कोविड -19 महामारी ने प्रत्येक माता-पिता को, बच्चों को उचित शिक्षा प्रदान करने के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशने के लिए मजबूर किया है. ऐसे हालातों में घर पर रहकर ही बच्चों को सही शिक्षा उपलब्ध कराना ही एकमात्र विकल्प रह गया है. इस परिदृश्य में एक मां ही है जो बच्चे के शुरूआती और बाद के जीवन में बतौर शिक्षक की भूमिका निभाने में महत्वपूर्ण भागीदारी कर सकती है. इसका एक कारण यह भी है कि ज्यादातर यह देखा जाता है कि मां अपने बच्चों की शिक्षा के अच्छे और चुनौतीपूर्ण पहलुओं को समझने के लिए हमेशा तत्पर रहती है.

बच्चे के जन्म लेने के साथ ही माँ उसकी देखभाल करना शुरू कर देती है, जिससे उन्हें बच्चों की भविष्य में सीखने की शैली को पहचानने में मदद मिलती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यहां हम घरेलू शिक्षा में मां की भूमिका को निम्न बिंदुओं के माध्यम से देखने जा रहे हैं.

1. एक शेड्यूल बनाएं और उसका पालन करें-

सभी युवा माताएं अपने बच्चों के साथ मिलकर उन सभी चीजों की सूची बनाएं, जिन्हें वे अगले कुछ हफ्तों तक करना चाहते हैं. अंत में, माँ और बच्चे के पास टाइम—टेबल तैयार होगा, जो शारीरिक गतिविधि, स्क्रीन समय, बोर्ड गेम, भरपूर नींद, मनोरंजन और परिवार के साथ अंतर्संबंधों से भरा होगा. घरेलू शिक्षा के लिए यह चुनौतीपूर्ण है, जिसे एक मां और बच्चे द्वारा मिलकर पूरा किया जाना होता है. ऐसे में एक गार्डनर की 'थ्योरी ऑफ मल्टीपल इंटेलिजेंस' को ध्यान में रखा जाना बेहद जरूरी है, जो बच्चों की बुद्धिमत्ता को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होती है. इस सिद्धांत में बताया गया है कि मानव बुद्धि का प्रयोग कई तरह से होता है, जैसे संगीत, अंतर्व्यैक्तिक, स्थानिक—दृश्य, भाषाई ज्ञान आदि.

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