुके हैं और अब तो दुश्मनी निभा रहे हैं.कसाई बना आशिक दुश्मनी इस हद तक बढ़ गई थी कि आफताब रोज श्रद्धा की पिटाई करने लगा था. इतना ही नहीं वह उस के जिस्म पर जलती हुई सिगरेटें भी दागने लगा था जैसे श्रद्धा का शरीर एशट्रे हो. श्रद्धा हर ज्यादती सहन कर रही थी, लेकिन जाने क्यों हैवान बनते जा रहे आफताब को छोड़ने को तैयार नहीं थी. अपने साथ हो रही हैवानियत का जिक्र उस ने लक्ष्मण सहित कुछ और दोस्तों से भी किया था. उसे यह भी लगने लगा था कि आफताब उसे मार डालेगा.

और फिर 18 मई को ऐसा हो भी गया.

इस दिन भी आफताब गांजे का नशा कर आया था. दोनों में फिर इस बात को ले कर कहासुनी हुई कि मुंबई से दिल्ली तक सामान ढुलाई के 20 हजार रुपए कौन दे. इस के बाद श्रद्धा ने जैसे ही फिर शादी करने की बात कही तो आफताब कसाई बन गया. पहले तो उस ने श्रद्धा का गला घोंट कर उस की हत्या की, फिर धारदार चाकू से इत्मीनान से लाश के 35 टुकड़े किए.

इस काम में उसे 2 दिन लगे. यह कितना प्रीप्लान्ड मर्डर था इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आफताब ने लाश के टुकड़े रखने के लिए 300 लिटर का फ्रिज खरीदा था और उस की पेमैंट भी श्रद्धा के पैसों से की थी. उस ने 55 हजार रुपए श्रद्धा के अकाउंट से निकाले थे. हत्या करने के बाद भी नशे के लिए वह लगातार बियर पीता रहा था.

बाथरूम में खून बहाने के बाद उस ने श्रद्धा की लाश के टुकड़े फ्रिज में करीने से जमाए और रोज 2-2 टुकड़े ले जा कर महरौली के जंगल में फेंकता रहा. यह आइडिया उसे क्राइम सीरियलों से मिला था. वह रोज फ्रिज में रखे श्रद्धा के शरीर के टुकड़े और खोपड़ी देखता था. फ्लैट में बदबू न आए इसलिए कमरों में खुशबूदार अगरबत्ती और रूम फ्रैशनर का इस्तेमाल करता था.

साफ दिख रहा है कि सभ्य समाज से साइको किलर आफताब का नाता टूट चुका था. खुद को सजा से बचाने के लिए वह जुर्म छिपाने के तमाम टोटके कर रहा था. मसलन श्रद्धा के सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ पोस्ट करना और उस के क्रैडिट कार्ड का बिल भरना वगैरह

शामिल हैं. बेटी की तलाश अब क्यों जब कई दिनों तक श्रद्धा से बात नहीं हुई तो पिता विकास मदन वाकर उस की तलाश में निकल पड़े. पहले मुंबई फिर बैंगलुरु और फिर दिल्ली की खाक उन्होंने छानी, लेकिन श्रद्धा उन्हें कहीं नहीं मिली. मिलती भी कैसे कहीं होती तो मिलती. उन्होंने महरौली थाने में भी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई तो पुलिस इन्वैस्टिगेशन में आफताब फंस गया. पुलिस के सामने उस का एक यह ?ाठ भी नहीं चला कि श्रद्धा तो ?ागड़ा कर घर छोड़ कर चली गई कहां गई यह मु?ो नहीं मालूम.

अहिस्ताअहिस्ता पुलिस ने उस से उंगली टेढ़ी कर सब उगलवा लिया. आफताब ने भी खुद को कानून के फंदे में फंसता देख इंग्लिश में सच उगल दिया कि यस आई किल हर. श्रद्धा के पिता को मालूम था कि वह आफताब के साथ रह रही है 2021 में वह मां की मौत के बाद घर गई थी, लेकिन बाप बेटी के बीच खटास कम नहीं हुई. विकास ने कुछ दिन पहले उसे ताना सा मारते आफताब के बारे में पूछा भी था जिस का सीधा और सच्चा जवाब श्रद्धा ने देना जरूरी नहीं सम?ा था क्योंकि पिता उसे अपनाने नहीं बल्कि अपमानित करने आए थे कि देखो हमारी बात न मानने पर तुम्हारी क्या दुर्गति हो रही है.

असल में घर छोड़ते वक्त श्रद्धा ने पूरे आत्मविश्वास से कहा था कि अब मैं 25 साल की हो गई हूं और अपने फैसले खुद ले सकती हूं. तब तक श्रद्धा को उम्मीद थी कि आज नहीं तो कल आफताब शादी के लिए राजी हो ही जाएगा.

अब हादसे के बाद विकास व्यथित हो कर कह रहे हैं कि श्रद्धा अगर उन की बात मान लेती तो यह नौबत नहीं आती. पर यह वे नहीं सोच पा रहे कि अगर वे ही श्रद्धा की बात मान लेते तो भी यह नौबत नहीं आती. बहरहाल, श्रद्धा अब इस दुनिया में नहीं और आफताब पुलिस हिरासत में रहते अपना जुर्म स्वीकार करते जो बताता रहा उसे मीडिया ने श्रद्धा और आफताब से जुड़ी हर बात को एक धमाके की तरह पेश किया ताकि लोग उन का चैनल देखते रहें. इस कांड को धारावाहिक की तरह चलाया और दिखाया गया ताकि टीआरपी बढ़े.कुछ सबक कुछ सावधानियां

श्रद्धा की गलती आफताब से प्यार करना तो कतई नहीं थी, लेकिन उस की पहली बड़ी गलती लगातार जल्दबाजी में फैसले लेने की थी जिस की कीमत उसे जान दे कर चुकानी भी पड़ी. अगर वक्त रहते वह ठंडे दिमाग से सोचती तो इस हादसे से खुद को बचा भी सकती थी. ये गलतियां आए दिन लिव इन में रहने वाले करते हैं और बाद में पछताते नजर आते हैं. खासतौर से लड़कियों को तो इन बातों पर काफी सोच सम?ाकर फैसला लेना चाहिए.

-पैसा जीने के लिए अहम है इसलिए घर से अलग होने और लिव इन में रहने के लिए खुद के पास खासे पैसों का इंतजाम कर लेना चाहिए. सेविंग में सालभर के खर्च का पैसा होना चाहिए. यह फंड अपने पार्टनर पर उजागर करना जरूरी नहीं क्योंकि कभी भी अलगाव की नौबत आ सकती है. ऐसे में जमा पूंजी ही आप का सब से बड़ा सहारा और आत्मविश्वास रहेगी.

– प्यार कितना ही ज्यादा हो अपने पार्टनर से घर खर्च की बाबत यह पहले तय कर लेना चाहिए कि कौन किस काम पर कितना खर्च करेगा.

-प्यार में अंधे हो कर फैसले लेने से बचना चाहिए. जिंदगी जज्बातों से नहीं बल्कि व्यावहारिकता से चले तो ज्यादा सफल रहती है. लिव इन की जिंदगी तो वैसे भी दुधारू तलवार होती है. पार्टनर का ?ाकाब किसी दूसरी की तरफ होता दिखे तो उस पर रोकटोक ज्यादा कारगर साबित नहीं होती यानी व्यक्तिगत स्वतंत्रता लिव इन में अहम होती है.

-पार्टनर अगर किसी नशे का आदी हो तो उस के साथ ज्यादा दिनों तक चैन से रहना मुमकिन नहीं रह जाता. अगर वह नशे की लत न छोड़ पाए तो उसे ही छोड़ देना बेहतर होता है साथ ही खुद भी नशे से बच कर रहना चाहिए.

– अगर शादी करने की शर्त पर लिव इन में रहा जा रहा है तो शादी की डेट लाइन तय होनी चाहिए. इस के बाद भी पार्टनर शादी से नानुकुर करने लगे तो उस पर ज्यादा दबाव बनाने से

कोई फायदा नहीं होता. फिर उस के सामने यह रोना रोने के भी कोई माने नहीं रह जाते कि देखो तुम्हारे लिए मैं ने सबकुछ छोड़ दिया, सबकुछ तुम्हें सौंप दिया. अगर वह शादी के अपने वादे से मुकर रहा है तो निश्चित ही वेबफा है और वेबफाओं के साथ हंसीखुशी जिंदगी नहीं गुजारी जा सकती.

-सैक्स संबंध लिव इन में आपसी रजामंदी से बनते हैं, इसलिए इन्हें एहसान की तरह पार्टनर पर न थोपें क्योंकि इस में आप की सहमति भी शामिल थी. कोई भी बौयफ्रैंड इस आधार पर शादी के लिए वाध्य नहीं होता कि उस से आप के सैक्स संबंध रहे हैं.

– लिव इन में एकदूसरे की जिंदगी में आदतों और इच्छाओं पर नियंत्रण की एक सीमा होती है जो दोनों जानते हैं. इसलिए इस लक्ष्मणरेखा को न खुद क्रौस करें और न ही पार्टनर को यह अधिकार दें.

– किसी भी मुद्दे पर विवाद हो और कुछ कोशिशों के बाद भी न सुल?ो तो बजाय कलह और तूतू, मैंमैं करने के शांति से अलग हो जाना ज्यादा अच्छा रहता है और विवाद तभी होते हैं जब दोनों एकदूसरे की आजादी में दखल देने लगते हैं, एकदूसरे के विचारों से सहमत नहीं होते और अपने हिस्से के खर्चों से बचने की कोशिश करने लगते हैं.

– किसी के भी साथ कुछ ही दिन सही गुजारने के बाद किसी भी वजह से अलग होने का फैसला भावनात्मक रूप से तकलीफदेह हो सकता है, लेकिन यकीन मानें अगर अलग न हुआ जाए तो यह काफी विस्फोटक साबित होता है जैसाकि श्रद्धा और आफताब के मामले में हुआ.

कोई मिल गया इस का यह मतलब नहीं कि बाकी लोगों से रिश्ते खत्म हो गए. लिव इन अगर शादी न हो तो एक अस्थायी व्यवस्था है, इसलिए परिवारजनों और भरोसेमंद दोस्तों से संपर्क बनाए रखना अच्छा रहता है. अपने पार्टनर की भी बात उन से करवाते रहना चाहिए.

इन की प्रौब्लम धर्म या जाति नहीं थी बल्कि उस की जड़ में पैसे की कमी थी. शादी पर दोनों की सहमति न बनने ने इस में घी डालने का काम किया. इस हादसे से जुड़े कुछ सवालों के जबाब तो विशेषज्ञ मनोविज्ञानी भी नहीं दे पाएंगे कि क्यों श्रद्धा शारीरिक और मानसिक यातनाएं सहने के बाद भी आफताब से चिपकी रही और क्यों आफताब ने उसे इतने डरावने तरीके से मार डाला, जबकि इस का अंजाम वह जानता था. साफ दिख रहा है कि चाहे लिव इन हो या शादीशुदा जिंदगी मतभेद अगर दूर न हों तो अलग हो जाना सब से बेहतर रास्ता और फैसला होता है ताकि प्यार के रास्ते में कोई हादसा न हो.

निटिंग कला: क्यों कह दें गुडबाय

एक समय था जब कढ़ाईबुनाई महिलाओं के व्यक्तित्व का एक जरूरी हिस्सा हुआ करती थी. महिलाएं अपना चूल्हाचौका समेटने के बाद दोपहर में कुनकुनी धूप का सेवन करते हुए स्वैटर बुनने बैठ जाती थीं. गपशप तो होती ही थी साथ ही एकदूसरे से डिजाइन का आदानप्रदान भी हो जाता था. घर के हर सदस्य के लिए स्वैटर बुनना हर महिला का प्रिय शगल होता था. उस समय न टीवी था, न व्हाट्सऐप, न इंटरनैट और न ही फेसबुक.

टैक्नोलौजी का जितना असर समाज के अन्य पक्षों पर पड़ा है उतना ही निटिंग पर भी पड़ा है. लेकिन उन सब से अनभिज्ञ आज की युवा पीढ़ी ने निटिंग जैसी कला को गुडबाय कह दिया है. ‘कौन पहनता है हाथ से बुने स्वैटर’ या ‘यह ओल्ड फैशन ऐक्टिविटी है’ जैसे जुमलों ने महिलाओं को हाथ से स्वैटर बनाने की कला  को दूर कर दिया है. पर इन सब जुमलों के बावजूद मैं ने निटिंग के प्रति अपना दीवानापन नहीं छोड़ा. उस दुनिया से छिप कर बुनती रही जो इस कला को ओल्ड फैशन मानती है. कभी चारदीवारी के अंदर तो कभी रात के साए में स्वैटरों के नित नई डिजाइनें टटोलती रही.

विदेशों में क्रेज

आश्चर्य तो तब हुआ जब मैं ने जरमनी यात्रा के दौरान अपनी हवाई यात्रा में एक जरमन महिला को मोव कलर के दस्ताने बुनते देखा और फिर वहां मैट्रो ट्रेन में कुछ महिलाओं को निटिंग करते देखा. वहां एक स्टोर में जाने का मौका मिला तो पाया कि लोग किस कदर हैंडमेड स्वैटर पहनने के इच्छुक हैं.

स्टोर में पड़ी किताबों में से स्वैटर की डिजाइन ढूंढ़ कर लोग वहां बैठी महिलाओं को और्डर दे रहे थे. उन्हें वहां पड़ी ऐक्सैसरीज में से बटन, लेस और बीड्स को भी अपने स्वैटरों पर लगवाने के लिए चयन करते देखा. मु?ा यह जान कर अच्छा लगा कि यहां जैसे भौतिकवादी देश में भी लोग हैंडमेड चीजों के प्रति आकर्षित हैं.

हाल ही में अमेरिका की यात्रा की तो निटिंग संबंधी स्टोर देखना मेरे पर्यटन में शामिल था. बोस्टन शहर की ब्रौड वे गली में एक स्टोर है जिस का नाम है ‘गैदर हेयर.’ जैसा नाम वैसा ही पाया मैं ने. अंदर का नजारा कलापूर्ण तो था ही गैदर हेयर जैसा भी था. एक बड़ी गोल टेबल के गोल घेरे में आठ महिलाएं सलाइयां ले कर जुटी थीं. सब के हाथों में सलाइयां थीं और सब सीखनेसिखाने की दृष्टि से आई थीं.

सोफिया ने बताया कि वे अपने भाई के लिए टोपी बुन रही हैं. लारा अपने बेटे के लिए मोजे बुन रही थीं. उन महिलाएं में एक मांबेटी का भी जोड़ा था. उन से संवाद करने पर पता चला कि वे महीने के दूसरे मंगलवार और चौथे बृहस्पतिवार को यहां इकट्ठा होती हैं. यहां वे एकदूसरे से डिजाइन सीखतीसिखाती हैं और अपनी कला को निखारती हैं.

कुनकुनी धूप में बुनाई

उसी हाल के दूसरे कोने में 2 पुरुष और 1 महिला बैठे थे जो अपने तैयार स्वैटरों पर बटन लगाने की तैयारी कर रहे थे. एक कोने में चायकौफी और स्नैक्स का सामान पड़ा था जो उन महिलाओं के लिए ही था. स्टोर ढेर सारे कच्चे सामान के साथ सुंदर तरीके से सजा था जिस में ऊन, सलाइयां, क्रोशिया, धागे, सुइयां, बटन और तैयार आइटमों का खूबसूरत डिस्प्ले था. मैं आश्चर्यचकित थी यह सब देख कर. मु?ो अपने देश में बिताए वे दिन याद आ रहे थे जब मैं ने अपनी दादीनानी, बूआ और मौसी को घर के आंगन में कुनकुनी धूप में बैठे ये सब करते देखा था.

मगर अब मेरे देश से ये सब नजारे गायब हैं. युवतियों और महिलाओं के हाथ में मोबाइल है या कानों में स्पीकर. नैट यूजर लड़कियां यह भी नहीं जानतीं कि नैट सर्फ कर के भी हैंडमेड चीजों का खजाना ढूंढ़ा जा सकता है और उन्हें बनाने की कला भी सीखी जा सकती है. निटिंग जैसी कलाएं न तो आप को बोर होने देती हैं और न ही अकेलेपन का एहसास कराती हैं. आप के दिमाग के संतुलन को बनाए रखने में भी ये कलाएं बहुत कारगर सिद्ध होती हैं.

विदेशों में हाइपरटैंशन के मरीजों की परची पर डाक्टर द्वारा इलाज की सूची में दवाई के साथ ‘निटिंग’ भी लिखा जाता है यानी डाक्टर द्वारा सलाह दी जाती है कि यदि आप निटिंग करेंगी तो आप का बीपी संतुलित रहेगा. अमेरिका जैसे देश में जहां लोग भौतिक सुखसुविधा से संपन्न हैं, फिर भी निटिंग कला को खूबसूरती से बनाए हुए हैं.

बोस्टन स्थित विश्व की नंबर वन यूनिवर्सिटी में भी एक कक्ष ऐसा है जहां ऊन सिलाई, क्रोशिया (धागा) मशीन, सूई, बैल्ट बटन सब रखे हैं. जब विद्यार्थी पढ़ाई करतेकरते थक जाएं तो इस कक्ष में आ कर अपनी मनपसंद क्रिएटिविटी कर सकते हैं और अपने दिमाग को फिर से तरोताजा कर सकते हैं.

एक बार मेरी बेटी जो बोस्टन में एमआईटी में पढ़ाई कर रही है ने बेहद उत्साहित हो कर बताया, ‘‘मां, मैं एक सेमिनार में समय से कुछ पहले पहुंच गई तो वहां देखा कि लैक्चर देने वाली प्रोफैसर निटिंग कर रही है. शायद वह वार्मअप हो रही थी. मां आप की बहुत याद आई.’’

एक सुखद एहसास

मगर हमारे देश में अब निटिंग लुप्तप्राय हो रही है. यह केवल डिजाइनिंग के विद्यार्थियों के पाठयक्रमों तक सीमित रह गई है जो अपनी सेवाएं मशीनों को दे रहे हैं. न सही बड़ा स्वैटर या जर्सी छोटाछोटा ही कुछ बुनिए जैसे टोपी और मोजे ही सही. मेरी मां एक बार बहुत बीमार हो गईं. पलंग से उठना दूभर था. मैं ने उन के सामने ऊन व सलाइयां ला कर रख दीं.

मां ने न जाने कितने मोजों के जोड़े बुन दिए. फिर तो जो भी उन की कुशलमंगल पूछने आता उसे मोजों का जोड़ा उपहार में मिलता. मां के चेहरे की संतुष्टि और उपहार पाने वाले की खुशी देखते ही बनती थी. इस उपक्रम में मां अपनी बीमारी का दर्द भूल जाती थीं. निटिंग करने का सुख अलग ही है. एक बार निटिंग कर के तो देखिए इस सर्दी में.

सर्दियों के दिनों में बनाएं ये 3 मजेदार डिश

सर्दियों के दिनों में हमारी पाचन क्षमता अच्छी हो जाती है इसीलिए इस मौसम को सेहत बनाने वाला मौसम कहा जाता है. मौसम कोई सा भी हो सुबह शाम का नाश्ता हमेशा गृहिणी के लिये बहुत बड़ी समस्या ही रहता है कि ऐसा क्या बनाया जाए जो हैल्दी भी हो और टेस्टी भी साथ ही जिसे घर के सभी सदस्य स्वाद लेकर खाएं भी. आज आपकी इसी समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं. आज हम आपको 3 बहुत ही टेस्टी और हैल्दी ब्रेकफास्ट बनाना बता रहे हैं इन्हें आप सुबह या शाम के नाश्ते में घर में उपलब्ध सामग्री से ही बड़ी आसानी से बना सकतीं हैं. तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है-

-स्प्राउट सैंडविच
कितने लोगों के लिए 4
बनने में लगने वाला समय 30 मिनट
मील टाइप वेज
सामग्री(कवर के लिए)
अंकुरित मूंग 1 कप
पालक प्यूरी 1 टीस्पून
ब्रेड क्रम्ब्स 1/4 कप
अदरक हरी मिर्च पेस्ट 1/4 टीस्पून
नमक 1/4 टीस्पून
हींग 1 चुटकी
बटर 1 टीस्पून
सामग्री(फिलिंग के लिए)
उबला आलू 1
शिमला मिर्च 1
टमाटर 1
मेयोनीज 1 टीस्पून
शेजवान सॉस 1 टीस्पून
टोमेटो सॉस 1/2 टीस्पून
चिली फ्लैक्स 1/4 टीस्पून
चाट मसाला 1/2 टीस्पून

विधि
बटर को छोड़कर अंकुरित मूंग को सैंडविच की सभी सामग्री और 1कप पानी के साथ एक साथ पेस्ट फॉर्म में पीस लें. फिलिंग की सब्जियों को एक बाउल में डालकर मेयोनीज, टोमेटो सॉस, शेजवान सॉस और टोमेटो सॉस अच्छी तरह मिलाएं. सैंडविच मेकर में बटर लगाकर 1 बड़ा चम्मच पतला पतला चीले जैसा मूंग का बेटर फैलाएं और बंद करके लाइट ब्राउन होने तक सेक लें इसी प्रकार दूसरी शीट तैयार कर लें. अब एक शीट को टोस्टर में रखकर फिलिग रखकर ऊपर से चिली फ्लैक्स और चाट मसाला अच्छी तरह बुरकें. दूसरी शीट से कवर करके बटर लगाएं और गोल्डन ब्राउन होने तक सेककर सर्व करें.

-फ्रायड मटर क्यूब्स
कितने लोंगों के लिए 6
बनने में लगने वाला समय 30 मिनट
मील टाइप वेज

सामग्री
मटर के दाने 2 कप
बेसन 1/2 कप
खट्टा दही 1 कप
अदरक, हरी मिर्च पेस्ट 1 टीस्पून
हींग 1 चुटकी
नमक स्वादानुसार
सामग्री(बघार के लिए)
तेल 1 बड़ा चम्मच
साबुत लाल मिर्च 4
लम्बाई में कटी हरी मिर्च 2
राई के दाने 1/4 टीस्पून
कश्मीरी लाल मिर्च 1/2 टीस्पून
बारीक कटी हरी धनिया 1 टीस्पून

विधि
मटर के दानों को बेसन, दही, अदरक, हरी मिर्च पेस्ट, हींग और नमक के साथ अच्छी तरह पीस लें. अब इसमें 2 कप पानी मिला लें. तैयार मिश्रण को एक पैन में डालकर गैस पर लगातार चलाते हुए गाढ़ा होने तक पकाएं. जब मिश्रण गाढ़ा होकर पैन में चिपकना छोड़ दे तो एक चिकनाई लगी ट्रे में 1/2 इंच की मोटाई में फैलाएं. ठंडा होने पर चौकोर क्यूब्स में काटें. बघार की समस्त सामग्री को तेल में डालें और क्यूब्स के ऊपर अच्छी तरह फैलाएं. टेस्टी मटर के क्यूब्स को चाय कॉफी के साथ सर्व करें.

-बाजरा चीजी बॉल्स
कितने लोगों के लिए 6
बनने में लगने वाला समय 30 मिनट
मील टाइप वेज

सामग्री
बाजरा आटा 1 कप
उबले आलू 2
उबली मटर 1/2 कप
उबली गाजर 1/2 कप
बारीक कटा प्याज 1
बारीक कटी हरी मिर्च 4
जीरा 1 टीस्पून
नमक 1 टीस्पून
बारीक कटा हरा धनिया 1 टीस्पून
चीज क्यूब्स 2
तलने के लिए तेल पर्याप्त मात्रा में

विधि
बाजरे के आटे में चीज क्यूब्स और तेल को छोड़कर सभी सामग्री को अच्छी तरह मिला लें. चीज क्यूब्स को किसकर 6 बॉल्स तैयार कर लें. अब तैयार मिश्रण में से 1 टेबलस्पून मिश्रण लेकर हथेली पर फैलाएं और चीज बॉल को रखकर अच्छी तरह बंद कर दें. इसी प्रकार सारे बॉल्स तैयार कर लें. अब इन्हें मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक तलकर बटर पेपर पर निकाल लें.टोमेटो सॉस या हरी चटनी के साथ सर्व करें.

पगली: आखिर क्यूं महिमा अपने पति पर शक करती थी- भाग 2

अंजलि अपनी विधवा मां के साथ 3 कमरों के फ्लैट में रहती थी. उस का इकलौता बड़ा भाई अमेरिका में 5 साल पहले जा कर बस गया था. मां को बेसहारा हालत में न छोड़ने के इरादे से उस ने शादी न करने का फैसला किया था.

महिमा उस से शाम को मिलने आएगी, फोन पर सौरभ से यह जानकर उसे कुछ हैरानी तो हुई, पर आत्मविश्वास का स्तर ऊंचा होने के कारण वह परेशान या चिंतित नहीं हुई.

उस शाम अंजलि और महिमा का पहली बार आमनासामना हुआ. दोनों ही औसत से ज्यादा खूबसूरत स्त्रियां थीं. महिमा खुल कर मुसकरा रही थी और अंजलि से गले लग कर मिली. दूसरी तरफ अंजलि जरा गंभीर बनी उसे आंखों से नापतोल ज्यादा रही थी.

कुछ देर उन के बीच औपचारिक सी बातें हुईं. उम्र में बड़ी अंजलि ने ही ज्यादा सवाल पूछे और महिमा प्रसन्न अंदाज में उन के जवाब देती रही.

फिर महिमा उठ कर रसोई में पहुंच गई. वहां अंजलि की मां सावित्री उन सब के लिए चायनाश्ता तैयार कर रही थीं.

काम में सावित्री का हाथ बंटाने के साथसाथ महिमा उन से उन के सुखदुख की ढेर सारी बातें भी करती जा रही थी. शुरू में खिंचाव सा महसूस कर रही सावित्री, महिमा के अपनत्व और व्यवहार के कारण जल्दी खुल कर उस से हंसनेबोलने लगीं.

 

करीब 20 मिनट बाद गरमागरम पकौड़े प्लेट

में रख कर महिमा अकेली ड्राइंगरूम में लौटी, तो सौरभ और अंजलि ?ाटके से चुप हो गए.

प्लेट को मेज पर रखने के बाद महिमा ने अपना पर्र्स खोल कर गिफ्ट पेपर में लिपटा छोटा सा बौक्स निकाला और उसे अंजलि को पकड़ाते हुए बड़े अपनेपन से बोली, ‘‘दीदी, आप भी इन के दिल में रहती हैं और इस कारण मेरी जिंदगी में भी आप की जगह खास हो गई है. हमारे संबंध मधुर रहें, इस कामना के साथ यह छोटा सा गिफ्ट मैं आप को दे रही हूं.’’

‘‘थैंक यू, महिमा,’’ गिफ्ट लेने के बाद अंजलि ने गंभीर लहजे में धन्यवाद दिया, ‘‘बिलकुल रहेंगे,’’ अंजलि की आंखों में हल्की बेचैनी के भाव उभरे.

‘‘इन्हें मैं आप से दूर करने की कोशिश नहीं करूंगी और आप मु?ो इन से.’’

‘‘ठीक है.’’

‘‘मेरा जब दिल करे तब क्या मैं आप से मिलने अकेली आ जाया करूं?’’

‘‘मैं तो बहुत व्यस्त रहती हूं, महिमा छुट्टी वाले दिन…’’

‘‘आप व्यस्त रहती हैं, तो कोई बात नहीं मैं आंटी से मिलने आ जाया करूंगी. इस घर में मेरा मन बड़ा प्रेम और अपनापन सा महसूस कर रहा है,’’ महिमा ने खड़े हो कर कमरे में आई सावित्री के हाथ से पहले चाय की ट्रे ले कर मेज पर रखी और फिर उन्हें जोर से गले लगा लिया.

महिमा के खुले व्यवहार ने धीरेधीरे इन मांबेटी के होंठों की मुसकान उड़ा दी. सौरभ की पत्नी उन से इतने प्यार व आदरसम्मान के साथ पेश आए, यह बात न उन्हें सम?ा आ रही थी, न हजम हो रही थी. अजीब सी उल?ान का शिकार बना सौरभ भी अधिकतर चुप रहा.

विदा के समय सावित्री ने महिमा को एक खूबसूरत व कीमती साड़ी उपहार में दी. वह साड़ी देख कर बच्चे की तरह खुश हो गई, ‘‘अगली बार यही सुंदर साड़ी पहन कर मैं यहां आऊंगी और हम डिनर के लिए भी रुकेंगे, आंटी. मैं चाहती हूं कि आप मु?ो अपनी छोटी बेटी सम?ा कर खूब प्यार दें,’’ सावित्री के कई बार गले लग कर महिमा ने विदा ली.

अंजलि का हाथ पकड़ कर महिमा ने उस से

कहा, ‘‘दीदी, आप बे?ि?ाक हो कर हमारे घर आनाजाना शुरू कर दो. मम्मीपापा को मैं सम?ा लूंगी और दुनिया वालों के कुछ कहने की फिक्र मैं ने आज तक नहीं करी है और आप भी मत करना.’’

‘‘मैं आऊंगी,’’ जबरदस्ती मुसकराने के बाद अंजलि अपनी कनपटियां मसलने लगी क्योंकि पिछले घंटेभर से उस का ‘माइग्रेन’ का दर्द तेजी से बढ़ता जा रहा था.

पहली मुलाकात में महिमा ने एक शब्द भी अंजलि की शान के खिलाफ मुंह से नहीं निकाला, पर अपने पीछे वह अपनी इस ‘दीदी’ के मन में चिड़, गुस्से व कड़वाहट के भाव छोड़ गई.

सावित्री को लगा कि महिमा बेहद बातूनी पर सीधी और दिल की अच्छी लड़की है. लौटते हुए सौरभ ने मन ही मन बड़ी राहत महसूस करी. उसे लगा रहा था कि उस की प्रेमिका और पत्नी वास्तव में एकदूसरे को पसंद करती हैं और उन के बीच अच्छी दोस्ती के संबंध जरूर कायम हो जाएंगे.

उस रात महिमा बहुत रोमांटिक मूड में थी. उस ने बड़े जोशीले अंदाज में सौरभ को प्यार करना शुरू किया.

‘‘एक बात बताओ,’’ सौरभ ने कुछ पलों के लिए उस की शरारती हरकतों को रोक कर पूछा, ‘‘क्या तुम ने अंजलि को अपनी एक अच्छी फ्रैंड के रूप में स्वीकार कर लिया है?’’

‘‘कर लिया है… आप की खुशी की खातिर कर लिया है,’’ महिमा ने उठ कर उस का माथा चूम लिया.

‘‘मेरी खुशी की बात छोड़ो. क्या वैसे वह तुम्हें अच्छी लगी है?’’

‘‘कुछ खास नहीं.’’

‘‘मैं हैरान हूं यह देख कर कि तुम ने कितनी आसानी से हमारे रिश्ते को स्वीकार कर लिया है.’’

‘‘तुम्हारी खुशी की खातिर मैं कुछ भी सहन कर सकती हूं.’’

‘‘मेरी खुशी को बीच में मत लाओ. वैसे तुम्हारे मन के भाव क्या हैं अंजलि और मेरे रिश्ते के बारे में?’’

‘‘मेरा दिल तो कहता है कि तुम्हारी जान ले लूं,’’ महिमा के हाथ उस के गले के इर्दगिर्द हलके से कसे और आंखों में अचानक आंसू छलक आए, ‘‘लेकिन मेरे

मुंह से शिकायत का एक शब्द भी कभी निकल जाए, तो लानत है मु?ा पर. मैं तुम्हारे प्रेम में पागल हूं, सौरभ… माई डार्लिंग… माई स्वीटहार्ट… माई लव.’’

महिमा बेतहाशा उस के चेहरे पर चुंबन अंकित करने लगी. सौरभ ने भावुक हो कर उसे ‘आई एम सौरी’ कईर् बार कहना चाहा, पर महिमा के प्यार की तीव्रता के आगे ये 3 शब्द उस के गले से बाहर नहीं आ पाए.

अंजलि का प्लैट ज्यादा दूर नहीं था पर महिमा रोज नहीं जाती. अंजलि से उस की मुलाकात सौरभ, उस की जिद के कारण रात को कराता और सप्ताह में 2-3 बार महिमा उस के साथ भी अंजलि के घर जाती.

अपने सासससुर व ननद के सामने वह अंजलि के बारे में बात करने से जरा भी नहीं हिचकिचाती. सौरभ की उपस्थिति में भी उसे ऐसी चर्चा छेड़ने से परहेज नहीं था.

अपनी सास द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में महिमा ने गंभीर लहजे में कहा, ‘‘मम्मी, अंजलि की बातें खुल कर करने

से मेरा मन हलका रहता है. अगर मैं सब बातें दबाने लगूं, तो मेरे मन में आप के बेटे व

अंजलि दोनों के प्रति गुस्से व नफरत के भाव बहुत बढ़ जाएंगे.’’

‘‘पता नहीं तुम कैसे उस चालाक, चरित्रहीन औरत से मिलने चली जाती हो. मैं तुम्हारी जगह होती, तो न कभी खुद उस से मिलती, न सौरभ को मिलने देती,’’ उस की सास का चेहरा क्रोध से तमतमा उठा था.

‘‘मम्मी, मैं जो कर रही हूं, वह आप के बेटे के हित व खुशियों को ध्यान में रख कर कर रही हूं,’’ महिमा के होंठों पर उभरी रहस्यमयी सी मुसकान उस की सास को उल?ान का शिकार बना गईर्.

औरत एक पहेली: संदीप और विनीता के बीच कैसी थी दोस्ती

पिता Raju Srivastava की मौत पर बेटी अंतरा का बयान, हेल्थ को लेकर कही ये बात

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) साल 2022 में इस दुनिया को छोड़कर चले गए. राजू श्रीवास्तव का नाम उन स्टार्स में लिया जाता था, जो काफी चर्चा में बने रहते थे. राजू श्रीवास्तव के जाने के बाद से ही उनके परिवार के लोग मीडिया से काफी दूर हो गए. लेकिन राजू श्रीवास्तव के निधन के काफी समय बाद उनकी बेटी अंतरा श्रीवास्तव ने मीडिया से बात की है. इस दौरान राजू श्रीवास्तव की बेटी अंतरा श्रीवास्तव ने पिता के साथ बिताए गए आखिरी पलों के बारे में सबको बताया है. तो चलिए जानते है राजू श्रीवास्तव की बेटी ने क्या-क्या बोला है.

 

 

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राजू श्रीवास्तव की बेटी ने बोली ये बात

10 अगस्त, 2022 ये वो दिन था जब राजू श्रीवास्तव इस दुनिया को अलविदा कह गए थे. इसके बाद से ही राजू श्रीवास्तव के फैंस काफी दुखी है. अब राजू श्रीवास्तव की बेटी का एक इंटरव्यू सामने आया है. जिसमें वो अपने पापा के साथ बिताए गए पलो को याद रही हैं. इंटरव्यू में पहले अंतरा श्रीवास्तव देश बॉलीवुड के जाने-माने स्टार अमिताभ बच्चन की तारीफ करते हुए दिखाई दीं. इसके बाद उन्होंने जिम को लेकर भी बोला. उन्होंने कहा कि मेरे पापा के की मौत के लिए जिम को दोष देना सही नहीं है, उनकी पहले से तबियत खराब थी. अंतरा श्रीवास्तव ने कहा वो काफी लंबे समय से जिम जाते थे. इसके बाद अंतरा श्रीवास्तव ने इस इंटरव्यू में अपने पापा से जुड़ी कई बाते बताई.

 

 

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राजू श्रीवास्तव ने फिल्मों में भी किया था काम

राजू श्रीवास्तव ने टीवी की दुनिया के साथ-साथ बॉलीवुड में भी अपनी एक्टिंग का जलवा दिखा चुके हैं. राजू श्रीवास्तव ने कई फिल्मों में साइड रोल कर के फैंस को दिल जीता है. राजू श्रीवास्तव की साल 2007 में आई फिल्म मुंबई टू गोवा काफी चर्चा में रही थी. अंतरा श्रीवास्तव के इस बयान को लेकर आपकी क्या राय है, कमेंट कर के हमें जरूर बताएं.

परितोष की गलती से क्या अनुज-अनुपमा की पिकनिक बर्बाद होगी!

टीवी के टॉप सीरियल अनुपमा में रोजाना कुछ न कुछ ऐसा देखने को मिलता है, जिसे दर्शक शो से जुड़े रहते हैं और लगातार प्यार बरसाते रहते हैं. बीते एपिसोड में आपने देखा कि छोटी अनु किसी माया की बात करती है जो मकर संक्रांति पर मिलने आने वाली है और अनुज और अनुपमा दोनों में से कोई माया को नहीं जानता है. उधर वनराज तोशू के लिए पैसों का इंतजाम नहीं कर पा रहा है. कभी भी पुलिस आकर तोशू को गिरफ्तार कर सकती है.

 

 

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अपनी ही पत्नी के पैसे चोरी करेगा तोशू

आज के एपिसोड में आप  देखेंगे कि वनराज काव्या पर लांछन लगाता है कि काम करने जाती हो की मस्ती करने. वो गैर मर्द तुम्हें छू रहा था और तुम हंस रही थी. काव्या कहती है कि तुम्हारी घटिया सोच को मैं बदल नहीं सकती हूं. फिर भी वनराज लगातार दूसरे मर्द का ताना काव्या को देता है. काव्या लॉकर की चाबी देने से मना कर देती है क्योंकि वो नहीं चाहती कि उसकी सेविंग तोशू के उल्टे कामों पर वेस्ट हो. बा कहती है कि तोशू जेल जा सकता है लेकिन फिर भी काव्या पैसे नहीं देती क्योंकि वो उसकी सेविंग हैं. उधर किंजल मजबूरी में तोशू की मदद करने के लिए तैयार हो जाती है और परी के लिए जमा किए हुए पैसे देने को तैयार हो जाती है लेकिन वो पैसे तो पहले से ही तोशू चोरी कर चुका है.

 

 

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बापूजी को लगेगी चोट

जिसके बाद किंजल बताती है कि पैसे गायब है और वो तोशू पर चिल्लाने लगती है और कहती है कि पैसे तुमने लिए हैं न. जिसके बाद सभी लोग मिलकर तोशू की क्लास लगा देते हैं. वनराज तो तोशू पर थप्पड़ों की बरसात कर देता है और मारते-मारते अधमरा कर देता है लेकिन फिर भी तोशू को अपने किए का पछतावा नहीं है. वो उल्टा वनराज को ताने देता है.

वैजाइनल इन्फैक्शन से बचाव है जरूरी

वैजाइनल इन्फैक्शन यानी योनि में संक्रमण छोटी बच्ची से ले कर उम्रदराज महिला तक किसी को भी हो सकता है. कुछ महिलाएं जीवन में कई बार इस की शिकार होती हैं. वैजाइनल इन्फैक्शन वैसे तो एक आम बीमारी है पर इस की अनदेखी करने के परिणाम खतरनाक हो सकते हैं. यहां तक कि बांझपन तक हो सकता है. प्रैगनैंसी के दौरान वैजाइनल इन्फैक्शन होने पर यौन रोग भी हो सकते हैं, जो होने वाले बच्चे को भी अपना शिकार बना सकते हैं.

वैजाइनल इन्फैक्शन के कारण ल्यूकोरिया जैसी परेशानी भी हो सकती है, जिस के कारण वैजाइना से सफेद बदबूदार डिस्चार्ज होता है. इस से पेट और कमर का दर्द हो सकता है. बुखार होने के साथसाथ महिलाओं में कमजोरी भी आ सकती है.

वैजाइनल इन्फैक्शन का मुख्य कारण पर्सनल हाइजीन का ध्यान न रखना है. डाक्टर मधु गुप्ता कहती हैं कि योनि संक्रमण के कारण सैक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज भी हो सकते हैं. पर्सनल हाइजीन का रखें ध्यान कुछ इस तरह:

साफ पानी का करें प्रयोग:

वैजाइना बौडी को साफ रखने का काम खुद करती है. पर्सनल हाइजीन के लिए जरूरी है कि बाथरूम का प्रयोग करने से पहले टौयलेट फ्लश चला लें क्योंकि अगर आप से पहले किसी रोगी ने टौयलेट का प्रयोग किया है तो आप को भी इन्फैक्शन हो सकता है.

टौयलेट के बाद वैजाइना को साफ पानी से साफ करें और फिर इस एरिया को नर्म कपड़े से सुखा लें. ऐसा करने से इन्फैक्शन से बचा जा सकता है.

ये भी पढ़ें- हिदायतें जो Diabities से रखें दूर

पीरियड्स में रखें खास खयाल:

पीरियड्स के दौरान इन्फैक्शन का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए इस दौरान साफसफाई का खास खयाल रखें. इन्फैक्शन से दूर रहने के लिए अच्छी किस्म के सैनिटरी पैड्स का ही प्रयोग करें. जरूरत के हिसाब से जल्दीजल्दी पैड्स बदलती रहें. टैंपून लगाने से पहले वैजाइना को पानी से वाश कराएं. इसे 5 घंटों से ज्यादा समय तक न लगाए रखें.

कौटन का प्रयोग है सही: पैंटी का प्रयोग करते समय यह जरूर देख लें कि वह कौटन की ही हो और बहुत टाइट फिटिंग वाली पैंटी का प्रयोग न करें. नायलोन और सिंथैटिक पैंटी का प्रयोग कम करें. यह पसीना पैदा करती है, जिस से वैजाइनल एरिया में स्किन इन्फैक्शन का खतरा बढ़ जाता है. पैंटी को धोते समय ध्यान रखें कि उस में साबुन न रहे और इसे धोने के लिए खुशबूदार साबुन का प्रयोग न करें.

गंदे टौयलेट से रहें दूर:

इन्फैक्शन से बचने के लिए गंदे टौयलेट का भी प्रयोग न करें. जिस टौयलेट में बहुत सारे लोग जाते हों उस का प्रयोग बहुत ही सावधानी से करें क्योंकि ऐसे टौयलेट का प्रयोग करने से यूरिनरी टै्रक्ट इन्फैक्शन यानी मूत्रमार्ग इन्फैक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

न करें खुद इलाज: अगर वैजाइना या उस के आसपास खुजली हो रही हो तो उस जगह को रगड़ें नहीं और यदि खुजली बराबर बनी रहती है तो डाक्टर से संपर्क करें. अपने मन या फिर कैमिस्ट के कहने पर दवा न लें वरना परेशानी बढ़ सकती है.

डाक्टर की सलाह से करें डाउचिंग:

वैजाइना के अंदरूनी हिस्से की सफाई के लिए डाउचिंग की सलाह दी जाती है. इस में कुछ खास किस्म की दवा मिली होती है, पर इस का प्रयोग अपने मन से न करें.

वैजाइना में अच्छे और बुरे दोनों किस्म के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं. कभीकभी डाउचिंग से खराब बैक्टीरिया के साथसाथ अच्छे बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं, जिस से इन्फैक्शन होने लगता है.

प्यूबिक हेयर की सफाई:

प्यूबिक हेयर यानी जननांग के बाल वैजाइना की सुरक्षा के लिए होते हैं. ये यूरिन के अंश को वैजाइना में जाने से रोकने का काम भी करते हैं. समयसमय पर इन की सफाई बेहद जरूरी होती है. यहां की स्किन बहुत संवेदनशील होती है, इसलिए यहां के बालों की सफाई के लिए हेयर रिमूवर और शेविंग क्रीम का इस्तेमाल कम करें. हेयर ट्रिमिंग सब से सुरक्षित उपाय माना जाता है.

जानें साड़ी के 7 लेटैस्ट ट्रैंड्स

आप चाहे कितनी भी स्मार्ट वैस्टर्न ड्रैस पहन लें, लेकिन साड़ी की बात ही कुछ और होती है. साड़ी ऐलिगैंट लुक देने के साथसाथ सैक्सी लुक देने का भी काम करती है. आप साड़ी हर ओकेजन पर पहन कर खुद की पर्सनैलिटी में चार चांद लगा सकती हैं. बस आप को यह पता होना चाहिए कि कौन सी साड़ी ट्रैंड में चल रही है और उसे किस ओकेजन पर कैसे वियर करना है.

आइए, जानते हैं लेटैस्ट साड़ी ट्रैंड्स के बारे में:

औरगेंजा साड़ी

अगर आप भी हैं साड़ी लवर, लेकिन हैवी साड़ी के डर से स्पैशल ओकेजन पर भी साड़ी को वियर करने से डरती हैं तो जान लें कि आप के लिए लेटैस्ट ट्रैंड में चल रही औरगेंजा साड़ी बैस्ट है क्योंकि एक तो यह सिल्क लुक देने के कारण रौयल लुक देती है, साथ ही लाइट वेटेड, सौफ्ट फैब्रिक और एक से बढ़ कर एक प्रिंट्स इसे हर ओकेजन के लिए खास बनाते हैं. ्रफिर चाहे पार्टी हो, मैरिज हो या फिर गैटटुगैदर, आप आसानी से इसे मिनटों में पहन कर खुद को अट्रैक्टिव व अमेजिंग लुक दे सकती हैं. इस के लिए आप अपनी चौइस के हिसाब से औरगेंजा साड़ी खरीद सकती हैं.

क्या है ट्रैंड में: मार्केट में आप को सिल्क औरगेंजा साड़ी, प्लेन औरगेंजा साड़ी, बनारसी औरगेंजा साड़ी, कांची औरगेंजा साड़ी, फैंसी औरगेंजा साड़ी, गिलास औरगेंजा साड़ी, प्रिंटेड औरगेंजा साड़ी, औरगेंजा टिशू साड़ी आदि मिल जाएंगी. जिन्हें आप ओकेजन, साड़ी के डिजाइन के हिसाब से खरीद पर अपने खास दिन को और खास बना सकती हैं. ये आप को क्व2 हजार से क्व20 हजार तक में मिल जाएंगी.

सैलिब्रिटीज भी नहीं हैं पीछे: अगर बात करें आलिया भट्ट की, जिन्होंने एक फैस्टिवल के दौरान रेड फ्लोरल औरगेंजा साड़ी को न्यूड मेकअप के साथ सिंपल सी बिंदी व हैवी  झुमकों के साथ वियर कर के सब को अट्रैक्ट किया और उन के लुक व साड़ी को देख हरकोई व्हट ए लुक आलिया कहे बिना खुद को नहीं रोक पाया.

करीना कपूर: इन्हें फिल्म इंडस्ट्री में बेबो के नाम से भी जानते हैं. जब उन्होंने पेस्टल औरगेंजा साड़ी, जिस पर बेबो लिखा था, पहनी साड़ी का फोटो शेयर किया, तो उन्हें ढेरों कौंप्लिमैंट्स मिलने के साथसाथ फैंस उन के इस लुक के दीवाने भी बन गए. इस साड़ी के साथ करीना ने औफशोल्डर ब्लाउज के साथ डैंगलर्स पहन कर अपने लुक को ऐलिगैंस बनाया.

शिल्पा शेट्टी के लुक और फिगर की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है. उन के फैंस व फ्रैंड्स उन्हें औफव्हाइट फ्लोरल औरगेंजा साड़ी में फ्लोरल बन, पिंक लिप्स के साथ टू लेयर रूबी पर्ल नैकलैस में देख कर दंग रह गए क्योंकि एक तो ब्यूटीफुल साड़ी और उस पर उन का परफैक्ट लुक.

नैट साड़ी

अगर बात करें खुद को स्टाइलिश व ट्रैडिशनल लुक देने की, तो साड़ी से बैस्ट कोई आउटफिट नहीं खासकर नैट साड़ी का तो जवाब ही नहीं क्योंकि यह लाइट वेट होने के साथ काफी कंफर्टेबल भी है, जिसे पहनना भी काफी आसान है. यह साड़ी सैलिब्रिटीज व फैशनपसंद में पौपुलर होने के कारण कई सैलिब्रिटीज द्वारा इसे रैड कारपेट पर पहना गया व पहना जाता है.

अलगअलग पैटर्नस व डिजाइन में होने के कारण इन्हें अलगअलग ओकेजन पर वियर किया जा सकता है. आप इन के साथ मैचिंग ज्वैलरी पहन कर खुद को ट्रैंडी व गौर्जियस दिखा सकती हैं. खास बात यह है कि साड़ी आप को स्लिम व लंबा दिखाने का भी काम करती है, जो आप को सैक्सी लुक देने का काम करता है और साड़ी लवर्स को यही तो चाहिए.

क्या है ट्रैंड में: आप लेस बौर्डर वाली नैट की साड़ी, लहंगा स्टाइल नैट साड़ी, प्रिंटेड नैट साड़ी, डबल शेडेड नैट साड़ी, सिलवर ग्लिटर विद हैवी बौर्डर वाली नैट की साड़ी, स्टोन वर्क नैट साड़ी, प्योर नैट साड़ी, शिफौन नैट साड़ी आदि में से किसी को भी अपनी पसंद के हिसाब से चूज कर के खुद को ब्यूटीफुल लुक दे सकती हैं.

किन सैलिब्रिटीज ने कैरी की: प्रियंका चोपड़ा, जो बौलीवुड की शान हैं. उन्होंने जब पीच कलर की नैट वाली साड़ी के साथ बालों में फ्लौवर्स के फैशन को कैरी किया, तो सभी की नजरें उन पर टिकी की टिकी रह गईं. अब हरकोई उन के इस लुक को बारबार कौपी करना पसंद करता है क्योंकि सादगी में उन की सुंदरता देखते ही बन रही थी.

अनुष्का ने एक पार्टी के दौरान ग्रीन वर्क वाली साड़ी के साथ सिलवर ऐक्सैसरीज को कैरी कर के न सिर्फ खुद को सैंटर औफ अट्रैक्शन बनाया बल्कि उन के इस लुक को देख कर अब हर महिला नैट की साड़ी की दीवानी बनती जा रही है.

कैटरीना कैफ, जो काफी ग्लैमरस हैं, ने जब रस्ट कलर की हैंड ऐंब्रौयडरी वाली साड़ी के साथ कंट्रास्ट ब्लाउज पहन कर ऐंट्री दी, तो उन का यह लुक लोगों की आंखों में बस गया. इस साड़ी में वे स्टाइलिश लगने के साथसाथ क्यूट भी लग रही थीं.

औंब्रे साड़ी

औंब्रे साड़ी को ड्यूल टोन साड़ी भी कहते हैं, जिस में 2 अलगअलग कलर्स होते हैं. यह साड़ी बहुत ही इनोवेटिव तरीके से बनाई जाती है ताकि साड़ी में कलर्स, वर्क सब अमेजिंग लगें. यह साड़ी काफी रिच लुक देती है. इस तरह की साड़ी को जब आप खुद या फिर किसी और के बर्थडे में अथवा किसी फैमिली फंक्शन में वियर करती हैं तो यह आप को रिच, ब्यूटीफुल व मौडर्न लुक देने का काम करती है.

क्या है ट्रैंड में: यह हाफहाफ साड़ी की डिजाइन, जिस में ऐंबौयडरीज के साथसाथ वर्क भी किया है इन दिनों काफी डिमांड में है. यह अलगअलग फैब्रिक में होने के साथसाथ आप को इस में अलगअलग डिजाइनें भी मिल जाएंगी. इन्हें आप औफिस पार्टी, ऐनिवर्सरी, यहां तक कि कौकटेल पार्टी में भी वियर कर के खुद को  ऐलिगैंट दिखा सकती हैं और अगर इस के साथ में हो स्टोन ज्वैलरी, हैंड मेड बैग्स के साथ हाईहील सैंडल्स पहने, तो साड़ी का ग्रेस और बढ़ जाता है.

किन सैलिब्रिटीज ने कैरी किया: दीपिका पादुकोण की औंब्रे शेडेड साड़ी को कौन भूल सकता है, जिस में साड़ी का ग्रेस और उन के स्टाइल ने उन्हें स्टनिंग लुक देने का काम किया. उन की साड़ी और लुक को देख कर हर महिला उन को ही कौपी करना चाहती है.

वैसे तो शिल्पा शेट्टी की परफैक्ट फिगर और कौन्फिडैंस पर हर साड़ी सूट करती है, लेकिन जब उन्होंने पर्पल और पिंक शेड की ओंब्रे साड़ी वियर की तो इस में उन की पर्सनैलिटी अलग ही निखर कर सामने आई. उन्हें औंब्रे साड़ी के स्टाइल को कैरी करते हुए कई बार देखा.

कैटरीना कैफ, जिन्हें अकसर लाइट वेट साड़ी पहने ही देखा गया है, लेकिन जब उन्हें औंब्रे इफैक्ट वाली पिंक साड़ी में देखा गया तो उन के ग्रेस को देख कर फैंस उन्हें देखते ही रह गए.

थिन बौर्डर साड़ी

अब हैवी व भारी बौर्डर्स वाली साडि़यों को गुडबाय करने का वक्त आ गया है क्योंकि 2022 में पतले बौर्डर वाली साड़ी का काफी क्रेज है. चाहे बात हो सैलिब्रिटीज की या फिर मौडल्स की, उन्होंने चाहे मूवीज हो या फिर रैंप पर मौडलिंग, अपने स्टाइल स्टेटमैंट के हिसाब से डिजाइनर पतले बौर्डर वाली साड़ी पहन कर इन साडि़यों के फैशन को इन किया है. अब चाहे बड़ी पार्टी ही क्यों न हो, अधिकांश महिलाएं सिंपल लेकिन रौयल लुक के लिए पतले बौर्डर वाली डिजाइनर साड़ी ही वियर करना पसंद कर रही हैं क्योंकि इजी टू कैरी के साथसाथ इस का लुक भी काफी अमेजिंग जो लगता है.

क्या है ट्रैंड में: आप को मार्केट में थिन बौर्डर में जरी वर्क, मिरर वर्क, ऐंब्रौयडरी,  गोल्डन या फिर सिलवर बौर्डर, जरदोजी वर्क वाले बौर्डर की साडि़यां मिल जाएंगी, जिन्हें आप अपने स्टाइल स्टेटमैंट व ओकेजन के हिसाब से पहन कर अपने दिन को और खास बना सकती हैं.

किन सैलिब्रिटीज ने इस फैशन को कैरी किया: दीपिका पादुकोण हमेशा अपनी गौर्जियस साडि़यों के कलैक्शन से चर्चा में रहती हैं. लेकिन जब इस बौलीवुड क्वीन ने पतले बौर्डर वाली ब्राइट रैड जौर्जेट की साड़ी के साथ पर्ल ज्वैलरी पहन कर अपनी पिक शेयर की, तो यह देख फैंस के मुंह से तारीफें नहीं रुक रही थीं.

माधुरी दीक्षित ने जब पिंक पतले मिरर वर्क बौर्डर की साड़ी पहनी तो सब की नजरें उन पर टिकी की टिकी रह गईं क्योंकि उन के मस्त से रूप पर मस्त साड़ी अमेजिंग लग रही थी.

सिल्क साड़ी

सिल्क साड़ी का फैशन हमेशा से ही इन में है. अगर इसे सदाबहार साड़ी कहा जाए तो ज्यादा न होगा. लेकिन 2022 में इस तरह की साड़ीज को काफी पसंद किया जा रहा है क्योंकि ये एक तो गौर्जियस लुक देती हैं, साथ ही इन के सौफ्ट फैब्रिक के कारण इन्हें पहना भी मिनटों में जा सकता है. ये हर बौडी टाइप व स्किन टोन पर मैच करती हैं.

क्या है ट्रैंड में: आप को इस में बनारसी सिल्क साड़ी, टसर सिल्क साड़ी, आर्ट सिल्क साड़ी, मैसूर सिल्क साड़ी, कांजीवरम सिल्क साड़ी जैसी कई वैरायटीज मिल जाएंगी. आप ओकेजन के हिसाब से साड़ी खरीद कर पहनें. यकीनन यह साड़ी आप की ब्यूटी को बढ़ाने का काम करेगी.

सैलिब्रिटीज इन सिल्क साड़ी: माधुरी दीक्षित ने जब सिल्क की ड्यूल टोन साड़ी के साथ ब्यूटीफुल ज्वैलरी कैरी की, तो वे इस लुक में काफी शानदार नजर आ रही थीं.

एक इवेंट के दौरान प्रीटी सी ब्राउन टोन सिल्क की साड़ी के साथ फुलस्लीव्स कलरफुल फ्लोरल ब्लाउज में कंगना बहुत स्टनिंग नजर आईं. प्रियंका चोपड़ा ने तो सिल्वर प्रिंट वाली सिल्क की ब्लू साड़ी पहन कर सब के होश उड़ा दिए.

लंबे बाल रखने के हैं शौकीन तो अपनाए ये 5 टिप्स

बाल आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगा देते है और आपको और खूबसूरत बना देते हैं. बाजार में आपको बहुत सारे ऐसे हेयर प्रोडक्ट्स मिल जायेंगे जो आपके बालो को कुछ ही दिनों में लंबा व घना करने के वादे करते हैं. क्या आपको भी लगता है कि ऐसा कोई जादू हो सकता है, अच्छे बालो के लिए थोड़ी मेहनत तो आप को भी करनी ही होगी. लेकिन अब परेशानी ये होती है कि आखिर ऐसा क्या करें कि जो आपके बालो को चमकदार, लंबा और सुन्दर बना दे.

आप की इस समस्या को दूर करने के लिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं आपके बालो को लंबा करने और उन्हें खूबसूरत बनाने के लिए कुछ आसान से उपाय.

1. स्वस्थ आहार से पाए लंबे बाल

अगर आप लंबे बाल पाना चाहती हैं तो अपने भोजन में हर रोज प्रोटीन और विटामिन को शामिल करें. इसके लिए आप अपने दैनिक आहार में दूध, दही या इन से बनी चीज़ों को ले सकती हैं. इसके अलावा हरी सव्जियां अधिक मात्रा में खाना चाहिए. क्या आप ये बात जानते हैं कि ग्रीन टी में पोल्य्फेनोल्सपाया जाता है जो बालों को बढ़ने में मदद करता है, इसलिए ग्रीन टी का सेवन करना बालों के लिए लाभदायक होता है.

अगर आप रोज फल खा सकें तो ये और भी अच्छा होगा, अन्यथा आप गाजर, चुकंदर और पालक के जूस का सेवन करे. हम आपको बता दें कि विटामिन बी-काम्प्लेक्स बालों को तेजी से बढ़ने में मदद करता है. इसलिए आप बालो को लंबा करने के लिए चाहें तो विटामिन-बी काम्प्लेक्स (Vitamin B-Complex) कैप्सूल्स का सेवन भी कर सकते हैं.

2. लंबे बालो के लिए लगाए रेड़ी या कास्टर का तेल

रेड़ी का तेल लगाने के लिए आप रेड़ी का तेल और बादाम या नारियल का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर बालों की जड़ों में मालिश करें और लगभघ १ घंटे बाद शैम्पू कर लें. इस प्रक्रिया को एक हफ्ते में दो बार दोहराने से यह आपके बालो को जल्दी लंबा करने में मदद करती है. क्योंकि रेड़ी का तेल में विटामिन ई और ओमेगा 9 फैटी एसिड पाया जाता है.

3. तनाव मुक्त रहें और व्यायाम करें

अगर आप अधिकतर तनाव में रहते हैं तो आपके बाल अधिक झड़ने लगते हैं और बढ़ते भी नहीं है, इसलिए अगर आप वाकई लंबे बाल पाना चाहती हैं तो खुद को हमेशा तनाव मुक्त रखें. इसके अलावा नियमित तौर पर व्यायाम करें. ये बात तो आप जानते ही हैं कि व्यायाम करने से आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है और इससे आप तनाव मुक्त भी रहते हैं.

4. सिर की मालिश करें

लंबे बालो के लिए हफ्ते में दो बार रात को गर्म तेल से बालों की मसाज करें फिर सुबह बालों को धो लें. मालिश करते समय बालों की जड़ो में उँगलियों को गोल गोल घुमाना चाहिए, ऐसा करने से खून का बहाव अच्छा होगा और बालों का विकास भी होगा.

5. लंबे बालो के लिए लगाए अंडे का लेप

अंडे में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. अण्डा न सिर्फ आपके बालो को लंबा बनाता है बल्कि चमकदार और सुन्दर भी बनाता है. अंडे का लेप लगाने के लिए आपको इसमें आधा कप दूध, 1 चम्मच जैतून का तेल और 1 नींबू का रस मिलाकर, जड़ सहित अपने पूरे बालों में लगाना चाहिए और करीब 40 मिनिट के बाद बालों को शैम्पू से धो लेना चाहिए.

अगर आपके बाल सफ़ेद हो रहे हैं तो आप 2 अंडे में 1 चम्मच पिसा हुआ आँवला और रीठे का पाउडर और 5-6 चम्मच मेहँदी मिलाकर लगाएं और २ घंटे लगाए रखने के बाद इस शैम्पू से धो दें.

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