मॉडलिंग से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री हुमा कुरैशी दिल्ली की है. स्पष्टभाषी और खुबसूरत हुमा को अभिनय पसंद होने की वजह से उन्होंने दिल्ली में पढाई पूरी कर थिएटर ज्वाइन किया और कई डॉक्युमेंट्री में काम किया.
एक विज्ञापन की शूटिंग के लिए वह मुंबई आई. उस दौरान निर्देशक अनुराग कश्यप ने उसके अभिनय की बारीकियों को देखकर फिल्म ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ के लिए साइन किया. फिल्म हिट हुई और हुमा को पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. इसके बाद फिल्म ‘एक थी डायन, डी-डे, बदलापुर, डेढ़ इश्कियां, हाई वे, जॉली एल एल बी आदि के अलावा उन्होंने वेब सीरीज भी की है.
हुमा ने हॉलीवुड फिल्म ‘आर्मी ऑफ़ द डेड’ भी किया है. हुमा जितनी साहसी और स्पष्टभाषी दिखती है, रियल लाइफ में बहुत इमोशनल और सादगी भरी है. उनकी फिल्म ‘तरला’ रिलीज पर है, उनसे हुई बातचीत के अंश इस प्रकार है.
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सवाल – इस फिल्म को करने की खास वजह क्या रही?
जवाब – कहानी अच्छी तरह से लिखी गई है, एक प्रेरणादायक कहानी, जो एक मास्टर शेफ की है, उन्होंने रेसिपी बुक भी लिखी है और एक महिला होकर इतनी कामयाबी पाई है. उनकी कहानी सबको पता होनी चाहिए.
सवाल – किस तरह की तैयारिया की है?
जवाब – खाने की मैंने अधिक प्रैक्टिस नहीं की है, क्योंकि मैं खाना बना सकती हूँ, फ़ूड स्टाइलिस्ट ने ही सबकुछ किया है, लेकिन इसमें खाने को अधिक महत्व नहीं दिया गया है. इसमें घर का खाना जो माँ के हाथ का बना होता है, जिसमे फैंसी तरीके से सजावट नहीं होती, पर उसका स्वाद बहुत अलग होता है. उसे दिखाने की कोशिश की गई है.
सवाल – बायोपिक में किसी व्यक्ति को दर्शाते हुए उस व्यक्ति की बारीकियों को पर्दे पर उतारने की जरुरत होती है, नहीं तो कंट्रोवर्सी होती है, आपने इस बात का कितना ख्याल रखा?
जवाब – ये सही है कि बायोपिक में मेहनत अधिक करनी पड़ती है, इसमें मैंने तरला दलाल की बहुत सारी इंटरव्यू देखी, वह जिस तरीके से बात करती थी, उसे अडॉप्ट किया, मसलन वह गुजराती थी, पर मराठी लहजे में बात करती थी, बहुत सारे शब्द अंग्रेजी में बोलती थी. उनके बात करने का तरीका ‘लेडी नेक्स्ट डोर’ की तरह था, जो बहुत सुंदर था.
सवाल – तरला दलाल की कहानी आज की महिलाओं के लिए कितना सही है?
जवाब – आज भी तरला की कहानी प्रासंगिक है, क्योंकि आज भी किसी लड़की को पहले शादी करने की सलाह दी जाती है, बाद में उन्हें जो करना है, उसे करने को कह दिया जाता है, जिसे शादी के बाद करना आसान नहीं होता, पर तरला ने उसे कर दिखाया.
सवाल – परिवार का सहयोग किसी महिला की कामयाबी में कितना जरुरी होता है?
जवाब – तरला दलाल का जीने का तरीका संजीदगी से भरा हुआ करता था. वह एक सॉफ्ट स्पोकेन महिला थी. उस ज़माने घर से निकल कर काम करना, पति और परिवार का ध्यान रखना आदि सब करना आसान नहीं था. उस समय की वह मार्गदर्शन करने वाली पहली महिला है और उन्होंने बता दिया कि परिवार के साथ भी बहुत कुछ किया जा सकता है, जो आज की महिलाये भी कर सकती है. इसे बहुत ही प्यार भरी तरीके से उन्होंने किया है, जिसे सबको जानना आवश्यक है. मेरे यहाँ तक पहुँचने में भी मेरे परिवार का बहुत बड़ा सहयोग है, मेरे पेरेंट्स, मेरा भाई सबका सहयोग रहा है, अकेले इंसान कुछ भी नहीं कर पाता.
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सवाल – दिल्ली से मुंबई आना और एक्टिंग के कैरियर को स्टाब्लिश करना कितना मुश्किल रहा?
जवाब – दिल्ली से मुंबई आने के बाद मैंने विज्ञापनों में काम करना शुरू कर दिया था, एक एड में मेरे साथ अभिनेता आमिरखान थे, जिसे अनुराग कश्यप डायरेक्ट कर रहे थे, इसके बाद अनुराग कश्यप ने मुझे गैंग्स ऑफ़ वासेपुर में काम करने का ऑफर दिया, जो 2012 में रिलीज हुई, ये एक छोटी सी मेरी शुरूआती जर्नी रही, जिसके बाद लोगों ने मुझे फिल्मों में काम करते हुए देखा और आगे काम मिलता गया.
सवाल – आपने इंडस्ट्री में करीब 10 साल बिता चुकी है और बॉलीवुड, हॉलीवुड और साउथ की फिल्मों में काम किया है, आप इस जर्नी को कैसे देखती है?
जवाब – ये सही है कि मैंने एक सपना देखा है और अब वह धीरे-धीरे पूरा हो रहा है. मैंने हमेशा से अभिनेत्री बनना चाहती थी, लेकिन कैसे होगा पता नहीं था. समय के साथ-साथ मैं आगे बढ़ती गयी. मैं चंचल दिल की लड़की हूँ और अपने काम से अधिक संतुष्ट नहीं रहती. मैं कलाकार के रूप में हर नयी किरदार को एक्स्प्लोर करना पसंद करती हूँ.
सवाल – किसी फिल्म को चुनते समय किस बात का ख़ास ध्यान रखती है?
जवाब – कहानी अच्छी हो, अच्छी तरह से लिखी हुई हो, अच्छे लोगों के साथ फिल्म बन रही हो और जो फिल्म बना रहे है, वे इमानदारी से फिल्म को पूरा करें. कहानी और स्क्रिप्ट अच्छी हो और मुझे एक्साइट करती हो, तो जोनर कोई भी हो, उसे करने में मजा आता है.
सवाल – इंडस्ट्री की कोई ऐसी फ्रेंड जिससे आप मिलना-जुलना पसंद करती है?
जवाब – मेरा इंडस्ट्री में कोई फ्रेंड नहीं है, मैं अकेले रहती हूँ. सुबह शूटिंग पर जाती हूँ, इसके ख़त्म होने के बाद सीधे घर आती हूँ. खाना खाती हूँ और सो जाती हूँ.
सवाल – मानसून में आप खुद को फिट कैसे रखती है?
जवाब – हर मौसम में समय पर खाना और समय से सोना ये दो चीज मैं नियमित करती हूँ, इसके अलावा वर्कआउट और योगा भी करती हूँ. मानसून में पकौड़े खाना पसंद है, जो किसी दूसरे मौसम में अच्छा नहीं लगता.
सवाल – ऐसी कोई फ़ूड जिसे आप खुद को खाने से रोक न सकें?
जवाब – चाट
सवाल – कोई ऐसी व्यंजन जिसे आप अच्छा बना लेती है?
जवाब – कीमा अच्छा बना लेती हूँ, जिसे सभी पसंद करते है.
सवाल – कोई सुपर पॉवर मिलने पर क्या बदलना चाहती है?
जवाब – मैं लोगों की थॉट्स पढ़ना चाहती हूँ.