दिल्ली में एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या इसलिए कर दी कि उस ने कह डाला कि चाय नहीं बन सकती क्योंकि दूध नहीं है. ‘जा कर दूध ले आओ’ कहने पर पति ने एक खिडक़ी का शीशा तोड़ा और टूटे शीशे से पत्नी पर हमला कर दिया और उसे बचाने आई एक बेटी घायल हो गई व उस की मौत हो गई. वह शख्स 3 बड़ी बेटियों का पिता है जिस की बड़ी बेटी नौकरी कर घर चला रही है और सब से छोटी 12वीं में है. उसे मालूम था कि उस के पास पत्नी पर हमला करने का हक है.

पत्नियों से इस तरह की हिंसा विश्वव्यापी है और सामाज उसे मर्दानगी की श्रेणी में रखता है. पंजाब केसरी समाचार पत्र एक लेख में बताता है कि वेदव्यास ने स्त्रियों के लिए मन, बचन और कर्म से पति सेवा की सब कुछ माना है. गायत्री परिवार जिस के काफी समर्थक देश भर में फैले हैं, अपनी पुस्तकों से कहलवाते हैं.

पतिव्रत धर्म का अर्थ है -पत्नी द्वारा पति के आस्तित्व में संपूर्ण आत्म समर्पण. पतिव्रत में निष्ठा रखने वाली नारी योगियों की तरह जीवन मुक्त हो जाती है. वह पति में भगवत भक्ति का पुण्य तथा आनंद पाती है. अपने अराध्य के प्रति आत्मोत्सर्ग कर देने से एक अनिवार्य आनंद होता है. पतिव्रत का विशेष लक्षण है उस का स्वतंत्र मास्तित्व न रहना, न स्वतंत्र रहने की इच्छा रखना, न भावना.

आस्थावान पत्नियां सेवा व प्रेम से वेश्यागायी व शराबी पति को बदल देती है. स्त्रियों के पुरुषों के मास्तिष्क में किसी प्रकार की िचता पैदा करने का प्रयास नहीं करना चाहिए. आदि आदि.

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