देश का पोर्न साहित्य पढ़ें तो उस में बहुत से किस्से उन मालकिनों के होते हैं, जिन्होंने अपने कर्मचारियों के साथ संबंध बनाए. आमतौर पर ये किस्से बनावटी लगते हैं पर पढ़ने वालों को मजा देते हैं. सवाल उठता है कि क्या सैक्स भूख वास्तव में इतनी होती है कि मालकिनें अपने कर्मचारियों को फुसलाने में लगी होती हैं? ऐसा ही एक मामला बैंगलुरु में उच्च न्यायालय के सामने आया.

42 साल की एक महिला ने अपने 27 साल के कर्मचारी पर बलात्कार का आरोप लगाया. मामला अश्लील किस्सों की तरह का है. पहले दोनों ने एक होटल में खाना खाया, शराब पी. फिर वे रात 11 बजे औफिस गए और सुबह औरत ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया. बलात्कार बलपूर्वक नहीं किया गया, कहा गया, शादी का झूठा वादा कर के किया गया.

भारतीय दंड संहिता कानून में वयस्क महिला के साथ यदि सैक्स संबंध जबरन न हों पर शादी का झूठा वादा कर के बनाया जाए तो उसे बलात्कार कहते हैं.

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पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया तो अभियुक्त ने अदालत में जमानत की अर्जी दी. जैसा आमतौर पर हमारे देश की निचली अदालतों का रवैया है, जमानत नामंजूर कर दी गई. अभियुक्त उच्च न्यायालय में गया और गुहार लगाई कि संबंध सहमति से बने थे.

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कृष्णा दीक्षित ने उदारता दिखाते हुए जमानत दे दी और कहा कि जब बलात्कार 11 बजे रात को हुआ तो शिकायत उसी समय नहीं की गई और पीडि़ता का कहना है कि वह सो गई थी, समझ नहीं आता. हालांकि उन्होंने भारतीय स्त्री के चरित्र की गुहार लगाई कि बलात्कार के बाद हमारे यहां स्त्री इतनी नहीं थक सकती कि सो जाए.

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