कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

जब मैं ने अपनी बात खत्म की तो जेनिफर बोलने लगी, ‘‘आप की कहानी बेहद दुखी है.  व्यवसाय में सफलता और असफलता सामान्य है, यह बारीबारी से होता है. बड़े से बड़े बिजनैसमैन को भी इस तरह का उतारचढ़ाव का सामना करना ही पड़ता है.

आज की पेशेवर हार आप के लिए एक    झटका सा ही लगेगा जो लगातार जीत ही देखते रहे. लेकिन सम   झदारी इस बात में है कि इस से कैसे बाहर निकला जाए और सफल होने की कोशिश की जाए. यदि आप अपनी पारिवारिक स्थिति के बारे में सोचते हैं, तो कृपया मेरी राय को क्षमा करें मु   झे ऐसा लगता है कि आप के देश में आप परिवार के नाम पर एकदूसरे पर ज्यादा हक जताना चाहते हैं.

‘‘क्या आप जानते हैं कि आप का बेटा नशे का आदी क्यों बना है? आप की बेटी ने आप की मरजी के खिलाफ शादी क्यों की? आप की पत्नी अब अवसाद में क्यों है? क्या आप ने कभी उन के पास बैठ कर इन सभी विषयों के बारे में बातें करने की कोशिश की?’’ उस ने सीधा मु   झ से सवाल पूछा.

मेरे पास जवाब नहीं था, ‘‘मैं ने उन्हें जीवन के लिए आवश्यक सभी सुखसुविधाएं दीं... इस से ज्यादा और क्या करना है मु   झे?’’

‘‘सुखसुविधाएं देने से आप का काम पूरा हो जाता? अगर यह आप की सोच है तो यह सरासर गलत है... मु   झे लगता है कि आप उन तीनों व्यक्तियों को जिन्हें अपना परिवार मानते हैं उन में से किसी को भी आप ने सम   झा ही नहीं.’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...