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अगली सुबह जब उमाजी चाय ले कर प्रसून के कमरे में गईं तो वह रात की कही हुई सारी बातें भूल चुका था.

प्रसून का प्यारा सा चेहरा देख कर वे पिघल उठीं. बोलीं, ‘‘बेटा प्रसून, तुम नैट पर अपना प्रोफाइल रजिस्टर करवा लो, शायद कहीं बात बन जाए.’’

‘‘हां मौसी, मैं ने रजिस्टर करवा दिया है. लेकिन मुझे फुरसत नहीं मिलती कि मैं टाइम दे पाऊं.’’

‘‘अच्छा चलो, आज से मैं तुम्हारी शादी के लिए कोशिश करूंगी.’’

‘‘मौसी, कोई तलाकशुदा लड़की ही ढूंढ़ो, मैं उस से भी कर लूंगा. आखिर मेरी उम्र भी तो 40 की होने वाली है.’’

उमाजी भी दिल से चाहती थीं कि किसी तरह प्रसून की शादी हो जाए तो वे दादी बन कर बुढ़ापे में बच्चों के साथ रहें. वे मन ही मन मुसकरा कर काम में लग गई थीं. उन्होंने प्रसून का प्रोफाइल बनाया. उस के कई सारे अच्छेअच्छे फोटो अपलोड कर दिए. उन्होंने प्रोफाइल को कई साइटों पर डाला.

इस से भी उन का मन नहीं भरा तो वे मैरिज ब्यूरो में जा कर भी उस का बायोडाटा और फोटो दे कर उस का नाम रजिस्टर करवा आईं.

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इधर प्रसून भी अपनी कोशिश में लगा था. वह फेसबुक पर फर्जी नाम से लड़कियों के साथ औनलाइन चैटिंग करता था. इसी शौक में एक दिन उस ने मान्या को फ्रैंड बनने के लिए रिक्वैस्ट भेजी. मान्या ने यों ही उस की रिक्वैस्ट मान ली और शुरू हो गई दोनों के बीच बातें. सीधीसादी मान्या ने अपने विषय में सब कुछ सचसच बता डाला कि वह अपने मांबाप की अकेली लड़की है. मेरा एक 5 साल का बेटा है और मैं ने निश्चय कर लिया है कि अब मैं फिर से शादी के चक्कर में नहीं पड़ूंगी.

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