सवाल-

मैं 35 वर्षीय महिला और 9 साल की बेटी की मां हूं. पति की 5 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. मायके और यहां तक कि ससुराल वाले भी दूसरी शादी करने पर अड़े हैं पर दिल से पति का चेहरा उतर ही नहीं पाता. एक लड़के को मेरे मायके और ससुराल वाले दोनों ही पसंद करते हैं. लड़का भी बिना शर्त शादी करने को तैयार है. मैं क्या करूं?

जवाब-

किसी की यादों और भरोसे में जिंदगी नहीं चलती न ही रुकती है. आप की बेटी अभी छोटी है. कल को बेटी की शादी होगी और वह भी अपने परिवार में रम जाएगी. तब आप नितांत ही खुद को अकेला महसूस करेंगी.

अभी आप के पास समय है. इसलिए दूसरी शादी करने में कोई बुराई नहीं. बेटी को सही तालीम देने और उस की शादी करने जैसी जिम्मेदारियां आप समय पर तब भी निभा सकती हैं जब आप की घरगृहस्थी जम चुकी हो. आप चाहें तो बेटी की परवरिश के लिए भावी पति से पहले ही बात कर सकती हैं.

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भोर हुई तो चिरैया का मीठासुरीला स्वर सुन कर पूर्वा की नींद उचट गई. उस की रिस्टवाच पर नजर गई तो उस ने देखा अभी तो 6 भी नहीं बजे हैं. ‘छुट्टी का दिन है. न अरुण को दफ्तर जाना है और न सूर्य को स्कूल. फिर क्या करूंगी इतनी जल्दी उठ कर? क्यों न कुछ देर और सो लिया जाए,’ सोच कर उस ने चादर तान ली और करवट बदल कर फिर से सोने की कोशिश करने लगी. लेकिन फोन की बजती घंटी ने उस के छुट्टी के मूड की मिठास में कुनैन घोल दी. सुस्त मन के साथ वह फोन की ओर बढ़ी. इंदु भाभी का फोन था.

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