आज रंजना को ऑफिस में बॉस की डांट सुननी पड़ी थी. पिछले कुछ दिनों से उस की बेटी की तबीयत खराब चल रही है इसलिए ऑफिस में काम पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रही थी. उधर सब से पक्की सहेली से भी किसी बात पर कहासुनी हो गई थी. इसलिए घर लौटते समय भी उस का मन काफी भारी था. दिल कर रहा था कि घर पहुंचते ही कोई गरमागरम चाय पिलाए ताकि सर दर्द थोड़ा कम हो जाए. पर वह जानती थी कि ऐसा हो नहीं सकता. बेटी की तबीयत खराब है और बेटा अभी बहुत छोटा है. पति महोदय तो 9 बजे से पहले घर में घुसते नहीं हैं.

परेशान सी वह घर में घुसी और तभी बेटा उस से चॉकलेट की मांग करते हुए उस से लिपट गया. रंजना ने उसे परे करते हुए बैठना चाहा तो वह रोने लगा. इस पर रंजना को बहुत तेज गुस्सा आ गया. उस ने बेटे को एक चपत लगा दी. बेटा जोरजोर से रोने लगा. अब तो रंजना का सिर दर्द से और भी ज्यादा फटने लगा. किसी तरह बेटे को चुप करा कर वह रसोई में गई और चाय बना कर ले आई. फिर खाने की तैयारी करने लगी. खाना बनाने में उसे बिल्कुल भी दिल नहीं लगा तो उस ने सुबह की सब्जी गर्म की और परांठे बना कर बच्चों को परोस दिया. जब पति घर लौटे और यह खाना देखा तो उन का मुंह बन गया. रात में छोटी सी बात पर दोनों में झगड़ा हो गया और रंजना रोती हुई सो गई.

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