मध्य प्रदेश के ग्वालियर के नजदीक दतिया की 24 वर्षीय निकिता चौरसिया ने एमबीए किया है. बीती 16 फरवरी को निकिता की शादी जो उस ने अपनी मरजी से की धूमधाम से संपन्न हुई. निकिता ने ब्यूटीपार्लर में मेकअप कराया और मैरिज गार्डन आ कर बरात का इंतजार करने लगी. इस दौरान शादी की सारी रस्में मसलन हलदी, मंडप, मेहंदी और संगीत की हुईं. निकिता के पिता पान की दुकान करते हैं. भाई कुणाल भी मेहमानों के स्वागत और खानेपीने सहित दूसरे इंतजामों में लगा था.

मां और छोटी बहन महिलाओं के साथ अंदर मंगल गीत गाने के साथसाथ रीतिरिवाज संपन्न करवाने में लगी थी. लेकिन मेहमानों के चेहरों पर खुशी के बजाय एक खिंचाव सा था जो बरात का इंतजार बैचेनी से नहीं बल्कि एक उत्सुकता से कर रहे थे क्योंकि किसी ने अपनी जिंदगी में पहले कभी ऐसी शादी नहीं देखी थी.

वजह यह कि निकिता की शादी किसी युवक से नहीं बल्कि एक मूर्ति से होने जा रही थी. भगवान शंकर जो निकिता के दूल्हा थे, अब पति हैं जिन की बरात ब्रह्म कुमारी आश्रम से आई थी. द्वारचार के बाद 2 लोग दूल्हे की मूर्ति को उठा कर लाए और मैरिज गार्डन के बीचोंबीच उसे रख दिया. इस के बाद फेरों की रस्म के लिए पंडितजी के बुलाबे पर दुलहन निकिता आई और उस ने जयमाला के बाद शंकर की मूर्ति के संग 7 फेरे लिए. इस दौरान कुछ लोगों ने जम कर डांस किया.

ये फेरे पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुए. इस दौरान गार्डन में खानापीना चलता रहा. लोग उपहार और आशीर्वाद सिर्फ वधू को देते रहे क्योंकि भगवान भोले नाथ को तो आशीर्वाद देने की उन की न हैसियत थी और न ही हिम्मत. सो लोग उन्हें प्रणाम और चरणस्पर्श करते नजर आए. कुछ लोगों ने पुष्प वर्षा की और 1 घंटे में निकिता भगवान शंकर की पत्नी बन गई.

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