ग्रहों के बारे में आप क्या जानते हैं? इतना तो सभी जानते हैं कि आकाश में दृष्टिगोचर होने वाले सभी ग्रह हमारी पृथ्वी के समान ही हैं और अपनीअपनी कक्षा में भ्रमण करते हैं तथा सूर्य की परिक्रमा करते हैं. आकार में भी सभी एक जैसे नहीं हैं, कोई छोटा तो कोई बड़ा है. सूर्य से सभी की दूरी भी अलगअलग है.

सभी ग्रहों पर तापमान की मात्रा भी अलगअलग है. उन ग्रहों में से कौनकौन से ग्रह पर जीवन है और कौनकौन से ग्रह पर नहीं, यह अभी ज्ञात नहीं हुआ है. ग्रहों में मुख्य सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू तथा केतू हैं.

यह है अब तक की सामान्य जानकारी. इसी जानकारी का प्रयोग कुछ चतुर या ठग किस्म के लोग अपने स्वार्थ के लिए या अपनी रोजीरोटी चलाने के इरादे से कर रहे हैं. ये लोग अपनेआप को महान ज्योतिषी, स्वामीजी, गुरुजी और बाबा के नाम से प्रचारित कर रहे हैं.

यह आज की बात नहीं है. 100 साल पहले भी इन्हीं ग्रहों को ऐसे ठगी के काम के लिए प्रयोग में लाया जाता था. लोगों को डर दिखाया जाता था कि ग्रहों के कुपित होने से ही उन पर संकट आते हैं, असाध्य बीमारियां हो जाती हैं, हर काम में असफलता मिलती है, गृहक्लेश, झगड़े, आर्थिक संकट, शादियों का टूटना, संतान सुख का अभाव. सभी कुछ ग्रहों के प्रकोप से ही होता है.

बेचारे भोलेभाले लोग इन ठगों की बातों में आ जाते थे. अपने ऊपर आई मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए इन लोगों की शरण में जाते थे और ये ठग लोग लोगों की समस्याओं का निवारण करने के बहाने उन से धन ऐंठते थे.

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