सवाल

मेरे पिताजी की उम्र 62 वर्ष है. उन की एक किडनी 70% काम कर रही है. दूसरी लगभग 20% मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या इस के लिए डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपचार है?

जवाब

डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता तब होती है जब किडनी फेल्योर हो चुका हो. किडनी फेल्योर शब्दावली तब इस्तेमाल की जाती है जब दोनों किडनियां काम करना बंद कर देती हैं. अगर एक किडनी ठीक प्रकार से काम कर रही है तो सामान्य जीवन जीया जा सकता है. जिन्हें किडनी से संबंधित बीमारियां हैं वे ऐक्सरसाइज, डाइट और दवाइयों से इसे नियंत्रित कर किडनी फेल्योर के खतरे को कम कर सकती हैं और सामान्य जीवन जी सकते हैं. इसलिए बहुत जरूरी है कि आप के पिताजी की एक किडनी जो ठीक प्रकार से काम कर रही है उसे स्वस्थ रखने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं ताकि उन्हें डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट जैसे स्थितियों का सामना न करना पड़े.

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मुझे पिछले 10 वर्षों से डायबिटीज है. कुछ दिनों से मुझे हाथों, टखनों और पैरों के पंजों में सूजन की समस्या हो रही है. इस का कारण क्या हो सकता है?

जवाब

दरअसल, डायबिटीज केवल एक रोग नहीं मैटाबौलिक सिंड्रोम है जिस का प्रभाव किडनियों सहित शरीर के प्रत्येक अंग और उस की कार्यप्रणाली पर पड़ता है. हाथों, टखनों और पैरों के पंजों में सूजन की समस्या डायबिटिक नैफरोपैथी के कारण हो सकती है. डायबिटीज से पीडि़त 30-40त्न लोगों में डायबिटिक नैफरोपैथी के कारण किडनियां खराब हो जाती हैं. आप अपने यूरिन की जांच कराएं. यूरिन में एल्ब्यूमिन का आना और शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ना डायबिटिक नैफरोपैथी के संकेत हैं. अगर यूरिन में माइक्रो एल्ब्यूमिन नहीं आ रहा है तो किडनियों पर असर नहीं हुआ है. डायबिटिक नैफरोपैथी को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन उपचार के द्वारा इस के गंभीर होने की प्रक्रिया को बंद या धीमा किया जा सकता है. उपचार में रक्त में शुगर के स्तर और रक्तदाब को जीवनशैली में परिवर्तन ला कर और दवाइयों से नियंत्रित रखा जा सकता है.

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