Plane Crash : May Day, May Day, नो पावर, नो थ्रस्ट, गोइंग डाउन…. ये मैसेज पायलट सुमित सभरवाल ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को भेजे थे. उन्हें खतरे का अहसास हो गया था.  एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्रैश होने के ठीक पहले बोले गए ये शब्द उनके आखिरी शब्द बन गए. यह घटना 12 जून की हुई थी.
इस घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 मारे गए, जिसमें कैप्टन सुमित सभरवाल भी शामिल थे. आज उनके पार्थिव शरीर को मुंबई लाया गया, जहां पवई स्थित उनके आवास पर उन्हें अंतिम विदाई दी गई.    

 Plane Crash :  8200 घंटे की उड़ान का अनुभव

अभी तक सोशल मीडिया के जरिए ,एयर इंडिया के पायलट सुमित सभरवाल की जो भी तस्वीरें सामने आई हैं, सभी में वह मुसकुरा रहे हैं. चेहरे से सौम्य दिखने वाले सुमित के पास उड़ान का गहरा अनुभव था.  नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानि डीजीसीए की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि सुमित के पास 8200 घंटे की उड़ान का अनुभव था. 

90 साल के पिता ने बेटे को दी अंतिम विदाई

17 जून को कैप्टन सुमित के शव को जब मुंबई में उनके घर लाया तो सभी उन्हें अंतिम बार देखने को उमड़ पड़े. ऐसे में वहां मौजूद लोगों के लिए यह देखना बेहद दुखद था कि करीब 90 साल का पिता अपने बेटे को किस तरह रो रो कर आखिरी विदाई दे रहा है.
जिस बेटे को उंगुली पकड़ कर चलना सिखाया था वह हमेशा के लिए उनसे हाथ छुड़ा कर चला गया. जिसे अपने बुर्जुग पिता का सहारा बनना था, वह खुद गहरी नींद में सो चुका था. उसके शव के सामने आंखों में आंसू लिए बुढ़ा बाप अपने कांपते हाथों को जोड़ कर अपने जिगर के टुकड़े को अलविदा कह रहा था.
ह क्षण बेहद मार्मिक था.
बुर्जुग पिता रोतेरोते बेटे के शव पर झुक जा रहे थे, यह दृश्य किसी को भी रोने पर मजबूर करने वाला था. सुमित ने तीन दिन पहले अपने पापा से कहा था कि मैं अब नौकरी छोड़ कर आपकी सेवा करूंगा लेकिन नौकरी छोड़ने के पहले वह दुनिया छोड़ कर चला गया. Plane Crash ने उनका सबकुछ छीन लिया था.

अब कौन रखेगा ख्याल 

कैप्टन सुमित के पिता नागर विमानन महानिदेशालय यानि डीजीसीए के रिटायर्ड अधिकारी रह चुके हैं. कैप्टन सुमित अनमैरिड थे. जब कभी वह फ्लाइट लेकर जाते थे तो पड़ोसियों को अपने पापा का ध्यान रखने के लिए कहते थे. सुमित की बहन उनके साथ रहती थी. उनके भतीजे भी कमर्शियल पायलट हैं.  

 

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