Age is Just a Number: एक समय था जब पति की उम्र पत्नी से ज्यादा होती थी कई बार बहुत ज्यादा भी होती थी. फिर भी उनकी शादी न सिर्फ हो जाती थी बल्कि टिक अर्थात निभ भी जाती थी. इसके पीछे की सबसे बड़ी खास वजह यह थी , पति पैसा कमाने वाला और घर चलाने वाला इकलौता सदस्य होता था, और पत्नी का काम घर में रहकर पूरे परिवार की सेवा करना और बच्चों का पालन पोषण करना होता था. क्योंकि पति अपनी पत्नी और परिवार का हर तरह से ख्याल रखता था तो बीवी को घर से बाहर जाकर पैसा नहीं कमाना पड़ता था.
इसलिए पत्नी पति की हर बात मानती थी और उम्र और बाकी चीजों का ख्याल ना करके अपनी पूरी जिंदगी परिवार और पति के लिए गुजार देती थी , क्योंकि पहले के मां-बाप भी अपनी बेटियों को ससुराल में एडजस्ट करने की शिक्षा देते थे यह कहकर कि पिता के घर से बेटी की डोली उठती है और पति के घर से अर्थी ... अर्थात मरते दम तक पति का साथ मत छोड़ना, इसी धारणा के साथ जीते हुए चाहे कितने ही तकलीफों में पत्नी को रहना पड़े वह अपनी पूरी जिंदगी घर परिवार की सेवा में निकाल देती थी. लेकिन जैसे-जैसे समय बदला लोगों के विचार भी बदले मां बाप बेटियों को ससुराल में जबरदस्ती एडजस्ट करने के बजाय पढ़ा लिखा कर स्वावलंबी बनाने के लिए ज्यादा ध्यान देने लगे ताकि लड़कियां पढ़ लिखकर इतना पैसा कमा ले जिसमें उनका समाज में ही नहीं ससुराल में भी मान सम्मान हो, आज के समय में माता-पिता बेटी को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत देखना चाहते हैं जिसके चलते दिमागी तौर पर मजबूत और टैलेंटेड लड़कियां इतनी ज्यादा आत्मनिर्भर हो गई कि वह लड़कों से भी ज्यादा कमाने लगी .
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