‘निल बट्टे सन्नाटा’ फिल्म से चर्चा में आईं अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने आज अपने अभिनय के बल पर एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है. तेलुगु परिवार में जन्मी स्वरा का पालनपोषण दिल्ली में हुआ. वहां से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त कर अभिनय की इच्छा से मुंबई आईं और कुछ दिनों के संघर्ष के बाद फिल्मों में काम करने लगीं. उन की पहली फिल्म कुछ खास नहीं रही, पर ‘तनु वैड्स मनु’ में कंगना राणावत की सहेली पायल की भूमिका निभा कर उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया.

स्वरा भास्कर के पिता उदय भास्कर नेवी में औफिसर थे. अब वे रक्षा विशेषज्ञ हैं और मां इरा भास्कर प्रोफैसर हैं. पेश हैं, स्वरा से हुई मुलाकात से कुछ अहम अंश:

सवाल- फिल्मों में कैसे आना हुआ?

मैं बॉलीवुड से बहुत प्रभावित थी. ‘चित्रहार’ और ‘सुपरहिट मुकाबला’ मेरे मनोरंजन के 2 स्रोत थे. जैसेजैसे बड़ी होती गई मेरी पसंद बदलती गई. पहले मैं सोचती थी टीचर बनूंगी, फिर वेटरनरी डाक्टर. लेकिन जेएनयू में पढ़ते समय मैं ने इफ्टा के साथ थिएटर करना शुरू किया. वहां के गुरु कहे जाने वाले पंडित एन.के. शर्मा ‘एक्ट वन’ नामक संस्था चलाते हैं. उन के साथ मैं ने एक नाटक किया. मुझे लगा कि मुझे ऐक्टिंग के क्षेत्र में कोशिश करनी चाहिए.

सवाल- मुंबई कैसे आना हुआ?

मैं और मेरी एक सहेली जिसे वकील की जौब मिली थी मुंबई आ गईं. मेरी मां यहां किसी को जानती थीं. लेकिन उन के घर पर गैस्ट आने की वजह से उन्होंने मुझे और मेरी दोस्त को अपने औफिस में ठहरा दिया जहां मैं औफिस टाइम में बाहर घूमा करती थी. 20 दिनों के बाद मुझे रहने की जगह मिली. मुझे शुरुआती दौर में असिस्टैंट डायरैक्टर रवींद्र रंधावा और राइटर अंजुम राजावली का बहुत सहयोग मिला. मुंबई आने के बाद मैं ने कई जगहों पर अपना पोर्टफोलियो भेजा. सारा अच्छा काम मुझे औडिशन के सहारे ही मिला है.

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