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बहुत शातिर दिमाग लड़की है, फोन पर कोई ऐसी बात नहीं की जिस से उस का कोई क्लू पकड़ा जाए. जानती है आजकल फोन पर कुछ ऐसावैसा बोल दिया तो रिकौर्डिंग के जरिए खेल खत्म हो सकता है. यह बात साधना सच कह रही थी.

‘‘तीसरे दिन सुबह ही उस का फोन आ गया,’’ सर, 2 दिन हो गए लेकिन आप ने मेरा काम नहीं किया.

‘‘मैं तुम से मिलना चाहता हूं.’’

‘‘किसलिए?’’

‘‘वह तो मैं तुम्हें मिलने पर ही बताऊंगा.’’

‘‘ठीक है. लेकिन मिलने की जगह मैं बताऊंगी. बस, एक गुजारिश है कि आप कुछ ऐसावैसा मत करना. नुकसान आप का ही होगा क्योंकि आप की अमानत...’’

‘‘नहीं, मैं कुछ नहीं करूंगा. और अकेला ही आऊंगा.’’

‘‘तो ठीक है, आज शाम 8 बजे रेलवेस्टेशन के पूछताछ काउंटर के पास हमारी मुलाकात होगी.’’

यह सुन कर मुझे और साधना को आश्चर्य हुआ कि भीड़भाड़ वाले रेलवेस्टेशन पर बुला रही है. हम तो सोच रहे थे फिल्मों की तरह किसी सुनसान जगह पर बुलाएगी. इतने चिंतित महौल में भी हम पतिपत्नी मुसकरा पड़े.

‘‘साधना, हम ने उसे बोल तो दिया है लेकिन उस से बात क्या करनी है?’’

‘‘कुछ नहीं, बिलकुल चुप रहना. सिर्फ उस की नीली आंखों को ताकना.’’

‘‘यहां जान पर बनी है और तुम्हें मजाक सूझ रहा है.’’

‘‘जैसा मैं कह रही हूं वैसा ही करना. वह बोले तो कहना, मीठी, मैं आखिरी बार तुम से आलिंगन करना चाहता हूं और उस वक्त धीरे से कहना, तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रही हो. मैं ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है.’’

‘‘अगर वह आलिंगन के लिए राजी न हुई तो?’’

‘‘मैनेजर साहब, यह सब वह पैसे के लिए कर रही है तो उसे आलिंगन से परहेज क्यों होगा? और वैसे भी, वह आप के साथ...’’

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