ड्रंकोनेशिया यानी हद से ज्यादा पीने की लत. पश्चिमी देशों से होती हुई अब यह लत भारत के महानगरों में पूरी तरह अपने पैर पसार चुकी है. नैशनल इंस्टिट्यूट औफ अलकोहल एब्यूज ऐंड एल्कोहलिम के लिए की गई एक रिसर्च के अनुसार, ज्यादातर हिंसक अपराधों में लिप्त हमलावर शराब के नशे में होते हैं.

शराब पीने के आदी औरत और पुरुष दोनों ही हो सकते हैं लेकिन चिंता की बात यह है कि महिलाओं में पीने की लत ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. नैशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के अनुसार 2005-6 में महिलाओं में पीने का प्रतिशत 0.4 था जो 2015-16 में बढ़ कर 0.7% तक हो गया है. ड्रंकोनेशिया के चलते यौन हिंसा के मामले में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.

शराब से जुड़ी एक और समस्या अब तेजी से अपने पैर पसार रही है और वह है डेट रैप ड्रग यानी नशीली दवाओं को शराब या कोल्डड्रिंक में मिला कर परोसना. यह एक ऐसा तरीका है, जिस के जरीए महिलाओं को आसानी से यौन शोषण का शिकार बनाया जाता है.

पार्टियों के दौरान इसे चुपके से पीने वाले के जाम में मिला दिया जाता है, जिसे पी कर पीने वाला खासकर महिला अपनी सुधबुध खो देती है और फिर अपने ऊपर हो रहे यौन हमले का विरोध नहीं कर पाती. कई बार तो उसे होश तब आता है जब उस पर हमला हो रहा होता है या फिर हो चुका होता है.

आंकड़े बताते हैं कि भारत में मुश्किल से 5% महिलाएं ही रोज शराब पीने की आदी हैं. मगर हैरान करने वाली बात यह है कि शादी और पार्टियों में उन पर मर्दों द्वारा शराब पीने के लिए दबाव बनाया जाता है या फिर उकसाया जाता है और फिर शराब की आड़ में ड्रग मिला कर उन को दैहिक शोषण किया जाता है.

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