Best Hindi Story: रात के 12 बजे थे लेकिन समायरा का दिन हुआ था. उस की मम्मा आखिरकार सो गई थीं. ‘उफ... मम्मा भी न कितना इरिटेट करती हैं. क्या कर रही हो... किस से चैट कर रही हो? वह बंदा है या बंदी है? उस की बैकग्राउंड क्या है? वह पढ़ाई में कैसा है/कैसी है? उस का अपने कैरियर पर फोकस है या नहीं? अगर उस का कैरियर पर ध्यान नहीं है तो उस से बात करने की कोई जरूरत नहीं.
वह तुम्हारे लिए बैड इन्फ्लुएंस साबित होगा/होगी. मम्मा और उन की एंडलैस हिदायतें. जब देखो तब उपदेश ही देती रहती हैं जैसे मैं कोई छोटी बच्ची हूं. चलो, मम्मा अब गहरी नींद में सो गईं. खर्राटे ले रही हैं. अब मैं डेटिंग ऐप सेफली खोल सकती हूं. कालेज के टर्म टैस्ट्स आज ही तो खत्म हुए हैं. उफ यह पढ़ाई. तोबा है. इतने दिन हो गए, किसी के साथ डेटिंग पर नहीं गई. पिछला मैच जो मैं ने ढूंढ़ा था वह तो अचानक मेरी जिंदगी से गायब हो गया. उसे याद कर आज तक सीने में खंजर चलने लगते हैं.
समायरा डेटिंग ऐप में स्क्रौल करती जा रही थी. ‘उफ... एक भी ढंग का प्रोफाइल नहीं है. ऐसा लग रहा है इस में दुनिया के सारे के सारे बौज्म जुट गए हैं. ‘तभी एक फोटो ने उस का ध्यान ड्रा किया, ‘ओशेन औफ इमोशंस’ यानी भावनाओं का समंदर. हां, इस में कुछ दम है. खासा अट्रैक्टिव लग रहा है बंदा. इस की बड़ीबड़ी आंखें बिलकुल डिफरैंट हैं, कुछ तिलिस्मी सी जैसे अपने भीतर भावनाओं का अथाह सागर छिपाए हुई हों. जरूर इस बंदे का इमोशनल कोशैंट हाई होगा मेरी तरह... आई बेट... पहली ही चैट में मैं इस से पूछने वाली हूं,’ सोचते हुए समायरा उस के प्रोफाइल का बायो पढ़ने लगी. खासी इंटरैस्टिंग बायो थी. ‘...मैं बीसीए के आखिरी वर्ष में हूं...’ ओह तो ये जनाब मेरी तरह बीसीए के अंतिम साल में हैं.
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