सवाल-

मेरी शादी को 6 साल हो गए हैं, लेकिन मेरी कोई संतान नहीं है. मु झे हाइपोथायरोडिज्म है. कहीं बां झपन का कारण मेरी यह बीमारी तो नहीं है?

जवाब-

महिलाओं और पुरुषों में बां झपन का एक प्रमुख कारण थायराइड से संबंधित समस्याएं होती हैं. महिलाओं में इस के कारण या तो अंडाशय की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है या अंडे रिलीज नहीं होते अथवा उन का चक्र अनियमित हो जाता है. कई महिलाएं समय से पहले मेनोपौज की शिकार हो जाती हैं. हालांकि उपचार के बाद प्रजननतंत्र संबंधी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है. आप किसी अच्छी स्त्रीरोग विशेषज्ञा को दिखाएं.

जांच करने पर ही पता चलेगा कि आप गर्भधारण क्यों नहीं कर पा रही हैं. अगर हाइपोथायरोडिज्म इस का कारण है तो दवाइयों और विभिन्न उपायों द्वारा इस का प्रबंधन कर प्रजननतंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार कर सामान्यरूप से गर्भधारण को संभव बनाया जा सकता है.

सवाल-

थायरायड ग्रंथि के ठीक प्रकार से काम करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि थायराइड संबंधित गड़बडि़यों के खतरे को कम किया जा सके?

जवाब-

जीवनशैली और खानपान में परिवर्तन ला कर थायराइड से संबंधित समस्याओं पर नियंत्रण किया जा सकता है. शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और संतुलित भोजन का सेवन करें जो विटामिन ए, सी, डी, ओमेगा-3 फैटी ऐसिड और ऐंटीऔक्सीडैंट से भरपूर हो. यह थायराइड ग्रंथि के ठीक प्रकार से कार्य करने के लिए आवश्यक है. हाइपोथायराइड से पीडि़त लोग सी फूड, ब्रैड और आयोडीन युक्त नमक का अधिक मात्रा में सेवन करें जबकि हाइपरथायराइड से पीडि़त लोग ऐसे खाद्यपदार्थ कम खाएं जिन में आयोडीन अधिक मात्रा में हो.

हालांकि ऐंटीथायराइड दवाइयों से थायराइड ग्रंथि से ज्यादा स्राव कम हो जाता है, लेकिन केवल इस से ही काम नहीं चलेगा क्योंकि एक बार दवाइयां बंद करने के बाद यह फिर से शुरू हो जाता है. इसलिए आप को खानपान में अतिरिक्त सावधानी रखनी होगी. नियमित रूप से ऐक्सरसाइज भी थायराइड के मरीजों को सामान्य जीवन जीने में सहायता कर सकती है.

सवाल-

मेरे बेटे की उम्र 8 साल है. उस की थायराइड ग्रंथि सामान्य रूप से काम नहीं कर रही है. मैं ने सुना है कि ऐसे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

यह सही है कि थायराइड संबंधी गड़बडि़यों का उपचार न कराया जाए तो इस से बच्चे का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है. अत: उपचार कराने में देरी न करें. इस के लक्षण गंभीर हो सकते हैं और जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है. उस की डाइट का पूरा ध्यान रखें.

बच्चे के खाने में आयोडीन और विटामिन-ए उचित मात्रा में हो ताकि थायराइड ग्रंथि ठीक प्रकार से कार्य कर सके. उसे आउटडोर गेम खेलने दें. इस से न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनता है बल्कि थायराइड ग्रंथि भी ठीक प्रकार से काम करती है.

सवाल-

मैं 42 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. कुछ दिनों से मैं बहुत थकीथकी रहने लगी हूं. हर समय नींद आती रहती है और मेरा वजन भी काफी बढ़ गया है. कई उपाय किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

ये सभी लक्षण हाइपोथायरोडिज्म यानी थायराइड की कार्यप्रणाली कम हो जाने के कारण दिखाई देते हैं. थायराइड हारमोन के कम स्राव से शरीर की मैटाबौलिक क्रियाएं धीमी पड़ जाती हैं. इस से व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है और पाचनतंत्र भी ठीक प्रकार से कार्य नहीं करता है.

वैसे इस का कारण कोई और स्वास्थ्य समस्या भी हो सकती है,  लेकिन यह सब तो जांच कराने के बाद ही पता चलेगा. अगर जांच में हाइपोथायरोडिज्म का पता चलता है तो तुरंत उपचार शुरू कर दें. उपचार में देरी से कोलैस्ट्रौल का स्तर और रक्तदाब बढ़ जाता है, कार्डियोवैस्क्यूलर से संबंधित जटिलताएं हो जाती हैं, प्रजनन क्षमता कम हो जाती है और अवसाद की समस्या हो जाती है.

सवाल-

मैं 2 माह की गर्भवती हूं. मु झे हाइपोथायरोडिज्म है. ऐसे में गर्भावस्था के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जवाब-

गर्भावस्था के दौरान हाइपोथायरोडिज्म होने से मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. यहां तक कि गर्भ में पल रहे बच्चे को भी थायराइड संबंधी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है. हाइपोथायरोडिज्म समय से पहले प्रसव और गर्भपात का कारण भी बन सकता है. ऐसे में हाइपोथायरोडिज्म से पीडि़त गर्भवती महिलाओं को अपना खास खयाल रखना चाहिए.

डाक्टर द्वारा सु झाई दवाएं समय पर और उचित मात्रा में लें. संतुलित, पोषक और सुपाच्य भोजन का सेवन करें. कब्ज न होने दें. रोज कम से कम आधा घंटा टहलें. मानसिक शांति के लिए ध्यान करें, संगीत सुनें या अपना कोई और शौक पूरा करें.

-डा. सबिता कुमारी

सीनियर कंसल्टैंट, ओब्स्टट्रिशियन ऐंड गायनेकोलौजिस्ट, एकार्ड सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल, फरीदाबाद

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