Satire: क्या आप को लगता है महिलाओं के लिए रील्स बनाना आसान है? भाईसाहब, आप बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं. अगर आप समझ रहे हैं औरतों का दिमाग खराब हो गया है, इन्हें कोई काम नहीं, रील्स बनाने से अच्छा तो ये कुछ और कर लें तो आप बहुत गलत सोच रहे हैं. जो सुख एक औरत को रील बना कर मिल रहा है, उस सुख को आप जानते नहीं. और यह आप कैसे सोच सकते हैं कि रील्स बनाना आसान है.

मेरी सहेलियों की रातदिन की मेहनत मैं जानती हूं, मैं ने देखा है, कैसे वे सब एक रील बनाने के लिए तैयारी करती हैं. नहीं समझे? मैं समझती हूं. अभी कुछ ही दिन पहले मैं सीढि़यों से नीचे उतर कर जा रही थी. मेरे नीचे के फ्लोर पर रहने वाली मेघा टीशर्ट शौर्ट्स पहने अपने दरवाजे के बाहर स्टूल पर चढ़ कर दरवाजे पर लैवेंडर कलर के फूलपत्ती टांग रही थी. मैं ने पूछ लिया, ‘‘कोई त्योहार आ रहा है?’’ वह बोली, ‘‘नहीं, कल मेरे घर किट्टी है.’’ मैं ने पूछ लिया, ‘‘उस के लिए इतनी सजावट?’’ वह बोली, ‘‘अरे, फिर इंस्टा के लिए रील भी बनाएंगे न?’’ ‘‘अच्छा... अच्छा,’’ कहते हुए मैं आगे बढ़ने लगी वह और भी कुछ शेयर करना चाहती थी.

बोली, ‘‘कल थीम ही लैवेंडर रखा है, पूरा घर ही लैवेंडर कलर में होगा तो रील बढि़या बनेगी.’’ ‘‘वाह, बढि़या सोचा,’’ कहते हुए मैं नीचे उतर ही गई. फिर आवाज आई, ‘‘अरे, तुम कल इंस्टा जरूर देख लेना और अच्छा सा कमैंट, लाइक कर देना.’’ बेचारी भरी दोपहर में स्टूल पर चढ़ी थी. वह भी औरों की तरह दोपहर में आराम कर सकती थी पर नहीं न. किसलिए इतनी मेहनत कर रही थी, रील अच्छी बन जाए, इसीलिए न? भाई साहब, एक रील यों ही नहीं बन जाती, घंटों की मेहनत लगती है. अगले दिन जब मैं ने इंस्टा पर मेघा की रील देखी, मुंह से वाहवाह ही निकलता गया.

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