ग्वालियर,मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री, प्रधुमन सिंह तोमर जब मोती महल संभागायुक्त्त से चर्चा कर वापस लौटने लगें, तो उसी  समय कार्यालय की कुछ महिला कर्मचारियों ने उनसे शिकायत की कि कार्यालय में उनके लिए बनाए गए टॉयलेट की साफ-सफाई नियमित रूप से नहीं होती तथा शौचालय गंदे होने के कारण उन्हें काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है.  महिलाओं की शिकायत सुन जब वे खुद शौचालय की व्यवस्था देखने गए, तो शौचालय गंदे पाए गए.  हालांकि, वे खुद शौचालय की साफ-सफाई में जुट गए, जिससे वे चर्चा में भी बने हुए हैं.  लेकिन सच्चाई तो यही है कि महिला टॉयलेट ज्यादा गंदे रहते हैं.

एक महिला अफसर की पोस्टिंग ऐसे सरकारी दफ्तर में कर दी गई, जिसमें महिलाओं के लिए टॉयलेट ही नहीं था. ज्वाइनिंग के बाद उन्होंने जब टॉयलेट  के बारे में पूछा, तो उन्हें ये सुविधा नहीं होने की बात बताई गई.  इस वजह से परेशान लेडी अफसर को दिन में दो-तीन बार अपने घर जाना पड़ता था.  कई दिनों तक तो ऐसा ही चला.  समस्या का कोई हल न निकलता देख अफसर ने दूसरे दफ्तर में बैठना शुरू कर दिया.  जब इस मामले की शिकायत कलेक्टर तक पहुंची तो उन्होंने कहा कि बजट मिलेगा तो लेडीज टॉयलेट  बनवा दिया जाएगा.

वुमेन पॉवर की बात करने वाले पुलिस महकमे में ही महिला पुलिस कर्मियों को एक बड़ी समस्या से गुजरना पड़ता है.  आठ से दस घंटे की ड्यूटी के दौरान उन्हें शौचालय जाने के लिए जुगाड़ तलाशनी पड़ती है.  कुछ महिला पुलिस से जब बात की गई तो उनका दर्द भी सामने आ गया.  उन्होंने बताया कि शौचालय की व्यवस्था न होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.  कुछ तो थाने के आसपास के घरों में मदद लेती है, तो कुछ को ग्रामीण इलाकों में खुले में जाना पड़ता है.  विपरीत परिस्थियों में महिला पुलिसकर्मियों को मजबूरी में पुरुष शौचालय का ही उपयोग करना पड़ता है.  इस दौरान पुरुष शौचालय के बाहर एक महिला पुलिसकर्मी पहरा देती है.  यहाँ फरियाद लेकर आने वाली महिलाओं को भी इस समस्या से गुजरना पड़ता है.

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