2011 में मलयेशियन डेयरी फ्रीसो ने जब मलयेशियाई गर्भवती महिलाओं को अपने लुक्स और बढ़ते पेट के आकार को ले कर सैल्फ कौंशियसनैस से उबरने में मदद के उद्देश्य से फेसबुक पर कैंपेन चलाया था, तब इस कैंपेन में देश की महिलाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. कैंपेन के तहत गर्भवती महिलाओं को अपने बेबी बंप के साथ एक पिक्चर क्लिक कर के फ्रीसो के पेज पर अपलोड करनी थी.

मलयेशियन सैलिब्रिटी डीजे मम द्वारा इस कैंपेन में सब से पहले बेबी बंप वाली तसवीर अपलोड की गई. इस के बाद तो मलयेशियन महिलाओं ने सारी हिचकिचाहट को दरकिनार कर अपने बेबी बंप के साथ तसवीरें अपलोड करनी शुरू कर दीं. इस कैंपेन द्वारा 2 हजार से भी अधिक मलयेशियन गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान लुक्स को ले कर होने वाली झिझक को दूर करने का प्रयास किया गया था.

यदि बात भारत जैसे विकसित देश की करें, जहां डिजिटल क्रांति वर्षों पहले ही दस्तक दे चुकी है, वहां इस तरह का डिजिटल कैंपेन अब तक नहीं किया गया, जिस में आम गर्भवती महिलाओं ने हिस्सा लिया हो. मगर भारत की कुछ सैलिब्रिटीज द्वारा अपने बेबी बंप की तसवीरें ट्वीट करने या इंस्टाग्राम पर अपलोड करने के कई मामले देखे गए हैं.

दोहरी मानसिकता में फंसा बेबी बंप

हाल ही में अभिनेत्री करीना कपूर खान द्वारा कराए गए प्रीमैटरनिटी फोटोशूट के चर्चा में आने के बाद जरूर 1-2 गर्भवती महिलाओं ने इसे खुद पर आजमाया है, मगर उन के फोटोशूट को सोशल मीडिया पर ज्यादा सराहा नहीं गया. इंदौर की वीर वाधवानी उन्हीं महिलाओं में से एक हैं. उन्होंने करीना कपूर के फोटोशूट की देखादेखी यह शूट कराया और उन्हीं के पोज की नकल भी की. मगर जहां करीना कपूर खान को उन के फोटोशूट के लिए दर्शकों की प्रशंसा मिली, वहीं वीर को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. लोगों ने वीर के इस स्टैप को ऐक्शन सीकिंग स्टंट तक कह दिया. फिर क्या वीर की तसवीरें अलबम में बंद हो कर रह गईं.

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