टीवी शो ‘एक दूजे के वास्ते’ से चर्चा में आने वाली खूबसूरत, हंसमुख और स्मार्ट अभिनेत्री निकिता दत्ता ने बहुत कम समय में अपनी मौजूदगी हिंदी मनोरंजन की दुनिया में दिखाई है. वह मिस इंडिया 2012 की फाइनलिस्ट में से एक थीं. उन्होंने बॉलीवुड में अपने कैरियर की शुरुआत फिल्म लेकर हम दीवाना दिल से किया है, जहाँ उन्होंने सहायक भूमिका निभाई है.

इसके बाद धारावाहिक ड्रीम गर्ल के साथ टीवी में अभिनय की शुरुआत की. उनकी दूसरी पोपुलर शो ‘एक दूजे के वास्ते’ को लोगों ने बहुत पसंद किया और वे घर – घर जानी गई. बिना गॉडफादर के इंडस्ट्री में टिके रहना उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्हें परिवार का सहयोग हमेशा मिला, जिससे वे आगे बढ़ सकी. अभी उनकी फिल्म दंगे और मराठी फिल्म रिलीज पर है, जिसे लेकर वह बहुत उत्साहित है. उन्होंने खास गृहशोभा के साथ अपनी जर्नी और संघर्ष के बारें में बात की और बताया कि कैसे आउटसाइडर को इंडस्ट्री में टिके रहना और काम मिलना मुश्किल होता है, लेकिन वह सफल हुई कैसे, क्या कहती है निकिता, जाने उनकी कहानी.

नए प्रोजेक्ट के बारें में पूछे जाने पर निकिता कहती है कि मैं एक हिंदी फिल्म दंगे कर रही हूँ, विजय नाम्बियार की इस फिल्म में एक्टर हर्षवर्धन राणे है. इसके अलावा मराठी रोमकोम फिल्म और एक शो कर रही हूँ.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Nikita Dutta 🦄 (@nikifying)

 

मिली प्रेरणा

निकिता ने बचपन से कभी एक्टिंग के बारें में सोचा नहीं था, अभिनय में आना उसके लिए एक इत्तफाक था. वह कहती है कि बचपन से कभी ख्याल नहीं था कि मैं एक्ट्रेस बनूँगी, ये एक इत्तफाक ही था, क्योंकि परिवार में दूर – दूर तक कोई भी इस फील्ड से नहीं था. अचानक हुआ है, क्योंकि जब मैं मिस इंडिया में भाग लिया और फाइनल 20 में पहुंची थी, तो मेरे पास काफी काम आने लगे थे, तब पता चल गई थी कि मुझे कैमरे के सामने काम कर ख़ुशी मिलती है. तभी से मैंने अभिनय में आने का मन बना लिया था. बचपन से एक्ट्रेस बनने का कोई सपना नहीं था, क्योंकि मैं एक ऐसी परिवार से आती हूँ, जहाँ एकेडेमिक पर काफी ध्यान दिया जाता था, ऐसे में जब मैंने इस फील्ड में काम करना शुरू किया, तब मेरी माँ ने काफी सहयोग दिया है, उन्होंने हर प्रोजेक्ट में मेरे साथ रहने की कोशिश की है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Nikita Dutta 🦄 (@nikifying)

सहयोग परिवार का

विशाखापत्तनम से मुंबई आने की सफर के बारें में निकिता कहती है कि मेरे पिता इंडिया नेवी में थे, इससे मेरा अलग – अलग जगहों पर जाना हुआ है, विशाखापत्तनम में स्कूल में थी फिर दिल्ली गई और इसके बाद मुंबई आई. कॉलेज की पढ़ाई मैंने मुंबई में किया है और तब से अभिनय की ओर ध्यान देना शुरू किया. पहली बार एक्टिंग के बारें में पेरेंट्स से कहने पर भी किसी प्रकार की बाधा नहीं आई, सभी ने मुझे पूरे दिल से सहयोग दिया. हालाँकि मेरा पूरा परिवार मिलिट्री से है, लेकिन मेरा काम इतनी आसानी से हुआ कि मुझे कोई समस्या नहीं आई, इतने समय तक इंडस्ट्री में टिके रहना भी इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि परिवार मेरे साथ थी.

ब्रेक

निकिता आगे कहती है कि पहला ब्रेक टीवी शो 2015 में मिला था, इससे पहले मैंने एंकरिंग करती थी. ये सब कुछ मेरे लिए नया था, लेकिन तीन साल टीवी शो करने के बाद मुझे एक्टिंग की काफी सारी चीजे सीखने को मिली है. असल में टीवी शो करते वक्त कलाकार को घंटों तक कैमरे के सामने रहना पड़ता है, रोज शूटिंग करनी पड़ती है, इससे कई बातें मुझे एक्टिंग की सीखने को मिली है. इसके बाद कबीर सिंह में काम मिला और मैं आगे बढती गई.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Nikita Dutta 🦄 (@nikifying)

 

संघर्ष  

निकिता कहती है कि संघर्ष हर क्षेत्र में होता है और इन सभी में मुझे संघर्ष काफी करना पड़ा है. बाहर से आने पर व्यक्ति के पास चॉइस बहुत कम होता है. यशराज या धर्मा जैसे कोई प्रोडक्शन हाउस मेरे लिए फिल्म नहीं बना रहा होता है. मेरे टाइटल के आगे किसी फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का नाम नहीं है, ऐसे में बार – बार ऑडिशन देना पड़ता है, एक संघर्ष लगातार चलता रहा है, जिससे मुझे निकलना पड़ता है. इसके अलावा कई बार ऑडिशन देकर शोर्ट लिस्ट भी हो जाता है, लेकिन कोई इन्फ़्लुएन्शियल व्यक्ति के कांटेक्ट होने पर काम उन्हें या उनके लोगों को दे दी जाती है. इतना ही नहीं, अंजान व्यक्तियों के बीच में खुद की जगह बनाना भी एक कठिन काम होता है. मेरा साथ टीवी ने दिया है, क्योंकि टीवी की कोई भी शो घर – घर पहुँचती है, इससे लोग मुझे जानने लगे थे. ये सभी चीजे मुझे मानसिक रूप से परेशान करती थी, लेकिन समय के साथ – साथ मैंने इसे अलग रखकर काम पर फोकस करना सीख लिया है. ये सही है कि संघर्ष के समय व्यक्ति को धैर्य के साथ शांति बनाकर चलना आसान नहीं होता. इसमें मुझे सबसे अधिक माँ अलका दत्ता और बड़ी बहन का साथ रहा, जिससे मैं यहाँ तक पहुँच पाई. ये क्षेत्र बहुत ही अनप्रेडिक्टेबल होता है, आज काम है, कल नहीं है. वित्तीय व्यवस्था भी बहुत अनिश्चित होता है, जिसमे टिके रहना एक बड़ी चुनौती होती है, लेकिन परिवार का सहयोग मुझे मानसिक शक्ति दी है.

माध्यम में है अंतर

निकिता आगे कहती है कि टीवी शो ‘एक दूजे के वास्ते’ शो को लोगों ने बहुत पसंद किया था और ये एक पोपुलर शो था. आज भी लोग मिलने पर उसी शो की जिक्र करते है, क्योंकि उन्हें मेरी भूमिका बहुत पसंद आई थी. उसके बाद कबीर सिंह ने मुझे थोड़ी पॉपुलैरिटी दी है. टीवी और फिल्म दोनों के माध्यम और काम करने के तरीके में काफी अंतर होता है, डेली सोप में लगातार काम चलता है और कहानी हर हफ्ते बदलती रहती है, क्योंकि फीडबैक दर्शकों से लाइव मिलता है. तैयारी के लिए समय नहीं मिलता. 10 सीन एक दिन में शूट करते है. जबकि फिल्म फुर्सत से बनती है. वेब सीरीज भी आजकल काफी अच्छे बन रही है. इसलिए मैंने टीवी शो छोड़कर कंटेंट वाली शो करना अधिक पसंद कर रही हूँ, क्योंकि इसमें खुद को ग्रो करने का मौका मिलता है. फिल्मे और वेब सीरीज काफी अच्छी बन रही है. इसमें अपने चरित्र पर काम करने का मौका भी मिलता है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Nikita Dutta 🦄 (@nikifying)

 

इंटिमेट सीन्स

इंटिमेट सीन्स को करने में सहजता के बारें में पूछने पर निकिता कहती है कि ये विषय बहुत ही सब्जेक्टिव होता है, क्योंकि कहानी की जरुरत और उसे फिल्माने के तरीके को देखना पड़ता है. मैंने एक शो खाकी की है, जिसमे कोई भी इंटिमेट सीन्स नहीं है, लेकिन शो अच्छी चली. जबरदस्ती उन्होंने कुछ नहीं डाला और मुझे ऐसी सीन्स के लिए कहानी की डिमांड को देखना जरुरी होगा. किसी फिल्म का हिस्सा बनने के लिए मेरी भूमिका और फिल्म की कहानी को देखती हूँ, इसके बाद निर्माता और निर्देशक की बारी आती है.

फैशन और फ़ूड  

निकिता का कहना है कि मुझे फैशन की समझ नहीं है. आसपास के लोग मुझे फैशन और ट्रेंड बताते रहते है. मेरे लिए फैशन में कम्फर्ट का होना बहुत जरुरी होता है. फूडी मैं बहुत हूँ, मुझे हर तरह के फ़ूड पसंद है. खाने में क्या डाला गया है, उसे भी मैं जानने में उत्सुकता रखती हूँ. केवल इन्डियन कुइजिन ही नहीं, बल्कि कही पर अगर मैं जाती हूँ तो वहां का लोकल खाना मैं अवश्य ट्राई करती हूँ. अगर मुझे कभी सुपर पॉवर मिले तो मुंबई की सड़कों को ठीक करना चाहूंगी.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...