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खाने के बाद राजीव और कमल बाहर बालकनी में रखी कुरसियों पर आ बैठे. बीना को कमल के रहने का प्रबंध गैस्टरूम कक्ष में करने का आदेश देने के बाद कल्पना भी बाहर आ गई. तीनों ने वहीं कौफी पी. काफी रात तक ड्राइंगरूम में मजलिस जमी रही. राजीव कल्पना को बराबर छेड़ रहा था. मौका मिलने पर कमल भी पीछे नहीं रहा. कल्पना सम?ा नहीं पा रही थी कि क्यों दोनों ही उसे तंग करने पर आमादा हैं.

औपचारिकता व सभ्यता के एहसास ने उसे उन के समीप ही बैठे रहने पर विवश कर दिया. कमल को छोड़ने के बाद राजीव के साथ सीढि़यां उतरते हुए कल्पना ने मन पर छाया बो?ा कुछ समय के लिए हलका महसूस किया. लेकिन थोड़ी देर बाद ही उस के विचार उसे फिर कुरेदने लगे.

 

जिस कमरे में वह लेटी पड़ी है उसी के ऊपर वाले कमरे में एक ऐसा आदमी

मौजूद है, जो कभी भी उस के सुखी, शांत व हंसतेमुसकराते दांपत्य जीवन को तहसनहस कर सकता है. इस एहसास तले दबी कल्पना राजीव के समीप ही डबलबैड पर लेटी सोने की असफल चेष्टा करते हुए कसमसाती रही.

दरअसल, राजीव से शादी से पहले कल्पना कमल के पीछे शादी के लिए सोचने लगी थी. दोनों वैसे तो पड़ोसी होने के नाते बहुत मिलते थे पर कभी प्यार जैसी बात नहीं हुई. कमल ने कभी उस का हाथ तक नहीं पकड़ा. हां जब चाहे वह उसे धौल जमा देता, उस की चोटी पकड़ लेता पर सब में दोस्तानापन होता था, प्यार की भावना नहीं.

व्हाट्सऐप पर उस के ‘आई लव यू’ मैसेज का वह गोलमोज जवाब ‘यू आर ग्रेट,’ ‘यू आर ए ब्यूटी,’ ‘यू आर माई बैस्ट फ्रैंड’ कर के देता था.

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