उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के बारे में कहा जाता है कि यह भगवान शिव की नगरी है. धार्मिक कहानियों में बताया जाता है कि वाराणसी यानी काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है. धार्मिक नगरी होने के कारण यहां लोग मोक्ष प्राप्त करने के लिए आते हैं. यहां से पूरी दुनिया को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है. यहीं पर संकटमोचक हनुमान का मंदिर है. 15 मई को जब चौकाघाटलहरतारा फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर जाने से 20 लोगों की मौत हुई तो कुछ भी पुण्यप्रताप, पूजापाठ काम नहीं आया. घरों से निकले लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि रास्ते में मौत उन का इंतजार कर रही है.

धर्म की राजनीति का लाभ लेने के लिए 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया. चुनावप्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने बारबार इस बात को अपने भाषणों में दोहराया कि वे यहां खुद नहीं आए हैं उन को मां गंगा ने बुलाया है. गंगा की सफाई से ले कर काशी को क्योटो जैसा आधुनिक शहर बनाने का वादा जनता से किया. लोकसभा चुनाव में जीत के बाद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए पर काशी का क्योटो बनने का सपना पूरा नहीं हो सका. गंगा की सफाई को ले कर दिए गए तमाम तरह के दावे फेल हो गए. केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं. इस के बाद भी यहां विकास और भ्रष्टाचार का तानाबाना विफलता की कहानी कह रहा है.

कैसे हुआ हादसा 15 मई को शाम करीब 5 बजे का समय रहा होगा. चौकाघाट फ्लाईओवर को बनाने का काम चल रहा था. फ्लाईओवर के लहरतारा वाले छोर पर गार्डर को ऊपर रखे जाने का काम चल रहा था. 2 पिलरों के बीच करीब 28 मीटर लंबाई और 15 मीटर चौड़ाई में 5 गार्डर रखे जाने थे. दोनों पिलरों के बीच रखे जाने के बाद पांचों गार्डरों को एकदूसरे से जोड़ दिया जाना था. पिलर के शिखर पर गार्डर को तुरंत न रख कर पहले बेयरिंग पर रखा जाता है. इस

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