कोविड-19 संक्रमण को रोकने में यूपी के ग्रामीण इलाकों में ‘विशेष स्वच्छता अभियान’ ने बड़ी भूमिका निभाई है. बरसात से पूर्व गांव-गांव तक की जा रही साफ-सफाई संक्रामक रोगों का प्रसार कम कर रही है. सरकार प्रत्येक व्यक्ति की जान बचाने के लिये कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है. इसके लिये उसने ग्रामीण इलाकों में बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चला रखा है. इस तरह का अभियान चलाने वाले प्रदेशों में यूपी ने पहले स्थान पा लिया है.

कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार के शानदार कोविड मैनेजमेंट की डब्ल्यूएचओ समेत देश और दुनिया में जम कर तारीफ हुई थी.
सरकार के निर्देश पर यूपी के समस्त ग्राम पंचायतों में साप्ताहिक बंदी, शनिवार और रविवार को विशेष सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं.

क्षेत्र पंचायतों में रविवार तक कुल 58194 ग्राम पंचायतों और 97509 राजस्व ग्रामों में 86663 कर्मियों ने साफ-सफाई, सैनीटाइजेशन और फॉगिंग कार्य किया गया है. अभी तक अभियान दिवसों में 62611 राजस्व ग्रामों में विशेष सफाई अभियान चलाए गये हैं. सरकार के निर्देश पर कुल 32966 राजस्व ग्रामों में ब्लीचिंग पाउडर और सोडियम हाइपोक्लोराइउ का छिड़काव किया गया है. कुल 14096 राजस्व ग्रामों में फॉगिंग कराई गई है.

बीमारी की चेन तोड़ने में लगी सरकार के प्रयासों से पहली बार गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान के दौरान नालियों की सफाई, ग्राम पंचायतों में स्थापित हैण्डपम्पों के चबूतरों की मरम्मत कराई गई है. अभियान काल में ग्रामीण इलाकों में अभी तक सरकार के प्रयास से 20,62, 499 सफाई अभियान संचालित किये जा चुके हैं.

तेज रफ्तार से बीमारी को रोकने में सफल हो रहीं निगरानी समितियां

सरकार को गांवों में भी ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ के मूलमंत्र से रोज बड़ी सफलता मिल रही है. निगरानी समितियां बीमारी को रोकने के लिये ढाल बन गई हैं. गांव-गांव में कोरोना वायरस के खात्मे के लिये तिगुनी ताकत से आर-पार की लड़ाई में जुटी हैं. निगरानी समितियों के सदस्य रोज 14403 मेडिकल किटों का वितरण कर रहे हैं. अभी तक कुल 254720 मेडिकल किट का वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा चुका है.

कुल 201265 लोगों को आइसोलेट किया गया है. निगारानी समितियों के सदस्य अभी तक बाहर से आए 228945 लोगों का चिन्हींकरण कर चुकी हैं. निगरानी समितियां बीमारी के लक्षण वाले लोगों को तत्काल इलाज दिला रही हैं.

मेडिकल किट से लेकर होमआईसोलेशन में रहने की गाईडलाइनों से परिचित करा रही हैं. जो घरों में आईसोलेट नहीं रह सकते हैं उनको गांव के ही विद्यालयों, सामुदायिक केन्द्रों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज की मुफ्त सुविधाएं दिला रही हैं. निगरानी समिति में लेखपाल, रोजगार सेवक, एनजीओ, एसएचजी, कोटेदार से लेकर सफाई कर्मचारी तक सभी बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं.

सरकार का प्रयास ला रहा रंग, लोग समझने लगे स्वच्छता का महत्व

योगी सरकार के बीमारी को मात देने के लिये किये जा रहे प्रयासों का ही असर है कि अब प्रदेश के लोगों को समझ में आने लगा है कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में स्वच्छता बेहद जरूरी है. प्रदेश में गठित 60569 निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्य प्रतिदिन एक-एक व्यक्ति के घर तक पहुंच रहे हैं.

ग्राम पंचायत स्तर पर गठित समितियों के सदस्य नियमित रूप से लोगों की व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दे रहे हैं. उनको नियमित रूप से साबुन से हाथ धोने आदि विषय में जागरूक कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को व्यक्तिगत तथा आसपास के वातावरण की स्वच्छता और समाजिक दूरी के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

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