जिंदगी एक फलसफा है, इसकी तह तक पहुँच पाना हर किसी के बस में नहीं होता है, यहां तक वही पहुंच पाते हैं, जिनमें मेहनत करने का जूनून होता है. कला, शिक्षा, अभिनय, साहित्य, समाजसेवा और उदघोषणा के क्षेत्र में एक समान पकड़ रखने वाली डाक्टर अनीता सहगल ‘वसुन्धरा’ एक ऐसा ही नाम है. अनीता सहगल का कला के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाते हुये पाँच सौ से अधिक वेस्ट मैटेरियल से पेंटिंग बनाई. इनकी पेंटिंग प्रदर्शनियाँ लग चुकी है. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री इसकी सराहना कर चुके है. पेटिंग के साथ ही साथ अनीता सहगल रंगोली, कलश सज्जा, मेंहदी, थाल डेकोरेशन, मंच सज्जा, कुकिंग, बागवानी, इंटीरियर डेकोरेशन, कढाई, बुनाई, ज्वैलरी डिजाइनिंग और साफ्ट टॅायस मेंकिग जैसे अनेकों हुनर में माहिर है.
शिक्षा के क्षेत्र में कमाया नाम:
शिक्षा के क्षेत्र में अनीता सहगल ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से एम० एस० सी० (आनर्स) गणित में प्रथम स्थान प्राप्त किया. इसके बाद अनीता का पढ़ाई का सिलसिला चलता गया और आज भी अनवरत चाल रहा है. अनीता ने लखनऊ विश्वविद्यालय से एम०एड० की डिग्री प्रथम श्रेणी में प्राप्त की. इसके साथ ही साथ उन्होंने मास्टर इन जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, फ़िल्म प्रोडक्शन, फोटोग्राफी, एम०एस०डब्लू सहित लगभग 35 से अधिक डिग्री और डिप्लोमा , अलगअलग विश्वविद्यालयों से हासिल किये है. अनीता सहगल उत्तर प्रदेश की पहली महिला होंगी, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में इतनी अधिक डिग्रियां हासिल की हैं.
समाजसेवा बनी पहचानः
अनीता सहगल ने समाजसेवा के जरिये समाज में एक अलग पहचान बना ली है. वह सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘ग्लोबल क्रिएशंस’ की अध्यक्ष भी है. इसके माध्यम से वह गरीब बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और बेजुबान जानवरों की बेहतरी के लिये काम करती है. कला और संस्कृति के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कला की अनेको विधाओं की कार्यशालाएं आयोजित करके समाज के प्रत्येक वर्ग को बहुत अधिक लाभाविंत किया है. निर्धन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देना, महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर उनकों आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जाता है. अनीता सहगल बेजुबान और लाचार जानवरों की मदद करती है. ‘ग्लोबल क्रिएशंस’ बिना किसी सरकारी मदद के गाँव-गाँव और पिछडे इलाकों में जनसेवा का काम करती है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन