२४की उम्र में अच्छा सैलरी पैकेज पाना हर किसी की चाहत होती है. लेकिन बिस्तर पर पड़ेपड़े तो अच्छा पैकेज मिलेगा नहीं. अच्छा पैकेज तो छोडि़ए जनाब आप को एक अच्छी नौकरी भी नहीं मिलेगी. इसलिए बिस्तर को छोड़ कर अपने लक्ष्य की ओर दौडि़ए, तभी आप बिग ब्रैंड्स की बिग लाइफ जी पाएंगे.
इस के उलट अगर आप अपने आलस के कारण बिस्तर पर ही पड़े रहेंगे तो आप कभी लग्जरी लाइफ नहीं जी पाएंगे.

आप अपने दोस्तों को ऐसी लाइफ जीते देख कर अपने सिर के बाल नोचेंगे और अपनेआप को कोसेंगे कि काश मैं ने मेहनत कर ली होती. इस से पहले कि आप अपने किए पर पछताएं हम आप को समय रहते मेहनत करने की सलाह देते हैं. अगर आप ने अपने सपनों के लिए मेहनत की तो न सिर्फ आप अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे बल्कि आप वह सब भी खरीद पाएंगे जिस की चाह आप को हमेशा से थी.

अगर आप मेहनत कर रहे हैं तो सफलता आप के कदम जरूर चूमेगी. इस बात की गवाह मधुरिमा चतुर्वेदी है. मधुरिमा 36 साल की है. वह पेशे से डाटाऐनालिस्ट है. वह गाजियाबाद की इंदिरापुरम सोसाइटी में रहती है. आज मधुरिमा के पास अपने खुद के पैसों के 2 घर हैं. अपने ही पैसों से उस ने मर्सडीज भी ले ली है. वह जानती है कि पैसे कैसे कमाए जाते हैं इसलिए उस ने स्टौक मार्केट में भी इनवैस्ट किया है.

मेहनत तो करनी पड़ेगी

ऐसा नहीं है कि मधुरिमा हमेशा से ही अमीर रही है. उस ने बचपन में बहुत स्ट्रगल किया है. बचपन में ही मधुरिमा के पिता की कैंसर से डैथ हो गई थी. मां ने छोटीमोटी नौकरी कर के किसी तरह मधुरिमा को पाला. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली मधुरिमा पढ़ाई में बहुत होशियार थी. वह अच्छी तरह जानती थी कि अगर अपने बदलने हैं तो मेहनत तो करनी ही होगी.

मधुरिमा ने अपने पूरे दिन का टाइम टेबल बनाया हुआ था. 10वीं क्लास से ही उस ने अपनी कैरियर प्लानिंग शुरू कर दी थी. वह जानती थी कि अपना भविष्य अच्छा बनाने के लिए अपने कैरियर पर फोकस करना होगा.

12वीं कक्षा पास करते ही मधुरिमा ने इंटर्नशिप स्टार्ट कर दी. सोसाइटी वाले उस के बारे में तरहतरह की बातें करने लगे. लेकिन वह नहीं रुकी. उस ने अपने सपनों की उड़ान जारी रखी और आज एक अच्छी पोस्ट पर है. इसी के जरीए उस ने अपनी लाइफ को बदला.

सपनों का साथ नहीं छोड़ा

मगर कभी वह समय भी था जब मधुरिमा ने त्योहारों पर पुराने कपड़े भी पहने थे लेकिन अब वह बड़ेबड़े ब्रैंड के कपड़े पहन रही है. ऐसा पौसिबल तब ही हो पाया जब उस ने अपने सपनों का साथ नहीं छोड़ा और खुद पर विश्वास रखा. यही वजह है कि आज मधुरिमा बिग ब्रैंड्स की बिग लाइफ ऐंजौय कर रही है.
मधुरिमा कहती है, ‘‘अगर आप को लाइफ में कुछ बड़ा करना है तो अपने आराम को मारना होगा और कड़ी मेहनत करनी होगी. आप का पैंशन और मेहनत ही आप के लाइफस्टाइल को बदलने की हिम्मत रखती है. पैसों के बिना कुछ नहीं है यह तो जग जाहिर है. ऐसे में आप को पैसे कमाने हैं तो बचपन से ही अपने कैरियर की प्लानिंग कर लें. लोगों की बातों में न आएं. सिर्फ अपने और अपने भविष्य के बारे में सोचें.

आप किसी के बहकावे में न आएं. धर्म के पाखंडी आप को धर्म के चक्कर में फंसाएंगे और खुद के साथ बांध कर रखना चाहेंगे लेकिन आप उन की बातों में फंसना मत. खासकर लड़कियां क्योंकि धर्म के पाखंडी उन्हें घरों में सिमटा कर रखना चाहते हैं.’’

मधुरिमा आगे कहती है, ‘‘आप अपना भविष्य बनाने में इतना भी मशगूल न हो जाओ कि अपने वर्तमान को ऐंजौय न कर पाओ. इसलिए कैरियर की चिंता करतेकरते लाइफ को भी ऐंजौय करते रहें.’’

महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत

सिर्फ मधुरिमा ही नहीं जिवामी की कोफाउंडर और सीईओ रिचा कर ने भी अपनी कड़ी मेहनत से क्व700 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी. उन की कंपनी जिवामी एक ऐसा औनलाइन प्लेटफौर्म है, जो महिलाओं के लिए लौंजरी बनाता है. रिचा कर ने लोगों व समाज की परवाह न करते हुए सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ है. उन की कहानी सभी युवाओं खासकर महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है.

हम ने अकसर देखा है कि लड़कियां लौंजरी खरीदते वक्त असहज महसूस करती हैं. रिचा ने लड़कियों की इस समस्या को सम?ा और उस पर काम किया. आज जिवामी अपनी सर्विस में 5 हजार से ज्यादा रेंज, 50 से ज्यादा ब्रैंड और 1 हजार से ज्यादा साइज शामिल कर चुका है. उन की वैबसाइट पर हर महीने 2.5 मिलियन विजिटर्स आते हैं. इस कंपनी में कई बड़ेबड़े इनवैस्टर्स ने फंड इनवैस्ट किया है.
जिवामी आज एक ऐसी कंपनी बन चुकी है जो लाखोंकरोड़ों महिलाओं को बैस्ट क्वालिटी प्रौडक्ट उपलब्ध कराती है. अपने हौसले और मेहनत के दम पर रिचा ने वह कर दिखाया जो कभी किसी ने सोचा भी नहीं था.

मेहनत का नतीजा

रिचा आज जिस मुकाम पर हैं वह उन की मेहनत का ही नतीजा है. अगर आज वे मर्सिडीज में घूम रही हैं तो इस के पीछे उन की दिनरात की मेहनत है. इसी तरह शुगर कौस्मैटिक्स की कोफाउंडर और सीईओ विनीता सिंह भी हैं, जिन्होंने अपनी क्व1 करोड़ की कौरपोरेट जौब को छोड़ कर अपना
बिजनैस करने की ठानी. इसी का नतीजा है कि वे आज करोड़ों की कंपनी की मालकिन हैं.

विनीता का मंत्र है, ‘‘अगर आप कुछ वर्ल्ड क्लास करना चाहते हैं तो आप को लगातार अपने काम में योगदान देना होगा और नतीजों को ले कर धैर्य रखना होगा.’’ अगर बात करें उन के बिजनैस की तो विनीता ने 2015 में शुगर कौस्मैटिक्स की शुरुआत की. आज शुगर कौस्मैटिक्स के 130 से ज्यादा
शहरों में 2,500 से ज्यादा आउटलैट हैं. उन की कंपनी की वैल्युएशन क्व750 करोड़ है.

2019-20 में उन की कंपनी का रेवेन्यु क्व105 करोड़ था. विनीता की कंपनी की कमाई एक दिन में क्व2 करोड़ है. mअगर आज विनिता इतनी स्टैबलिश हैं तो इस का कारण उन की मेहनत और कभी न हार मानने वाला दृढ़ निश्चय है. इसी के बलबूते आज कामयाबी उन के कदम चूम रही है. उन की मेहनत का ही नतीजा है कि आज शुगर कौस्मैटिक्स एक ऐसा ब्रैंड बन गया है जो हर महिला की जबान पर चढ़ा हुआ है.

हार नहीं मानी

मगर एक वक्त ऐसा भी आया जब विनीता ने क्व10 हजार महीना की नौकरी भी की थी. लेकिन उन्होंने खुद का बिजनैस करने के सपने को नहीं छोड़ा, हार नहीं मानी और आखिर में सफलता को अपने कदमों में ला कर ही दम लिया.

आजकल ब्यूटी इंडस्ट्री और स्टौक मार्केट

मार्केट में एक नया नाम छाया हुआ है. यह नाम और कोई नहीं नायका है. नायका की फाउंडर एक महिला है जो अखबपति महिलाओं की श्रेणी में शामिल है. इन का नाम है फाल्गुनी नायर. फाल्गुनी नायर ने विरासत में मिली किसी कंपनी को आगे नहीं बढ़ाया है बल्कि अपनी खुद की कंपनी खड़ी की और उसे आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया. फाल्गुनी चाहती तो कोटक महिंद्रा इनवैस्टमैंट बैंक की प्रबंध निर्देशक के पद
पर बनी रहती. लेकिन उन्होंने कोटक को छोड़ने का फैसला किया.

यहां से फाल्गुनी नायर ने अपनी लाइफ का दूसरा चैप्टर शुरू किया. फाल्गुनी ने 2012 में नायका की शुरुआत की. नायका एक ब्यूटी और पर्सनल केयर से जुड़ी कंपनी है. उन के 35 स्टोर हैं. इतना ही नहीं उन के नायका फैशन में एपेरल, एसैसरीज, फैशन से जुड़े प्रोडक्ट्स भी हैं. इस के अलावा 4 हजार से ज्यादा ब्यूटी, पर्सनल केयर और फैशन बै्रंड्स शामिल हैं.

सफलता की कहानी

नायका में फाल्गुनी 16 सौ से ज्यादा लोगों की टीम को लीड करती हैं. वर्तमान में फाल्गुनी नायर की नैटवर्थ 6.5 बिलियन डौलर से ज्यादा हो गई है. इसी के चलते फाल्गुनी नायर इंडिया की सब से अमीर सैल्फ मेड महिला बन गई हैं. उन की कंपनी नायका स्टौक ऐक्सचेंज में ऐंट्री करने वाली इंडिया की पहली महिला नेतृत्व वाली कंपनी बन चुकी है.

फिल्म ‘12वीं फेल’ की कहानी आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की जिंदगी पर बेस्ड है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक लड़का अपने सपनों के पीछे भागताभागता एक दिन अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता है. लेकिन उस का यह सफर आसान नहीं होता. अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए एक व्यक्ति के जीवन में क्या संघर्ष होता है यही इस फिल्म की कहानी है.

कहने का मतलब यह है कि अगर आप अपनी लाइफ में सफल होना चाहते हैं तो अपने आलस, अपने भाग्य को पीछे छोड़ कर अपनी मेहनत पर फोकस करें. अगर आप को लग्जरी लाइफ की चाह है तो आज ही से आप अपने कैरियर की प्लानिंग शुरू कर दें. याद रखें अगर आप के पास पैसा नहीं होगा तो आप अपनी जिंदगी में वह सब नहीं खरीद पाएंगे जो आप फिल्मी कलाकारों के पास देख कर सोचते हैं कि एक दिन आप के पास भी ये सभी चीजें होंगी.

आत्मनिर्भर बनें

वहीं अगर आप ने अपने स्कूली दिनों में ही अपने कैरियर की प्लानिंग नहीं की तो आप को पछताना पड़ेगा. आज ऐसा ही पछतावा विधि सिंह को है. आज वह एक हाउसमेकर है. हाउसमेकर होना कोई बुरा नहीं है लेकिन अकसर हाउसमेकर को अपने हस्बैंड से पैसों को ले कर बातें सुननी पड़ती हैं. उस का हस्बैंड आए दिन कहता है, ‘‘तुम कमा के नहीं लाती इसलिए ज्यादा मत बोला करो.’’

वहीं विधि की पड़ोसिन अनु बुटीक चलाती है. बुटीक से वह महीने में 30-35 हजार रुपए कमा लेती है. इस तरह वह भी घर कमाई करती है. उस का हस्बैंड मोहित भी पैसों को ले कर उसे ताने नहीं मारता. यही नहीं बुटीक की वजह से अनु में विधि से ज्यादा कौन्फिडैंस भी है.

अगर आप भी कौन्फिडैंस से भरी लग्जरी लाइफ जीना चाहते हैं तो छोटी उम्र से ही अपने कैरियर की प्लानिंग करें. अगर आप को भी गूची के बैग, जारा के टौप, लिवाइस, पैंटालून की जींस, ऐप्पल के मोबाइल फोन और बीएमडब्लू कार की चाह है तो अपने कैरियर पर काम करें. इस की शुरुआत अपने स्कूल के दिनों से ही करें. आप ऐसा कैरियर चुने जो ट्रैंड में हो और कैरियर टाइम पीरियड ज्यादा हो, साथ ही ऐक्स्ट्रा
एक्टिविटीज और ऐक्स्ट्रा कोर्स भी करें. ये आप के सीवी में प्लस पौइंट एड करते हैं.

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