चेन्नई की 29 साल की अलीशा अब्दुल्ला भारत की पहली और एकमात्र सुपर बाइक रेसर हैं. यही नहीं वह फास्टेस्ट वुमन कार रेसर भी हैं. मशहूर बाइक रेसर आर ए अब्दुल्ला की बेटी अलीशा बचपन से ही रेसिंग की ओर आकर्षित थी. 9 साल की उम्र में अलीशा गो-कार्टिंग के लिए तैयार हो गयी थी. 11  साल की होने तक उन्हों गो-कार्टिंग की बहुत सी रेस जीती. 13 साल की उम्र में उन्होंने एमआरएफ राष्ट्रीय गो-कार्टिंग चैम्पियनशिप जीत कर सब को चौंका दिया. 2004  में वह जेके टायर नेशनल रेसिंग चैम्पियनशिप में पांचवें स्थान पर पहुंचने में कामयाब रही. अब उन के पिता ने उन्हें सुपर बाइक रेसिंग में हिस्सा लेने को प्रोत्साहित किया. इसी के साथ अलीशा के सपनों को नई उड़ान मिल गई.आज वह अपनी बाइक और कार रेसिंग टीम रखने वाली भारत की सब से कम उम्र की लड़की है. इस साल वह कार और बाइक्स के नेशनल चैंपियन शिप के लिए रेसिंग करेंगी.

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आप की सफलता का राज क्या है?

मेरी सफलता का राज हार्ड वर्क है . मैं सब से यही बोलती हूं कि अपना फोकस केवल अपने मुकाम पर रखो. देर से ही सही पर सफलता जरूर मिलेगी.

आप के अंदर ऐसी कौन सी इनर स्ट्रेंथ है जो आप को यह सब करने को प्रेरित करती है?

मेरा अपने ऊपर विश्वास ही मेरी इनर स्ट्रेंथ है जो मुझे यह सब करने को प्रेरित करती है.

एक बेहतर महिला सुपर बाइक रेसर बनने के लिए क्या क्वालिटीज़ होने जरुरी हैं?

सब से पहले आप के पास अच्छा फंड्स बैकअप होना चाहिए क्यों कि इस प्रोफेशन में सब से ज्यादा पैसे लगते है. एक नार्मल रेस में कम से कम 5 -10 लाख का खर्च होता है. जाहिर है एक सामान्य वर्ग का व्यक्ति इस प्रोफेशन को आसानी से नहीं अपना सकता. इस के साथ ही फिटनेस भी जरुरी है. मैं रोज नियमित रूप से 3 घंटे वर्कआउट करती हूं.

क्या इस फील्ड में भी महिलाओं के साथ भेदभाव होते हैं?

हां जी बिलकुल होते हैं. कई लोगों का मेल ईगो जो हर्ट होता है.

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आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगी?

आज में जो भी हूं अपने पिता की वजह से हूं. उन्होंने मुझे मोटर स्पोर्ट्स में 8 साल की उम्र से डाल दिया था और फिर मुझे हार्ड कोर ट्रेनिंग दे कर अलीशा अब्दुल्ला बनाया.

आप की जिंदगी का सब से खूबसूरत पल कौन सा था ?

मेरी जिंदगी का सब से खूबसूरत पल वह था जब मुझे मोटर स्पोर्ट्स की पहली महिला के तौर पर प्रेसिडेंट द्वारा अवार्ड दिया गया था.

समाज में लगातार हो रहे अपराधों के सन्दर्भ में क्या कहेंगी?

हम लोग इंसान हैं पर आजकल के समय में इंसानियत ख़त्म हो रही है. मुझे डर लगता है कि आने वाले जेनेरशन पर इस का कैसा प्रभाव पड़ेगा.

एक स्त्री के तौर पर आगे बढ़ने के क्रम में क्या आप को कभी असुरक्षा का एहसास हुआ ?

नहीं मुझे कभी असुरक्षा महसूस नहीं हुई. क्यों कि मेरे मेंटोर, मेरे पिता हमेशा मेरे साथ थे.

खाली समय में क्या करती हैं?

मुझे कुकिंग करना बहुत ज्यादा पसंद है. खाली समय में मैं कुकिंग करती हूँ.

अपने परिवार के बारे में बताइए. घर वालों का कितना सपोर्ट मिलता है

मेरे मौम डैड ने ही मेरे सपने पूरे किये हैं. उन की वजह से ही आज लोग मुझे अलीशा अब्दुल्ला के रूप में जानते हैं.

आप की नजर में फैशन क्या है?

फैशन का अर्थ है आप के जीने का तरीका.

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महिलाओं और लड़कियों को क्या सलाह देना चाहेंगी?

मैं महिलाओं को यही कहना चाहती हूँ कि अपने ऊपर विश्वास करो सारे सपने सच होंगे.

कोई सपना जो पूरा करना करना बाकी है?

मैं हिंदुस्तानी महिलाओं के लिए मिसाल बनना चाहती हूं. मेरे अकादमी अलीशा अब्दुल्ला में सिर्फ महिलाओं को कम से कम पैसों में रेसिंग ट्रेनिंग दी जाती है. उन्हें एक बड़े प्लेटफार्म पर परफौर्म करने का मौका भी दिया जाता है.

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