Hindi Story Collection :  सुबह के 8 बजे थे. सरलाजी बेटी अनन्या के साथ मंदिर के बाहर दुकान से लड्डू खरीद रही थीं. तभी वहां वसुधाजी आ गईं. बोलीं, ‘‘आज सुबहसुबह मांबेटी दोनों मिल कर किस बात के लिए भगवानजी को घूस देने जा रही हैं?’’

‘‘दी, मैं आप को फोन करने ही वाली थी. अपनी अनन्या को बैंक में नौकरी मिल गई है.’’

‘‘यह तो बड़ी अच्छी खबर है. बधाई हो. बधाई अनन्या.’’

‘‘थैंक्स आंटी.’’

‘‘दी, ये सब तो ठीक है, लेकिन अब इस के लिए कोई अच्छा सा लड़का मिल जाए. बस फिर मैं अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाऊं . इस के पापा का अधूरा सपना पूरा हो जाए.’’

‘‘ऐसी भी क्या जल्दी है? कुछ दिन तो इसे मस्ती कर लेने दो.’’

‘‘इस साल 26 की पूरी हो जाएगी. लड़का ढूंढ़ने में समय लगता है.’’

‘‘अनन्या, किसी मैट्रीमोनियल साइट पर अपना बायोडेटा रजिस्टर करवा कर उस पर सरला का फोन नंबर डाल दो. लड़के वाले खुद ही तुम लोगों से संपर्क करते रहेंगे.’’

‘‘वह तो मैं ने डलवा रखा है, लेकिन आप की नजर में कोई लड़का हो तो बताइएगा जरूर, क्योंकि जानपहचान में रिश्ता होगा तो दिल को तसल्ली रहेगी.’’

‘‘इतनी चिंता क्यों करती हो… नौकरी लग गई है… लड़का भी मिल जाएगा. आजकल तो नौकरी करने वाली लड़कियों को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. सोने की मुरगी जो होती है… जिंदगीभर घर भरती रहेगी.’’

‘‘तब भी न तो दहेज कम हो रहा है और न ही लड़कियों पर अत्याचार’’

‘‘हां… हां… वह तो है पर अनन्या क्या मेरी बेटी नहीं है. कोई लड़का समझ में आएगा तो जरूर बताऊंगी.’’

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