सवाल-

मैं 43 वर्षीय महिला हूं. मेरा स्वास्थ्य सामान्य है. पर मेरे मातापिता दोनों को ही डायबिटीज थी, जिस के कारण उन्हें ढेरों परेशानियां उठानी पड़ीं. क्या परिवार में मातापिता, भाईबहन को यह रोग हो तो इस के होने का खतरा बढ़ जाता है? मुझे डायबिटीज न हो, इस के लिए मुझे क्याक्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

जवाब-

यह बात सच है कि जैनेटिक कारणों से डायबिटीज कई परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी पाई जाती है. रक्त संबंधियों जैसे मातापिता और सगे भाईबहन को डायबिटीज हो तो व्यक्ति को डायबिटीज होने का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है. टाइप 2 डायबिटीज में पिता के डायबिटिक होने पर संतान में डायबिटीज की दर 14%, मां के डायबिटिक होने पर 19% और मातापिता दोनों के डायबिटिक होने पर 25% आंकी गई है. भाई या बहन को डायबिटीज हो तो 75% मामलों में दूसरे भाईबहनों को भी डायबिटीज होती है. डायबिटीज होने का यह रिस्क कई दूसरी चीजों के साथ भी बढ़ जाता है. जैसेजैसे उम्र बढ़ती है और 45 पार करती है, वैसेवैसे डायबिटीज का खतरा बढ़ता जाता है. इसी प्रकार शरीर पर चरबी बढ़ने, पूरापूरा दिन बैठेबैठे बिताने और शारीरिक कामकाज, व्यायाम के लिए समय न देने, ब्लडप्रैशर 140/190 अंकों से अधिक हो जाने, एचडीएल कोलैस्ट्रौल का प्रतिशत 35 मिलीग्राम से कम होने व ट्राइग्लिसराइड का प्रतिशत बढ़ कर 250 मिलीग्राम के पार जाने और धमनियों में रुकावट के लक्षण उपजने पर डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है. जिस स्त्री को पोलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज रही होती है या जिस स्त्री की प्रैगनैंसी में ब्लडशुगर बढ़ने की हिस्ट्री होती है या जिस स्त्री ने पहले कभी 9 पाउंड से अधिक वजन के बच्चे को जन्म दिया होता है, उसे भी ब्लडशुगर पर खास निगरानी रखने की जरूरत होती है.

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