चीन व भारत के सैनिकों के बीच ताजा खूनी झड़प का स्थल गलवान घाटी. झड़प की वजह और घाटी की अहमियत को समझने से पहले संक्षिप्त तौर पर इस के इतिहास व भूगोल को जानना होगा.

लद्दाख में पैंगोंग झील है. इस झील के लगभग तीनचौथाई पर चीन का नियंत्रण है. उस के लगभग एकचौथाई इलाक़े पर भारत का कब्जा है. ये दोनों ही इलाक़े इन दोनों ही देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण हैं.

एट फिंगर्स :

पैंगोंग झील इलाके की भौगोलिक संरचना 8 उंगलियों जैसी है. इस पूरे क्षेत्र को 'एट फिंगर्स' यानी 'आठ उंगलियां' कहते हैं. भारत का मानना है कि फिंगर सिक्स से वास्तविक नियंत्रणरेखा गुजरती है, यानी फिंगर वन से ले कर फिंगर सिक्स तक उस का इलाक़ा है. पर चीन का मानना है कि वास्तविक नियंत्रणरेखा फिंगर फोर के पास है, यानी, भारत का इलाक़ा फिंगर फोर तक है. भारत की ओर से अंतिम चौकी इंडो-तिब्बतन बौर्डर पुलिस की है जो फिंगर फोर के पास है.

इस पूरे एट फिंगर्स पर भारत और चीन दोनों की सेनाएं गश्त करती रहती हैं. फिंगर वन से फिंगर फोर तक सड़क है. वहां से फिंगर सिक्स तक पगडंडी है जिस पर पैदल चला जा सकता है या अधिक से अधिक खच्चर का इस्तेमाल किया जा सकता है. वहां से फिंगर एट तक चीन ने सड़क बना रखी है.

फिंगर फोर से ले कर फिंगर सिक्स तक का इलाक़ा ऐसा है जहां कई बार चीनी और भारतीय सेनाएं आमनेसामने होती हैं, पर मोटेतौर पर कोई अप्रिय घटना नहीं घटती. इस बार चीनी सैनिकों ने फिंगर सिक्स के पास कैंप लगा लिए हैं. वे वहां से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. लेकिन ताज़ा मारपीट वहां नहीं हुई . मारपीट हुई है गलवान घाटी में.

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