मुंबई की खूबसूरत, छरहरी काया, मृदुभाषी मॉडल और अभिनेत्री मंजरी फड़नीस के पिता आर्मी में थे, जिस वजह से उन्हें पूरे देश में घूमने का मौका मिला. वह एक गैर फ़िल्मी परिवार से सम्बन्ध रखतीं हैं, और उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह एक अभिनेत्री बनेंगी, लेकिन उन्हें स्टेज पर परफॉर्म करना पसंद रहा.

मंजरी ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘रोक सको तो रोक लो’ से किया है.  यह फिल्म कुछ खास नहीं रही, लेकिन इसके बाद फिल्म ‘जाने तू या जाने ना’ में नज़र आयीं. इस फिल्म में मंजरी ने इमरान की प्रेमिका की भूमिका निभाई आयीं थीं. फिल्म ने बॉक्स-ऑफिस पर सफल रही और आलोचकों ने मंजरी के अभिनय की तारीफ की. इससे वह सबकी नजर में आई और उन्हें काम मिलना थोडा आसान हुआ. हिंदी के अलावा मंजरी ने तमिल, तेलगु, कन्नड़, मलयालम, बांग्ला आदि में भी काम किया है. अभी उनकी वेब सीरीज फ्रीलांसर रिलीज हो चुकी है, जिसमे उन्होंने एक मजबूत इरादों वाली पत्नी की भूमिका निभाई है. उन्होंने अपनी जर्नी के बारें में ख़ास गृहशोभा के साथ बात की पेश है कुछ ख़ास अंश.

 

मिली प्रेरणा

एक्टिंग में आने की प्रेरणा के बारें में मंजरी कहती है कि मेरे परिवार में सभी आर्ट के किसी भी फॉर्म की कद्र करते है. कई लोग संगीत से जुड़े है. मैं 3 साल की उम्र से स्टेज पर परफॉर्म कर रही हूँ, जिसमे सिंगिंग डांसिंग, सभी किया है. अधिकतर साधारण परिवार में इन सब चीजों को एक्स्ट्रा करिकुलर के रूप में लेते है, उसे प्रोफेशन के रूप में नहीं ले सकते, क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री बहुत कठिन है, इमोशनली बहुत स्ट्रोंग होना पड़ता है, क्योंकि इतना अधिक रिजेक्शन और कॉम्पिटीशन होता है कि खुद को सम्हालना मुश्किल होता है. इसलिए मैंने कभी सोचा नहीं था कि इस फील्ड में जाउंगी, लेकिन 16 साल की उम्र में मुझे आर्ट और उससे जुड़े लोगों के बारें में जानना बहुत पसंद रहा, जिसमें मुझे किसी दूसरे के चरित्र के बारें में जानना अच्छा लगता है और केवल एक्टिंग से ही मुझे इसकी जानकारी मिल सकती है. इससे बाद 14 साल की उम्र में जब मैंने स्कूल की एक प्ले में एक्टिंग किया, सभी को मेरा अभिनय पसंद आया, तो इतनी ख़ुशी मिली कि मैं उसे बयान नहीं कर सकती और वही मेरी पहली प्रेरणा थी.

चुनौतीपूर्ण भूमिका पसंद

मंजरी हमेशा किसी रोल को चुनते समय उस फिल्म में उनकी भूमिका, बैनर, को स्टार और निर्माता, निर्देशक को अधिक महत्व को देखती है. पूरी फिल्म की पैकेजिंग को देखती है, उन्हें अभिनेत्री माधुरी दीक्षित और विद्या बालन की फिल्मे बहुत अच्छी लगती है, क्योंकि उनका काम के प्रति पैशन बहुत स्ट्रोंग है. इसके अलावा मंजरी फिल्म में उनकी भूमिका ऐसी हो, जो दर्शकों को प्रभावित कर सकें. वह कहती है कि मैंने जब फ्रीलांसर वेब सीरीज की स्क्रिप्ट पढ़ी, तब से मैं बहुत उत्साहित थी. इसमें मैने मोहित रैना की पत्नी की भूमिका निभाई है. उनकी लाइफ के ट्रामा में भी पत्नी बहुत स्ट्रोंग है और पति को सहारा देती है. मैं इससे रिलेट नहीं करती, लेकिन कई बार इमोशनल बातों को खुद से रिलेट किया है. देखा जाय तो रियल लाइफ में सभी एक्टर्स कुछ हद तक इमोशनल होते है और मैंने इस भूमिका के लिए बहुत मेहनत की है. ये बहुत चुनौतीपूर्ण भूमिका रही.

मिली मायूसी

इंडस्ट्री की अनिश्चित दुनिया में बिना गॉडफादर के टिके रहना कितना मुश्किल है, क्या कभी आप मायूस हुई ? इस बारें में अभिनेत्री हंसती हुई कहती है कि मैं एक ह्युमन बीइंग हूँ और इमोशन मेरे अंदर है. मैं कई बार टूटी और मायूस हुई हूँ और इस इंडस्ट्री में बड़े से बड़े एक्टर्स उनकी जीवन में उतार – चढ़ाव आते है. ये पूरे प्रोफेशन का एक पार्ट है, जिससे सभी को डील करना पड़ता है. ऐसे में एक अच्छा मानसिक स्ट्रेंथ देने वाला परिवार चाहिए और वह मेरे पेरेंट्स है, जो मेरे बैक बोन है. मेरे अब तक के कैरियर के फेज में, 15 साल में, तीन बार ऐसा लगा कि मुझे सब छोड़कर घर वापस जाना है और मैं आगे नहीं बढ़ पाउंगी, लेकिन तभी कुछ ऐसा प्रोजेक्ट आया कि मुझे वापस घर जाना नहीं पड़ा. आज मैं खुश हूँ कि इंडस्ट्री में मुझे अच्छा काम मिला, और जो भी काम मिला, उस काम ने मुझे आगे बढ़ने में मदद की. मुंबई शहर ने मुझे घर जाने नहीं जाने दिया.

 

परिवार का सहयोग

वह आगे कहती है कि हम सभी ह्युमन बीइंग है और इमोशनली कई बार टूट भी जाते है, ऐसे में एक मजबूत इमोशनल फॅमिली सिस्टम का होना जरुरी होता है, लेकिन कई लोग ऐसे है, जिन्हें परिवार का सहयोग नहीं मिलता, उन्हें एक अच्छे फ्रेंड की जरुरत होती है, जिससे आप कनेक्ट कर सके, आपकी भावनाओं को समझ कर एक अच्छी राय दे सकें और आगे बढ़ने में मदद करें. इसमें मैं खासकर यूथ जो स्कूल और कॉलेज गोइंग है, उन्हें कहना चाहती हूँ कि वे शुरू से अपने परिवार और दोस्त के सहयोग को बनाये रखने की कोशिश करें, जिनका सहयोग भविष्य में जरुरी होता है.

अपनी संघर्ष के बारें में मंजरी कहती है कि मैने हर रिजेक्शन को पॉजिटिव रूप में लेने की कोशिश की है और खुद को समझाया है कि कुछ चीज के ‘ना’ होना अच्छे के लिए होता है. मेरे लिए यह बहुत सही रहा, क्योंकि कई बार जो प्रोजेक्ट मुझे पसंद था और मुझे नहीं मिला, मैं बहुत उदास हुई और कई बार रोई भी, लेकिन बाद में वह मुझे ही मिला. इससे मेरे अंदर ये भावना जगी है कि जो प्रोजेक्ट मेरे नाम से है, वह मुझे अवश्य मिलेगा. अगर नहीं है तो कितना भी हाथ पैर मार ले, वह प्रोजेक्ट नहीं मिल सकता. इसलिए मुझे जो काम मिलता है, मैं उसी को एन्जॉय करती हूँ और दूसरे जो अच्छा काम कर रहे है, उनसे कुछ सीखने की कोशिश करती हूँ.

पसंद – नापसंद 

रियल लाइफ में मंजरी किसी बात से डरती नहीं, खुद का ध्यान रखना जानती है. उन्हें इंडस्ट्री की पार्ट बनना पसंद है, जहाँ बहुत सारे टैलेंटेड कलाकार परफोर्मिंग आर्ट से जुड़े है, जिनके साथ उन्हें काम करने का मौका मिल रहा है, लेकिन उन्हें झूठे, प्लेयिंग गेम और एक दूसरे के साथ राजनीति करने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं.

 

दर्शक है मुख्य  

वेब सीरिस में कहनियों में एक जैसी है, इसका प्रभाव फिल्म निर्माता पर कितना पड़ेगा? पूछे जाने पर मंजरी का कहती है, ये सही है कि थ्रिलर वेब सीरीज अधिक बन रहे है, पर कहानियां अलग – अलग परिवेश की है. इसे दर्शक पसंद कर रहे है, दर्शकों के अनुसार ही वेब सीरीज बनती है. उनके पसंद न होने पर ये बंद हो जाएगी.

आगे मंजरी संगीत के क्षेत्र में गाना चाहती है और जैसे – जैसे अभिनय का काम आता जायेगा, करती जाएगी. भविष्य के बारें में वह अधिक नहीं सोचती.

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