अपने घर के फस्र्ट फ्लोर में 25 साल पहले एक कमरे से आश्मीन मुंजाल ने ‘आश्मीन ग्रेस’ नाम से एक पार्लर की शुरुआत की थी. समय के साथ काम पसंद किया गया तो पार्लर बड़ा होता गया. फस्र्ट फ्लोर पर ही दूसरे कमरों में भी पार्लर के काम को बढ़ाया गया. 8 साल बाद साउथ ऐक्स में पहली बार कमॢशयल मार्केट में पार्लर खोला और उस का नाम ‘आश्मीन मुंजाल्स अंपायर औफ मेकओवर’ का नाम दिया गया. डिमांड बढ़ी और लोग यूनिसक्स सैलून की मांग करने लगे. तब उन्होंने ‘स्टार सैलून प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से पहली दफा अपनी कंपनी रजिस्टर्ड कराई जिस में वे कंपनी की डाइरैक्टर थीं और बाकी पार्टनर्स थे.

फिर 2010 में स्टार सैलून के अंदर ‘स्टार एकेडमी’ की शुरुआत हुई जहां लोगों को सुंदर बनाने की ऐजुकेशन दी जाने लगी. इस तरह एक कमरे से शुरू हुए पार्लर ने इंटरनैशनल फेम के सैलून का रूप लिया. आश्मीन कौर मुंजाल पिछले 25 सालों से ब्यूटी इंडस्ट्री में कौस्मैटोलौजिस्ट के रूप में काम कर रही हैं. यह एक ऐसी इंडस्ट्री है जिस के अंदर हरउम्र और हर वर्ग की महिलाओं और पुरुषों को खूबसूरत बनाने और उन्हें कैरियर की ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम किया जाता है.  शुरुआत में उन्होंने हाउसवाइफ के तौर पर अपने घर से ही एक छोटे से कमरे से काम शुरू किया.

उन के पति ने बस इतनी परमिशन दी थी कि वे काम कर सकती हैं पर साथ ही बंदिश यह लगाई थी कि जो करना है घर रह कर ही करना है, साथ ही वह काम सुबह 10 बजे उन के शोरूम जाने के बाद और शाम को 7 बजे के करीब वापस आने से पहले तक ही करना है ताकि वे काम के साथसाथ पूरा घर भी मैनेज कर पाएं और बच्चे को भी देख सकें.

काम के प्रति दीवानगी

उस समय तक उन की केवल ग्रैजुएशन ही पूरी हुई थी और इतनी कुछ खास ऐजुकेशनल बैकग्राउंड भी नहीं था. घर से काम करना था सो ऐसे में वे बुटीक खोल सकती थीं या कोङ्क्षचग सैंटर/ट्यूशन पढ़ा सकती थीं. कुङ्क्षकग में खास इंट्रैस्ट था नहीं. उन्हें लोगों को सुंदर बनाना बहुत पसंद था तो इसी पैशन को ध्यान में रख कर इसी फील्ड में हाथ आजमाने की सोची.

उन्होंने कुछ कोर्सेज भी किए और अपनेआप को ऐडवांस नौलेज देने के लिए दिल्ली के अंदर इस फील्ड में जो बैस्ट कोर्सेज उपलब्ध थे वे कर के उन्होंने अपना काम शुरू किया. उन के इस पैशन और काम को लोगों ने काफी पसंद किया. स्पैशली हेयर कट और कलङ्क्षरग का काम बहुत पसंद किया जाने लगा. समय के साथ काम फैलता चला गया. वह वर्कहोलिक रही हैं. मतलब काम के प्रति दीवानगी हमेशा से रही है. सुबह 10 बजे काम शुरू कर रात 9-10 बजे तक कंटिन्यू करतीं. बीच में बच्चों को संभालना, उन का खानापीना, पढ़ाई आदि सबकुछ मैनेज करती थीं.

अब तक आश्मीन मुंजाल को बहुत से अवाड्र्स मिल चुके हैं. अरङ्क्षवद केजरीवाल के जरीए उन्हें स्किल डैवलपमैंट के लिए अवार्ड मिला. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु से भी सम्मान मिल चुका है. उन्हें वूमन ऐंपावरमैंट के लिए भी अवाड्ïर्स मिले हैं. सुषमा स्वराज पुरस्कार भी मिला है. मेकअप और ब्यूटी की फील्ड में कई औल इंडिया ऐक्सीलैंस अवौड्ïर्स मिले हैं. सैलिब्रिटी मेकअप आॢटस्ट के अवाड्ïर्स मिले हैं.

सुंदरता का खयाल जरूरी

आश्मीन मुंजाल का मानना है कि जिंदगी में प्रौपर टाइम मैनेजमैंट बहुत जरूरी है. आप का कैरियर आताजाता रहेगा, पैसा और शोहरत भी आतीजाती रहेगी, आप का पैशन भी वापस आ जाएगा पर आप के बच्चों का बचपन दोबारा कभी वापस नहीं आएगा. इसलिए अपने बच्चों के बचपन को जरूर ऐंजौय करें. उन को पूरा टाइम दें वरना जो गिल्ट होता है कि मैं बच्चों को क्वालिटी टाइम नहीं दे पाई यह गिल्ट आप को फ्यूचर में आप की सक्सैस को भी ऐंजौय नहीं करने देगी. आज वे अपने प्रोफैशन और अपनी सक्सैस को बहुत ऐंजौय करती हैं.

मु?ो हमेशा लोगों को सुंदर बनाने में बहुत मजा आता था. खुद की सुंदरता का भी खयाल रखती थी. जरूरी नहीं कि आप जैसे हों वह सुंदरता के मानदंडों में खरा उतरे. हर समुदाय और हर देश का अपनाअपना सुंदरता का मानदंड होता है. कहीं पर काला रंग, कहीं सांवला रंग तो कहीं पर गोरा रंग अच्छा माना जाता है. कहीं कैसा मेकअप होता है तो कहीं कैसा.

आप कैसे अपनेआप को और निखार सकते हो उस पर ध्यान देना जरूरी है. मु?ो लगता है आप के बाल और स्किन का अपर लेयर आप के लुक पर ज्यादा असर डालता है. किसी को उस के मनचाहे रूप में ढालने के लिए बालों को स्टाइल करना, उन में वौल्यूम और सही कङ्क्षटग देना, स्किन में पिगमैंटेशन/ङ्क्षपपल/डार्क सर्कल्स वगैरह को ठीक करना/मैनेज करना, मेकअप के जरीए स्किन और लुक को आकर्षक बनाना यानी लोगों को सुंदर बनने में सपोर्ट करना, यही बचपन से मेरा शौक था और आज भी है.

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