किसी भी रिश्ते में यादें इंपौर्टेंट रोल प्ले करती हैं और हरकोई चाहता है कि उन यादों को संजो कर रखे. कुछ यादें लमहों के रूप में होती हैं तो कुछ चीजों के रूप में. वहीं कुछ यादें तसवीरों के रूप में भी होती हैं. ये तसवीरें ही हैं जो हमारे चाहने वालों के हमारे पास न होने पर हम उन की तसवीरों से बातें करते हैं.

इसी तरह रिलेशनशिप में भी फोटोज बहुत इंपौर्टेंट होती हैं. रिलेशनशिप में कपल तरहतरह की फोटोज लेते हैं. ये सभी फोटो वे यादों के रूप में अपने साथ रखना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि समयसमय पर इन्हें देख कर वे अपने पुराने दिनों को जी सकें. आजकल तो फोटोज से बनने वाले तरहतरह के गिफ्ट भी काफी डिमांड में हैं.

कई लोग डेटिंग के दिनों में ही अपनी फोटोज सोशल साइट पर अपलोड कर देते हैं जबकि वे यह नहीं जानते कि ये डेटिंग आगे चल कर रिलेशनशिप में बदलेगी भी या नहीं. ऐसे में उन का इतनी जल्दी रोमांटिक फोटोज अपलोड करना सही नहीं है. उन्हें अपने रिश्ते को वक्त देना चाहिए.

ताकि कोई प्रौब्लम न हो

अपना ऐक्सपीरियंस शेयर करते हुए प्रियंका बताती है कि एक लड़के को 3 महीने डेट करने के बाद वह उस के साथ रिलेशनशिप में आ गई लेकिन करीब 2 साल के बाद उन का रिलेशन टूट गया. तब तक वह उस के साथ अपनी कई फोटोज सोशल साइट पर अपलोड कर चुकी थी. वह कहती है कि जब उन का ब्रेकअप हुआ तो उस ने वे सारी फोटोज डिलीट कर दीं लेकिन अपने दोस्तों के सवालों का जवाब देदे कर वह परेशान हो गई.

प्राइवेट फोटो ही दिक्कत में न डाल दे

मधु श्रीवास्तव बताती है कि शादी के 5 साल बाद जब उन के हसबैंड ने उन की इंस्टाग्राम आईडी पर उन की और उन के एक्स बौयफ्रैंड की रोमांटिक फोटोज देखीं तो वे गुस्से से तिलमिला उठे. वे यह समझने के लिए तैयार नहीं थे कि फोटो वाला लड़का उन का पास्ट था और वे उस का प्रैजेंट हैं. वह कहती है कि काफी सम?ाने के बाद वे इस बात को समझे कि ये सब अतीत की बातें हैं.

अपनी गलती से सीख लेते हुए मधु कहती है, ‘‘ब्रेकअप होने के बाद सभी को सोशल साइट से अपने पार्टनर की फोटोज डिलीट कर देनी चाहिए ताकि बाद में आप को इस से कोई प्रौब्लम न हो.’’

गवर्नमैंट जौब की तैयारी करने वाली दिव्या शर्मा कहती है, ‘‘रिलेशनशिप में फोटोज लेना जरूरी है लेकिन एक हद तक. आज के दौर में लोगों ने फोटोज खींच कर सोशल मीडिया पर अपलोड करने का ट्रैंड बना लिया है. यह, बस, शो-औफ है.’’

कई बार जल्दबाजी में हम अपनी प्राइवेट फोटोज अपने लव वन को भेजने के बजाय किसी और को भेज देते हैं. ऐसे में हमें अजीब स्थिति का सामना करना पड़ता है और उस पर्सन के मन में कुछ गलत हो तो वह हमें इस के लिए ब्लैकमेल भी कर सकता है और किसी पोर्न साइट पर न डाल सकता है. इन सब से बचने के लिए फोटो भेजने में जल्दबाजी न करें.

बातचीत के दौरान वीडियो, फोटो शेयर करना एक सामान्य बात है. इस में कोई नई बात नहीं है और न ही कुछ गलत. लेकिन कई बार लड़की या लड़का सैक्स के दौरान खींचे गए फोटोज या वीडियोज रिकौर्ड कर के एकदूसरे को शेयर करते हैं, जिन में न्यूड फोटो, सैक्स वीडियो टेप, कौल रिकौर्डिंग जैसी कई चीजें भी होती हैं. जब रिलेशन टूटता है तो जो व्यक्ति रिवैंज लेना चाहता है वह इन फोटोज का गलत इस्तेमाल करता है. ऐसा कर के वह दूसरे पार्टनर को बदनाम करना चाहता है.

सोशल मीडिया साइट है खतरनाक

यूपी में एक 20 वर्षीय युवती ने अपने पूर्व प्रेमी पर रेप और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया. पूर्व प्रेमी उस की दूसरी जगह शादी होने के बाद उसे और उस के पति को ब्लैकमेल कर रहा था. पुलिस ने युवती की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

जब कोई प्रेमी अपने पार्टनर की न्यूड फोटो या शारीरिक संबंध के दौरान ली गई प्राइवेट फोटो, वीडियो, औडियो को उस की परमिशन के बिना किसी सोशल मीडिया साइट या किसी अन्य पब्लिक साइट पर अपलोड करता है इस इरादे से कि पार्टनर को बदनाम किया जा सके तो इसे रिवैंज पोर्न कहते हैं. रिवैंज पोर्न को नौन कंसोलेशन पोर्न इमेज बेस्ड पोर्नोग्राफी भी कहते हैं. यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत अपराध है.

रिवैंज लेने के कई कारण होते हैं, जैसे फीमेल पार्टनर का शादी से इनकार, लड़की की लाइफ में किसी और का आ जाना या उस का दूसरा बौयफ्रैंड बन जाना जिस की वजह से वह पुराने बौयफ्रैंड को इग्नोर करने लगती है. कई बार लड़के अपना ईगो हर्ट करने पर भी रिवैंज लेते हैं. वहीं कई केस ऐसे भी आते हैं जिन में लड़की शादी से पहले सैक्स करना नहीं चाहती, ऐसे में उस का बौयफ्रैंड फोटो के साथ छेड़छाड़ कर के उसे वायरल कर देता है.

रिवैंज पोर्न के तहत लड़कियों या महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जैसे अनिद्रा, डिप्रैशन, माइग्रेन आदि.

पहले तो नियति डर गई लेकिन जब उस ने अपनी दोस्त मुक्ति को इस बारे में बताया तो उस ने इस की शिकायत पुलिस में दर्ज कराने को कहा. अब अक्षय जेल की हवा खा रहा है और नियति बिना डरे अपने कैरियर पर फोकस कर पा रही है.

यहां कर सकते हैं शिकायत

ब्लैकमेलिंग करने का तरीका औफलाइन या औनलाइन कुछ भी हो सकता है. इस की शिकायत भी उसी आधार पर दर्ज होती है जिस परिस्थिति में ब्लैकमेलिंग या उत्पीड़न हुआ होता है.

सरकार की साइबर क्राइम विभाग की वैबसाइट द्धह्लह्लश्चर्//ष्4ड्ढद्गह्म्ष्द्बद्वह्म्द्ग.द्दश1.द्बठ्ठ/ पर महिलाएं और बच्चे बिना नाम दिए भी अपनी शिकायत रजिस्टर करवा सकते हैं. उन्हें, बस, यह सुबूत देना होगा कि उन के साथ क्राइम हुआ है. अगर किसी को समाज का डर लग रहा है या फिर वह सोच रहा है कि शिकायत दर्ज करवाने पर बदनामी होगी या उसे खतरा होगा तो वह इस वैबसाइट पर जा कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.

अगर किसी लड़की को फोटो वायरल करने की धमकी दी जाती है तो पुलिस आरोपी के खिलाफ साइबर क्राइम की धारा 66, 67 का अपराध दर्ज कर सकती है. इस के अलावा आईपीसी की धारा 320, 34, 170, 465, 468, 469, 120, 425 समेत कई दूसरी धाराओं में भी मामला दर्ज किया जा सकता है.

वहीं आईटी एक्ट की धारा 66 ई कहती है कि अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य महिला या पुरुष के प्राइवेट पार्ट की तसवीर उस की अनुमति के बगैर लेता है और उसे औनलाइन कहीं अपलोड करता है या प्रिंट करता है तो ऐसा करने वाला व्यक्ति दोषी कहलाया जाएगा. ऐसे केस में उसे 3 साल तक की कैद और 2 लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि डरने से बात और ज्यादा बिगड़ सकती है, इसलिए अगर कुछ गलत हो रहा है तो उस की शिकायत जरूर दर्ज होनी चाहिए. चाहे क्राइम औनलाइन हो या औफलाइन, शिकायत करनी बहुत जरूरी है ताकि आरोपी को सजा मिल सके. डरने से जुर्म करने वालों की हिम्मत बढ़ती है और जुर्म को बढ़ावा मिलता है.

लड़कियों को अपने अंदर से यह डर निकालना होगा कि शिकायत कराने से उन की बदनामी होगी. कई लड़कियां सोचती हैं कि अगर उन्होंने ब्लैकमे?िलंग के बारे में घर में बताया तो उन की पढ़ाई या नौकरी छूट जाएगी. लड़कियों को इस से डरना नहीं चाहिए. वे यह सम?ों कि यह उन के अस्तित्व की लड़ाई है और अगर उन्होंने यह लड़ाई लड़ ली तो वे सोसाइटी के लिए एक मिसाल बनेंगी.

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