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जहां  तक मेरी आंखें देख सकती थीं, समुद्र फैला हुआ था. पानी का रंग कभी नीला कभी हरा दिख रहा था और इस अलग रंग के मिश्रण को देख कर मुझे अजीब सा लगा. शाम का समय था. सूरज ढल रहा था. उस से निकल रही लाल, पीली, नारंगी किरणें सागर की लहरों पर पड़ कर दिल को लुभा रही थी.

दूर 2 पहाडि़यां, समुद्र के बीच मूर्ति की तरह खड़ा जहाज. मैं जिस जगह पर खड़ा हूं उस का नाम गो ग्रेटन है.

बैंकौक के आसपास के कई द्वीप प्राकृतिक सुंदरता से घिरे हुए हैं जो कई विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और ‘गो ग्रेटन’ भी उन में से एक है.

बैंकौक से ‘ट्रंप’ के लिए 1 घंटे की उड़ान के बाद वहां से 1 घंटे की ड्राइव पर आप बोटयार्ड पहुंच जाएंगे. वहां से समुद्र के पार एक नाव की सवारी ‘गो ग्रेटन’ तक आप को पहुंचा जाएगी. मैं उस जगह के समुद्र के तट पर खड़ा हूं.

थाईलैंड के पूरे रास्ते में सब से खूबसूरत हरियाली देखने को मिली. यह जगह लगभग जंगल है. लेकिन, अच्छी आधुनिक सुविधाओं वाले रिजौर्ट हैं. ऐसी जगह मैं अकेला आ कर रहा हूं.

ठीक है, जगह के बारे में बहुत कुछ बता दिया. अब मेरे बारे में बताए बिना कहानी आगे कैसे बढ़ेगी.

मैं... नहीं... मेरा नाम जानना चाहते हैं? मेरा नाम स्नेहन है. मैं एक मशहूर मल्टीनैशनल कंपनी का ऐग्जीक्यूटिव हूं. मेरा काम चेन्नई, भारत में है. मैं 50 साल का हूं. मेरी जिंदगी के 2 पहलू हैं. एक है मेरी पैदाशी से 50 साल तक की मेरी जिंदगी. मैं अपने बचपन से ले कर अपनी 50वीं उम्र तक सफलता के शिखर तक बिना किसी रुकावट ही पहुंच गया. यह चमत्कार देख कर मैं भी अकसर सोचता था शायद मेरा जन्म बहुत ही उचित समय में हुआ था. अपने व्यवसाय में मेरी सफलता ने नई ऊंचाइयों को छूआ. मेरी ताबड़तोड़ सफलता को देख कर सब लोग सम   झते थे कि मेरे पास एक सुनहरा स्पर्श है. मैं सीना चौड़ा कर गर्व के साथ कह सकता था कि मैं एक सफल इंसान हूं.

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