सवाल-

मैं 44 साल की महिला हूं. 1 साल से एक विचित्र समस्या से परेशान हूं. मैं रोजाना 1 कटोरी कच्चे चावल खाती हूं. इन्हें खाए बिना मुझे चैन नहीं मिलता. मैं ने इस आदत को छोड़ने की बहुत कोशिश की पर लत है कि छूटे नहीं छूट रही है. इस बीच मुझे त्वचा रोग ऐग्जिमा भी हुआ, जो दवा खाने से ठीक हो गया. 2 बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन भी हुआ. वह भी दवा लेने से ठीक हो गया. कहीं ऐग्जिमा और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन कच्चे चावल खाने की लत से तो नहीं हुआ या फिर यह कहीं शरीर में किसी विटामिन की कमी का लक्षण तो नहीं? कृपया बताएं कि कच्चे चावल खाने की अपनी इस आदत से छुटकारा पाने के लिए क्या करूं?

जवाब-

आप जिस समस्या से गुजर रही हैं वह पाइका नामक विकार का ही एक रूप नजर आता है. यह तन से अधिक मन का विकार है, जो वयस्कों में कम बच्चों में अधिक देखा जाता है. गर्भवती स्त्रियों में भी यह विकार देखा जाता है. अकसर इस में मिट्टी, दीवार का चूना, पेंट, लकड़ी का चूरा आदि चीजें खाने की आदत पड़ जाती है. यह तो गनीमत है कि आप की लत कच्चे चावल खाने तक ही सीमित है. यह विकार किन कारणों से जन्म लेता है, यह कोई ठीकठीक नहीं जानता. पर अत्यधिक मानसिक स्ट्रैस, शरीर में विटामिन और खनिज आदि तत्त्वों की कमी, औब्सेसिव कंपल्सिव डिसऔर्डर जैसी कई भिन्नभिन्न स्थितियां इस के लिए दोषी पाई गई हैं. आप के शरीर में किसी विटामिन या खनिज तत्त्व की कमी है, यह सहीसही जानकारी तो डाक्टरी जांच से ही प्राप्त हो सकती है. शारीरिक जांच और विशेष रक्त जांच कर के डाक्टर विटामिन और खनिज तत्त्वों की कमी की पुष्टि का उपाय बता सकता है. अगर समस्या मनोवैज्ञानिक है, तब इस का समाधान किसी योग्य साइकोलौजिस्ट की मदद से किया जा सकता है. बिहेवियर थेरैपी और कुछ दवाएं इस स्थिति में लाभकारी सिद्ध होती हैं.

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