गीता सिंह बिजनैस वूमन

‘द यलो कौइन कम्युनिकेशन’ की संस्थापिका और निदेशक गीता सिंह का जन्म उत्तराखंड के एक छोटे से गांव गदेरा में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. उन के गांव में लड़कियों क विवाह कम उम्र में ही हो जाते थे और वे उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती थीं. मगर उन के पिता की इच्छा थी कि वे डाक्टर या इंजीनियर बनें.

गीता सिंह ने दिल्ली आ कर अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की. इस के बाद शुरुआती दौर में विभिन्न मीडिया संस्थानों में भी काम किया. इसी दौरान उन में कौरपोरेट क्षेत्र में एक खास मुकाम बनाने की ख्वाहिश जगी फिर दिल्ली में एक शानदार पीआर और ब्रैंङ्क्षडग एजेंसी स्थापित की. इस कंपनी में 50 से अधिक लोग काम कर रहे हैं जिन में ज्यादातर महिलाएं निर्णायक भूमिका में हैं.

गीता ने अपनी कंपनी की शुरुआत 2012 में की. लेकिन इसे फरवरी, 2014 में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कन्वर्ट किया गया. यहां सैकड़ों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रैंड्स के लिए काम हो रहा है. आज इस कंपनी ने देश में एक खास पहचान बना ली है. गीता ङ्क्षसह को 2018 में पब्लिक रिलेशन इंडस्ट्री में ‘वूमन ऐंटरपन्योर औफ द ईयर’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.

कैरियर की शुरुआत

‘‘मैं ने अपने कैरियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की और कई नामचीन मीडिया संस्थानों के साथ काम करना एक अद्ïभुत अनुभव रहा. लेकिन वहां रहने के बावजूद मैं कौरपोरेट जगत से बेहद आकॢषत थी खासकर किरण मजूमदारशा और इंद्रा नूई जैसी भारतीय महिला बिजनैस लीडर्स के प्रेरणादायक जीवन से जिन्होंने अन्य महिलाओं को यह एहसास कराया कि वे भी इच्छाशक्ति और निरंतर प्रयास से अपने सपनों को साकार कर सकती हैं.

‘‘इस के अलावा मैं एक ऐसा व्यावसायिक उद्यम स्थापित करने की इच्छुक थी जहां पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान विकास के अवसर प्रदान किए जाएं. मेरा यह सपना टीवाईसी कम्युनिकेशन के साथ पूरा हुआ जहां महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और उन्हें अपना हुनर दिखाने के पूरे अवसर मिलते हैं.’’

महिलाएं कैसे आगे बढ़ें

इस फील्ड में खासकर महिलाएं कैसे आगे बढ़ सकती हैं और उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, पूछने पर वे कहती हैं, ‘‘मेरी राय में शिक्षित महिलाओं के लिए इस से बेहतर कोई और फील्ड नहीं हो सकती है क्योंकि यह मल्टीटाङ्क्षस्कग फील्ड है और विभिन्न कार्यों को अच्छे से मैनेज करना महिलाएं बखूबी जानती हैं. महिलाएं वास्तविक तौर पर अनुशासित, संगठित और जु?ाारू होती हैं और उन की ये खूबियां जब उन के शालीन व्यवहार और अटूट सहनशक्ति से मिलती हैं तो एक संपूर्ण व्यक्तित्व का जन्म होता है और कम्युनिकेशन इंडस्ट्री में वही लोग सफल होते हैं जिन के अंदर ये सारे गुण अच्छे से पाए जाते हैं. पीआर, ब्रैंङ्क्षडग और सोशल मीडिया में महिलाएं काफी अग्रसर हो कर काम कर रही हैं.

‘‘प्रोफैशनल क्वालिफिकेशन जैसे मास कम्युनिकेशन, मीडिया और पत्रकारिता में डिगरी या फिर प्रोफैशनल डिगरी या एडवरटाइङ्क्षजग और मार्केङ्क्षटग में सॢटफिकेट का होना इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए न बेहद जरूरी है बल्कि इंडस्ट्री को सामना के लिए और प्रोफैशनल सक्सैस के लिए भी महत्त्वपूर्ण है. हालांकि उन्हें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इस फील्ड में रातदिन काम होता है और यह पुरुषप्रधान समाज है जहां महिलाओं को जौब के साथसाथ अपने घर को भी संभालना पड़ता है.’’

सक्षम हैं महिलाएं

एक बिजनैस वूमन होने के लिए महिला में क्या खासियत होनी चाहिए, इस पर वे कहती हैं, ‘‘मेरे अनुसार हर महिला के अंदर पहले से ही एक हिडन बिजनैस वूमन छिपी होती है बस उसे यह एहसास होना चाहिए कि प्रकृति ने उसे अनमोल स्किल्स से नवाजा है. अगर वह उसे अच्छे से इस्तेमाल करे तो बिजनैस वल्र्ड में उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है. एक महिला जिस कुशलता से घर का बजट बनाती है,  महत्त्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लेती है और यहां तक कि सीमित आय में बचत भी कर लेती है, इस से पता चलता है कि एक संगठन के फाइनैंस को मैनेज करने में महिलाएं कितनी कारगर साबित हो सकती हैं.

समाज की सोच

‘‘महिलाओं में घर को मैनेज करने का गुण भी होता है. आप देखेंगे कि दुनिया में इंद्रा नूई से ले कर सावित्री ङ्क्षजदल, राधिका गुप्ता और कई महिलाओं ने बिजनैस वल्र्ड में अपने संगठन को आगे बढ़ाने में जबरदस्त योगदान दिया है क्योंकि महिलाओं को मैनेज करना आता है और मु?ो लगता है कि एक बिजनैस को महिलाएं पुरुषों से बेहतर चला सकती हैं.’’

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