Sarcastic Story in Hindi: टीवी हो या अखबार अथवा सोशल मीडिया, शादियों से ज्यादा सुर्खियां तलाक बटोर रहे हैं. पहले पंडितजी की आवाज गूंजती थी-

‘‘7 फेरे ले कर अब तुम जीवनसाथी बने,’’ और अब वकील साहब की आवाज आती है,

‘‘7 सुनवाइयों के बाद अब तुम आजाद पंछी बने,’’ या पंडितजी कहते थे 7 फेरों के बाद अब आप दोनों की नई जिंदगी शुरू हो रही है तो वकील साहब कहते हैं 7 सुनवाइयों के बाद

अब आप दोनों की नई जिंदगी शुरू हो रही है. समाज का एक नया फैशन शादी को शोपीस की तरह बना दो ताकि बाद में टूटे तो इंस्टाग्राम पर डाला जा सके, ‘‘2 साल हम साथ जीए,

अब हम अपनेअपने रास्ते,’’ जैसे मोबाइल का ट्रायल पीरियड खत्म हुआ और सब्सक्रिप्शन रद्द कर दी.

अब तो हालात ऐसे हैं कि शादी को रिश्तेदारों से छिपाया जाता है और तलाक को मीडिया से बताया जाता है. पहले ‘गृहलक्ष्मी’ कहलाना स्टेटस सिंबल था, अब ‘सिंगल मदर’ कहलाना. टीवी इंटरव्यूज में लोग गर्व से कहते हैं, ‘‘हां, मैं अकेले अपने बच्चे को पाल रही हूं,’’ जैसे कोई ओलिंपिक मैडल जीत लिया हो और वह बच्चा भी यदि आसपास हो तो न चाहते हुए भी गर्व महसूस करने लगता है. सिंगल मदर का तमगा स्टेटस सिंबल बना दिया गया है. अब सिंगल फादर वाले भी उतराने लगे हैं मीडिया में.

कभी शादी के कार्ड पर लिखा जाता था ‘दो दिलों का मिलन’ अब लिखना चाहिए ‘दो दिलों का प्रयोग, रिजल्ट न्यूनतम 3 माह व अधिकतम 5 साल में घोषित होगा.’ और ट्रेंड यह है कि शादी की तसवीरें अलबम में बंद रहती हैं, तलाक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पिन की जाती हैं.

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