अली बाबा के रोल के लिए एक्टर Sheezan ने किया ये काम, पढ़ें इंटरव्यू

अभिनेता शीजान एम खान ने मॉडलिंग से अपना करियर शुरू किया है. टीवी में उन्होंने‘कुछ तो है तेरे मेरे दरमियान’ के साथ अभिनय शुरू किया. वर्ष 2016 में, उन्होंने परवरिश – सीजन 2 में झोंटी शर्मा की भूमिका निभाई और उनके अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद भी किया. इसके बाद शीजान, जोधा अकबर, सिलसिला प्यार का, चंद्र नंदिनी, पृथ्वी वल्लभ और एक थी रानी एक था रावण जैसे कई लोकप्रिय टीवी शो में दिखाई दिए.शीजान फिटनेस फ्रीक है और नियमित जिम जाना पसंद करते है.

शीजान हमेशा एक अलग और चुनौतीपूर्ण भूमिका को करने में विश्वास रखते है, यही वजह है कि उन्होंने सोनी सब टीवी पर ‘अलीबाबा दास्तान ए काबुल’ में अलीबाबा की भूमिका निभा रहे है, जो चैलेंजिंग होने के साथ-साथ मजेदार भी है, जो उनके चरित्र से काफी मिलता है. हंसमुख और मेहनती शीजान ने अपने बिजी शिड्युल से समय निकाल कर बात की, जो काफी रोचक थी, पेश है कुछ खास अंश, आइये जानें.

मिली प्रेरणा

एक्टिंग में आने की प्रेरणा के बारें में पूछने पर वे बताते है कि मैंने इंडस्ट्री में आने की कोई योजना नहीं बनायी थी, लेकिन कुछ अलग काम करने की इच्छा थी, क्योंकि मैं जॉब पर्सन नहीं था, नौ से पांच बजे तक के किसी काम को मैं नहीं कर सकता था. मेरे बहन फलक नाज़ है, जो एक एक्ट्रेस है,मैं उनका काम देखता था. परिवार में दोनों ही एक्टिंग फील्ड से है. मेरी बहन पहले सरोज खान के साथ एक कोरियोग्राफर थी, बाद में उन्होंने सरोज खान के कहने पर ही एक्टिंग शुरू की है.

परिवार का मिला सहयोग

 

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शीजान कहते है कि पहले मुझे भी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ, मुझे जानने वाले किसी ने मुझे एक ऑडिशन में भाग लेने के लिए कहाँ, मैंने ऑडिशन बहुत ख़राब दिया, पर मुझे बहुत मजा आया, फिर मैंने एक्टिंग को सुधारने की प्लानिंग की. इसमें मैंने एक्टिंग की किताबे पढ़ी, कई अच्छी-अच्छी फिल्में देखी. इसके बाद मुझे टीवी शो ‘जोधा अकबर’ में अभिनय का मौका मिला. मैंने इसे बहुत ही मेहनत से निभाया, क्योंकि मेरे लिए ये एक बेहतर मौका था. परिवार का सहयोग बहुत रहा .

किया संघर्ष

 

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अभिनेता शेह्जान आगे कहते है कि मुझे संघर्ष करना पढ़ा, आज से 10 साल पहले मैंने अभिनय शुरू किया था. हम दोनों भाई-बहन ने एक दूसरे के काम में कभी दखल नहीं दिया. मुझे कभी कोई गॉडफादर नहीं मिला, इसलिए जितना भी काम किया, उसे खुद ही ढूंढ़कर किया. बिना किसी शर्म के काम मांगने भी गए. इस शो के लिए भी मैं खुद मांगने गया था, आज भी संघर्ष है, लेकिन काम में कमिटमेंट मैने हमेशा रखा है.

अलीबाबा का चरित्र है चैलेंजिंग

वे कहते है कि अलीबाबा की भूमिका सभी चरित्र से अलग है, इसमें शारीरिक, मानसिक और चरित्र की दृष्टि से बहुत चुनौतीपूर्ण है, जिसे मैं करना पसंद करता हूँ. बिना चुनौती के किसी भी भूमिका को निभाने में कोई मजा नहीं होता. इससे निकलकर आगे बढ़ना ही मेरे लिए सबकुछ है, दर्शकों का प्यार सफलता के लिए जरुरी है, अली को सब पसंद कर रहे है. इस शो को करने में मुझे शुरू में निर्देशक ने बहुत साथ दिया. उन्होंने कई वर्कशॉप रखे. अली बनने के लिए मैंने 9 साल तक जो सीखा था, उसे भुलाना पड़ा. एक्टिंग के पुराने पैटर्न को पूरी तरह से दिल से निकलना पड़ा. अली को मेरे अंदर उतारने में निर्देशक मान सिंह  ने बहुत मेहनत की, भावनाओं को मेरे अंदर उतारने में उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर आगे लाये है. कठिन अभिनय को करने में ही सबसे अधिक ख़ुशी मुझे मिलती है.

रिलेट करना हुआ आसान

अलीबाबा की भूमिका मुझसे बहुत मिलती है, मैंने इसके नैरेशन सुनते ही माँ को कह दिया था कि ये मैं ही हूँ. ये मेरा विश्वास रहा है और मैं इसे कर पाया है.इसके अलावा अली के 5 बच्चे है और वह एक अनाथालय को चलता है. इसे लेकर मेर विजन था, कृष्णा शो के बाद मेरा हेल्थ काफी ख़राब हो गया था. वेट को बढ़ाना पड़ा, क्योंकि बाबा शब्द नाम के साथ जुड़ते ही एक जिम्मेदारी आती है और मैं वैसा दिखना भी चाहता था. चरित्र के अनुसार मैंने अपने हाव-भाव, चाल-चलन पर काफी कामकिया है. ये सब मैं रात को आईने के सामने खड़े होकर प्रैक्टिस करता था. उर्दू मैं जानता हूँ, क्योंकि घर में बोली जाती है.

ड्रीम

आगे शीजान का कहना है कि मेरी ड्रीम डायरेक्टर संजय लीला भंसाली है और ये मैं दिल से उनके साथ काम करना चाहता हूँ, क्योंकि वे एक कलाकार को पूरी तरह से निखार देते है. एक्ट्रेस अदिति पोहनकर के साथ अभिनय की इच्छा है. बचपन से मुझे फिल्में देखने का बहुत शौक है, कभी एक्टर तो कभी डायरेक्टर की नजरिये से फिल्में देखता हूँ. बहुत अधिक एन्जॉय मैं शाहरुख़ खान की फिल्मों को करता हूँ. बचपन से मैं उनकी फिल्में देख रहा हूँ.

रिजेक्शन है आवश्यक

समय मिलने पर शीजान सोते है और घरवालों के साथ समय बिताते है. रिजेक्शन का सामना उन्हें भी बहुत बार करना पड़ा , लेकिन उससे उनकी कमजोरी पता चला और उन्होंने उसपर काम किया और खुद को सुधारा. उन्हें कई बार लगा कि ये भूमिका उन्हें मिलेगी, लेकिन नहीं मिली, पर वे मायूस नहीं हुए,उन्होंने अपनी माँ की बात याद की, जो कहा करती है कि कुछ न मिलने पर मायूस न हो, बल्कि आगे कुछ अच्छा उन्हें मिलेगा. ये बातें शीजान को सुकून देती है.

दिया सन्देश

रियल लाइफ में शीजान हंसमुख है, वे किसी से कहासुनी पसंद नहीं करते, खाने-पीने के शौक़ीन है. उन्हें समुद्री बीच बहुत पसंद है और एक गिटार के साथ पूरी जिंदगी बिता सकते है. आटिज्म से ग्रसित बच्चों के लिए कुछ सोशल वर्क करना चाहते है, ताकि वे बच्चे जीवन में आत्मनिर्भर बन सकें. पेरेंट्स का सहारा उन्हें जरुरी न हो.

शीजान कहते है कि सपने पूरे करने में पेरेंट्स का सहयोग हमेशा जरुरी है. मुंबई किस्मत बनाती या बिगाडती है, इसलिए शोर्टकट न अपनाएं. पूरी धैर्य, मेहनत और लगन ही किसी को सफलता दिला सकती है.

ऐसे बनाएं निटिंग बेबी ड्रैसेज

डिजाइनर बेबी ड्रैस 

सामग्री:

सफेद ऊन 250 ग्राम, लाल ऊन 100 ग्राम, 10 नं. का क्रोशिया, सजावटी सामान.

विधि:

सफेद ऊन से ऊपर वाला भाग बनाना है. इस के लिए 100 चे. डाल कर आपस में जोड़ दें और ऊन में फं. डाल लें. कंधों के ऊपर 1 चे. 4 फं. डाल दें. इसी तरह 5 लाइन बनाएं. बौडी बनाने के लिए ऊपर वाली लाइन में कंधों के लिए 10-10 फं. छोड़ कर बाजू की जगह बनानी है. उसे लाल ऊन से फं. डालें और साइड से जोड़ कर गोल लें. फिर उस में डिजाइन की पहली पंक्ति में 7 फं. डालें और 2 चे. डाल कर 2 फं. छोड़ दें. इस तरह से 3 डब्बे बना लें. फिर 7 फं. डाल लें. इसी तरह से पूरी पंक्ति बना लें. दूसरी पंक्ति में 5 डब्बे बनाएंगे और हमारे पास 3-3 फं. रह जाएंगे. तीसरी पंक्ति में पूरी ही पंक्ति में डब्बे बनाने हैं यानी 2 चे. और 2 फं. छोड़ कर फिर 1 फं. डालना है. इस तरह से हमारे डब्बे बन जाएंगे.

चौथी पंक्ति में हम फं. डालेंगे और 1 में 3 उस के ऊपर वाले में 3 और फिर बीच वाले में 3 फं. 2 साइड में 3-3 फं. डाल लें. इस तरह से एक पत्ती का आकार बन जाएगा. इसी तरह आप पूरी पंक्ति बना लें. इसी तरह आप अपनी आवश्यकतानुसार बौडी तैयार कर लें. इस के बाद सी. फं. डाल कर 2 पंक्तियां बना लें.

फ्रिल बनाने के लिए पहली पंक्ति में सब से पहले 1 फं. में 2 फं. डालें. फिर 2 चे. डाल लें. फिर 2 फं. डालें. 2 चे. डाल कर 2 फं. डाल लें. इस के बाद 2 चे. डाल लें. फिर बिना बल के 10 फं. डाल लें. इसी तरह पूरी पंक्ति बना लें. दूसरी पंक्ति में जो हम ने 2-2 फं. डाले हैं. उन में 1 फं. डाल कर 2 चे. बना कर 1 फं. डाल लें. हम ने जो छोटे फं. यानी बिना बल के फं. डाले हैं उन में से 1-1 फं. घटा दें. इसी तरह से 6 पंक्तियों तक 1-1 फं. बढ़ाती जाएं और छोटा 1-1 फं. घटाती जाएं. ऊपर 7वीं पंक्ति में 6 फं. का 1 फं. बनाना है. इस के बाद अगली पंक्ति चे. वाली बनानी है. 10-10 चे. डाल कर 1 छोटा फं. डालना है. इसी तरह पूरी पंक्ति बना लें. फिर उस चे. में छोटे फं. डाल लें. इसी तरह से पूरी पंक्ति बना लें. जब अगली फ्रिल बनानी है तो पहली वाली के नीचे से 6 सी. फं. वाली पंक्तियां बनाएं. उस के बाद फिर डिजाइन शुरू कर दें. इस फ्रिल को अपनी आवश्यकतानुसार बनाएं. इस तरह से आप की बेबी ड्रैस बन जाएगी. ऊपर टांगने के लिए डोरी बना लें. इस के ऊपर अपनी मनपसंद लेस बना कर सजा लें.

स्टाइलिश बेबी सैट

सामग्री:

बेबी ऊन लाल व सफेद दोनों 125 ग्राम, 11 नं. का क्रो., 6 फैंसी बटन (5 लाल 1 पिंक), मोटी सूई, धागा, मोती, घुंघरू.

स्कर्ट की विधि: सफेद ऊन से 112 चेन बनाएं. पहली पंक्ति: प्रत्येक चेन पर ट्रे..

दूसरी पंक्ति: ड. क्रो.,

तीसरी व चौथी पंक्ति: (लाल) ट्रे., ड. क्रो.

पांचवीं व छठी पंक्ति: सफेद ट्रे.

सातवीं पंक्ति: 3 चे. 1 ट्रे. छोड़ कर अगले में ड. क्रो. (5 बार). फिर 10 चे. 1 ट्रे. छोड़ कर अगले में ड. क्रो. *. * से * तक दोहराती जाएं.

8वीं पंक्ति: * 3 चे. स्पेस में ड. क्रो. (4 बार दोहराएं) फिर 12 चेन. आगे के 10 चेन स्पेस छोड़ कर 3 चे. स्पेस में ड. क्रो. (4 बार) अब * से * दोहराती जाएं.

9वीं पंक्ति: 10 और 12 चे. इकट्ठे ले कर बीच में ड. क्रो. 20 चे. बनाएं. फिर 10 और 12 चे. इकट्ठे बीच में ड. क्रो.

10वीं पंक्ति: ड. क्रो. पर ड. क्रो. 3 चे. 20 चे. की पहली 4 चे. छोड़ कर 7 चे. पर 7 ट्रे. 3 चे. अगली 7 चे. पर 7 ट्रे. 3 चे. अगली चे. पर  7 ट्रे. 3 चे. 4 चे. छोड़ कर फिर ड. क्रो. पर ड. क्रो. पाइनऐप्पल बनाने के लिए 22 चे. डाल कर बाकी का वही पहले वाला दोहराएं. (अब अगली पंक्तियों में 7 ट्रे. पर 6 और 6 पर 5, 5 पर 4, 4 पर 3, 3 पर 2 और 2 पर 1 ट्रे. बनाएं. बीच में 3 चे. पर 3 चे. डालती जाएं. साइड की चे. बढ़ाती जाएं. पाइनऐप्पल की 22 चे. 5 चे. छोड़ कर 12 में 12 ट्रे. फिर 5 छोड़ें और जो 1 ट्रे. था 3 से 2, फिर 2 पर 4 बनाते हुए बीच में 3 चे.) बिलकुल ऊपर से उ. होता जाएगा. अगली पंक्ति में पहले ट्रे. पर  3 चे., 1 ट्रे. छोड़ कर अगले में ड. क्रो. 3 चे. इस तरह 6 स्पेस बनेंगे. अगली पंक्ति में 5 फिर 4, 3, 2, चे., 1 और ऐसे पाइनऐप्पल तैयार हो गया.

(इसी डिजाइन को लं. के हिसाब से जितनी बार बनाना हो बनाएं).

एक पंक्ति पूरी ड. क्रो. (अब लाल ऊन से ड. क्रो. पर ट्रे. अगली पंक्ति 4 चे. बना कर 4 ट्रे. छोड़ कर अगले में ड. क्रो., 4 चे.). अब सफेद ऊन से 4 चे. स्पेस में 3 ट्रे. 2 चें. 3 ट्रे. अब 3 चे. अगली 4 चे. स्पेस छोड़ कर अगले में 3 ट्रे. 2 चे. 3 ट्रे., 3 चे. दोहराएं. स्कर्ट तैयार है. दोनों रंगों की डोरी बना कर ऊपर की ट्रे. की पंक्ति में टांग दें. गोंडे बना कर जोड़ दें. मोती व घुंघरू टांक दें. बोलेरो ब्लाउज: लाल ऊन से 64 चे. बनाएं. पहली पंक्ति सफेद ऊन प्रत्येक चे. पर ट्रे. बनाएं. दूसरी पंक्ति पहले 8 ट्रे. पर 1-1 ट्रे. अगले में 3 ट्रे. अगले 15 पर 1-1 ट्रे. अगले पर 3 ट्रे. फिर अगले 16 पर 1-1. अगले पर 3. 15 पर 1-1 अगले पर 3 ट्रे. अंतिम 8 पर 1-1 ट्रे. 4 कोने बन जाएंगे. तीसरी पंक्ति लाल में ड. क्रो. अगली 4 पंक्तियां (चौथी, 5वीं, छठी, 7वीं) सफेद ट्रे. 8वीं पंक्ति : लाल में ड. क्रो. इस तरह 4 पंक्तियां सफेद 9, 10, 11, 12, 14, 15, 17) टे्र. में. बीच में 13वीं पंक्ति उ. बुनें. 18वीं पंक्ति लाल ट्रे. में. अब 19वीं पंक्ति में सफेद ऊन से ट्रे. बनाने हैं. बांहों की स्पेस छोड़ कर आगेपीछे का हिस्सा जोड़ना है. 3 पंक्तियां ट्रे. की बनानी हैं. अब अगली पंक्ति से स्कर्ट वाला पाइनऐप्पल वाला डिजाइन डालना है. डिजाइन पूरा होने पर एक पंक्ति ड. क्रो. की डालनी है. अगली पंक्ति लाल ऊन की ड. क्रो. फिर 2 पंक्तियां सफेद ऊन से ड. क्रो. की. धागा तोड़ दें. बोलेरो तैयार. सामने बटनपट्टी बना कर टांक दें. डोरी डाल दें.

लैगिंग : सफेद ऊन से 50 चेन बनाएं. पहली पंक्ति चे. पर डी.सी. अगली 5 पंक्तियां भी डी. सी. पर डी. सी. लाल ऊन से 7वीं, 9वीं, 11वीं पंक्ति डी.सी., 8वीं, 10 ट्रे. सफेद ऊन से 12वीं, ट्रे., 13वीं डी.सी., 14वीं, 16वीं, 18वीं, डी.सी. और 15वीं, 17वीं ट्रे.

19वीं पंक्ति में एक पाइनऐप्पल वाला डिजाइन शुरू करें. साइड में वही ट्रे. बनाती जाएं. साइड में 1-1 बढ़ाती जाएं. डिजाइन पूरा हो जाने पर पंक्तियां ट्रे. की बनाएं. 66 ट्रे. हो जाने पर 13 पंक्तियां बिना बढ़ाए बनाएं. फिर सफेद ऊन से 5 पंक्तियां ट्रे. की बना कर बंद कर दें. ऐसे ही दूसरी टांग भी बना लें. सूई से दोनों टांगें सिल लें. ऊपर की 5 पंक्तियां मोड़ कर नाड़ा डालने के लिए सिल लें. डोरी बना कर ऊपरनीचे डाल लें. बूट: सफेद ऊन से 60 चे. डालें. पहली, दूसरी पंक्ति डी. सी., तीसरी व चौथी ट्रे. 5वीं पंक्ति लाल ऊन ट्रे.

छठी पंक्ति सफेद, 7वीं पंक्ति लाल. 8वीं पंक्ति सफेद से पहले 11 ट्रे. पर 11 ट्रे. 1 ट्रे. 1 छोड़ कर अगले पर 1 डी.सी. ऐसा 19 बार करें. फिर अगले 11 ट्रे. पर 11 ट्रे. 9वीं पंक्ति पूरी डी.सी. लाल से 10वीं पंक्ति पहले 11 डी.सी. पर 11 ट्रे. 19 डी. सी. पर 19 डी. सी. फिर 11 डी. सी. पर 11 ट्रे. (सफेद से), 11वीं पंक्ति लाल से ट्रे. पर ट्रे. और डी. सी पर डी. ?सी. बना कर बंद कर दें. दूसरा बूट भी ऐसे ही बना लें. बूट की शूप दे कर सिल लें. डोरी डाल दें. टोपी: लाल ऊन से 8 चेन बनाएं. स्लि. स्टि. से जोड़ कर रिंग बना लें. रिंग में 16 ट्रे. पहली पंक्ति (सफेद जोड़ें) दूसरी पंक्ति हर ट्रे. के बीच की स्पेस में 2 ट्रे., तीसरी पंक्ति 2 ट्रे. पर 2 ट्रे. बीच में 1 टे्र. चौथी पंक्ति ट्रे. पर ट्रे. 5वीं पंक्ति लाल से 8 ट्रे. पर 1-1 ट्रे. 9वीं पंक्ति 2 ट्रे. इसी तरह पंक्ति पूरी करें. 10वीं व 11वीं पंक्ति सफेद 1 ट्रे. पर 1 ट्रे. और 2 ट्रे. पर 2 ट्रे. दूसरी पंक्ति से पाइनऐप्पल डिजाइन डालना शुरू करें. 12 से 17 तक पाइनऐप्पल डिजाइन पूरा. 18वीं पंक्ति ट्रे. की, 20वीं पंक्ति भी सफेद. 19वीं 21वीं लाल ट्रे. की. 22वीं सफेद से 1 टे्र. पर 2 ट्रे. 23वीं लाल ट्रे. पर डी.सी. 24वीं सफेद डी.सी. पर डी.सी. बंद कर दें. एक फूल बना कर टांक दें.     

-परमजीत कौर ठुंए

गाउन स्टाइल फ्रौक विद जैकेट

सामग्री:

हरा ऊन 250 ग्राम, सफेद ऊन 250 ग्राम, 10 नं. का क्रोशिया, सजावटी सामान.

विधि:

सब से पहले बौडी बनाएं. आगे और पीछे का पल्ला एकसाथ ही बनाना है. इस के लिए सब से पहले 100 चेन बनाएं और जोड़ दें. फिर उस में सी. फं. डाल लें. सी. फं. वाली 12 पंक्तियां बनानी हैं. इस के बाद कंधों की तरफ से 4-4 फं. कम करने हैं और 14 पंक्तियों में 2 तरफ से 2-2 फं. कम करने हैं. इस तरह कंधे तैयार हो जाएंगे. इस के बाद नीचे की तरफ बैल्ट बनाएंगे. इस के लिए सी. फं. को आगे की तरफ से घुमा कर बैल्ट बनाएंगे. इस की 10 पंक्तियां बनाएंगे. इस तरह हमारी बैल्ट तैयार हो जाएगी. इस के बाद नीचे घेरे का डिजाइन बनाएंगे. अपनी पसंद से कोई भी डिजाइन बना सकती हैं. इस के लिए सब से पहली पंक्ति में घुमा कर सी. फं. डालेंगे. इसी तरह से 2 पंक्तियां बना लें. इस के बाद तीसरी पंक्ति में 1 में 2-2 फं. डालेंगे. इस तरह फिर 2 पंक्तियां बना लें. 5वीं पंक्ति में 1 फं. में 3-3 फं. डालें. इस तरह से 2 पंक्तियां बना लें. इस के बाद चौथी पंक्ति में 1 फं. में 4-4 फं. डाल लें. इस तरह से आप को जितनी लं. चाहिए आप बना लें. इस तरह से घेरा तैयार हो जाएगा. अगर आप चाहें तो नीचे अपनी मनपसंद की कोई भी लैस बना सकती हैं. अब ऊपर अपनी तरफ से कोई भी डोरी या लैस बना कर नैक तैयार कर लें और उसे सजा लें. बैल्ट को फूल और पत्तियों से सजा लें.

जैकेट बनाने की विधि

सब से पहले पीछे का पल्ला बनाएंगे. इस के लिए 50 चे. डाल कर उस में सी. फं. डाल लें, दूसरी पंक्ति में 2 फं. छोड़ कर 1 में 7 फं. डालें. 2 चेन डाल कर 2 फं. छोड़ कर फिर 7 फं. डालें. इस तरह से पूरी पंक्ति बना लें. इस के बाद ऊपर वाली पंक्ति में उन 7 फं. में अब फं. डाल लें. इस तरह पूरी पंक्ति बनाएं. अपनी आवश्यकतानुसार लं. रख लें. आगे के पल्ले के लिए 25 चे. डालेंगे. पीछे के पल्ले की तरह आगे के दोनों पल्ले बना लें. जैकेट तैयार हो जाएगी. उसे सजावटी सामान से सजा लें. गाउन स्टाइल फ्रौक विद जैकेट तैयार है.           

– रजनी बाला 

कौकटेल वियर लौंग ड्रैस

सामग्री:

4 गोले पिंक ऊन, 1 गोला सफेद और 1 गोला हरे ऊन का, हरा साटन रिबन (डोरी के लिए). डैकोरेशन के लिए हाफ कटे व्हाइट पर्ल मोती, स्टोन्स, सिल्वर, ब्लैक, ड्रोप शेप, रैड कलर के पैच, सिल्वर लेस, चिपकाने के लिए फैब्रिक ग्लू.

विधि:

सफेद ऊन से फं. डालें. फिर पिंक ऊन से 1 सी. 1 उ. स. धागा आगे कर के जाली बुनें. फिर 2 फं. का 1 फं. कर के बुनें. फिर सारी उ. स. बुनें. दोबारा 2 इंच की जाली बुनें. फिर 1 पूरी सी. स. 1 पूरी उ. स. बुनें. बैल्ट बनाने के लिए हलके हाथ से बुनें. 1 सफेद 1 पिंक उ. स. सफेद बुनते हुए पिंक उतारती जाएं. ऐसे ही पिंक बुनती जाएं. सफेद उतारती जाएं. फिर सारी सी. स. कंधे के लिए उ. स. करते हुए एक कंधे से 13 फं. घटाएं. फिर 10 फिर 8 फिर 5 फं. घटाएं. दूसरे कंधे से पहले 5 फं. फिर 3 फिर 2 फिर 1 फं. घटाएं. क्रोशिए से हरे और सफेद ऊन के फूल तैयार करें. कंधे की डोरी सफेद ऊन और हरे साटन रिबन की चोटी गुंथ कर बनाएं और डोरी के नीचे लटकन लगाएं. ड्रैस के नीचे पिंक ऊन की लटकन उंगलियों से बुन कर बनाएं. हरे रंग के ऊन के फुम्मन बना कर पिंक लटकन के नीचे लगाएं.

डैकोरेशन: गले पर काले और सिल्वर स्टोन चिपकाएं. एक कंधे पर कलरफुल पंख और फूल लगाएं. व्हाइट पर्ल मोती से हाफ फ्लौवर बनाएं. बैल्ट पर पैच और स्टोन्स चिपकाएं. बैल्ट के ऊपर और नीचे सिल्वर कलर की लेस लगाएं. ड्रैस की जाली पर हरे फूल और सिल्वर स्टोन्स लगाएं. ड्रैस के साथ मैचिंग ज्वैलरी और शूज भी बनाएं.                          

– पूजा तनेजा

कर डालिए जिंदगी का मोबाइल रीचार्ज

आज की भागमभाग वाली जिंदगी में इंसान सब कुछ होते हुए भी कभीकभी नितांत अकेलापन महसूस करता है. चिंता, अवसाद व तनाव से घिर कर वह अनेक प्रकार की बीमारियों से जकड़ा जा रहा है. हर समय मोबाइल पर बतियाना या एस.एम.एस. करना दिनचर्या का अभिन्न अंग बनता जा रहा है. ऐसे में यदि मोबाइल के सिमकार्ड की वैलिडिटी खत्म हो जाए तो व्यक्ति खुद को असहाय व सब से कटा हुआ महसूस करता है. सिमकार्ड से कई गुना अधिक जीवन का मोल है, इसलिए जिंदगी की वैलिडिटी की चिंता ज्यादा जरूरी है. जिंदगी की वैलिडिटी बढ़ती रहे, इस के लिए हमें स्वयं ही कुछ प्रयास करने पड़ेंगे. मसलन:

गमों को कहें अलविदा

समाजसुधारक दयानंद का कहना है कि इंसान खुद ही अपनी जिंदगी के सुखदुख का जिम्मेदार होता है, तो क्यों न हर समय गमों या दुख के समय को याद करने के बजाय सुख वाले समय को याद करें. इस से मनोबल बढ़ेगा, मन हलका रहेगा. यदि कोई समस्या आए भी तो उस का उचित हल ढूंढ़ें, न कि उस से चिंतित हो कर मन को गमगीन बना लें. यदि मन हमेशा पिछली बातों, दुखों या गमों से घिरा रहेगा तो आने वाली खुशियों का स्वागत नहीं कर पाएगा. अत: कंप्यूटर की भाषा में गमों को सदैव डिलीट करते चलें और खुशियों को सेव. यदि अच्छा समय सदैव नहीं रहता तो बुरा समय भी बीत जाएगा.

दोस्ती को डाउनलोड करें

दोस्ती एक ऐसा अचूक मंत्र है, जिस से समस्याएं कभीकभी चुटकी बजाते हल हो जाती हैं. अत: ऐसे दोस्तों की संख्या बढ़ाएं, जो सुखदुख में आप के भागीदार बन सकें. दोस्ती से प्यार बढ़ता है तो जीवन में बहार बनी रहती है. प्यार, उत्साह, उमंग तीनों ही प्रवृत्तियां दोस्ती में ही पनपती हैं. शुष्क व नीरस जीवन भारी लगने लगता है. अत: अच्छे व सच्चे मित्रों की संख्या बढ़ाएं, जो सही माने में आप के हितैषी हों.

रिश्तों को रीचार्ज करते रहें

रिश्ता चाहे दोस्ती का हो या पारिवारिक, उस को प्यार से सींचना होता है. यदि रिश्तों में स्वार्थभाव हो तो उन के चरमराने में देर नहीं लगती. अत: समयसमय पर अपने रिश्तों को रीचार्ज करते रहें, जिस से मन में आई दूरियां व गलतफहमियां दूर होती रहें. रिश्तों में यह उम्मीद कतई न करें कि दूसरा ही पहल करे. स्वयं भी पहल करें. प्यार को सीमित करने से घुटन होने लगती है.

भाषा पर नियंत्रण रखें

बातचीत करते समय शब्दों का प्रयोग सोचसमझ कर करें. हो सके तो मीठे वचन बोलें, रहीम ने क्या खूब कहा है-

रहिमन मीठे वचन ते

सुख उपजत चहुं ओर

वशीकरण एक मंत्र है

तज दे वचन कठोर.

कहा भी गया है कि तलवार का घाव भर जाता है, शब्दों का नहीं. कड़वी बात भी यदि शालीनता से बोली जाए तो बुरी नहीं लगती. अत: वाणी में सदैव शीतलता व मधुरता बनाए रखें. आप का मन भी खुश रहेगा व सुनने वाले पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा.

कबीरदास ने कहा भी है-

ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोय,

औरन को शीतल करे आपहुं शीतल होय.

मीठी व मधुर भाषा में बात करने से बिगड़े काम भी कभीकभी आसानी से बन जाते हैं.

मुसकराहट को करें इनबौक्स

हंसनेमुसकराने की क्रिया इंसान के ही पास है तो क्यों न मुसकराने की आदत डालें. यदि आप मुसकराते हैं, तो सामने वाला भी प्रत्युत्तर में मुसकराएगा. परंतु रोते हुए या मायूस चेहरे से सभी दूर भागते हैं, कोई उस का साथ नहीं देता. सभी को मुसकराता चेहरा ही अच्छा लगता है. तो क्यों न हंसने व दूसरों को हंसाने की आदत अपनाएं.

नफरत व दुश्मनी को करें इरेज

जहां तक हो सके किसी के लिए भी मन में नफरत व दुश्मनी की भावना न पनपने दें. इस भावना से दूसरे का कम, आप का मन ज्यादा दूषित होगा. मन विकारग्रस्त होगा तो नकारात्मकता आएगी, जिस से आप का तन भी प्रभावित होगा. आप की कार्यक्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा और फिर नफरत से नफरत को कभी मिटाया नहीं जा सकता. उस को मिटाने के लिए प्यार के शस्त्र की जरूरत पड़ती है. अगर किसी से दोस्ती नहीं रख सकते तो कबीर की राह पर चल कर किसी से दुश्मनी भी न रखें-

कबीरा खड़ा बाजार में मांगे सब की खैर

न काहू से दोस्ती न काहू से बैर.

प्यार की करें इनकमिंग

अपने मन में प्यार की भावना विकसित करें, फिर देखें कैसे आप का तनमन प्रफुल्लित रहता है और फिर प्यार की भाषा तो हर कोई समझता है.

कबीरदास के शब्दों में-

पोथी पढ़पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोय

ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय.

गुस्से या क्रोध को रखें होल्ड

प्लूटार्क ने कहा है, ‘क्रोध समझदारी को घर से बाहर निकाल कर अंदर से दरवाजा लौक कर लेता है.’ क्रोध में मनुष्य सोचनेसमझने की शक्ति खो देता है. जिस किसी पर क्रोध आए उस के सामने से हट जाएं. किसी काम में लग जाएं या 1 गिलास पानी पिएं. क्रोध को होल्ड करने के लिए जेफासन ने कहा है, ‘यदि आप क्रोध में हैं, तो बोलने से पूर्व 10 तक गिनें. यदि अत्यधिक क्रोधित हैं तो 100 तक गिनें. साथ ही, अपने मन में यह संकल्प दोहराएं कि मुझे शांत रहना है, क्रोध नहीं करना है. निश्चित तौर से आप को चमत्कारी परिणाम देखने को मिलेंगे.’ सेनेका ने भी कहा है, ‘क्रोध की सर्वोत्तम औषधि है विलंब.’

परिवर्तनों को कहें वैलकम

परिवर्तन प्रकृति का नियम है. यदि परिवर्तन न हों तो जिंदगी नीरस हो जाएगी. परिवर्तनों के अनुरूप चलने वाले व्यक्ति जीवन में दुखी नहीं रहते. जो इंसान इन परिवर्तनों को खुशीखुशी स्वीकार कर लेता है, वह कई प्रकार के सुखों को अपने साथ जोड़ लेता है. परिवर्तन को स्वीकारने वाला व्यक्ति जिंदगी की दौड़ में अपेक्षाकृत अधिक आगे बढ़ता है.

महत्त्वाकांक्षी बनें

सुखी व संतुलित जीवन जीने के लिए अपने जीवन में छोटेछोटे लक्ष्य तय करें, फिर इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महत्त्वाकांक्षी बनें. एक बार जो भी मन में ठान लें, उसे पूरा करने में जीजान से जुट जाएं. फिर चाहे अपना खुद का घर खरीदना हो या कार. जरूरत है प्रबल इच्छा की. यह प्रबल इच्छा ही महत्त्वाकांक्षा बन जाती है. हां, महत्त्वाकांक्षी बनने से पहले समय व परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए अपना आकलन अवश्य कर लें. आचार्य श्री राम शर्मा ने कहा है कि परिस्थिति एवं योग्यता के विपरीत महत्त्वाकांक्षा रखने वाला मनुष्य हमेशा दुखी रहता है. तो कर ही डालिए जल्दी से अपनी जिंदगी का मोबाइल रीचार्ज.

अनियोजित गर्भ, निबटें ऐसे

‘नहीं, मैं प्रैगनैंट नहीं हो सकती,’ यह एक ऐसा वाक्य है, जो उन युवतियों के मुंह से अचानक निकल जाता है जो अनचाहे गर्भ की शिकार होती हैं. सही तौर पर चला आ रहा पीरियड साइकिल अगर 2-3 दिन के लिए भी डगमगा जाए तो युवतियों के मन में तब तक बेफिक्री बनी रहती है जब तक उन का शरीर ठहर चुके गर्भ को ले कर उन्हें तरहतरह के संकेत देना शुरू नहीं करता. जैसे:

भूख न लगना या खाना देखते ही मितली आना.

कुछ खाते ही उलटी कर देना.

खाने की वस्तुओं से बदबू आने का एहसास होना.

नींद के झोंके आना आदि.

दरसअसल, मासिकधर्म कैलेंडर की तारीख के साथ बहुत कम चलता है, इसलिए बहुत सी महिलाएं अचानक अपनेआप को अनचाहे गर्भ की चपेट में पाती हैं. इस प्रकार का अनचाहा गर्भ अनेक महिलाओं को परेशान कर देता है. फिर अनचाहे गर्भ के ठहरने की टैंशन का बुखार शुरू हो जाता है.

कैसी परिस्थितियां गर्भ को अनचाहा बनाती हैं:

विवाह के 2-3 महीनों के बाद या साल भर के अंदर गर्भ का ठहर जाना कई दंपतियों के लिए  अनियोजित गर्भ होता है.

पहला बच्चा 1 साल का या उस से भी छोटा होने पर जब दंपती बच्चा नहीं चाहते.

2 बच्चे पहले ही हैं, तीसरा चाहते ही नहीं तो गर्भ का ठहर जाना अनचाहे गर्भ की शक्ल ले लेता है.

35+ या 40+ की उम्र के पास पहुंचने पर ओव्यूलेशन के अनियमित होने पर गर्भ का ठहर जाना.

थायराइड, डायबिटीज, कैंसर या एनीमिया होने पर डाक्टरी सलाह के विरुद्ध गर्भ ठहरना.

पतिपत्नी दोनों का नौकरीपेशा होना और कैरियर के बीच में बच्चा न चाहना.

बच्चे को अफोर्ड नहीं कर सकने की परेशानी होना. मानसिक, शारीरिक व आर्थिक असमर्थता होना.

अविवाहित होने या विवाहेतर संबंधों के कारण गर्भ ठहरना.

डा. विशाखा मुंजाल के अनुसार, किन्हीं भी कारणों से बच्चा न चाहने वाली महिलाओं के लिए प्रैगनैंसी एक नागवार विषय है. आजकल के युवा दंपतियों को तो वैसे भी अनियोजित गर्भ बोझ इसलिए लगता है, क्योंकि वे मातापिता बनने के लिए अपनेआप को भावनात्मक व आर्थिक रूप से तैयार नहीं समझते हैं. कैरियर को प्राथमिकता देते व लाइफस्टाइल के गठजोड़ों में उलझे ऐसे दंपती बच्चे को पैदा करने की बात को अपनी महत्त्वपूर्ण कार्यों की सूची में सब से आखिर में रखते हैं. लेकिन गर्भ के ठहर जाने पर गर्भ को रखने या न रखने का निर्णय उन के लिए सब से कष्टपूर्ण होता है. जिस व्यक्ति को प्यार करो, उस का बच्चा न रख पाने का निर्णय जीवन का सब से कठिन निर्णय होता है.

प्रश्न यह उठता है कि अनियोजित गर्भ क्यों ठहरते हैं? इन के प्रति कैसी प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है और इन से कैसे निबटा जाए?

आप सैक्स को ले कर सक्रिय महिला हैं. आप और आप का साथी दोनों बर्थ कंट्रोल के किसी तरीके को अपनाते रहे हैं. इस के बावजूद भी गर्भ ठहर जाता है तो वह समस्या को जटिल रूप दे देता है. आकस्मिक गर्भ विवाहिताओं व अविवाहिताओं को 2 ही कारणों से ठहरता है या तो उन की गर्भनिरोधक प्रक्रिया असफल हो जाती है या वे गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल के मामले में लापरवाह हो जाती हैं. वास्तव में विवाहित महिलाओं में लापरवाही अधिक देखी जाती है. वे सावधानियां बरतती भी हैं और नहीं भी. कहींकहीं पत्नियां पति को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराती हैं. 10 महिलाओं से घुमाफिरा कर बात करने पर पता चला कि उन में से 4 महिलाएं अनियोजित गर्भ का शिकार हो गर्भपात करा चुकी हैं. महिलाओं से बात करने पर यह बात सामने आई कि बर्थ कंट्रोल को लास्ट मूवमैंट भूल जाना इन महिलाओं की आम समस्या है. कई पतिपत्नी के बीच दूसरे या तीसरे बच्चे को जन्म देने को ले कर मतभेद पाया जाता है. ऐसी परिस्थितियों में एक बर्थ कंट्रोल को भूल जाने का रास्ता अपनाता है.

स्त्रीरोग विशेषज्ञों के अनुसार, स्त्री का गर्भधारण करना कई बार कलह का कारण बनता है और रिश्ते की सारी खुशियों को समाप्त कर देता है. अनचाहे गर्भ से जुड़ी बहस संबंधों को भी नष्ट कर देती है. कुंआरी और शादीशुदा स्त्री के गर्भधारण से जुड़े भय चाहे अलगअलग तरह के हों पर गर्भपात से जुड़े भय एक ही से होते हैं. अनियोजित गर्भ हमेशा कड़वा पक्ष दर्शाता है. अविवाहित युवतियों को अनचाहा गर्भ पराजित महसूस कराता है व अपने शारीरिक संबंधों के जरीए हुई अपनी हार उन्हें निश्चित रूप से दहला देती है, क्योंकि गर्भधारण देह को दिए गए दंड जैसा लगता है. इस स्थिति में युवती को लगता है कि वह स्वयं को धोखा दे बैठी है. विवाहित दंपतियों के बीच पति को क्रोध आता है व पत्नी को ग्लानि होती है.

अनियोजित गर्भ से ऐसे निबटें

अनियोजित गर्भ की समस्या की जड़ में जाने का प्रयास करें.

क्सुअली ऐक्टिव हैं तो इस दुर्घटना के लिए हमेशा तैयार रहें, भले आप गर्भनिरोधक करती इस्तेमाल हों.

अपने पारिवारिक, दांपत्य व परिवेश से जुड़े तथ्यों पर विशेषतौर से गौर करें.

आप को अपने परिवार, मित्रों व परिस्थितियों से अनेक प्रकार के दबावों का सामना करना पडे़गा. इस के लिए तैयार रहें.

आप को लगता है कि आप को काउंसलिंग की जरूरत है तो काउंसलर के पास जाने से हिचकिचाएं नहीं.

गर्भ रखना है या गर्भपात कराना है, यह निर्णय शीघ्र करें.

बच्चा गोद देना चाहती हैं तो इस विषय पर भी सोचें और इस प्रक्रिया से जुड़ी जटिलता पर गौर करना न भूलें.

अपनी शारीरिक और भावनात्मक क्षमता आंकें.

बच्चा नहीं चाहिए हो तो 6 से 12 हफ्तों के भीतर ही गर्भपात करा लें.

पाखी ने की अधिक से शादी, Anupama और शाह फैमिली को लगा झटका

स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa Update) की कहानी में लगातार नए ट्विस्ट आ रहे हैं. जहां एक तरफ पाखी और अधिक शादी की जिद करके बैठे हैं तो वहीं अनुज ने अनुपमा को पढ़ाई करने का तोहफा दिया है, जिसके चलते अनुपमा एक बार फिर अपने सपने और परिवार के बीच फंसती दिख रही है. हालांकि अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा की मुश्किलें और बढ़ने वाली है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे’ (Anupamaa Upcoming Episode In Hindi).

अनुपमा को परेशान करेंगे बा और वनराज

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि बापूजी के कहने पर अनुपमा शाह हाउस में जाएगी. जहां एक बार फिर बा और वनराज, अनुपमा को ताना देते हुए दिखेंगे कि वह मां का फर्ज निभाने की बजाय कॉलेज में मस्ती कर रही है. हालांकि वह दोनों की क्लास लगाती दिखेगी. वहीं अनुपमा अपनी फैमिली के साथ दीवाली की तैयारियां करते हुए दिखेगी.

पाखी ने की शादी

 

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इसके अलावा आप देखेंगे कि दीवाली की पूजा से पहले ही पाखी घर से गायब हो जाएगी. वहीं अनुपमा और परिवार के लोग मिलकर पाखी को ढूंढने की कोशिश करते नजर आएंगे. हालांकि इसी बीच पाखी और अधिक शाह हाउस में एंट्री लेंगे, जिसे देखकर सभी चौंक जाएंगे. दरअसल, पाखी मांग में सिंदूर और वरमाला पहनकर अधिक के साथ एंट्री लेगी, जिसे देखकर सभी समझ जाएंगे कि दोनों ने मंदिर में शादी कर ली है.

कॉलेज लाइफ एंजाय करती दिखी अनुपमा

अब तक आपने देखा कि अनुज के कॉलेज में एडमिशन कराने के बाद अनुपमा अपनी कॉलेज लाइफ को एंजॉय करती दिखती है. हालांकि वनराज और बा उसे फोन कर करके परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. दरअसल, बरखा, अधिक के बारे में वनराज और शाह फैमिली को सच बता देती है कि वह अनुपमा को परेशान करने के लिए प्यार का नाटक कर रहा था, जिसे सुनकर वह अनुपमा को शाह हाउस बुलाने के लिए कहता है.

GHKKPM: विराट जानेगा सवि के पिता होने का सच, सई के लिए जगताप करेगा ये काम

सीरियल गुम हैं किसी के प्यार में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी में इन दिनों सवि और विनायक की दोस्ती से पाखी परेशान नजर आ रही है. वहीं विराट का सई के लिए गुस्सा बढता जा रहा है और वह सवि के पिता के बारे में जानने की कोशिश कर रहा है. दूसरी तरफ सई को परेशान देखकर अपकमिंग एपिसोड में जगताप, विराट के सामने सच लाने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

सई को समझाएगा जगताप

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि विराट को लेकर परेशान सई को समझाने की कोशिश जगताप करेगा और वह उसे समझा भी देगा कि वह पुरानी सई की तरह सच्चाई का सामना करे और विराट को सच बता दे, जिसके लिए वह मान जाएगी. हालांकि विराट का पाखी की तारीफ करने से सई टूट जाएगी और शहर छोड़ने का फैसला करेगी.

विराट को पता चलेगा सच

इसके अलावा आप देखेंगे कि विराट, जगताप के साथ लड़ाई करेगा और उसका कॉलर पकड़कर सबक सिखाने की बात करेगा. जबकि जगताप उसे सच बताएगा कि सवि उसकी बेटी है, जिसे सुनकर विराट चौंक जाएगा. वहीं सई, सवि के साथ शहर छोड़ने का फैसला करेगी. लेकिन विराट उसे रोक लेगा और सवि से बात करता दिखेगा.

सवि के कारण परेशान हुई सई

अब तक आपने देखा कि सवि का विराट और चौह्वाण फैमिली से लगाव बढता जा रहा है, जिसके चलते सई काफी परेशान नजर आ रही है. इसी के साथ पाखी भी सवि के पिता के बारे में जानने के लिए बेताब नजर आ रही है. दरअसल, दशहरे के कार्यक्रम में सवि, विराट को अपना पिता बताती है, जिसे सुनकर सई गुस्से में दिखती है और उसे डांटती है. दूसरी तरफ वह जगताप पर भी अपना गुस्सा निकालती दिखती है.

ग्लोइंग लुक पाने के 9 ट्रिक्स

त्योहारों के समय घर पर काफी काम होते हैं व्यस्तता के चलते अपने सौंदर्य को मैंटेन करना थोड़ा कठिन हो जाता है. आइए जानते हैं कि त्योहारों के समय भी कैसे रखें अपने सौंदर्य को निखरानिखरा.

– यदि स्किन पर कोई दागधब्बा है तो अपनी स्किन टोन से मैच करते कंसीलर की मदद से उसे कंसील कर लें. फैस्टिव मूड ऐक्साइटमैंट से भरा होता है, जिस कारण हर किसी को पसीना आने लगता है, इसलिए अपने फेस पर वाटरप्रूफ फाउंडेशन लगाएं और उसे सैट करने के लिए कौंपैक्ट का इस्तेमाल जरूर करें. कौंपैक्ट को अपने साथ जरूर रखें ताकि बीचबीच में टचअप कर सकें.

– अपनी ड्रैस से मैचिंग या कौंप्लिमैंटिंग ग्लिटर बेस्ड शेड अपनी आईज पर ब्लैंड करें और आईलिड पर कंट्रास्टिंग ब्लैक आईलाइनर से आंखों को शेप दें. यदि आप आईशैडो नहीं लगाना चाहती हैं तो कलरफुल लाइनर से आंखों को ड्रामैटिक अंदाज में भी सजा सकती हैं. पलकों को कर्लर से कर्ल कर वाटरप्रूफ मसकारे के कोट लगा कर आंखों को बड़ा व सुंदर दिखाएं. आंखों के अंदर यानी वाटर लाइन पर जैल काजल लगाएं.

– फैस्टिव सीजन में लड़कियां अकसर बैकलैस, क्रौसलैस और फैशनेबल हाल्टर लुक अपनाती हैं. ऐसे में अपनी पीठ, गरदन व अन्य खुले भागों पर फैंटेसी मेकअप करवा सकती हैं. हाथों में चूडि़यों के बजाय फैंटेसी मेकअप अपना सकती हैं. अपनी ड्रैस से मैच करते रंगों का फैंटेसी मेकअप इस माहौल में आप को आकर्षण का केंद्र बना देगा.

– गालों पर पिंक या पीच कलर का ब्लशऔन इस्तेमाल करें. नाक की दोनों तरफ चीकबोंस और डबल चिन को छिपाने के लिए डार्क ब्राउन शेड के ब्लशऔन से कंटूरिंग कर लें. ऐसा करने से नैननक्श शार्प नजर आएंगे और फेस भी पतला नजर आएगा. रात के जश्न में ब्लशऔन के साथसाथ चीकबोंस पर भी हाईलाइटर जरूर यूज करें.

– नेल्स पर खूबसूरती जगाने के लिए नेल आर्ट करवा सकती हैं. अपने पहनावे से मैच करती गोल्डन बीड्स, सिल्वर बीड्स, स्टड या स्वरोस्की नेल्स पर सजा सकती हैं. किसी खास फिंगर को स्पैशल लुक देने के लिए नेल पियर्सिंग भी करवा सकती हैं. इस में नेल्स में छेद कर के बाली या घुंघरू से सजाया जाता है. जिस से नाखून बेहद अट्रैक्टिव नजर आते हैं. फैस्टिवल में पूरा हफ्ता अपने हाथों की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए नेल्स पर ऊपर से टौप कोट लगा सकती हैं. इस से नेल आर्ट 7 से 10 दिनों तक टिका रहेगा.

– यदि नाखून छोटे हैं या बढ़ते ही टूट जाते हैं, तो नेल कल्चर तकनीक का सहारा ले सकती हैं. इस तकनीक के तहत टूटे नाखून को फिर से नैचुरल शेप में लाया जा सकता है. नेल कल्चर किए गए नाखून दिखने में और काम करने में बिलकुल नैचुरल नाखूनों की ही तरह नजर आते हैं. इस से आप के नेल्स को मनचाहा आकार व लंबाई मिल जाती है. बारबार नेल पेंट लगाने के झंझट से बचने के लिए कलरफुल नेल ऐक्सटैंशन भी करवा सकती हैं.

– आमतौर पर ऐसे मौकों पर लड़कियां बाल खुले रखना पसंद करती हैं, लेकिन इस सीजन में ब्रेड्स यानी चोटियां इन हैं. ऐसे में आप फिशटेल, फ्रैंच चोटी, फ्रंट फ्रैंच या साइड चोटी बना कर उसे स्वरोस्की जडि़त हेयर ऐक्सैसरीज से सजा सकती हैं.

– होंठों पर बोल्ड शेड्स जैसे रैड, औरेंज, चैरी, प्लम आदि की लिपस्टिक लगाएं. लेकिन अगर  आई मेकअप काफी वाइब्रैंट है तो लिप्स पर लाइट पिंक या पीच कलर की लिपस्टिक लगाएं. ऐसे मौकों पर आप को बारबार टचअप करने का मौका नहीं मिलता, इसलिए लिप्स को लौंगलास्टिंग लिपस्टिक से ही सील करें.

– बालों में कलरफुल क्लिपऔन ऐक्सटैंशन भी एक अच्छा औप्शन है. ये हर कलर में मार्केट में उपलब्ध हैं. आप अपनी ड्रैस से मैचिंग किसी भी कलर का ऐक्सटैंशन बालों में लगा सकती हैं. इस कलर को स्टाइलिश अंदाज में दिखाने के लिए चोटियां भी बना सकती हैं. स्टाइलिश व फैशनेबल ब्रेड्स के बीच कलरफुल स्ट्रैंड्स बेहद खूबसूरत दिखेंगे.

– इन दिनों ड्रैस के बजाय पर्स व फुटवियर से मैचिंग हेयर ऐक्सैसरीज का ट्रैंड है. आप पहनावे से कौंप्लिमैंट करते किसी भी ब्राइट कलर को अपने लिए चुन सकती हैं. इस से आप महफिल में अलग दिखेंगी.

दिल्ली एम्स का सर्कुलर

अपना कोर्ई अजीज बीमार हो और सरकारी आल इंडिया इंस्टीट्यूट औफ मैडिसिन जैसे सरकारी अस्पताल में जा पहुंचा हो और न डाक्टर बात करने को तैयार हो, न लैब अस्सिटैंट तो कितनी घुटन और परेशानी होती है यह युक्तभोगी ही जानते है. देशभर में सरकारी अस्पतालों का जाल बिछा है पर जहां मंदिर में जाने पर तुरंत प्रवेश मिल जाता है (या कुछ घंटों में सही) अस्पताल अभी भी इतने कम हैं कि उन में बैड मिलना और इलाज का समय निकालना एवेस्ट पर चढऩे समान होता है.

दिल्ली एम्स ने सर्कुलर जारी किया है कि वहां कौरीडोरों में मरीजो, उन के रिश्तेदारों के अलावा जो भी उसे यूनिफौर्म और आईडी का डिस्पले करते रहना होगा क्योंकि कौरीडोर प्राइवेट लैबों, क्लीनिकों के एजेंटों से भरे हैं. ये लोग पहले मरीज में रिजल्ट सप्ताहों में आएगा, सर्जरी महीनों में होगी, डाक्टर के लिए नंबर दिनों में आएगा तो क्यों न प्राइवेट जगह चला जाए.

यह बहुत बड़ी देश की दुर्गति है कि हर नागरिक को समय पर इलाज न मिल पाए. गरीब को अनाज मिले, सही इलाज मिले और जेंब में पैसे हो या न हों, इलाज हो ही, यह तय करना सरकार का पहला काम न कि फला जगह मंदिर के लिए कौरीडोर बनाना और फलां जगह दूसरे धर्म स्वाच को ले कर डिस्प्यूट खड़ा करना. सरकार को 4 लेन, 6 लेन सडक़ों से ज्यादा अस्पतालों को ठीक करना होगा.

आज जो भी मेडिकल इलाज वैज्ञानिकों की शोध से मिल रहा है, वह कुछ को 5 स्टार के पैसे देने पर ही मिले, देश के लिए सब से ज्यादा दर्दनाक स्थिति है.

केंद्र सरकार अपनी नाक के नीचे एम्स को दलालों से मुफ्त नहीं करा सकती तो इडी (एनफोर्समैड डायरक्योरेट) सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) एनआईए (नैशन इंटैलिजैंस एजेंसी) जैसी संस्थाएं जनता के लिए बेकार हैं जब अपना कोई मर रहा हो, कराह ही रहा हो सिर पर पैसे बनाने वाले दलाल चढ़ हो क्योंकि सरकारी इलाज न जाने कब मिलेगा. सरकार को ईडीफीडी पर गर्व नहीं करना चाहिए, सरकारी अस्पतालों में घूम रहे दलालों पर शर्म से गढ़ जाना चाहिए.

खाना खाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

इतने सालों तक आपने विभिन्न आहार नियम और क्या सही है व क्या नहीं, क्या खाना ठीक होता है क्या नहीं, इस पर बहुत कुछ पढ़ा है और बहुत सी बातें की है. पर आज भी आप या हम में से कोई भी यह नहीं कह सकता कि कौन सा डाइट रुटीन वाकई उचित और लाभकारी है. आज हम बात करेंगे आपकी डाइट को लेकर, भोजन संबंधी कुछ नए दिशा निर्देश और नियमों की जो वास्तव में आपको, आपके लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करेगा..

भोजन करने से पहले :

दोनों हाथ और पैरों को अच्छी तरह से धोकर ही खाना खाने बैठना चाहिए. वैसे ऐसा जरूरी नहीं पर प्रयास यही करना चाहिए कि भोजन, किचन में बैठकर परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर हो.

भोजन का समय :

ऐसा माना जाता है कि पाचनक्रिया सूर्योदय से 2 घंटे बाद तक एवं सूर्यास्त से 2.30 घंटे पहले तक अच्छी होती है, इसीलिए समयानुसार खाना खा लेना चाहिए.

ऐसे में न करें भोजन :

खड़े-खड़े और लेट कर कभी खाना नहीं खाना चाहिए. आराम से बैठकर भोजन करना, शरीर और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है. लैपटॉप, फोन आदि चलाते समय खाना नहीं खाना चाहिए.

ऐसा भोजन न करें :

बहुत तीखा, बहुत मीठा या तेज मिर्च मसाले वाला खाना नहीं खाना चाहिए. आधा खाया हुआ फल, मिठाइयां आदि फिर नहीं खाना चाहिए.

खाना खाते समय, खाना कभी भी बीच में छोड़कर नहीं उठना चाहिए.

खाना खाते वक्त क्या करें :

मौन रहें.

भोजन को अच्छे से चबा-चबाकर खाएं.

अगर आपक बोलना वाकई बहुत जरूरी हो तो, खाते वक्त सिर्फ सकारात्मक बातें ही करें. प्रसन्न मन से किया गया भोजन शरीर को जल्दी लगता है.

किसी भी प्रकार की समस्या पर चर्चा, खाना खाने वक्त नहीं करनी चाहिए.

भोजन के बाद :

खाने के तुरंत बाद पानी या चाय नहीं पीना चाहिए.

घुड़सवारी करना, दौड़ना आदि मेहनत के काम, खाना खाने के बाद करने से आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है.

दिन में और रात में खाना खाने के बाद टहलना चाहिए. रात में भी टहलकर बाईं करवट लेट कर सोने से पाचन अच्छा होता है. खाने के एक घंटे बाद मीठा दूध एवं फल खाने से भी भोजन का पाचन अच्छा होता है .

क्या क्या है हानिकारक :

रात को दही, सत्तू, तिल जैसा भोजन नहीं करना चाहिए.

दूध के साथ नमक, दही, खट्टे पदार्थ, मछली, कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए.

इसके अलावा शहद व घी को एक साथ, एक समान मात्रा में लेकर खाने के साथ नहीं खाना चाहिए.

दूध और खीर के साथ खिचड़ी नहीं खाना चाहिए.

सर्दियों में आंखों में खुजली शुरू हो जाती है?

सवाल-

मैं 25 साल की कामकाजी महिला हूं. सर्दियों में आंखों में खुजली शुरू हो जाती है. कई उपाय ट्राय कर लिए, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

ठंड के मौसम में आंखों में नमी की कमी के कारण उन में सूखापन और खुजली होना आम समस्याएं हैं. इन से घबराने की जरूरत नहीं है. चूंकि इस मौसम में ज्यादातर लोग ठंड से बचने के लिए हीटर का प्रयोग करते हैं, इसलिए आंखों की त्वचा अधिक रूखी हो जाती है. खुजली की समस्या से बचने के लिए हीटर का कम से कम इस्तेमाल करें. आंखों की नमी बरकरार रखने के लिए मौइस्चराइजर लगाएं. बाहर जाते वक्त चश्मा लगाएं. फिर भी समस्या ठीक न हो तो किसी डर्मेटोलौजिस्ट से संपर्क करें.

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मौनसून में होने वाली आंखों की प्रमुख समस्याएं हैं:

कंजक्टिवाइटिस: कंजक्टिवाइटिस में आंखों के कंजक्टाइवा में सूजन आ जाती है. उन में जलन महसूस होती है. आंखों से पानी जैसा पदार्थ निकलने लगता है.

कारण: फंगस या वायरस का संक्रमण, हवा में मौजूद धूल या परागकण, मेकअप प्रोडक्ट्स.

उपचार: अगर आप कंजक्टिवाइटिस के शिकार हो जाएं तो हमेशा अपनी आंखों को ठंडा रखने के लिए गहरे रंग के ग्लासेज पहनें. अपनी आंखों को साफ रखें. दिन में कम से कम 3-4 बार ठंडे पानी के आंखों को छींटे दें. ठंडे पानी से आंखें धोने से रोगाणु निकल जाते हैं. अपनी निजी चीजें जैसे टौवेल, रूमाल आदि किसी से साझा न करें. अगर पूरी सावधानी बरतने के बाद भी आंखें संक्रमण की चपेट में आ जाएं तो स्विमिंग के लिए न जाएं. कंजक्टिवाइटिस को ठीक होने में कुछ दिन लगते हैं. बेहतर है कि किसी अच्छे नेत्ररोग विशेषज्ञ को दिखाया जाए और उचित उपचार कराया जाए.

कौर्नियल अल्सर: आंखों की पुतलियों के ऊपर जो पतली झिल्ली या परत होती है उसे कौर्निया कहते हैं. जब इस पर खुला फफोला हो जाता है, तो उसे कौर्नियल अल्सर कहते हैं. कौर्नियल अल्सर होने पर आंखों में बहुत दर्द होता है, पस निकलने लगता है, धुंधला दिखाई देने लगता है.

कारण: बैक्टीरिया, फंगस या वायरस का संक्रमण.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- आंखों की सुरक्षा है जरुरी

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