व्यापार में अब पत्नी को आर्थिक भागीदार बनाना जरूरी होता जा रहा है. जब से भाइयों, बहनों और चचेरे भाइयों की कमी होने लगी है, छोटा व्यापार हो या विशाल, घर के लोगों के बीच काम रखने के लिए बच्चों से पहले पत्नी को भागीदार, पार्टनर, सुप्त मालिक, शेयर होल्डर, डाइरैक्टर बनाना पड़ रहा है. पहले संयुक्त परिवार होते थे और बापबेटे, भाई काफी होते थे व्यापार को चलाने के लिए कंपनी या पार्टनरशिप कंपनी बनाने के लिए.

मगर यह पत्नी को आर्थिक सहयोगी बनाना अब टेढ़ा मामला होता जा रहा है. मैक्स हैल्थकेयर के मालिक अनलजीत सिंह ने अपनी पत्नी को 24.75% शेयर होल्डर बना दिया पर बाद में उस का किसी और औरत से अफेयर चलने लगा. अब वह 75% शेयर होल्डिंग के बल पर कंपनी की संपत्ति को अपनी प्रेमिका को ट्रांसफर करने लगा है और यह आरोप उस की पत्नी नीलू सिंह ने अदालत में लगाया है.

घर में पार्टनर के साथ पत्नी जब बिजनैस पार्टनर भी हो तो जहां व्यापार कई गुना उन्नति कर सकता है और पत्नी अपने और बच्चों के लिए हर तरह की मेहनत करने को तैयार हो जाती है और पति के बढ़ते काम के घंटों पर कुढ़मुढ़ाती नहीं, वहीं घरेलू विवाद चल कर दफ्तर में पहुंच जाते हैं और व्यापार के मतभेद घर की डाइनिंगटेबल पर सज भी जाते हैं.

नीलू सिंह ने अदालत का दरवाजा खटखटाया ताकि अनलजीत सिंह पर रोक लगाई जा सके और वह सारा पैसा प्रेमिका को न दे सके. पर सवाल यह भी खड़ा होता है कि ऐसी पत्नी कहां पैर में काटती थी कि पति 2015 से साउथ अफ्रीका में प्रेमिका के साथ ही समय बिताना ज्यादा अच्छा समझने लगा था?

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