Social Story in Hindi: मानो कल की ही तो बात थी जब चेष्ठा पहली बार अमन से मिली थी. हाई स्कूल का सब से हैंडसम लड़का अमन जो सिर्फ चेष्ठा को देखता था. अमन और चेष्ठा की जोड़ी स्कूल की सब से हैपनिंग जोड़ी थी. स्कूल के दिनों से ही अमन को फोटोग्राफी का शौक था और चेष्ठा को पेंटिंग का. एक खूबसूरती को डीएसएलआर से कैमरे में कैद करता और दूसरा मन की आंखों से देख उन्हें पेंटिंग से बयां करता. शायद दोनों के बीच की कैमिस्ट्री इसी वजह से बनी. आगे जा कर दोनों के कालेज भले अलग हो गए लेकिन साथ कभी अलग नहीं हुआ. दोनों के घरों में एकदूसरे के आर्ट दीवारों पर सजे रहते थे.
उन की जोड़ी उन के मांबाप बहुत पहले स्वीकार कर चुके थे. दोनों ही हाई सोसाइटी परिवार से थे, जहां प्रेम संबंधों को ले कर खयाल खुले होते हैं. दोनों परिवारों का स्टैटस भी मैच होता था तो कभी बच्चों के प्रेम पर पाबंदी नहीं लगी. वैसे भी प्रेम को ले कर हायतोबा अकसर मध्यवर्गीय परिवारों में ही होती है. कालेज की फाइनल परीक्षा हो चुकी थी और दोनों अपने आगे के लक्ष्य के लिए तैयार थे. एक रात हमेशा की तरह दोनों वीडियो कौल पर थे. ‘‘लंदन जा कर कोई गोरा मत पटा लेना,’’ अमन ने टांग खिंची. ‘‘हां बस आसीए एडमिशन मिल जाए फिर मैं पक्का तुम्हें भूल जाऊंगी.’’ ‘‘अच्छा मैडम. वैसे अमन रस्तोगी जैसा कोई नहीं.
स्ट्रौंग, हैंडसम, रस्तोगी डिजाइन का नैक्स्ट डिजाइन हैड.’’ ‘‘क्या? क्या?’’ चेष्ठा चौंक गई. ‘‘चौंक गई न. आज डैड के साथ कंपनी गया था. वहां जा कर काफी अच्छा लगा. लोग पसंद करते हैं मुझे. चाहते हैं मैं जल्द ही कंपनी जौइन करूं.’’ ‘‘ऐसा लोग चाहते हैं या तुम्हारे डैड या तुम?’’ ‘‘क्या फर्क पड़ता है.
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