दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज 43 वर्षीय मखाया एनटिनी ने हाल ही में अपने साथ खेलने वाले ऐसे ऐसे श्वेत खिलाड़ियों को बेनकाब किया है, जो पूरी दुनिया में अपने जेंटलमैन होने के तौरपर जाने जाते हैं. जी हां, यह कोई अतिश्योक्ति नहीं है. एक दशक पहले तेज गेंदबाजी में अपने किस्म के सनसनी रहे मखाया एनटिनी ने उस दक्षिण अफ्रीकी टीम के श्वेत खिलाड़ियों पर अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाया है, जिसमें तेज गेंदबाज शान पोलाक, विश्व प्रसिद्ध आलराउंडर जैक कैलिस, लांस क्रूजनर और मार्क बाउचर जैसे खिलाड़ी खेला करते थे, जो अपनी प्रतिभा के चलते तो पूरी दुनिया के आंखों के तारे थे ही, मैदान में अपने जेंटलमैन छवि के लिए भी ये जाने जाये जाते रहे हैं.

लेकिन अब मखाया ने खुलासा किया है कि ये सब उन्हें काले होने के नाम पर दोयम दर्जे का नागरिक समझते थे. ये सिर्फ इसी वजह मखाया का मजाक उड़ाते थे, उससे अलग-थलग रहने के लिए मजबूर करते थे तथा और भी बहुत कुछ जो इसी लेख में मखाया एनटिनी के जरिये आप जानेंगे. मखाया एनटिनी ने दक्षिण अफ्रीका के मीडिया ग्रुप को दिये गये एक इंटरव्यू में कहा है कि टीम में वो हमेशा अलग-थलग और अकेले ही रहते थे. कभी भी टीम का कोई श्वेत खिलाड़ी उसके साथ बैठकर खाना नहीं खाया. यही नहीं मखाया एनटिनी के मुताबिक, ‘मैदान में भी मैं आमतौर पर अकेला ही रहता था, खासकर तब जब मुझे विकेट नहीं मिलते थे, जब मैं विकेट लेता तब जरूर मेरे साथी खिलाड़ी खुशी बांटते.’ मखाया एनटिनी के इस खुलासे के बाद अगर हम करीब एक दशक पीछे लौटकर उनकी मैदान में और मैदान के बाहर की उपस्थिति पर फ्लैश बैक करें तो वाकई यह बात बिल्कुल सही लगती है, क्योंकि मखाया एनटिनी हमेशा चुपचुप से और खोये खोये लगा करते थे. अब समझ में आया कि वास्तव में इसके पीछे का राज क्या था? वह वाकई कितना बोझ लेकर क्रिकेट खेलते थे?

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